ऊंट पर निबंध (Camel Essay In Hindi)

आज हम ऊंट पर निबंध (Essay On Camel In Hindi) लिखेंगे। ऊंट पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

ऊंट पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Camel In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

ऊंट पर निबंध (Camel Essay In Hindi)


प्रस्तावना

हमारे इस प्रकृति में कई प्रकार के विशेष पशु पक्षियों का समावेश है, जिनके माध्यम से प्रकृति में भी संतुलन बना रहता है। कुछ पशु ऐसे भी होते हैं, जो विशेष प्रवृत्ति के होते हैं और जो हमारे लिए काफी हद तक कारगर भी होते हैं। ऐसे में रेगिस्तान में पाए जाने वाले ऊंट उन पशुओ में से एक है जो हमारे लिए काफी मददगार होते हैं। ऊंट के मदद से रेगिस्तान में आम इंसानों को भी राहत मिलती है।

ऊंट की विशेषताए

ऊंट के बारे में हम सभी जानते हैं, लेकिन उनकी विशेषताओं के बारे में अनभिज्ञ हैं। इसलिए निचे ऊंट के कुछ विशेषताए बताई गयी है जो हर किसी पता होनी चाहिए। 

1) सामान्य रूप से ऊंट भारत के राजस्थान में पाए जाते हैं, जहां पर रेत अत्याधिक मात्रा में होती हैं। ऊँट के अंदर ऐसी अनुकूलता होती हैं, जो रेत में चलने के लिए कारगर होती है। ऐसे में ऊंट मुख्य रूप से रेगिस्तानी इलाकों में ही पाए जाते हैं।

2) ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है, क्योंकि जहां रेगिस्तान में कोई अन्य पशु पक्षी अपना जीवन यापन नहीं कर सकता, वहीं ऊंट सामान्यता से रेगिस्तान में देखा जाता है और यह रेगिस्तान में रहकर अपना जीवन यापन कर पाता है।

3) ऊंट के पैरों के पंजे गद्देदार होते है, जिसके माध्यम से वे रेत में आसानी से चल पाते हैं और जिससे उनका पैर रेत में नहीं धसता है।

4) ऊंट की आंखों के ऊपर आईलेश पाई जाती हैं, ऐसे में अगर रेत भरी आंधी चलती है तो वह अपनी आईलैश को बंद कर लेते हैं। इससे उनके आँखों के अंदर में धूल नहीं जा पाती है।

5) यदि ऊंट 1 महीने तक पानी ना भी पिए, तो उसके लिए यह कोई भी असामान्य प्रक्रिया नहीं होती है। क्योंकि ऊंट एक साथ 30 लीटर पानी पीकर अपने अंदर सुरक्षित रख सकता है।

6) ऊंट के शरीर पर उभरा हुआ कुबड़ दिखाई देता है, जिसमें वह अपने खाने को सुरक्षित रखता है।

7) ऊंट एक शाकाहारी जानवर है, जो पेड़ पौधों की पत्तियां, अनाज को भोजन के रूप में ग्रहण करता है।

8) ऊंट की बुद्धि बहुत ज्यादा तेज होती है। अगर वह किसी जगह पर चला जाता है, तो दुबारा उस जगह पर जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योकि आसानी से उस जगह को वह याद रख लेता है।

9) ऊँट के कुल 34 दांत होते हैं। जब भी ऊंट कुछ खाते हैं, तो उसे पूरी तरह से चबाकर ही खाते हैं।

ऊंट का महत्व

ऊंट को काफी हद तक बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। कुछ लोग ऊंट की सवारी के व्यवसाय के माध्यम से ही अपना पालन पोषण करते हैं और अपना परिवार चलाते हैं। इसके अतिरिक्त ऊँट के माध्यम से ही सामान ढोना, खेतों को  जोतना, जैसे काम किये जाते है। जिससे उसका महत्व कहीं ना कहीं बढ़ जाता है।

देखा जाये तो ऊंट का महत्व प्राचीन समय से ही देखा जाता है, जब मुगल शासक ऊंट का इस्तेमाल किया करते थे और उसपर बैठकर अपनी प्रजा के बीच में जाकर उनसे मेल मिलाप किया करते थे। ऐसे में प्राचीन समय से ही ऊंट को विशेष दर्जा हासिल है, जिसमें उसे बेहद सरल, सीधा और काम का माना जाता है।

ऊंट की आयु सीमा

सामान्य रूप से ऊँट की आयु सीमा 50 वर्ष निर्धारित की गई है। लेकिन ऊंट की कुछ ऐसी प्रजाति होती है, जो 50 वर्ष से अधिक का जीवन भी जी लेते हैं।

ऊंट का दूध

ऊंट का दूध अच्छी क्वालिटी का माना जाता है और अगर आप उसका सेवन करते हैं, तो वह कई सारी बीमारियों से आपको राहत दिलाता है। ऊंट के दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन पाया जाता है, जो कि बीमारी से लड़ने के लिए हमारे रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ने में मददगार होता है।

इसके अलावा एक ऊंटनी 1 दिन में 6/8 लीटर दूध आसानी से दे सकती है। अगर आप ऊँट के दूध का दही जमाना चाहे, तो यह मुश्किल हो जाता है। क्योंकि सामान्य रूप से ऊंट के दूध का दही नहीं जम पाता है। 

ऊंट के बालों का उपयोग

ऊंट के बालों को बहुत ही उपयोग में लिया जाता है, जिसके अंतर्गत ऊंट के बालों को काटकर बैग, बेल्ट, रस्सी, थैली, कोट आदि चीजें बनाई जाती है। जिन्हे हम मनुष्य द्वारा उपयोग में लाया जाता है।

ऊंट का यातायात के रूप में उपयोग

ऊंट का यातायात के लिए रेगिस्तान में उपयोग किया जाता है। रेगिस्तान में किसी और अन्य जानवर का उपयोग नहीं किया जा सकता है। राजस्थान में ऊंट गाड़ी बहुत ही प्रसिद्ध है, जिसमें सामान को लाने और ले जाने का काम किया जाता है।

इसके अलावा अगर कोई राजस्थान में घूमने आता है, तो उसे भी उस गाड़ी में बैठाकर वहा की सैर कराई जाती है। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन समय में भी राजाओं के द्वारा ऊंट का इस्तेमाल किया जाता था, जहां ऊंट में सवारी करके राजा दूसरे राज्यो में जाते थे।  

ऊँट का गणतंत्र दिवस में महत्व

प्रतिवर्ष जब गणतंत्र दिवस की परेड होती है, तो ऐसे में ऊंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन ऊंट को भी परेड में शामिल किया जाता है। इस दिन कई जानवरों को मौका मिलता है, जिनमे घोडा, ऊँट भी शामिल होते हैं।

इस दिन इन्हे बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया जाता है और फिर उन्हें परेड में सबके सामने लेकर आया जाता है। परेड में आने पर ऊँट बहुत ही सुंदर दिखाई देते है और उन्हें देखकर हमें राजस्थान और रेगिस्तान के समृद्ध होने का संदेश मिलता है।

उपसंहार

इस प्रकार से आज हमने ऊँट के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है, जो निश्चित रूप से आपके लिए फायदेमंद होंगी। ऊंट एक बहुत ही उपयोगी और शांत जानवर है, जिसका इस्तेमाल सबसे अधिक रेगिस्तान वाले जगहों पर होता है। रेगिस्तान में रह रहे लोगो के लिए ऊंट का महत्व उतना ही है, जितना किसी किसान के लिए बैल और गाय का। 


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तो यह था ऊंट पर निबंध, आशा करता हूं कि ऊंट पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Camel) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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