लोहड़ी त्यौहार पर निबंध (Lohri Festival Essay In Hindi)

आज हम लोहड़ी त्यौहार पर निबंध (Essay On Lohri Festival In Hindi) लिखेंगे। लोहड़ी त्यौहार पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

लोहड़ी त्यौहार पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Lohri Festival In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


लोहड़ी त्यौहार पर निबंध (Lohri Festival Essay In Hindi)


प्रस्तावना

भारत को त्योहारों का देश माना जाता है। साल भर में सैकड़ों त्योहार है। इन त्योहारो का अपना विशेष आनंद होता है। यह त्यौहार कुछ समय के लिए हमे एकदम अलग अनुभव का अहसास कराते है। वैसे तो त्योहार को अलग अलग समुदाय के लोग अपने विशेष तरीके से मनाते है, लेकिन इसमें एक चीज जोकि सामान्य होती है और वह है आनंद।

सभी पर्व को मनाने में खुशी मिलती है। इस ख़ुशी को सिर्फ महसूस किया जा सकता है, इसे शब्दो से जाहिर करना थोड़ा मुश्किल कार्य है। कुछ ऐसे भी त्योहार होते है जिनकी जानकारी हमे विद्यालय जाने पर ही होती है। जैसे की बाल दिवस, शिक्षक दिवस और इनके अलावा गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस।

कुछ ऐसे भी पर्व है जो हमारी संस्कृति से जुड़े होते है। विद्यार्थीयो को त्योहार के विषय में जानकारी बहुत अधिक नहीं होती है, लेकिन जैसे वह बड़ा होता जाता है उसके आस पास रह रहे लोगो के अलग अलग तरह से पर्व मनाये जाने की जानकारी उसे होना शुरू हो जाती है।

दक्षिणी देशों में मनाए जाने वाले पर्वो में क्रिसमस, न्यू ईयर और वेलेंटाइन डे आदि शामिल है। आपके पास पड़ोस में लगभग सभी धर्म के लोग रहते है। वो अपने धार्मिक मान्यता के जीवन जीते है और हमारी भी कही ना कही दिलचस्पी होती है।

जैसे की पंजाबी समुदाय के लोग लोहरी त्योहार को मनाते है। वैसे तो पंजाबी समुदाय के और भी कई चर्चित त्योहार है, जिनमे गुरु पर्व, बैसाखी के अलावा पंजाबी लोगो के दसवें गुरु के जन्म दिवस पर मनाई जाने वाली जयंती भी शामिल है।

लोहड़ी फसलों का पर्व

पंजाब के लोग इस पर्व को पूरे जोश में मनाते है। यह हर साल 13 जनवरी को बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। इस पर्व को उस दिन मनाया जाता है, जब दिन पहले की अपेक्षा छोटे होने लगते है और राते लंबी होने लग जाती है। यह एक प्रकार से फसलों का उत्सव होता है।

पंजाब में रह रहे लोग दुलारी बत्ती सम्मान में खुशी को जाहिर करने के लिए अलाव जलाते है। एक जुट होकर साथ मिलकर नाचते और गाते भी है। यह पंजाबियों का मुख्य पर्व है, लेकिन भारत के कुछ उत्तरी राज्य के लोग भी इस पर्व को मनाते हैं। उन राज्यो में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा भी शामिल है।

इसी पर्व को सिंधी समुदाय के लोग “लाल लोई” के रूप में बड़े ही चाव से मनाते है। दुनिया के हर हिस्से में रहने वाले पंजाबी लोहड़ी के त्योहार को बहुत ही गर्मजोशी से मनाते है।

लोहड़ी त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

भारत में किसी भी उत्सव को बड़े ही जोरो शोरो से मनाया जाता है। यह अन्य त्योहारों की तरह लोगो को हसीं और उल्लास से भर देता है। इस त्योहार को मनाने के लिए परिवार के साथ साथ दोस्तो का जमावड़ा भी हो जाता है, क्योंकि इसमें सबलोग एकजुट हो जाते है।

यही अवसर होता है जब सब एक साथ मिलकर एक दूसरे का सुख दुख साझा करते है। इस पर्व में अपनो के बीच बड़े से बड़े दिलो के फासले मिट जाते है। इस पर्व के मौके पर लोगो को मिठाई दी जाती है। यह मुख्य रूप से किसान भाईयो का पर्व है। क्योंकि यह फसल पर आधारित पर्व है। एक वजह है कि इस पर्व को फसल वाला मौसम के रूप में भी जाना जाता है।

लोग अलाव जलाकर बड़े ही धूम धाम से नाचते गाते है और पंजाबी लोग आग के चारो ओर नाचने गाने के दौरान पॉपकॉर्न, गुड़, रेवड़ी, चीनी-कैंडी और तिल अर्पित करते है।

लोहड़ी के पर्व पर खान पान

वही शाम के समय लोग अपने अपने घरों में पूजा समारोह आयोजित करते है। यह वह समय होता है जब लोग परिक्रमा करके और पूजा अर्चना करके ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करते है। रीति रिवाज के अनुसार यह वह दिन होता है जब लोग सरसो का साग, गुड, गजक, तिल, मूंगफली, फूलिया और प्रसाद के रूप में मक्के की रोटी बड़े चाव से खाते है।

इस दिन खाने के साथ साथ लोग नए कपड़े भी पहनना पसंद करते है। भांगड़ा पंजाब का नित्य है और इस दिन लोग धमाल मचाते है। किसानो के लिए लोहड़ी का दिन नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

नवविवाहित जोड़े को उपहार देने का रिवाज

इस दिन नवविवाहित जोड़े और नवजात शिशुओं के लिए भी बहुत खास पर्व होता है। नवविवाहित दुल्हनों को परिवार के सभी सदस्यों से उपहार प्राप्त होते है, जिसमे गहने भी शामिल होते है।

लोहड़ी पर्व मनाए जाने की अहम वजह 

पंजाब में लोहड़ी पर्व को मनाने के पीछे लोगो की अलग अलग धारणाएं है। एक मान्यता के अनुसार लोहड़ी शब्द को “लोई“ से लिया गया है। ये महान संत कबीर की पत्नी थी। वही कुछ लोगो के अनुसार यह शब्द “लोह” से उत्पन्न हुआ है ऐसा माना जाता है। यह पत्तियों को बनाने के लिए उपयोग किया जाने वाला उपकरण होता है।

एक अन्य मान्यता के मुताबिक कुछ लोगो की विचारधारा के अनुसार लोहड़ी शब्द की उत्पत्ति तिलोरी शब्द से हुई है ऐसा माना जाता है। यह रोरी और तिल शब्द के मेल से बनता है। इस त्योहार को मनाने का अपना अलग ही आनंद होता है। यह देश के विभिन्न हिस्सों में अलग अलग नामों से जाना जाता है। इस दिन का लोग बहुत ही उत्सुकता से इंतजार करते है।

लोहड़ी त्यौहार के विभिन्न नाम राज्यो के अनुसार कुछ इस प्रकार है। आंध्र प्रदेश में इस पर्व को भोगी के नाम से जानते है। तो असम, तमिलनाडु और केरल में इसको माघ बिहू, पोंगल और ताई पोंगल के नामो से जाना जाता है। वही महाराष्ट्र, यूपी और बिहार राज्य के निवासी इस पर्व को मकर संक्रांति के नाम से जानते है।

लोहड़ी के पर्व से होने वाला प्रदूषण

पहले के समय में लोग एक दूसरे को उपहार के रूप में गजट देकर इस पर्व को मनाते थे। वही समय के साथ अब धीरे धीरे काफी परिवर्तन हो रहा है। लोग गजक के साथ चॉकलेट और केक को उपहार के रूप में देने लगे है। आज की स्थिति को देखते हुए लोग प्रकृति के प्रति जागरूक हो गए है। यही वजह है कि लोग अलाव को जलाने से बचने लगे है।

निष्कर्ष

इस पर्व को मनाए जाने के पीछे वजह अब तक आपको पता चल गयी होगी। इसके अलावा इस त्यौहार को कौन से राज्य में किस नाम से जानते है यह भी हमे पता चल गया है। यह पर्व खाने पीने के शौक वालो के लिए काफी महत्व रखता है। इस पर्व को मनाने के लिए मित्रो के साथ साथ रिश्तेदार भी एकजुट होते है।

इससे उनके अंदर प्रेम और सहयोग की भावना का जन्म होता है। इस पर्व को सांस्कृतिक पर्व कहे तो इसमें कोई बुराई न होगी। क्योंकि इस पर्व को लोग बड़े ही रीति रिवाज के साथ मनाते है। अलाव जलाने से लेकर नित्य करना इसमें शामिल है, जोकि भारतीय संस्कृति को दर्शाता है।


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तो यह था लोहड़ी त्यौहार पर निबंध (Lohri Festival Essay In Hindi), आशा करता हूं कि लोहड़ी त्यौहार पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Lohri Festival) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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