प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay In Hindi)

आज हम प्रदूषण पर निबंध (Essay On Pollution In Hindi) लिखेंगे। प्रदूषण विषय पर लिखा यह निबंध बच्चो (Kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

प्रदूषण पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Pollution In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

प्रदुषण पर निबंध (Pollution Essay In Hindi)


प्रस्तावना

देश में सबसे बड़ी परेशानी का सामना लोग कर रहे हैं तो वह है प्रदूषण। आज कल हर कोई प्रदूषण से परेशान है, किसी को सांस संबंधित परेशानी हो जाती है तो कहीं पर पशु पक्षियों को परेशानी हो जाती है। क्योंकि प्रदूषण जैसे बढ़ रहा है, लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

यहां तक कि छोटे जीव जंतु का भी जीवन भी संकट में आ गया है। हम सभी जानते हैं कि जंगलों की कटाई धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। जिससे जानवरो को रहने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है और वह मरते जा रहे हैं। उसी प्रकार शहरों में गाड़ियों का धुआं प्रदूषण फैला रहा है, आसपास के गंदे कारखाने प्रदूषण फैला रहे हैं।

जिससे समाज संबंधी रोग, कान से संबंधित रोग पैदा हो रहे है। आजकल हवा, पानी, मिट्टी सब जगह प्रदूषण फैल चुका है। प्रदूषण के कारण पृथ्वी की ओजोन परत धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। क्योंकि उसमें पराबैंगनी किरणों को शोषित करने की क्षमता कम होते जा रहे हैं। लोगों द्वारा फैलाये जाने वाले प्रदूषण के कारन पानी दूषित होता जा रहा है और पानी के संपर्क में आने से लोगों को चर्म रोग भी होते जा रहे हैं।

प्रदूषण

दुनिया में ज्यादातर होने वाले प्रदूषण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण है। आज हर कोई इन प्रदूषण से परेशान है। आसपास में फैली गंदगी हवा के साथ मिल जाती है जिसके कारण वायु प्रदूषण होता है।

यही गंदगी धीरे-धीरे नालियों से होते हुइ पानी में जाती है, जिससे अंदर कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो भूमि में अवशोषित नहीं हो पाते जिस कारण जल प्रदुषण, भूमि प्रदूषण होता रहता है। गाड़ियों की आवाज लोगों को परेशान करती हैं जो ध्वनि प्रदुषण का कारण होता है।

वायु प्रदूषण

वायु मे रासायनिक और जहरीली गैस और धूल के कणों के कारण प्रकृति और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह हवा में प्रदूषण फैला देते हैं, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधित बीमारियां हो जाती है। ऐसी स्थिति को पर्यावरण प्रदूषण कहा जाता है।

पर्यावरण में वायु प्रदूषण होने के निम्न कारण है :-

  • गाड़ियों से निकलने वाला धुआं।
  • उद्योगों की बड़ी बड़ी चिमनीओं से निकलने वाला धुआं और रसायन।
  • प्लास्टिक की थैलियों को बनाने से निकलने वाला कार्बन और उसकी बदबू।
  • पेड़ों की कटाई और कोयले के जलने से तथा कार्बन के जलने से निकलने वाला धुआं।
  • ज्वालामुखी के फटने पर निकलने वाला जलवाष्प जो जहरीली गैसों से भरा होता है और पर्यावरण को प्रदूषित कर देता है।

जल प्रदूषण

आजकल लोगों की लापरवाही के कारण गंदा पानी अच्छे पानी में मिलता जा रहा है। जिसके कारण पानी दूषित होता जा रहा है और जल प्रदूषण हो रहा है। जल प्रदूषण होने का कारण इंसान द्वारा नदिया, नहरों में मल कर देना या गंदी चीजें को विसर्जन कर देना, पानी की सफाई के सही प्रबंधन नहीं होना है।

साथ ही फैक्ट्रियों का गंदा पानी नदियों में मिला देना, कृषि के काम में आने वाले रसायनों और खाद्य पदार्थों का पानी में मिला देना, मानव द्वारा कूड़ा करकट को पानी के अंदर बहा देना, नदी तालाब के आसपास में गंदगी छोड़ देना है।

जिसके कारण वह गंदगी पानी में मिल जाती है, और इस कारण पानी में पाए जाने वाली मछलिया मर जाती है।

ध्वनि प्रदूषण

लोगों की एक सबसे बड़ी लापरवाही यह है कि वह अपने आसपास के क्षेत्रों में लाउडस्पीकर म्यूजिक बजाते हैं। जिसके कारण ध्वनि प्रदूषण होता है, यह लोगों को बहुत परेशान करता है।

क्योंकि यह लोगों को बहरा कर देती है। कहीं बार तेज आवाज के कारण एक दूसरे की बात तक सुनाई नहीं देती। आजकल शादी पार्टियों में लोग बहुत तेज से म्यूजिक बजाते हैं। इससे आसपास के लोगों को बहुत परेशानी होती है और यह सभी ध्वनि प्रदूषण करते हैं।

पर्यावरण में ध्वनि प्रदूषण होने के निम्न कारण है :-

  • ध्वनि प्रदूषण मुख्य रूप से गांव में त्योहारों और उत्सव पर तेज आवाज में माइक और संगीत चलाने से होता है।
  • नेताओं द्वारा चुनाव के समय रेलिया निकालना और लाउडस्पीकर के साथ में म्यूजिक बजाना।
  • गाड़ियों का सही से रखरखाव नहीं करने के कारण उन से आने वाली तेज आवाज के कारण ध्वनि प्रदूषण होता है।
  • बाजार में बेवजह हॉर्न बजाना जिसके कारण आसपास के लोगों को सिर दर्द होता है।
  • डीजल पंप अल्टरनेटर का चलाना जिसके कारण उन से आने वाली तेज आवाज लोगों को बहुत परेशान करती हैं।

भूमि प्रदूषण

लोगों की लापरवाही के कारण जहरीली रासायनिक पदार्थ जमीन में छोड़े जाते हैं और वह धीरे-धीरे मिट्टी में मिल जाते हैं। जिस के संपर्क में लोगों के आने से बीमारियां फैलती है और लोगों की यही लापरवाही भूमि प्रदूषण को तेजी से बढ़ा रही है।

भूमि प्रदूषण का कारण है लोगों की लापरवाही, जैसे कि खेतों में काम आने वाले रसायन कीटनाशक दवाइयो को भूमि में मिला देना।

  • सड़क पर पड़ा हुआ कचरा भूमि में मिलाना।
  • कारखानों से निकलने वाला पदार्थ भूमि में मिलाना।
  • गाड़ियों का काला तेल भूमि में मिल जाना।
  • प्लास्टिक की थैलियो का अधिक उपयोग करना, जिन्हे जमीन में दबा कर गलाने की कोशिश करते हैं परंतु वह गलती नहीं है और भूमि प्रदूषण होता है।
  • होटलों से निकलने वाला गंधा पदार्थ, प्लास्टिक की थैलियां, कपड़े, लकड़ीयो को भूमि पर ऐसे ही फेक देना इससे भी भूमि प्रदूषण होता है।

प्रदूषण से होने वाले नुकसान

  • वायु में प्रदूषण के कारण मनुष्य पशु पक्षियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • इंसानों को सांस लेने की परेशानी, दमा, खांसी, चर्म रोग आदि बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
  • वायु प्रदूषण के कारण लोगों को कई बार फेफड़ों से संबंधित बीमारिया हो जाती है।
  • सर्दी के समय कोहरा छाया रहता है, जिसके कारण लोगों को दिखाई नहीं देता और आंखों में जलन होती है।
  • ओजोन परत का नुकसान हो रहा है, क्योंकि पराबैगनी किरणों को अवशोषित करने की ताकत उसमें अब कम हो रही है।
  • सूर्य से आने वाली किरणों से लोगों को त्वचा के रोग, कैंसर रोग हो रहा है।
  • वायु प्रदूषण के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है और सूर्य की गर्मी के कारण पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस, नाइट्रोजन ऑक्साइड गैस आदि का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, जो कि हम सब के लिए हानिकारक है।
  • वायु में प्रदूषण के कारण होने वाली बरसात भी अम्ल वर्षा हो रही है, जो कि मानव जीवन के लिए समस्या का विषय है।

Water Pollution से होने वाले नुकसान

  • जल के प्रदूषण के कारण इंसानों, जानवरों, पक्षियों का जीवन खतरे में आ गया है। जल में होने वाले प्रदूषण के कारण जानवर और पक्षियों की मृत्यु हो जाती है।
  • जल प्रदूषण के कारण टाइफाइड, हैजा, पीलिया आदि बीमारियां हो जाती है।
  • इसके कारण पेड़ों को नुकसान होता है और वनस्पति प्रजातियां खत्म होती है।
  • जल प्रदूषण के कारण नहरों का पानी खराब हो जाता है।
  • जल के अंदर होने वाले प्रदूषण के कारण जन्म पाए जाने वाले जीव जंतु मर जाते हैं।

भूमि प्रदुषण से होने वाले नुकसान

  • भूमि प्रदूषण के कारण भूमि कृषि योग्य नहीं रहती।
  • इसके कारण जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण दोनों में वृद्धि होती जाती है।
  • इस के कारण भूस्खलन की समस्या पैदा हो जाती है।
  • भूमि के अंदर गंदगी के कारण जानवरों को बीमारियां हो जाती है, क्योंकि इन गंदगी के संपर्क में जानवर आते हैं।

Sound Pollution के कारण नुकसान

  • ध्वनि प्रदूषण के कारण व्यक्ति को सिर दर्द, सुनने में परेशानी, चिड़चिड़ापन आदी हो जाता है।
  • ध्वनि प्रदूषण से हृदय की गति बढ़ जाती है और जिसके कारण सिर दर्द और रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर जैसे अनेक बीमारियां हो जाती है।

Pollution को रोकने के उपाय

  • प्रदूषण को रोकने के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा।
  • वायु में प्रदूषण न फैले इसके लिए लोगों को वाहनों का सही से रखरखाव करना होगा और धूल मिट्टी से बचाव के लिए मुंह पर मास्क लगाए रखना होगा।
  • वायु प्रदूषण ना हो इसके लिए लोगों को कचरा इधर-उधर नहीं फैलाना चाहिए।
  • जल प्रदूषण रोकने के लिए लोगों को गंदे पानी को अच्छे पानी में मिलने से रोकना चाहिए।
  • फैक्ट्रियों से निकलने वाले रसायन को पानी में मिलने से रोकना चाहिए।
  • भूमि प्रदूषण को रोकने के लिए कूड़ा करकट को किसी पात्र में जला कर राख कर देना चाहिए, उन्हें ऐसे ही जमीन पर जलाना नहीं चाहिए।
  • अपने वाहनों में खराबी के कारण आने वाली तेज आवाज को रोकने के लिए वाहनों का सही से काम करवाना चाहिए और बेफिजूल का हॉर्न नहीं बजाना चाहिए।

उपसंहार

देश की समस्याओं में से प्रदूषण एक समस्या बन चुका है। आजकल हमारे आसपास के सभी इलाकों में प्रदुषण ज्यादा फैल रहा है। जिसके कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

हमारे आसपास के क्षेत्रों में जीव जंतुओं के मरने का कारण प्रदूषण होना पाया गया है। प्रदूषण के कारण मनुष्य को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बहुत बार लोगों को सांस की परेशानी, कानों की परेशानी, दिल की परेशानी जैसी समस्याएं हो जाती है।

इन सभी के लिए मानव जीवन ही जिम्मेदार है। मानव ने अपने आसपास के वातावरण को पूरी तरह से प्रदूषण से भर दिया है, जिसके कारण रोग बढ़ते ही जा रहे है। इसे रोकने के लिए सरकार ने भी अपने तरफ से योगदान दिया है।

वाहनों की सही रखरखाव नहीं होने पर वाहनों से निकलने वाले प्रदुषण को रोकने के लिए जुर्माना लगाया है। यदि व्यक्ति ज्यादा तेज आवाज करता है, तो पुलिस को कंप्लेंट करने की अनुमति दी गयी है जिससे की ध्वनि प्रदुषण को रोका जा सके।

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प्रस्तावना

प्रदूषण पृथ्वी का एक ऐसा कण है जो पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्य , जिव और जंतु सभी के लिए हानिकारक है। प्रदूषण हमारे शरीर के लिए बहूत नुकसान दायक है।

प्रदूषण हमारे देश के सभी जगह पाया जाता है, लेकिन महानगर में इसकी मात्रा ज्यादा होता है। इसका वास्तविक कारण यह है, कि हम सभी को पता है की महनागर में बहुत सारे कारखाने (फैक्ट्री) होते है और उन कारखानो से भारी मात्रा में प्रदूषण होता है।

फैक्ट्री से प्रदूषण होने का कारण यह हैं की कारखानो में काम होता है और उसका कुछ सामान ख़राब होने से इधर -उधर फेक दिया जाता है। कुछ सामान बनाने वाले कारखाने और इट बनाने वाले चिमनी को हम लोग देखते ही है की उसका धुआँ कितना ख़राब निकलता है। ये सभी कारखानो से निकलने वाला प्रदूषण होता है।

अगर हम लोग छोटे नगर या ग्रामीण क्षेत्र में देखे तो कुछ कचरा सब इधर -उधर फेक देते हैं। वही कचरा कुछ दिन बाद ख़राब हो जाता है और फिर उसकी महक भी बहुत ख़राब आने लगती है।

और उससे बहुत ज्यादा मात्रा में प्रदूषण होता है, ये हमारे आस पास के वायु को प्रदूषित कर देता है। इसी लिये सारा कचरा हम सबको एक जगह जमा करने के बाद उसे मिट्टी के अन्दर या फिर कचरा पेटी में डाल देना चाहिए, इससे हमारे आस – पास के सभी लोग सुरक्षित रहेंगे और हम भी सुरक्षित रहेंगे।

कचरा ज्यादा दिनों तक एक जगह रहने से वह सड़ने लगता है। जिस वजह से उसपर बहुत से कीड़े और विषाणु बन जाते है। ऐसे में बड़ी खतरनाक बीमारिया भी फ़ैल सकती है।

आज कल हम लोग इस चीज को बहुत अच्छे से जानते है और देखते भी है की आज समय से बारिश नहीं होती है। पहले सभी किसान अपना फसल का समय बनाये हुए थे और उन्हें पता था किस महीने में बारिश कितनी होगी .

उसी अनुशार से सभी किसान अपना फसल लगते थे और उसी बारिश के पानी से अपने फसल की सिचाई करते थे। इस वजह से उन्हें अलग से पानी देने की कोई जरुरत नहीं होता थी।

लेकिन अब शायद ही कोई फसल के समय प्राकिर्तिक बारिश से किसान फसल का उब्जा कर पाते है। आज प्रदूषण के वजह से मौसम भी कभी साल में गर्मियों का ज्यादा दिनों तक रहता है तो कभी ठंडी का मौसम ज्यादा दिन तक रहता है।

कोई भी मौसम अपने समय से नहीं आता हैं और कोई भी मौसम अपने समय से ख़त्म नहीं होता है। इस सब का कारण है प्रदूषित वातावरण, जब तक हम लोग प्रदूषण को कम करने की कोशिश नहीं करेंगे, तब तक इन सारी समस्याओ को हमे और हमारे आने वाले पीढ़ीओ को झेलना पड़ेगा।

प्रदूषण के कही प्रकार है और वह सभी बहुत तरह से फैलता है। तो इन सभी प्रदूषण को हम बारी बारी से विस्तार से जानते और समझते है।

प्रदूषण के प्रकार (Types Of Pollution)

वायु प्रदूषण (Air Pollution)

यह प्रदूषण हवा के प्रदूषित होने से होता है, हवा प्रदूषित तब होती है जब हवा में हानिकारक गैस, धूल, कण आदि मिल जाते हैं। यह प्रदूषित हवा मनुष्य शरीर के लिए हानिकारक होती है और ऐसे ही प्रदूषित हवा से वायु प्रदूषण होता है।

हमे पता है की साधारण मनुष्य को जीवन जीने के लिए साँस लेना कितना जरुरी है और जब हम साँस लेते है तो हमारे शरीर को शुद्ध ऑक्सीजन की जरुरत होती है। लेकिन हवा में धूल कण जाने से वायु प्रदूषित हो जाती है और ये वायु नाक द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करती है।

इससे हमरे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचता है और हमे बीमारी का सामना करना परता है। इसी लिए हमारे शरीर के लिए वायु प्रदूषण बहुत हानिकारक होता हैं। वायु प्रदूषण होने से  प्रदूषित क्षेत्र में जब बारिश होती हैं, तो उससे बारिश के पानी में भी प्रदूषित हवा का धूल – कण मिलने से बारिश का पानी साफ नहीं रह पाता हैं।

और जब अशुद्ध पानी किसान के फसलों में जाता हैं तो फसल ख़राब हो जाते है, उससे किसान को भी भारी नुकसान का सामना करना परता हैं। वायु प्रदूषण अधिकांश गाड़ियों से निकलने वाले धुए और किसी प्लास्टिक जैसे चीजों को जलाने से निकलने वाले धुए से होता है।

अगर हमे वायु प्रदूषण को बढ़ने से बचाना है, तो हमे इन सभी पर ध्यान देना चाहिए और कोसिस करना चाहिए की वायु शुद्ध रहे।

जल प्रदूषण (Water Pollution)

जल प्रदूषण को सामान्य शब्दों में कहे तो पानी का गन्दा होना जल प्रदूषण कहलाता है। जब कोई हानिकारक रसायनिक खाद्य -पदार्थ और धूल – कण जल में मिल जाते है तो उसे जल प्रदूषण कहते हैं।

जल प्रदूषण के बढ़ने से हम सबको पिने के लिए साफ़ पानी की कमी हो रही है। बहुत सारे नदी – तालाब में प्रदूषित जल होता है और उस जल में मछली पालन किया जाता है। लेकिन उस मछली को खाना शरीर के लिए बहुत हानिकारक होता है।

जब प्रदूषित जल से किसान अपने फसलों को उगाता है, तो उस फल और सब्जी आदि के तहत विषाणु हमारे शरीर के अंदर जाते हैं। तो उससे हमे बहुत सारी बीमारियाो का सामना करना पडता है और हमारे शरीर को नुकसान पहुँचता है।

प्रदूषित जल से  मनुष्य, पशु – पक्षी ये सभी का स्वास्थ को खतरा है, प्रदूषित जल के वजह से टाईफाईड ,पीलिया और हैजा जैसी बीमारीया होती है। इस बीमारियों से बचना हमारे जीवन में बहुत ही जरुरी है।

जल प्रदूषण मुख्यतः नदियों से होता है, क्योकि नदियों में फक्ट्री से निकलने वाला कुळा कचरा मिल जाता है। आज कल बड़े -बड़े शहरों के नालो को भी नदी और नहरों से मिला दिया जाता है जो जल प्रदूषण को बढ़ा देता है।

बहोत से कारखानो का गन्दा पानी नदियों से मिला दिया जाता है। जल प्रदूषण होने से रोकने के लिए हमे इन सब पर विचार करना चाहिए और अपने आप से सतर्क रहना चाहिए।

भूमि प्रदूषण (Soil Pollution)

मिट्टी में हानिकारक रसायनिक पदार्थ के मिलावट होने के बजह से भूमि प्रदूषण होता है। भूमि प्रदूषण से जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी होती हैं। भूमि प्रदूषण के बढ़ने से हमारे किसान को खेती करने के लिए अच्छी जमीन की कमिया होते जा रही है।

प्रदूषित भूमि में उगाये गए फसल मिट्टी के वजह से प्रदूषण होती है और उस प्रदूषित फसल का इस्तेमाल करने से हमारे सरीर में बहुत सारी समस्याए होने लगती हैं।

भूमि प्रदूषण मुख्यतः खेतो में रसायनो तथा कीटनाशक का इस्तेमाल करने से होता है। अपने फसल को बचाने के लिए किसान कीटनाशक रसायनो का इस्तेमाल करते हैं और इससे भूमि प्रदूषण में बहुत बड़ा प्रभाव परता है।

साथ ही में घर और कारखानों से निकलने वाले कचरे और प्लास्टिक जो की मिटटी में मिलना बहुत मुश्किल होता है इससे भूमि प्रदूषित होती है। भूमि प्रदूषण से अनाज के भी कमी का सामना करना पड़ता है और अगर प्रदूषित भूमि में अनाज ऊगा कर खाया जाये। तो इससे भी हमारे शरीर को नुकसान पहुचता है। इसलिए हमे भूमि को प्रदूषण होने से बचाना चाहिए।

ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution)

ज्यादा तेज ध्वनि और तीव्र ध्वनि जो की मानव के लिए सुनना मुश्किल है, ऐसे ध्वनि के कारण फैलने वाले प्रदूषण को ध्वनि प्रदूषण कहते है। ध्वनि प्रदूषण से हमारे सुनने की छमता कम होने लगती है।

ध्वनि प्रदूषण से बच्चो के स्वास्थ पे बहुत जयादा प्रभाव पड़ता है और इससे दिल की धरकन तेजी बढ़ जाती है। इससे बचना हमारे लिए बहुत जरुरी है। ध्वनि प्रदूषण मुखयतः गाड़ीयो के आवाज से और त्यौहार, रैली या फिर किसी कार्यक्रम में तेज आवाज होने के लिए लौडस्पीडकर का इस्तेमाल किया जाता है उससे होता है।

उपसंहार

हम लोगो को इन सभी प्रदूषण से बचने की कोशीश करनी चाहिए। प्रदूषण को हम सब मिल कर रोक सकते हैं, इसके लिए हम सबको आस – पास के सभी लोगो को इसकी जानकारी देनी होगी और उन्हें समझाना होगा।

ताकि हम सब मिलकर पर्यावरण में होने वाले इन प्रदूषण को रोक सके और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सके। अगर प्रदूषण को अभी से नहीं रोका गया तो हमारे लिए और हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण बहुत हानिकारक होगा।


तो यह था प्रदूषण पर निबंध, आशा करता हूं कि प्रदूषण पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Pollution) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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