प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi)

आज हम प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Essay On Plastic Mukt Bharat In Hindi) लिखेंगे। प्लास्टिक मुक्त भारत पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

प्लास्टिक मुक्त भारत पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Plastic Mukt Bharat In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi)


प्रस्तावना

आज के समय में बहुतायत से प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है। घर में उपयोग की जाने वाली कई सारी चीजें प्लास्टिक की बनी होती है और हम इन चीजों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं।

जब भी हम बाजार जाते हैं, तो हम प्लास्टिक में ही सब्जिया या सामान खरीद कर ले आते हैं और प्लास्टिक को सहजता से रख देते हैं, ताकि उसका फिर से इस्तेमाल कर सके। लेकिन हमारे लिए यह जानना आवश्यक है कि प्लास्टिक हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। हमें प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करना होगा, ताकि हमारा स्वास्थ्य सही रह सके।

प्लास्टिक मुक्त भारत की शुरुआत

आज के समय में देश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन इसकी सबसे पहले शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 को केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इसकी शुरुआत सबसे पहले ऐसी जगह से की गई, जहां पर प्लास्टिक का ज्यादा उपयोग किया जाने लगा था।

जैसे कि मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और लखनऊ। ऐसी कोशिश की जा रही है कि पूरे देश को ही प्लास्टिक मुक्त बना दिया जाए।

भारत में प्लास्टिक रूपी समस्या

ताजा हुए सर्वेक्षणों के अनुसार यह पाया गया है कि भारत में प्लास्टिक का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसकी वजह से लोगों को काफी नुकसान हो सकता है। ऐसा देखा गया है कि प्लास्टिक सालों तक खत्म नहीं होता है और यह समस्त प्राणियों के लिए घातक साबित होता है।

एक सर्वे के अनुसार भारत में रोजाना 16000 टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन होता है और 10000 टन प्लास्टिक को इकट्ठा किया जाता है। इस इकट्ठा किये प्लास्टिक से कई प्रकार की सामग्री, जैसे प्लेट, कप, पैकिंग बैग आदि बनाए जाते है।

इसी बात से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में निर्मित प्लास्टिक के उपयोग से कई सारी दिक्कतें सामने आ सकती हैं और यह गहरा संकट खड़ा कर सकता हैं।

ऐसे लिया जा सकता है भारत को प्लास्टिक मुक्त करने का संकल्प

अगर आप भारत को प्लास्टिक मुक्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ही संकल्प लेना होगा और समूची मानव जाति की रक्षा करनी होगी। इसके लिए आप इन मुख्य बातों को आजमा सकते हैं, जो निचे बताई गयी है।

  • कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है, अगर आप प्लास्टिक के बैग का इस्तेमाल करते हैं तो बेहतर होगा इसके बदले कपड़े या फिर कागज के बैग का इस्तेमाल कर लिया जाए।
  • प्लास्टिक के प्लेट के अलावा अगर मिट्टी या ताम्बे के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाए, तो प्लास्टिक को दूर करने का यह बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मिट्टी और ताम्बे के बर्तन इस्तेमाल करने से हमारे स्वास्थ्य को इतना नुकसान नहीं होता, जितना प्लास्टिक से होता है।
  • जब भी मार्केट से कुछ सामान लेने जाए, तो हमेशा साथ में ही बैग लेकर जाएं। जिससे आप प्लास्टिक के बैग से दूर रह सकते हैं और उनका कम से कम  इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • प्लास्टिक को रीसायकल किया जा सकता है, इसलिए हमे प्लास्टिक इधर उधर फेकने के बजाय उसे रीसायकल करने के लिए दे देना चाहिए। ऐसा करने से प्रकृति को ज्यादा नुकसान नहीं हो पाएगा।

जल में रहने वाले प्राणियों को प्लास्टिक से नुकसान

सामान्य तौर पर ऐसा देखा जाता है कि जब भी प्लास्टिक का कोई भी सामान नदियों, नालों या तालाब में फेंक दिया जाता है, तो इससे जल में रहने वाले समस्त प्राणियों के लिए बहुत नुकसान की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

कई बार ऐसा देखा जाता है कि प्लास्टिक को जल में रहने वाले प्राणी अपने शरीर के अंदर ले लेते हैं। जिससे उन्हें कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं और वह जल में ही दम तोड़ देते हैं। इससे हमारे पर्यावरण को भी काफी नुकसान होता है और कई प्रकार के प्राणियों की प्रजातियां भी विलुप्त हो जाती है।

ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करें और उस प्लास्टिक को जल में ना डालें। जिससे हम जल में रहने वाले प्राणियों की भी बेहतर देखभाल कर सकते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के कुछ खास उपाय

प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए पहल खुद से ही करनी होगी और उसके उपयोग को कम से कम करना होगा, ताकि प्रदूषण भी कम हो सके। उसके लिए हम निचे दिए उपाय कर सकते है।

  • प्लास्टिक प्रदुषण रोकने के लिए प्लास्टिक से बने उत्पादों का कम से कम इस्तेमाल करना होगा, ताकि हमे प्लास्टिक से मुक्ति मिल सके।
  • लोगों में जागरूकता फैलानी होगी, ताकि लोग भी प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना शुरू करे।
  • बोतल में पैक पानी का कम से कम इस्तेमाल करें, जिससे प्लास्टिक का दोहन नहीं होगा।
  • बाहर से ऑनलाइन खाना ज्यादा ऑर्डर ना करें, क्योंकि वह खाना हमेशा प्लास्टिक में पैक हो कर आता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
  • प्लास्टिक की वस्तुओं पर बैन लगा कर हम आसानी से इसके उपयोग को कम कर सकते हैं।
  • खाने की वस्तुओं में स्टील और मिट्टी के बर्तनों का ही उपयोग करें, जिससे स्वास्थ नुकसान कम होगा और प्लास्टिक का उपयोग काम होगा।

प्लास्टिक से होने वाली हानिया

हम हमेशा बढ़-चढ़कर प्लास्टिक का उपयोग करते हैं, लेकिन यह हमारे लिए हानि प्रद है। जब भी प्लास्टिक को जलाया जाता है, तो इससे वायु प्रदूषित हो जाती है और इसका धुआं जहरीला होता है। यह धुआ बच्चों और बड़ों के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है।

प्लास्टिक के जलने से जो धुआं उत्पन्न होता है, उससे कैंसर जैसी भयावह बीमारी उत्पन्न हो सकती है। प्लास्टिक के माध्यम से हमने हमेशा चौक चौराहों को अव्यवस्थित और दूषित पाया है। प्लास्टिक नॉन बायोडिग्रेडेबल है। इसके माध्यम से हमारे आसपास का पर्यावरण काफी हद तक दूषित हो रहा है। जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर हो रहा है।

उपसंहार

इस प्रकार से हमने जाना कि प्लास्टिक काफी हद तक हमारे लिए नुकसानदायक है और इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग भारत में किया जाता है। ऐसे में भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हमें ही शुरुआत करनी होगी। जिससे कि हम आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर भविष्य निर्माण कर सकें।

हमें इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा, ताकि हम आने वाली मुसीबत को कम कर सकें और लोगों को जागरुक भी बना सके। जब तक हम ठोस कदम नहीं उठाएंगे, तब तक हम भारत को सुरक्षित नहीं रख पाएंगे। ऐसे में भारत को प्लास्टिक मुक्त करने का प्रयास करते रहना आवश्यक माना जाता है।


इन्हे भी पढ़े :-

तो यह था प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi), आशा करता हूं कि प्लास्टिक मुक्त भारत पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Plastic Mukt Bharat) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!