शेर पर हिंदी निबंध (Lion Essay In Hindi)

आज हम शेर पर निबंध (Essay On Lion In Hindi) लिखेंगे। शेर पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

शेर पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Lion In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


शेर पर निबंध (Lion Essay In Hindi)


प्रस्तावना

जंगल के राजा को शेर कहते है। शेर पृथ्वी के शक्तिशाली जानवरो में गिना जाता है। शेर की दहाड़ को सुनकर हम विचलित हो जाते है। शेर की विशेषताओं के कारण उन्हें जंगल का राजा कहा जाता है। कई जानवर बहुत साहसी होते है और उनमे से एक शेर भी है।

शेर का सबंध बिल्ली के परिवार से भी है। इस परिवार में चीता और पैंथर भी आते है। शेर एक मांसाहारी जानवर है। वह शाकाहारी जानवर जैसे हिरण, भैंस इत्यादि का शिकार करता है। शेर सबसे अधिक ताकतवर पशु है। शेर अफ्रीकी देशो और दक्षिण अफ्रीका में पाए जाते है।

शेर से सभी पशु डरते है। उन्हें लगता है की कहीं शेर उनका शिकार ना करे। दुनिया में शेर की बारह तरह की प्रजातियां पायी जाती है। शेर के पंजे बहुत मज़बूत होते है और उसमे नुकीले नाख़ून होते है।

शेर के शरीर पर भूरे रंग के बाल होते है। सुंदरता और साहस को शेर बेहतर तरीके से दर्शाता है। शेर अधिकतर यूरोप और अफ्रीकी जंगलो में पाया जाता है। सिंह को शक्ति का प्रतीक माना जाता है, इसलिए हमारे देश के अशोक स्तम्भ में सिंह का चिह्न मौजूद है।

शेर का वैज्ञानिक नाम

वैज्ञानिक नाम – Panthera Leo

वैज्ञानिक वर्गीकरण

  • जगत – Animalia
  • संघ – Chordata
  • वर्ग – Mammalia (स्तनपायी पशु)
  • गण – Carnivora
  • कुल – Felidae
  • वंश – Panthera
  • जाति – Leo

शेर का शारीरिक गठन

शेर के चार पैर होते है। शेर की एक बड़ी पूंछ होती है। शेर अपने पूँछ की सहायता से लम्बी छलांग लगा सकते है। शेर की आँखें बड़ी और चमकीली होती है। शेर के दांत बहुत नुकीले होते है। नर शेर की लम्बाई चार फ़ीट और ऊंचाई तकरीबन १० फ़ीट की होती है।

शेर का वजन २०० किलो तक होता है। नर शेर के गर्दन पर बाल होते है और मादा शेरनी के गर्दन पर बाल नहीं होते है। शेर ज़्यादातर झुण्ड में रहना पसंद करते है। शेर आमतौर पर रात में शिकार करते है। इससे उनके लिए शिकार करना सरल हो जाता है।

शेर के गर्दन के पास जो बाल होते है, यह कई प्रकार के आक्रमणों से उसे बचाते है। समय के साथ साथ गर्दन पर बाल भी बढ़ जाते है। शेर का शरीर बहुत विशाल होता है, मगर उसके कान बहुत छोटे होते है।

जब शेर के शावक बड़े हो जाते है और वयस्क शेर बन जाते है, तो उनके मुंह में तीस दांत होते है। शेर की पूंछ में ताकत होती है, जिसकी मदद से वह ऊँची छलांग लगाते है।

शेर को समूह में रहना है पसंद

शेर ज़्यादातर झुण्ड में शिकार करते है। एक झुण्ड में तकरीबन बीस शेर भी हो सकते है। शेर तकरीबन सोलह से बीस घंटे तक सोते है। वह अपने बाकी समय में दूसरे कार्य करते है।शेरो को चट्टानी पहाड़ो पर रहना पसंद है।

पेड़ो से भरे स्थानों को वह ज़्यादा पसंद नहीं करते है। शेर गर्मियों में तस्मा तरबूज से जल पीते है। जल के बैगर शेर तकरीबन चार दिनों तक रह सकते है। शेर बिल्ली के परिवार से संबंध रखते है।

अपच की समस्या

शेर को जब कभी अपच की परेशानी होती है, तो उससे मुक्ति पाने के लिए वह घास खाते है। घास खाने से उन्हें उलटी करने में सहायता मिलती है और उनकी पाचन शक्ति ठीक हो जाती है।

भारत में गुजरात में माना गया है शेरों का बसेरा

भारत में सबसे ज्यादा एशियाई शेर पाए जाते हैं, जो मुख्य रूप से गुजरात में पाए जाते हैं। अगर आप किसी चिड़ियाघर में भी जाते हैं, तो वहां पर पाए जाने वाले शेर एशियाई होते हैं। गुजरात के गिर वन में सबसे ज्यादा यह शेर पाए जाते हैं और इसीलिए इन्हें “एशियाटिक लायंस” के नाम से जाना जाता है।

दुनिया भर से हजारों सैलानी गुजरात में शेरों को देखने आते हैं, क्योंकि यहां अब लगभग शेरों की संख्या 675 हो गई है।

शिकार करना

शिकार ज़्यादातर शेरनियां करती है। लेकिन अगर जानवर बड़े हो तो शेर भी शेरनियों के साथ शिकार करते है। शेर अपने समूह की सुरक्षा का ध्यान रखता है। एक शेर और शेरनी को आठ किलो मांस की हर दिन ज़रूरत होती है।

शेर हिरण, बारहसिंगा और जिराफ जैसे जानवरो का शिकार करता है। शेर बड़े बड़े झाड़ियों के पीछे छिपकर शिकार करता है। शेरो की दहाड़ बहुत दूर तक सुनाई देती है।

शेरो की प्रजातियां विलुप्त

कई जंगलो में कुछ लोग अवैध तरीके से शेरो का शिकार करते है। इसी वजह से शेरो की संख्या कम हो रही है। यह एक बड़ी चेतावनी है। पशुओं की सुरक्षा और वनो का संरक्षण अनिवार्य है।

शिकारियों को रोकने के लिए ज़रूरी कानून बनाये गए है। अगर शिकारियों पर सख्त तरीके से प्रतिबंध नहीं लगाया गया, तो शेर की प्रजाति हमेशा के लिए विलुप्त हो जायेगी।

शेर का जीवन समय

शेर का जीवनकाल पंद्रह साल का होता है। जब शेर की भूख बढ़ जाती है और सामने कोई मनुष्य दिख जाए, तो उसका भी शिकार शेर कर लेता है। शेर अगर किसी भी पशु को पकड़ ले तो उसे मारकर खा लेता है।

शेर तेज़ गति से दौड़ सकता है। शेर की गति लगभग अस्सी किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। शेर का ज़्यादातर वक़्त सोने में चला जाता है। शेर बीस घंटे तक नींद में व्यस्त रहता है और शेरनी अठारह घंटे सोती है।

बड़े जानवरो का शिकार

शेर बड़े पशुओं का शिकार झुण्ड में कर लेते है। वह हाथी और जिराफ जैसे पशुओं का शिकार कर सकते है। यही वजह है कि सभी जानवर उनसे दूरी बनाकर रखते है। शेरनी रात में इसलिए शिकार करती है, क्यूंकि उन्हें जानवर देख नहीं पाते। शेर अपने जगह की रखवाली करता है, ताकि उसके क्षेत्र को कोई हड़प ना ले।

शेरनी और उसके बच्चे

शेरनी तकरीबन एक सौ दिनों तक अपने गर्भ में बच्चो को पालती है। शेरनी एक बार में छह बच्चो को जन्म दे सकती है। वह अपने बच्चो की सुरक्षा करती है और छह हफ्ते तक उन्हें बाहर नहीं आने देती है। वह अपने बच्चो को छुपाकर रखती है। बच्चे हर चीज़ के लिए अपने माँ पर आश्रित रहते है।

शेर से संबंधित कुछ दिलचस्प जानकारी

नर सिंह हमेशा अपने झुण्ड के सदस्यों की रक्षा करता है और शेरनी शिकार करने में व्यस्त रहती है। शेर कुछ दिन बैगर पानी पिए रह सकता है, मगर बिना भोजन के बिलकुल नहीं।शेर के बीस घंटे तक सोने की वजह से उसे आलसी जानवर कहा जाता है। अफ्रीका के जंगलो में रहने वाले शेर मनुष्य का शिकार करते है।

  • शेर बिल्ली के प्रजाति में आता है और इसीलिए बिल्ली को बोलचाल की भाषा में शेर की मौसी कहा जाता है।
  • शेर को प्राचीन समय से ही जंगल का राजा कहा जाता है, लेकिन हमेशा शेर घास के मैदानों में ही दिखाई देता है।
  • शेर में सुनने की अद्भुत क्षमता पाई जाती है और इसीलिए वह 1 मील दूर से भी अपने शिकार की आवाज सुन लेता है।
  • अगर कहीं ऐसा मौका आता है जहां पर शेर को पानी मिल जाए, तो वह पानी में तैर भी सकता है।
  • शेर दिन में कम से कम 20 घंटे सोता है और बाकी के 4 घंटे शिकार करता है।
  • शेर के दौड़ने की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जिससे वह तेजी से दौड़ कर अपने शिकार को दबोच लेता है।
  • शेर की दहाड़ इतनी तेज होती है कि कम से कम 7 किलोमीटर तक उसकी दहाड़ को आसानी से सुना जा सकता है।

शेर का समूह संगठन

शेर दो प्रकार के समूह संगठन में रहते हैं, जिसके अंतर्गत वह अपनी दिनचर्या को आगे बढ़ाते हैं।

  • प्राइड संगठन
  • खानाबदोश संगठन

प्राइड संगठन 

यह एक ऐसा शेरों का समूह होता है, जिसमें लगभग 5 या 6 सदस्य ही होते हैं और दिन में कम से कम 4 मादाएं और एक दो नर होते हैं। यह हमेशा समूह में रहते हैं और इनके समूह में छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं, जो अपनी माताओं के पीछे पीछे चलते हैं। जब यह शिकार करते हैं, तो मिल जुलकर करते हैं।

खानाबदोश संगठन 

यह एक ऐसा संगठन होता है, जो कभी कभी अकेले भी रह सकते हैं और एक निश्चित सीमा तक फैले होते हैं। ऐसे जीवन शैली से नर शेर को गुजरना पड़ता है, जहां उसको बार-बार खुद के लिए शिकार करना पड़ता है।

शेर एक राष्ट्रीय पशु

शेर कई देशों का राष्ट्रीय पशु है। जिसमें अल्बानिया,  बेल्जियम, इथोपिया, नीदरलैंड देश शामिल है। यूं तो 1972 के पहले भारत का राष्ट्रीय पशु शेर था, लेकिन बाद में बाघ को राष्ट्रीय पशु बना दिया गया।

कब मनाया जाता है वर्ड लॉयन डे

साल में 1 दिन 10 अगस्त को “वर्ल्ड लॉयन डे” मनाया जाता है।

शेरों में पाई जाने वाली प्रजातिया

विश्व भर में शेरों की निम्न प्रजातियां पाई जाती है, जो अलग-अलग देशों में स्थित है।

  • एशियाई शेर
  • बारबरी लायन
  • कांगो लायन
  • ट्रांसवाल लॉयन
  • कैप लॉयन

वर्तमान में दो मुख्य प्रकार के शेर बहुतायत से देखे जाते हैं, जिनमें एशियाटिक और अफ्रीकन शेर हैं।

शेरों का सबसे बड़ा ब्रीडिंग सेंटर

गुजरात के ही जूनागढ़ में स्थित साकार बाग प्राणी उद्यान जिसे “जूनागढ़ का चिड़ियाघर” कहा जाता है, यहां पर शेरों का सबसे बड़ा ब्रीडिंग सेंटर बनाया गया है। यह लगभग 84 हेक्टेयर के भूभाग में फैला हुआ है, जहां से हफ्ते में एक शेर के जन्म की खबर जरूर आती है। ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां शेर से ज्यादा शेरनी की संख्या है।

शेर को मिली अशोक स्तंभ में जगह

भारत के राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में अशोक स्तंभ का नाम लिया जाता है, जहां पर शेरों का चित्र अंकित है। ऐसे में शेर को भारत के लिए एक जरूरी वन्य प्राणी के रूप में जाना जाता है।

निष्कर्ष

शेरो की सुरक्षा करना वन विभाग के लिए अत्यंत ज़रूरी है। देश में शेरो की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। इसको गंभीरता से लेना चाहिए। अभी कई प्रयास किये जा रहे है, जिसके फलस्वरूप शेरो की संख्या में वृद्धि हुयी है।

पहले वर्षो की तुलना में हमारे देश में शेरो की संख्या में वृद्धि हुयी है। सभी जानवरो की सुरक्षा ज़रूरी है और उनमे से शेरो का संरक्षण अत्यंत ज़रूरी है। शाकाहारी और मांसाहारी सभी तरह के जानवर खाद्य श्रृंखला को बनाये रखते है।


इन्हे भी पढ़े :-

तो यह था शेर पर निबंध (Lion Essay In Hindi), आशा करता हूं कि शेर पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Lion) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!