वायु प्रदूषण पर निबंध (Air Pollution Essay In Hindi)

आज के इस लेख में हम वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay On Air Pollution In Hindi) लिखेंगे। वायु प्रदूषण पर लिखा यह निबंध बच्चो और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

वायु प्रदूषण पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Air Pollution In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


वायु प्रदूषण पर निबंध (Air Pollution Essay In Hindi)


प्रस्तावना

मनुष्य सभ्यता को आज सबसे बड़ा खतरा प्रदूषण से है। मनुष्य के आस पास का समस्त वातावरण उसके प्रयोग में आने वाला सम्पूर्ण जल भंडार, उसके सांस लेने के लिए वायु, अन्न पैदा करने वाली धरती और यहाँ तक कि अंतरिक्ष का सारा विस्तार भी स्वय मनुष्य द्वारा दूषित कर दिया गया है।

मनुष्य अपने आनंद ओर उल्लास के लिए प्रकृतिक साधनों का पूर्णतया दोहन कर लेना चाहता है। यही कारण है कि प्रदूषण की समस्या विकराल रूप में आ खड़ी हुई है। अतएव प्रदूषण की विभिन्न समस्याओं और कारकों पर प्रकाश डालना आवश्यक प्रतीत हो रहा है। जो इस प्रकार है:-

हमारा वातावरण और वायु प्रदूषण

ओधोगिकीकरण की इस अंधी दौड़ में संसार का कोई भी राष्ट पीछे नहीं रहना चाहता है। विलासिता के साधनों का उत्पादन भी खूब बढ़ाया जा रहा है। धरती की सारी सम्पदा को उसके गर्भ में उलीच कर बाहर लाया जा रहा है।

वह दिन भी आएगा, जब हम सृष्टि की सारी प्राकृतिक संपदाओं से हाथ धो चुके होंगे। यह दिन मनुष्य जाति के लिए निश्चय ही बड़ा मनहूस होगा। परन्तु इससे भी बढ़कर हानि यह होंगी की धरती के भीतर का सारा खनिज, तेल, कोयला तथा सब धातुएं गैसों के रूप में वायुमण्डल में प्रवेश कर, धरती पर रहने वाले प्राणियों का जीना ही दूभर कर देंगे।

नदियां ओर समुद्र हानिकारक तत्वों से भरे पड़े है। दिन-रात चलने वाले कारखानों का करोडों -अरबों गेलन गन्दा पानी नदियों तथा समुद्रों में जा रहा है।

हम कुछ समय तक भोजन के बिना जीवित रह सकते है। परंतु वायु के बिना तो हम कुछ क्षण भी जीवित नहीं रह सकते है। यह साधारण तथ्य हमें बताता हैं कि स्वच्छ वायु हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है।

आप यह जानते है कि वायु गैसों का मिश्रण आकलन के अनुसार इस मिश्रण का लगभग 78% नाइट्रोजन, तथा लगभग 21% ऑक्सीजन का और कार्बनडाइआक्साइड, आर्गन, मेथेन है, तथा जल वाष्प भी वायु में अल्प मात्रा में उपस्थित है।

वायु प्रदूषण किसे कहते है?

वायु मंडल में धुँए की मात्रा में अंतर है। क्या आप बता सकते है कि यह धुँआ कहां से आता है। इस प्रकार के पदार्थो से जैसे उधोगो व स्वचालित वाहनों से निकले धुँए के मिल जाने से भिन्न-भिन्न स्थानों के वायुमंडल की प्रकृति एवं संघटन में बदलाव आ जाता है। जब वायु कुछ अनचाहे पदार्थो के द्वारा संदूषित हो जाती है जो सजीव तथा निर्जीव दोनों के लिए हानिकारक है, तो इसे वायु प्रदूषण कहते है।

सच्चाई यह है कि वायु- प्रदूषण सबसे बड़ा और कुप्रभवशाली प्रदूषण है। इसका प्रभाव सबसे पहले ओर सबसे अधिक समय तक पड़ता है। भूमि-प्रदूषण और जल प्रदूषण दोनों ही वायु में निरंतर फैलते रहते है। फलतः शुद्ध और ताजी वायु का मिलना असम्भव नही, तो कठिन अवश्य हो जाता है।

वायु -प्रदूषण का एक कारण जनसंख्या का अत्यंत तेजी से बढ़ना भी है। एक अनुसंधान के अनुसार लगभग कार्बनडाइआक्साइड पांच अरब टन प्रतिवर्ष दर से बढ़ रही है। मनुष्य के साथ पशु-पक्षी ओर अन्य प्राणी भी वायु-प्रदूषण के कारण शुद्ध वायु के लिए छटपटा रहे है।

वैज्ञानिको की यह खोज है कि वायु -प्रदूषण से समुद्रतटीय-क्षेत्र दुष्प्रभावित होने लगे है। अंटाक्राटीका जैसा शांत क्षेत्र भी अब तूफानों की गिरफ्त में आ गया है। सी.एफ.सी. गैस का बढ़ना जारी है।

इसके ही दुष्प्रभाव से आज ओजोन की परत पतली होती जा रही है। इसके कारण पराबैगनी किरणे सीधे धरती पर आती है, जो अंतः कैंसर जैसे आदि भयानक बीमारियों का कारण बनती जा रही है।

वायु -प्रदूषण का मुख्य कारण ओधोगिक इकाइयां है, वही परमाणु ऊर्जा पर आधारित बिजलीघर ओर कारखाने भी है। इनसे वायु मंडल में रेडियोधर्मी लहरें दुष्प्रभावित होती है। इनमें बाहर निकलने वाली गैसे वायुमण्डल को प्रदूषित करती रहती है।

इसके साथ-साथ वायु-प्रदूषण का भयानक चाप तो परमाणु-परीक्षण-विस्फोट, परमाणु-शक्ति-संचालित अंतरिक्ष अभियान भी प्रमुख कारण है। इनमें वायुमंडल अब अधिक प्रदूषित होकर आंदोलित होने लगा है।

वायु प्रदूषित कैसे होती है?

जो पदार्थ वायू को संदूषित करते है उन्हें वायु प्रदूषक कहते है। कभी-कभी ये प्रदूषक प्रकृतिक स्त्रोतों जैसे ज्वालामुखी का फटना, वनों में लगने वाली आग से उठा धुँआ अथवा धूल द्वारा आ सकते है।

मानवीय क्रियाकलापों के द्वारा भी वायु में प्रदूषक मिलते है। इन वायु प्रदूषक के स्त्रोत फैक्ट्री, विद्युत् यंत्र, स्वचालित वाहन, निर्वातक, जलावन लकड़ी तथा उपलों के जलने से निकलने वाला धुँआ हो सकता है। बहुत सी शवसन समस्याएं भी वायू प्रदूषण के कारण ही होती है।

वायु में उपस्थित प्रदूषित तत्व

आप तो जानते ही है कि वायु में कितने खतरनाक तत्व निहित है। शहरों में कितनी तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ रही है। वाहनों से अधिक मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन आक्ससीड, तथा धुँआ उतपन्न होता है।

पेट्रोल और डीजल जैसे ईधनों के अपूर्ण दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है। यह एक विषैली गैस है। यह रुधिर में ऑक्सीजन वाहक क्षमता को घटा देती है।

धूम कोहरा वायु में प्रदूषण का कारण

वायु मंडल में दिखने वाली कोहरे जैसी मोटी परत तो आपको याद ही होंगी, आप शायद नहीं जानते कि ये धूम कोहरा जो धुँए ओर कोहरे से मिलकर बनता है। इस धुँए में नाइट्रोजन आक्ससीड उपस्थित हो सकते है।

जो अन्य वायु प्रदूषकों तथा कोहरे के संयोग से धूम कोहरा बनाते है। इसके कारण दमा, खासी, तथा बच्चों में साँस के साथ ही हरहराहट उत्पन्न होती हैं।

उधोगो से बढ़ता प्रदूषण

बहुत से उधोग भी वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी है। पेट्रोलियम ,परिकरन शालाएं, सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, जैसे गैसीय प्रदूषकों के प्रमुख स्त्रोत है।विधुत संयंत्रों में कोयला जैसे ईंधन के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है। जो फेफड़ों को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त करने के साथ-साथ स्वसन समस्याये भी उतपन्न कर सकता है।

अन्य प्रकार के प्रदूषण

क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) है जिसका उपयोग रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर तथा एरो के साथ फुहार में होता है। CFCs के द्वारा वायुमण्डल की ओजोन परत पतली होती जा रही है। जो सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैगनी किरणों से हमें बचातीं है। परंतु अब CFCs के स्थान पर कम हानिकारक रसायनों का प्रयोग होने लगा है, जो अच्छी बात है।

इन गैसों के अतिरिक्त डीजल तथा पेट्रोल के दहन से चलने वाले स्वचालित वाहनों द्वारा अत्यंत छोटे कण भी उत्तपन्न होते है। जो अत्यधिक समय तक वायु में रहते है और ये किसी भी चीज पर चिपक कर उसकी सुंदरता भी कम कर सकते है।

सांस लेने पर ये शरीर के भीतर पहुंचकर रोग उत्पन्न करते है। ये कण इस्पात निर्माण तथा खनन जैसे ओधोगिक परकर्मो द्वारा भी उतपन्न होते है। विधुत सयंत्रो से निकलने वाली राख के अति सूक्ष्म कण भी वायुमण्डल को प्रदूषित करते है।

इसका एक उदाहरण, पिछले दो दशक से अधिक समय से पर्यटकों को सर्वाधिक आकर्षित करने वाला भारत का आगरा शहर का ताजमहल चिंता का विषय बना हुआ है। विशेषज्ञ ने यह चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण इसके सफेद संगमरमर को बदरंग कर रहा है। अतः वायु प्रदूषण द्वारा केवल सजीव ही नही अपितु निर्जीव चीजे भी प्रभावित हो रही है।

प्रदूषण रोकने के उपाय

प्रदूषण के विकराल कालमुखी दुष्प्रभाव को रोकने के लिए यह नितांत आवश्यक है कि प्रदूषण के कारणों का गलाघोंट दिया जाए। दूसरे शब्दों में भूमि-प्रदूषण की रोक के लिए यह आवश्यक है, कि बाँधो के लगातार निर्माण, वेशुमार वन कटाव ओर रासायनिक उर्वरकों का सीमित ओर अपेक्षित प्रयोग हो।

जल-प्रदूषण की रोक-थाम के लिए यह आवश्यक है कि उधोग के प्रदूषित जल को स्वच्छ जल से बचाये। वायु प्रदूषण की रोक तभी सँभव है जब उधोग -धंधो की दूषित वायु को वायुमण्डल में फैलने ना दे।

इसके लिए उधोगों की चिमनिया पर उपयुक्त फिल्टरों को लगाना चाहिए। इसके अतिरिक्त परमाणु उर्जा से उतपन्न होने वाले वायु प्रदूषण की रोक के लिए अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा-संघ के नियमो का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। पर्यावरण- प्रदूषण की रोक जनसंख्या- व्रद्धि पर अंकुश लगा कर ही कि जा सकती है।

वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे उपाय

(1) राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों ओर उधोगों के लिए क्षेत्र विशिष्ट उत्सर्जन ओर प्रवाह मानकों की अधिसूचना जारी किया गया है।

(2) वायु प्रदूषण निवारण एवम नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दिशा ;निर्देश जारी किया गया है।

(3) अत्यधिक प्रदूषणकारी ओधोगिक क्षेत्रो की निगरानी के लिए ऑनलाइन उपकरणों की स्थापना की गई है।

(4) परिवेश वायु गुणवत्ता के आकलन के लिए निगरानी नेटवर्क की स्थापना की गई है।

(5) CNG, LPG आदि जैसे स्वच्छ गैस ईंधन को बढ़ावा देना और पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा बढाना।

(6) राष्टीय वायु गुणवत्ता सूचकांक की शुरुआत की गई, जसके तहत सभी वाहनों के लिए BS-4 मानक अपनाना अनिवार्य कर दिया गया है।

(7) बायोमास जलाने पर प्रतिबंध।

(8) पटाखे छोड़ने पर भी प्रतिबंध।

(9) सभी इंजन चालित वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया गया है।

(10) सार्वजनिक परिवहन नेटवर्को को बढ़ावा दिया जा रहा है। सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को बढ़ावा देना।

(11) दिल्ली और NCR के लिए श्रेणीबद्ध प्रतिकिर्या की करवाई योजना चलाई जा रही है।

सरकार द्वारा चलाये गए उपायों का हमे सख्ती के साथ ओर अपने स्वयम के प्रति सतर्क रहते हुए नियमो का पालन करना अति आवश्यक है।

उपसंहार

वायु प्रदूषण हमारे लिए प्राण घातक है। यह सृष्टि ओर प्रकृति के प्रति सरासर अन्याय और दुःसाहस है। इसलिए अगर इस के प्रति हम समय रहते हुए कोई गम्भीर कदम नहीं उठाते है।तो यह कुछ समय बाद हमारे वश में नहीं रहेगा। फिर हमारे कठिन से कठिन प्रयासों को यह ठेंगा दिखाते हुए हमारी जीवन को देखते-देखते ही समाप्त कर देगा।


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तो यह था वायु प्रदूषण पर निबंध, आशा करता हूं कि वायु प्रदूषण पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Air Pollution) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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