कोरोना एक महामारी पर निबंध (Coronavirus Ek Mahamari Essay In Hindi)

आज हम कोरोना एक महामारी पर निबंध (Essay On Coronavirus Ek Mahamari In Hindi) लिखेंगे। कोरोना एक महामारी पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

कोरोना एक महामारी पर लिखा यह निबंध (Essay On Coronavirus Ek Mahamari In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


कोरोना एक महामारी पर निबंध (Coronavirus Ek Mahamari Essay In Hindi)


प्रस्तावना

ये बात तो आप सभी को पता ही है की, कोविद 19 दिसंबर से चीन देश से प्रारम्भ होते – होते आज दुनिया के 70 से अधिक देशों को प्रभावित कर चुका है। एक सामान्य सी होने वाली सर्दी खासी आज इंसान की जान तक ले रही है और इसका एक ही इलाज है, बचाव और साफ़ सफाई।

बचाव और साफ सफाई से व्यक्ति काफी हद तक स्वस्थ हो भी रहा है। परन्तु इस बिमारी के चलते ही लोकडाउन जैसी परिस्थिति का जन्म हुआ, जिसने व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक प्रभाव डाला है।

कोरोना वायरस क्या है?

कोरोना वायरस बिमारी (कोवीड 19) एक संक्रामक बिमारी है। जो हमारे देश में 2019 के दिसंबर माह से पता चली है। कोरोना वायरस को कोविड 19 (COVID-19) भी कहा जाता है। हमे ये पता चला है की ये बिमारी एक वायरस से होती है। (कोवीड -19) की चपेट में आये व्यक्ति को मध्यम लक्षण अनुभव होंगे और वो बिना किसी इलाज के बिमारी से उबर जाता है।

बस सावधानी रखना ही इसका इलाज है। कोरोना में व्यक्ति को सर्दी, जुकाम और साँस लेने में परेशानी होती है। यदि यह बीमारी किसी को होती है, तो बहुत जल्दी ही एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर हो जाती है।

इसलिए इससे बचने के लिए व्यक्ति को दुरी बना कर रखना जरूरी है। एक दूसरे से दुरी बनाये रखने को सोशल डिस्टेंसिंग कहा जाता है। सरकार भी इस को एक समाजिक दुरी के रूप में ले रही है। जिसकी बजह से ही लोकडाउन बचाव का महत्वमूर्ण उपाय है और इसका पालन करना प्रतेक व्यक्ति का कर्तव्य है।

कोरोना वायरस के लक्षण

कोरोना (कोविड-19) लोगो को अलग – अलग तरीके से प्रभावित करता है। इससे जो संक्रमित होता है, उनमे थोड़े से लेकर मध्यम लक्षण तक की बीमारी होती है और वो अस्पताल जाए बिना ही स्वस्थ हो जाते है। इसका असर एक आम खासी या बुखार के रूप में होता है।

  • बुखार
  • सुखी खासी
  • थकान

कोरोना वायरस के कम पाए जाने वाले लक्षण

  • खुजली ओर दर्द
  • गले में खरास
  • दस्त
  • आँख आना
  • सरदर्द
  • स्वाद ओर गंध का पता नही चलना
  • त्वचा पर चकते आना या हाथ पैर की उंगलियों का रंग बदल जाना

कम लक्षण दिखने पर

व्यक्ति अगर स्वस्थ है ओर उसमे अगर थोड़े बहुत लक्ष्य दिखते है, तो उस व्यक्ति को घर पर ही रहना चाहिए। क्योंकि वायरस से यदि कोई व्यक्ति संक्रमित है, तो उसमें ये लक्षण दिखने में 5 से 6 दिन तो लगते ही है ओर कुछ मामलों में तो लगभग 14 दिन लग जाते है।

कोरोना वायरस के गम्भीर लक्षण

  • सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलना
  • सीने में दर्द या दबाव
  • बोलने या चलने में असमर्थ

गम्भीर लक्षण दिखने पर

किसी भी व्यक्ति में अगर ये गम्भीर लक्षण दिखते है, तो उसे तुरंत चिकित्सा की सहायता लेनी चाहिए। ऐसे में डॉक्टर के पास जाए ओर यदि डॉक्टर के पास अस्पताल जाना हो, तो पहले से ही इस बात की सुचना अस्पताल में दे।

कोरोना वायरस से बचाव

विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) के मुताबिक, कोरोना वायरस से खुद को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा और महत्वपूर्ण उपाय साफ सफाई रखना है। अगर आप कोरोना से बचना चाहते है तो आपको साह सफाई का ध्यान रखना सबसे जरूरी है।

कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपने हाथो को समय- समय पर धोते रहे। अपने हाथ को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोये या आप चाहे तो एक अल्कोहल बेस्ड सेनेटाइजर भी इस्तेमाल कर सकते है। सेनेटाइजर को हाथो पर अच्छी तरह लगाए, इससे अगर आप के हाथ पर वायरस मौजूद हुआ तो समाप्त हो जाएगा।

अपनी आँखों को छूने से बचे, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से बचे। हम अपने हाथो से कई सतह यानी जगह को छूते है और इस दौरान सम्भव है की हमारे हाथ में वायरस चिपक जाये। इससे हम उसी हाथो से अपने नाक, मुंह, आँख को छूते है, तो वायरस के शरीर में प्रवेश की आशंका बढ़ जाती है।

कोरोना वायरस से बचने के उपाय 

  • अगर हम छींक रहे है या फिर खांसते है, तो अपने मुंह के सामने टिश्यू जरूर रखे।
  • अगर आपके पास छींकते वक्त टिशू नहीं है, तो अपने हाथ को आगे करके कोहनी के आड़ में छिक्के या खाँसे।
  • टिश्यू का इस्तमाल करके उसे तुरंत डस्टविन में डाले या नष्ट करदे।
  • लोगो से शारीरिक दुरी बना कर रखे।
  • शारीरिक दुरी बनाने के साथ ही मुंह पर मास्क लगाए।
  • अगर आप अपने को सही महसूस नहीं कर रहे है, तो घर पर ही रहे।
  • प्रतेक चीज को सेनेटाइज करके ही इस्तेमाल करे।
  • घर से बहार ना निकले और यदि काम से जाना हो, तो बहार से आकर अपने हाथ पैरो को अच्छे से साफ़ करे। या फिर स्नान करे जो की अति आवश्यक है।
  • अगर आपको बुखार, खांसी है या सांस लेने में कोई भी परेशानी है, तो डाक्टर के पास जाए।
  • काढ़े का इस्तेमाल करे।
  • जो भी हमे स्थानीय संस्था या टी.वि इत्यादि में इससे बचने के उपाय बताये जाते है, उनको जरूर माने।
  • यदि लोकडाउन लगाया जाता है, तो उस नियम का पालन करे। क्योकि यह हमारे लिए ही उपयोगी सिद्ध होता है।

कोरोना वायरस की बजह से कम संसाधन में जीवन यापन

कोरोना का सीधा प्रभाव मनुष्य की आय और उसकी नौकरी पर पड़ा है। कई व्यक्तियों के आय के साधन समाप्त हो चुके है। कई मजदूर अपने घर की और पलायन कर चुके है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रेल महीने में ही देश के  2 .7  करोड़ युवाओ की नौकरी चली गयी है।

लोगो के धंधे दुकाने बंद हो गए है। ऐसे में व्यक्ति का जीवन कई कठनाईयो से गुजर रहा है। समाचार पत्र सोशल साइट्स में तो यहां तक पड़ने को मिला है की, कई व्यापारी इस प्रकार का सदमा नहीं झेल पाए और आत्महत्या जैसे खतरनाक कार्य को अपने गले लगा कर अपने जीवन को समाप्त कर दिया है।

उनका कहना था की जब आय का साधन ही नहीं रहेगा, तो घर को कैसे चलाएंगे। ऐसे में व्यक्ति का जीवन कई कठनाईयो से गुजर रहा है। आज समाज और परिवार को एकजुट होने की जरूरत है और हमे कम संसाधन में ही जीवन जीना सीखना होगा, जो की जरूरी भी है।

इस कार्य में परिवार के मुखिया के साथ परिवार को जुड़कर अपने संसाधनो पर रोक करनी होंगी। इसके लिए जरूरी खर्चो की एक लिस्ट बना ले। किराया, बिजली और पानी का बिल, किराना, सब्जी आदि की खरीदारी तो हम करते ही थे, परन्तु घर की गृहस्थी को चलाने वाली महिला को अब कटौती की तरफ ध्यान  देना होगा और बचत करनी होगी।

ताकि उस कटौती के बचत को अगले महीने की खरीदारी में प्रयोग कर सके। अब समय आ गया है की घर के बजट को दायरे में रख कर ही खर्च करे, ताकि प्रत्येक परिस्थिति में अपने घर को चलाया जा सके।

बच्चो को भी इस बात का ध्यान रखना होगा और अपने परिवार की इस समय मदत करनी होगी। उन्हें जहां जरूरत ना हो वहा टीवी,पंखे, ऐसी जैसे संसाधनों का पर्योग बंद ही करना होगा और बेफालतू की जिद को बंद करना होगा, ताकि घर के मुखिया को कुछ राहत मिल सके। ऑ

नलाइन पढ़ाई में भी हजारो रूपये खर्च होते है, इसे भी बंद करने की आवश्यकता है। क्युकी जिसके पास साधन है वो इसे चुका सकता है, परन्तु जो इसका खर्च नहीं उठा सकते उनके बच्चे भी इसके देखा देखि पड़ने की जिद करते है।

इसलिए इस प्रक्रिया को अपनाने की अपेक्षा बच्चे को घर पर ही परिवार, रिश्तेदार या पड़ोसी की मद्त से पढ़ाया जाना चाहिए, ताकि इसके अत्याधिक खर्चे से व्यक्ति बच सके। इसका उदेश्य है बच्चे को अच्छी शिक्षा जो की घर पर रहकर भी दी जा सकती है।

गैर जरूरी खर्चे जैसे बाहर का खाना, खरीदारी, जन्मदिन इन सब पर खर्च करने से बचे। अपना जन्मदिन घर पर रहकर और कम खर्चे में करे। वैसे भी आज का समय भीड़ करने का नहीं है। आज का समय सोशल डिस्टेंस जैसे नियमो का पालन करने का है।

उपसंहार

इस तरह की बिमारी के बारे में हमने कभी नहीं सोचा था। लेकिन अब ये हमारे सामने है। इसलिए डर या घबराहट बिलकुल नहीं रखना है। बचाव और सफाई ही इसका बचाब है। ऐसी ही परिस्थिति 18 साल पहले सन (2002-03) सार्स वायरस से भी हुई थी। जिससे पूरी दुनिया में 700 से ज्यादा लोगो की मोत हो गयी थी और हजारो लोग इससे संक्रमित हुए थे।

कहा जाता है की कोरोना का वायरस बहुत ही छोटा सा होता है, जो ज्यादा दिन तक नहीं ठहरता है और मर जाता है। इसलिए 14 दिन के कोरोंटाइन और इलाज से ही व्यक्ति के शरीर में स्वस्थ होने के प्रमाण देखने को मिल जाते है और व्यक्ति जल्द ही स्वस्थ भी हो जाता है।

इसलिए अपने और अपनों का ध्यान रखकर कोरोना वायरस के लिए जो भी नियम बनाये है, उनका पालन करे। आज कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन बन चुकी है। जल्द ही हम फिर से पहले की ही तरह बिना खौफ और चिंता के जीवन यापन कर सकेंगे और अपने काम को कर सकेंगे।

“वक्त चाहे कितना भी कठिन और अंधकारमय क्यों ना हो

बस उम्मीद का दिया जलाये रखे, परेशानियों का अंत निश्चित है।


इन्हे भी पढ़े :-

तो यह था कोरोना एक महामारी पर निबंध (Coronavirus Ek Mahamari Essay In Hindi), आशा करता हूं कि कोरोना एक महामारी पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Coronavirus Ek Mahamari) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!