शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay In Hindi)

आज के इस लेख में हम शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay On Teachers Day In Hindi) लिखेंगे। शिक्षक दिवस पर लिखा यह निबंध बच्चो और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

शिक्षक दिवस पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Teachers Day In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay In Hindi)


प्रस्तावना

गुरु विन ज्ञान नहीं… ये तथ्य के बारे में हम अच्छी तरह से जानते है, हम कितनी भी शिक्षा लेले अगर उसमे शिक्षक का हाथ नहीँ हुआ तो वो शिक्षा सफल नहीं हो पाती है। और हमारे देश मे गुरु और शिष्य की परंपरा सदियों पुरानी है।

इसका पालन आज तक हमारे देश ओर समाज मे किया जा रहा है। गुरु ओर शिष्य की परंपरा सदियों से हमारे देश मे चली आ रही है। गुरु ओर शिष्य की परम्परा के अंतर्गत गुरु अपने शिष्य को अपनी बुद्धि और समज से शिक्षा प्रदान करता है।

बाद में वही शिष्य जब बड़ा होता है और गुरु के रूप में किसी दुसरो को शिक्षा देता है। तो सोचिए उस गुरु को कितनी खुशी का अनुभव होता होंगा की ये वही मेरा शिष्य है, जिसे मैंने कभी शिक्षा दि थी ओर आज वो उसी शिक्षा को किसी ओर को प्रदान कर रहा है।

शिक्षक दिवस की तैयारी

शिक्षक दिवस के दिन पड़ाई पूरी तरह से बन्द रहती है। स्कूल में एक उत्सव की भांति प्रतीत होता है। शिक्षक दिवस के दिन, उत्सव, धन्यवाद ओर पुराने स्मरण की गतिविधियां होती है।

जिनमे बच्चें बहुत बढ़चढ कर हिस्सा लेते है। स्कूल, कालेजो ओर अन्य कई संस्थाओं में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में विविध प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। छात्र विभिन्न तरह से अपने गुरुओं का सम्मान करते है। वही शिक्षक भी गुरु शिष्य की परंपरा को कायम रखने का संकल्प लेते है।

शिक्षक दिवस एक महत्वपूर्ण दिन

शिक्षक दिवस मनाने के दिन सर्वपल्ली राधाकृष्ण का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षक दिवस सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिन के अवसर पर 5 सितम्बर 1962 से शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन सभी स्कूल संस्थाओं में बच्चे और युवा किसी उत्सव के रूप में शिक्षक दीवस मनाते है। आज के दिन बच्चे अपने शिक्षक का रूप धारण करके शिक्षक की भूमिका अदा करते है।

शिक्षक दिवस ओर शिक्षक के गुण

एक शिक्षक का दिमाग देश मे सबसे बेहतर होता है। ‘ऐसा माना जाता है कि एक शिक्षक सबसे गुणवान होता है। उसी पर आधारित एक कहानी सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर आधारित…

एक बार सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के कुछ छात्रो ओर दोस्तों ने उनका जन्म दिवस मनाने की इक्षा ज़ाहिर की, इसके जबाव में डॉक्टर राधाकृष्णन जी ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से बनाने की जगह इसे टीचर्स डे (शिक्षक दिवस के) रूप में मनाया जाए तो मुझे बहुत गर्व होगा।

इसके बाद से ही पूरे भारत मे 5 सितम्बर का दिन टीचर्स डे(Teachers Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन इस महान विभूति को शिक्षाविद को हम सब याद करते है। और सभी शिक्षकों का सम्मान पूर्वक धन्यवाद अदा करते है। जो हमें सदैव हमारे अच्छे बुरे कार्यो की समझ देता है, ऐसे शिक्षक को शत-शत नमन है।

शिक्षक दिवस का महत्त्व (Importance Of Teacher’s Day)

कुछ तथ्य इस प्रकार है।

1. शिक्षक दिवस विद्यालय के विद्यार्थियों को शिक्षक के प्रति एक सम्मानित भाव पैदा कराता है। ऐसा इसलिए क्योंकि शिक्षक विद्यार्थी के चरित्र का निर्माण करते हुए उन्हें एक आदर्श नागरिक के आकार में डालने की महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

2. शिक्षक छात्रों को अपने स्वयं के बच्चों के तरह बड़े ही प्यार गम्भीरता लिए हुए सावधानी से पढ़ाता है। ताकि कोई भी बात सही से छात्र समझ सके और आगे चलकर उस शिक्षा का सही प्रयोग कर सके। छात्रों में अपनत्व की भावना जागृत हो सके यही सोच कर शिक्षक छात्र को शिक्षा प्रदान करता है।

3. बच्चे समाज का भविष्य होते है और शिक्षक उन्हें निखारने में उनकी मद्दत करते है। बिना शिक्षक के कोई भी छात्र अकाउंटेंट, डॉक्टर, पायलेट, वकील, इंजीनियर, लेखक किसी भी क्षेत्र में नहीं जा सकता है ओर कोई बड़ी उपलब्धि प्राप्त नही कर सकता है। शिक्षक छात्र का भविष्य निर्माणकर्ता होता है ओर शिक्षक की वजह से ही एक छात्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो अपने क्षेत्र में अपना ओर अपने शिक्षक का नाम रोशन करता है।

4. सभी बच्चों के माता-पिता बच्चों की उनकी जरुरतों को पूरा करने में सहायता करते है, उसके जीवन की दिनचर्या के समान की व्यवस्था करते है। परन्तु शिक्षक उनके अंदर आत्मविश्वास  बड़ाने में ओर उनका भविष्य निखारने का कार्य करता है। बिना गुरु ज्ञान नही है– यह एक कहावत ही नही अपितु एक सच्चाई भी है। जिसे किसी भी तरह से झूठा साबित नहीं कर सकते..!!

शिक्षक दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है

शिक्षक दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। पर सभी देशों में शिक्षक दिवस का दिन अलग-अलग होता है। ज्यादातर दुनिया के इक्कीस देश है, जहाँ शिक्षक दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। जिनमे से कुछ नाम इस प्रकार है।

  • आस्ट्रेलिया
  • चाइना
  • मलेशिया
  • बंगलादेश
  • पाकिस्तान
  • जर्मनी
  • ग्रीस
  • यूके
  • USA
  • ईरान

ये जो दस देश है इन्होंने अपने-अपने अनुसार शिक्षक दिवस मनाने के दिन निर्धारित कर लिए है। परन्तु पाँच अक्टूबर को “वर्ल्ड टीचर्स डे” (Word Teachers Day) के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा अठाइस फरवरी को दुनिया के ग्यारह देश टीचर्स डे मनाते है।

इस प्रकार हम कह सकते है की शिक्षक चाहे किसी भी देश जाती या धर्म का हो जब वो किसी को शिक्षा देते है, तो वो किसी भी छात्र के साथ कोई भेदभाव नहीं करते। अर्थात गुरु किसी भी रूप में हो, गुरु – गुरु ही होता है चाहे वह किसी भी देश का क्यों ना हो।

उपसंहार

शिक्षक दिवस की महत्ता केवल हमारे देश मे ही नही अपितु पूरी दुनिया मे इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इस प्रकार शिक्षक दिवस हमारे देश के अलावा पूरी दुनिया में बहुत महत्व रखता है।

यह परम्परा हज़ारों साल गुरु शिष्य के रूप में चली आ रही है। ओर ये युही फलती-फूलती ओर आगे बढ़ती रहे और हर छात्र अपने शिक्षक को इस प्रकार मान सम्मान देता रहे यही इस दिवस को मनाने की खास वजह है।

शिक्षक पर श्लोक जो कि हमारेे पूरे भारतवर्ष में प्रशिद्ध है, वो इस प्रकार है।

गुरु ब्रह्म गुरु बिष्णु:
गुरु देवो महेश्वरः
गुरु साक्षात परम् ब्रह्म
तस्मै श्री गुरवे नमः”

हर छात्र के लिए गुरु उसके लिए ब्रह्मा, विष्णु ओर साक्षात महादेव श्री महेश भगवान है और ऐसे गुरु को सर्वदा नमन करते है। हम सब संक्षेप्त में कहे तो शिक्षक ईशवर का दिया हुआ वह उपहार है।

जो हमेशा से ही बिना किसी स्वार्थ ओर भेदभाव रहित व्यवहार से बच्चों को सही गलत ओर अच्छे बुरे का ज्ञान कराता है। समाज मे शिक्षक की भूमिका अति महत्वपूर्ण होती हैं। ईस प्रकार शिक्षक दिवस प्रत्येक छात्र के लिए एक उत्सव से कम नहीं होता है।


इन्हे भी पढ़े :-

तो यह था शिक्षक दिवस पर निबंध, आशा करता हूं कि शिक्षक दिवस पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Teachers Day) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!