बंदर पर हिंदी निबंध (Monkey Essay In Hindi)

आज हम बंदर पर निबंध (Essay On Monkey In Hindi) लिखेंगे। बंदर पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

बंदर पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Monkey In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


बंदर पर निबंध (Monkey Essay In Hindi)


प्रस्तावना

बंदर के दो हाथ और दो पैर होते है। यह बहुत ही शरारती पशु है। यह एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक उछल कूद कर सकता है। कहा जाता है मानव की उत्त्पति बंदरो के प्रजातियों से हुयी है। बंदरो की लम्बी पूँछ होती है। बंदरो को झुण्ड में रहना पसंद है। वह हमेशा एक साथ रहते है। वह फल, सब्ज़ी और पत्तियां खाते है।

आजकल वनो के लगातार काटे जाने के कारण बंदर गाँवों और शहरों के कुछ इलाको में घुस जाते है और उत्पात मचा देते है। चार्ल्स डार्विन के अनुसार, मानवता की उत्पत्ति बंदरों से हुई है। वे सभी आकार और वर्तमान में हैं, जैसे मनुष्य। विश्व बंदर दिवस १४ दिसंबर को मनाया जाता है।

बंदरो की तकरीबन २६४ प्रजातियां पायी जाती है। बंदरो के दो कान, दो आँख और ३२ दांत होते है। बंदरो को कभी चिड़ाना नहीं चाहिए, वरना वह अधिक आक्रामक हो जाते है। पहली बार अंतरिक्ष में अल्बर्ट नाम के बंदर को भेजा गया था।

मनुष्यो से मेल

बंदरो का सिर और चेहरा पुरुषों की तरह है और वह उनकी तरह चलते थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि दोनों एक ही पूर्वज के थे। बंदर का मनुष्य की भाँती अपना अनोखा फिंगर प्रिंट होता है।

बंदर पेड़ों पर रहते हैं। वे जल्दी और आसानी से एक पेड़ पर चढ़ सकते हैं। वे एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर आसानी से कूद सकते हैं और बदमाशी करते है। वे रात भर ऊँचे पेड़ों पर लेटे रहते हैं। वे अक्सर जंगली जामुन या फलों वाले पेड़ों पर रहते है।

बंदरो का योगदान

जंगल के पर्यावरण को संतुलित रखने में बंदरो का बड़ा योगदान होता है। अपने भोजन करते वक्त ये पेड़ो से फल और फूल नीचे ज़मीन पर गिराते है, जिससे ज़मीन पर रहने वाले शाकाहारी जानवर जैसे हिरन, खरगोश और चिडियो को भोजन प्राप्त होता है।

ऊँचे वृक्षों पर रहने के कारण ये जंगल की निगरानी करने के लिए भी उपयुक्त है। किसी भी आने वाले खतरे को भापकर ये सम्पूर्ण जंगल को सतर्क करते है। खासकर जब कोई परभक्षी आस पास होता है, तो ये अपने शोर से जंगल के अन्य जानवरो को खतरे से आगाह करते है।

बंदरो की नक़ल करने की आदत

बंदर बहुत जिज्ञासु होते हैं। यह उन्हें कुछ भी नया या अजीब करने के लिए आकर्षित करता है। इस प्रकार वे आसानी से पिंजरों में फंस जाते हैं। वह नक़ल करते है और लोगो को उकसाते हैं। इसके अलावा, वे अपनी नकल करने के लिए विख्यात हैं। बंदर स्वभाव से शरारती होते है।

बंदरों को दो भागो में विभाजित किया गया है

पुराने बंदर जो एशिया या फिर अफ्रीका में रहते हैं और दक्षिण अमेरिका में नए बंदर पाए जाते है।

करीबी रिश्तेदार

बंदर मनुष्य के करीबी रिश्तेदार माने जाते है। मनुष्यो के तरह ही बंदर भी समाजिक और पारिवारिक जीव होते है। मनुष्यो के तरह इनमे भी तरह तरह की भावनाए पायी जाती है।  आमतौर पर एक बंदर की आयु 15 – 35 वर्ष तक की होती है। बंदर शाकाहारी होते है। बंदर छोटे छोटे रेंगने वाले कीड़े भी खा लेते है।

बंदर कहाँ पाए जाते है?

वर्त्तमान में बंदर की 250 प्रजातियां पायी जाती है। यह पहाड़ी इलाको, मैदानी जगहों पर और जंगलो में पाए जाते है। कभी कभी बंदर घरो के छत पर पाए जाते है। जंगलो के लगातार कटने के कारण उन्हें रहने की जगह नहीं मिलती और खाने को भोजन नहीं मिलता। इसलिए वह नज़दीकी गाँव या कसबे में घुसकर उत्पात मचा देते है।

बंदरो के दांत

पुराने समय के बंदरो के 32 दांत होते है। अभी नए बंदरो में 36 दांत होते है।

अच्छा प्रशिक्षण

बंदरो को अच्छे से प्रशिक्षित किया जा सकता है। इसलिए कई जगहों पर मदारी बंदरो को प्रशिक्षित करते है, ताकि वह विभिन्न तरीके के करतब दिखा सके। बंदरो की आयु पंद्रह से पेंतीस साल तक की होती है।

बंदरो का शरीरिक गठन

बंदर अपने दो पंजो का उपयोग हाथ के रूप में करता है। बंदर की बड़ी और लम्बी पूँछ होती है। बंदर जब झुण्ड में रहते है, तो एक दूसरे से वार्तालाप करने के लिए इशारो का इस्तेमाल करते है।

बंदर हमेशा झुण्ड में रहना सुरक्षित महसूस करते है। झुण्ड का मुखिया भी होता है। बंदरो को पानी में रहना बिलकुल गवारा नहीं होता है। बंदरो में मनुष्य की तरह कई आदतें पायी जाती है। जैसे वह केले का छिलका निकालकर खुद खा सकते है।

बंदरो से मनुष्य का विकास हुआ है। मनुष्य का डीएनए बंदरो से मेल खाता है। बंदरो को बहुत कुछ सिखाया जा सकता है। उन्हें जैसा सिखाया जाता है, वह वैसे ही नक़ल करते है। बंदर काफी बुद्धिमान होते है और इसलिए उन्हें आसानी से प्रशिक्षण दिया जा सकता है।

मनुष्य बंदरो के इसी स्वाभाव का दुरुपयोग करते है। अपने मनोरंजन के लिए बंदरो को बंदी बनाकर उनसे तरह तरह के करतब करवाते है। अक्सर करतब करने वाले बंदरो को मनुष्यो के दुर्व्यवहार से पीड़ित होना पड़ता है और वह लाचारी के साथ सब बर्दास्त करते है।

हनुमान जी के रूप में पूजा

लोग बंदर की हनुमान जी के रूप में आराधना करते है। बंदर बहुत बुद्धिमान और चालाक भी होते है। जैसा कि हम सब जानते है, भगवान् राम की सेना में सभी वानर थे। इस बात से हम परिचित है कि बंदर हमेशा झुंड में रहते है। इन्हे कुछ धार्मिक जगहों पर भी देखा जा सकता है।

वहां पर लोग उन्हें भोजन देते है और हनुमान जी के रूप में उन्हें काफी सम्मान मिलता है। हिन्दू धर्म के लोग इन्हे हनुमान जी के रूप में पूजते है। उनका यह मानना है कि सभी बंदरो में हनुमान जी बसते है। यही वजह है कि लोग बंदरो को खाना खिलाते है। बंदरो को केले और चने खाना बहुत पसंद है।

पंजो का उपयोग

बंदर अपने पंजो का इस्तेमाल चलने और बैठने के लिए करते है। वह अपने पूँछ का उपयोग वृक्षों पर बैठने के लिए भी करते है। उनकी कुछ क्रियाएं मनुष्य की तरह होती है। बंदर किसी की नक़ल उतारने में उस्ताद होते है।

चालाक जीव

बंदर बहुत ही चतुर होते है और हर काम को अच्छे से करते है। मदारी उन्हें जो भी कुछ सीखाते है, वह तुरंत सीख जाते है। बंदर लोगो के सामने अच्छा प्रदर्शन करते है, जिसके लिए उन्हें पैसे मिलते है। बंदर लोगो को मनोरंजन प्रदान करते है।

कुछ बंदर कभी कभी इतने बेकाबू हो जाते है कि वह मनुष्य पर हमला कर देते है। वह हमला करके मनुष्य की चमड़ी उधेर देते है। बंदरो का पंजा बहुत मज़बूत और खतरनाक होता है। वह जिस वस्तु को पाना चाहते है, उसे हासिल कर लेते है।

बंदरो पर पत्त्थर नहीं फेंकने चाहिए वरना वह हिंसात्मक रूप धारण कर लेते है। वह हमेशा स्वतंत्र होकर जीना पसंद करते है।

जानलेवा स्वभाव

बंदरो को कभी छूना नहीं चाहिए। यह उसे अच्छा नहीं लगता है। बंदरो से हमे दूरी बनाकर रखनी चाहिए। क्यूंकि वह बहुत शरारती होते है। बंदरो को जो भी खाने की चीज़ें लोगो के हाथों में दिखती है, वह उसे छीन लेते है। कुछ बंदर अच्छे स्वभाव के भी होते है, लेकिन ज़्यादातर बंदरो पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। क्यूंकि वह कभी भी हम पर हमला कर सकते है।

निष्कर्ष

हमे बंदरो के प्रति प्रेम भाव रखना चाहिए। सबसे अधिक बंदर एशिया महाद्वीप में पाए जाते है। बंदरो को बिलकुल परेशान नहीं करना चाहिए। बंदर नाच करके कई कार्यक्रमों में मनोरंजन करते है, जिससे बच्चे खासकर खुश हो जाते है। इसलिए बंदरो के प्रति सहानभूति हमे रखनी चाहिए। वह बोल नहीं सकते है, लेकिन हमसे इशारो में बात करते है।


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