ईद त्यौहार पर निबंध (Eid Festival Essay In Hindi)

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ईद त्यौहार पर निबंध (Eid Festival Essay In Hindi)


विश्व में भारत एक ऐसा देश है जहां पर बहुत से धर्म के लोग रहते है। सभी धर्म के लोग अपने अपने धर्म को बहुत मानते हैं और अपने धर्म के अनुसार अपने पर्व को मनाते हैं। जैसे हिंदू धर्म के लोग दिवाली, होली, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी आदि मनाते हैं।

उसी तरह मुस्लिम धर्म के लोग दो प्रसिद्ध त्योहार मनाते हैं, एक ईद व दूसरा ईद उल फितर। मुस्लिम धर्म का यह त्यौहार मुसलमानों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, परंतु ईद त्यौहार हिंदू धर्म के लोग भी मनाते हैं। भारत में यह त्यौहार प्रेम भाव और भाईचारा बनाए रखने के लिए मनाया जाता है।

मुसलमानों द्वारा इन त्योहारों को पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है और मुसलमान धर्म के लोग इस दिन का बड़ा इंतजार करते हैं। ईद का दिन चांद के निकलने पर मनाया जाता है, यह एक भाईचारे का संदेश लाता है। इस दिन हर मुसलमान एक दूसरे से गले लग कर भाईचारे को बढ़ाता है।

ईद का इतिहास

मुसलमान रमजान उल मुबारक के महीनों में एक दिन का इंतजार करते हैं जो है ईद, इस दिन मुसलमान धर्म के लोग बहुत खुश होकर इस पर्व को मनाते हैं। मुस्लिम धर्म के लोग इस दिन चांद का इंतजार करते हैं और चांद देखने के बाद ही ईद शुरू होता है।

यह मुस्लिम धर्म के लोगों का त्यौहार है जो भाईचारे को बढ़ावा देता है। यह लाखों लोगों के दिलों को मिलाता है। ईद के दिन लोग सुख शांति की बरकत के लिए दुआ मांगते है। ईद का त्यौहार कई सदियों से मुसलमान धर्म के लोग मनाते आए हैं।

इस दिन मुस्लिम धर्म के लोग अपने अल्लाह को धन्यवाद देते हैं और उसकी इबादत करते हैं। वह अल्लाह से दुआ में मांगते हैं कि लोगों के मन में इंसानियत की भावना पैदा हो और आपस में भाईचारा बनाए रखें। इस धर्म के अनुसार मुस्लिम धर्म के लोगों को रोजा रखना होता है, जो कि अल्लाह को खुश करने के लिए रखा जाता है।

ईद की शुरुआत

ईद मुस्लिम धर्म के लोगों का त्यौहार है, जो कि रमजान का चांद डूबने और ईद का चांद नजर आने पर अगले दिन मनाया जाता है। इस्लाम में बताया गया है कि ईद दो होती है, एक मीठी ही था दूसरी बकरा ईद। पहले ईद को जो ईद उल फितर पैगंबर मोहम्मद ने सन 624 ईस्वी में जंग-ए-बदर के बाद में मनाई थी।

इस अवसर पर पूरे महीने मुस्लिम धर्म के लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं और इस दिन कुरान करीम कुरान की तिलावत करते हैं। जिससे आत्मा को शांति मिलती है और एक मजदूरी मिलने का दिन ही ईद का दिन कहलाता है। इस दिन को मुस्लिम धर्म के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

रमजान का महीना

ईद के 1 महीना पहले जब ईद उल फितर का अवसर आता है, तो सभी मुसलमान 1 महीने तक रोजा रखते हैं। इस रोजे के दौरान मुस्लिम धर्म के लोग सूर्यास्त के बाद और सूर्य उदय होने से पहले खाना खाते हैं। परंतु सूर्य उदय होने के बाद से लेकर सूर्य अस्त होने तक वह पानी की एक बूंद भी नहीं पीते, माना जाता है कि ऐसा करना उनके अल्लाह को इबादत देना होता है।

लगातार एक महीना रोजा करने के बाद जब ईद का दिन आता है, तब सभी लोगों को ईद के चांद का इंतजार रहता है। ईद का चांद बताता है कि अगले दिन ईद है या नहीं। ईद का चांद दिखने पर सभी मुस्लिम धर्म के लोग आपस में गले मिलकर एक दूसरे को ईद की मुबारक देते है।

ईद का चांद निकलने पर हर मुसलमान के चेहरे पर एक मुस्कुराहट होती है, क्योंकि अगले दिन इस त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन बाजार को बड़ी सजावट से सजाया जाता है और घरों में मिठाइयां शिवन्या बनाई जाती है।

ईद का दिन

मुस्लिम धर्म के लोग ईद का दिन बड़ी उत्साह के साथ मनाते हैं। ईद के दिन मुसलमान नए नए कपड़े पहनते हैं और खुशबूदार इत्र लगाते हैं और नमाज अदा करने के लिए मस्जिद जाते है। मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारक बाद देते हैं।

ईद के दिन पूरे बाजार में रौनक बनी रहती है, क्योंकि रमजान के दिन से ही बाजार को बहुत ही सुंदरता के साथ सजाया जाता है। दुकाने बहुत ही सुंदर रूप से सजाई जाती है। ईद के दिन घरों में मिठाइयां, सेवइयां बनाई जाती है और लोगों को दावत दी जाती है, जिसमें उनके रिश्तेदार शामिल होते हैं।

ईद की सुबह

ईद के दिन मुस्लिम धर्म के सभी लोग इकट्ठा होकर मस्जिद में प्रार्थना करने से पहले दान पेटी में दान करते है, हर मुसलमान का फर्ज होता है कि वह दान पेटी में दान करें। दान करने के बाद दान को जकात उल फितर कहा जाता है। यह दान अलग अलग तरीके से किया जाता है, कोई व्यक्ति सोना दान करता है या कोई व्यक्ति खाने की चीजें दान देता है।

इसमें ज्यादातर लोग खाना, आटा या सोने चांदी की चीजें चढ़ाते हैं। सबसे पहले यह दान जिसे जकात कहा जाता है, उसे गरीब लोगों में बांट दिया जाता है। उपवास के खत्म होने की खुशी तो होती ही है, इसके अलावा इस दिन ईद को मुसलमान अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं और उन्हें पूरे महीने उपवास रखने की शक्ति देने हेतु शुक्रिया अदा करते हैं।

अल्लाह की इबादत को नमाज कहा जाता है, जिसे पूरा करने के बाद सभी लोग आपस में एक दूसरे के साथ गले मिलकर मुबारकबाद देते हैं। इस दिन लोग बढ़िया खाना खाते हैं और साथ ही साथ नए नए कपड़े भी पहनते हैं। जिस तरह दिवाली बनाई जाती है उसी तरह ईद का त्यौहार भी मनाया जाता है।

जब परिवारों को घर पर दावत के लिए बुलाया जाता है, तो परिवार एक दूसरे के लिए गिफ्ट लेकर आते हैं और एक दूसरे को देते हैं। इस त्यौहार पर मुसलमान घरों में सेवइयां जरूर बनाते हैं, क्योंकि यह इनका सबसे जरूरी खाद्य पदार्थ है और इसे परीक्षाओं से खाया जाता है। बहुत से हिंदू परिवार भी इस त्यौहार को मनाते हैं और अपने घरों में सेवइयां बनाते हैं।

ईद का महत्व

ईद का त्योहार खुशियों का त्योहार है, यह इस्लाम धर्म का एक सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। जो कि इस्लाम धर्म में खुशियां लेकर आता है। यह पूरी दुनिया भर में मनाया जाता है, भारत के साथ-साथ सभी देशों में जहां जहां पर मुस्लिम धर्म के लोग रहते हैं, वहा इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं।

यह त्यौहार मनाने का उद्देश्य आपस में भाईचारा और प्रेम भाव को बनाए रखना होता है। पहले शुरुआत रमजान के पाक महीने मैं इस्लाम के मजहब को मानने वाले 1 महीने तक रोजा रखते हैं, जिसे हिंदू धर्म में व्रत कहते हैं।

रमजान महीने मैं रोजा रखना जरूरी होता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से अल्लाह प्रसन्न होता है। ईद के दिन त्याग और अपने मजहब के प्रति मुसलमानों का समर्पण दिखाया जाता है। यह दिखाया जाता है कि इंसानों को अपनी इंसानियत को दिखाना चाहिए और अपनी इच्छाओं को त्याग देना चाहिए।

यदि सभी लोग इंसानियत को दिखाएंगे, तो समाज और देश का कल्याण होगा और एक बेहतर समाज का निर्माण होगा। सऊदी अरब में चांद एक दिन पहले दिखाई देता है और भारत में चाँद 1 दिन बाद में दिखाई देता है।

भारत में रहने वाले लोगों के बहुत से लोग सऊदी अरब में रहते हैं, जो 1 दिन पहले ही ईद की मुबारकबाद दे देते हैं। यह त्यौहार मुसलमानों के लिए इतना महत्वपूर्ण होता है की इस दिन मुस्लिम धर्म में छुट्टी मनाई जाती है। इस दिन सुबह से इनकी तैयारियां होती है और बहुत से पकवान व्यंजन बनाए जाते हैं।

संदर्भ

हर धर्म अपने अपने धर्म को बड़ा मानता है और अपने धर्म के अनुसार सभी त्योहारों को बड़ी धूम-धाम से मनाता है। एक हिंदू दिवाली के दिन बहुत खुश दिखाई देता है तो उसी तरह मुस्लिम धर्म के लोग ईद के दिन बहुत खुश होते हैं और ईसाई धर्म के लोग क्रिसमस डे के दिन बहुत पसंद होता है।

सभी धर्म के लोग अपने अपने भगवान की पूजा करते हैं, जैसे हिंदू धर्म में दिवाली के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। उसी तरह मुसलमान सुबह नमाज पढ़कर अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं और उसी तरह से ईसाई धर्म के लोग जीसस के सामने प्रार्थना करते हैं।

हर धर्म के लोगों का अलग-अलग तरीका होता है। यह त्यौहार एक शांति का संदेश लाता है और भाईचारा बनाए रखने का बढ़ावा देता है, ताकि एक अच्छे देश का निर्माण किया जा सके।


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