मेरा पसंदीदा खेल क्रिकेट पर निबंध (My Favourite Game Cricket Essay In Hindi)

आज हम मेरा पसंदीदा खेल क्रिकेट पर निबंध (Essay On My Favourite Game Cricket In Hindi) लिखेंगे। मेरा पसंदीदा खेल क्रिकेट पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मेरा पसंदीदा खेल क्रिकेट पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On My Favourite Game Cricket In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


मेरा पसंदीदा खेल क्रिकेट पर निबंध (My Favourite Game Cricket Essay In Hindi)


प्रस्तावना

खेल कूद हमारे शरीर के लिए ज़रूरी होता है। यह मानसिक और शारीरिक रूप से हमे फिट रखता है। खेल एक तरह का व्यायाम है, जिसमे शरीर भी स्वस्थ रहता है और हमारा मनोरंजन भी होता है।

अगर हम खेल ना खेले तो हम स्वस्थ नहीं रह सकते है। ख़ास कर बच्चो को अवश्य खेल खेलने चाहिए। इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास होता है। आजकल लोग मोबाइल और लैपटॉप पर भी खेल इत्यादि खेलते है। इससे मज़ा नहीं आता है।

खुले आसमान के नीचे खेलने का अनुभव कुछ और ही होता है। वैसे तो बैडमिंटन, कबड्डी और फुटबॉल इत्यादि सभी खेल मुझे अच्छे लगते है। मगर मेरा पसंदीदा खेल क्रिकेट है।बचपन से ही क्रिकेट खेलना मुझे पसंद है।

भारत में अधिकतर लोगो को क्रिकेट खेलना और देखना दोनों पसंद है। यह सबसे लोकप्रिय अंतराष्ट्रीय खेल है। दुनिया में क्रिकेट के करोड़ो चाहने वाले है। भारतीय क्रिकेट टीम भी अंतराष्ट्रीय खेलो में अपना झंडा गाढ़ चुकी है।

लोगो के लिए क्रिकेट एक उत्सव की तरह है। अगर क्रिकेट में देश जीता तो सभी देशवासी ख़ुशी से झूम उठते है और जश्न मनाते है। भारत में ज़्यादातर लोग क्रिकेट खेल के दीवाने होते है। उन्हें क्रिकेट मैच इतना पसंद है कि वह दफ्तरों और अपने काम से छुट्टी लेकर क्रिकेट देखने बैठ जाते है।

बाजार और सड़के खाली हो जाती है जब इंडिया का फाइनल मैच रहता है। लोग अपने दोस्तों के संग इकट्ठे होकर दुकानों में मैच देखते है। जब भी भारत और पाकिस्तान का मैच होता है, मैं कभी उसे देखना नहीं भूलता हूँ। मैं अपने परिवार के साथ टीवी स्क्रीन के आगे बैठ जाता हूँ।

क्रिकेट के दीवानो का जश्न

मुझे क्रिकेट खेल बहुत पसंद है। जैसे की सारे क्रिकेट प्रेमी भारत के मैच जीतने पर खुश होते है, उसी तरह मैं भी बेहद खुश होता हूँ। मैं भी उनके साथ मिलकर ढोल बजाता हूँ। मैं अपना काम पहले से ही निपटाकर क्रिकेट देखने बैठ जाता हूँ। उस वक़्त मैं मैच में इतना खो जाता हूँ कि मुझे समय का ख्याल नहीं रहता है।

मेरे प्रिय क्रिकेटर

सचिन तेंदुलकर मेरे प्रिय क्रिकेटर है। इसके आलावा मुझे धोनी, सहवाग, रोहित शर्मा, विराट कोहली पसंद है। सचिन तेंदुलकर के बेहतरीन शॉट्स का मैं दीवाना हूँ। उन्होंने क्रिकेट जगत में कई रिकार्ड्स बनाये है।

सुनील गावस्कर और कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट टीम को बुलंदी पर पहुँचाया है। राहुल द्रविड़, हरभजन, पठान, सौरव गांगुली, युवराज सिंह इत्यादि सभी खिलाड़ी को मैदान में खेलते हुए देखना उनके फैंस के लिए अलग ही अनुभव है। यह सभी क्रिकेट जगत के प्रसिद्ध खिलाड़ी है।

क्रिकेट से मेरा जुड़ाव

बचपन से ही मुझे क्रिकेट खेलने का बड़ा शौक था। मेरे पिताजी क्रिकेट देखने के बड़े शौक़ीन थे और मुझे कई बार क्रिकेट देखने के लिए स्टेडियम ले जा चुके है। लाखो समर्थको की भीड़ खिलाड़ी के चौके और छक्के पर उत्साहित हो जाती है।

जब भी गेंदबाज़ बैट्समैन को आउट करते है, तो दर्शक ख़ुशी से चिल्ला उठते है। क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं है, बल्कि कई लोगो की भावनाएं भी इससे जुड़ी हुई होती है। अपने भारतीय टीम का हौसला बढ़ाने के लिए मैं अक्सर ऐसे स्टोडियम जा चूका हूँ।

मेरा बड़ा भाई बहुत अच्छा क्रिकेट खेलता है और मैं उसके भी मैचेस देखने जाता हूँ। फ़िलहाल वह स्टेट लेवल पर खेलता है। जब स्टेडियम में मैच चलता है तो वहां अच्छा खासा सुरक्षा प्रबंध किया होता है, ताकि किसी को भी परेशानी न हो और सब सुरक्षित रहे।

क्रिकेट खेलने के फायदे

क्रिकेट खेलने से मेरा शरीर तंदुरुस्त रहता है। क्रिकेट खेलने से मेरा शारीरिक और मानसिक रूप से विकास होता है। इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

क्रिकेट के प्रकार

क्रिकेट कई तरह के होते है। प्रत्येक वर्ष अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैच आईसीसी बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है। क्रिकेट वर्ल्ड कप हर चार वर्ष के बाद होता है। वर्ल्ड कप सबसे बड़ी प्रतियोगिता होती है। मैं अपनी पढ़ाई पूरी करके वर्ल्ड कप का प्रत्येक मैच अवश्य देखता हूँ। बाद में रिपीट टेलीकास्ट भी देख लेता हूँ। सभी देश वर्ल्ड कप प्रतोयोगिता में हिस्सा लेते है।

टेस्ट मैच पांच दिनों तक चलते है। इसमें पहले से ओवर निर्धारित नहीं होते है। कभी कभी टेस्ट मैचेस ड्रा घोषित किये जाते है और कभी बिना निर्णय के समाप्त हो जाते है। वन डे मैच एक दिन में समाप्त हो जाता है। यह पच्चास ओवर तक खेला जाता है। वन डे मैच का निर्णय उसी दिन हो जाता है।

20 -20 मैचेस बीस ओवर के लिए खेले जाते है। इसका निर्णय त्वरित हो जाता है। इस मैच को ख़तम होने में बस तीन घंटे लगते है। इस तरह के मैच सिर्फ बीस ओवर के लिए खेले जाते है।

आजकल सभी लोगो को 20 -20 मैचेस पसंद है। मुझे भी 20  -20 क्रिकेट मैचेस देखने में ज़्यादा दिलचस्पी है। ऐसे मैचेस रोमांच से भरे हुए होते है और आखरी वक़्त तक दुविधा बनी रहती है की कौन जीतेगा और कौन हारेगा।

इंडियन प्रीमियर लीग मैचेस

इंडियन प्रीमियर लीग मैचेस भी 20 ओवर के लिए खेले जाते है। इस प्रकार के खेल में दुनिया के कई बेहतरीन खिलाड़ी भाग लेते है। जब भी मेरे राज्य में ऐसे मैचेस आयोजित किये जाते है। मैं अपने पापा के साथ अवश्य मैच देखने जाता हूँ।

मनोरंजन से भरपूर यह मैचेस होते है। इस तरीके के मैचेस में हमारे देश के अलग अलग राज्यों द्वारा टीमों का निर्माण किया गया है। सभी टीम कई चरणों में मैचेस खेलती है। हम टीवी पर लाइव इन मैचेस को देख सकते है।

इस प्रकार के मैचेस में खिलाड़ियों को बहुत अधिक पैसे मिलते है। आईपीएल के चाहने वालो की कमी नहीं है। पूरा स्टेडियम दर्शको से खचा खच भरा होता है।

क्रिकेट खेल की शुरुआत और इतिहास

इंग्लैंड में क्रिकेट का सबसे पहला मैच सोलहवीं सताब्दी में खेला गया था। प्रिंस एडवर्ड ने इस खेल को पहले खेला था। धीरे धीरे यह खेल सभी जगह प्रचलित होने लगा। फिर यह इंग्लैंड का राष्ट्रीय खेल बन गया और फिर देखते ही देखते यह दुनिया में मशहूर हो गया। सबसे पहला अंतरष्ट्रीय खेल इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था।

क्रिकेट खेल कैसे खेला जाता है? (ज़रूरी नियम)

क्रिकेट खेल एक बड़े से खुले मैदान में खेला जाता है। दो टीम एक दूसरे के विरुद्ध खेलती है। हर टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते है। विशाल मैदान के ठीक बीच में एक पीच बना रहता है।उस पीच के दोनों छोर पर विकेट लगे होते है। तकरीबन बाइस गज की दूरी दोनों विकट के मध्य होती है।

क्रिकेट में पहले कौन सी टीम बल्लेबाज़ी करेगी और कौन सी टीम गेंदबाज़ी करेगी, इसका फैसला टीम के कप्तान करते है। दोनों टीम के कप्तान सिक्के का हेड और टेल का चयन करते है। सिक्का उछालकर निर्णय लिया जाता है कि कौन पहले बल्लेबाज़ी करेगा और कौन गेंदबाज़ी।

इस खेल में बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों की ज़रूरत होती है। जो खिलाड़ी बैटिंग करता है उसे बल्लेबाज़ कहा जाता है। जो खिलाड़ी गेंदबाज़ी करता है उसे गेंदबाज़ कहते है। गेंदबाज़ हमेशा ऐसा गेंद फ़ेंकते है जिससे बल्लेबाज़ आउट हो जाए।

क्रिकेट खेलते वक़्त जो टीम सबसे अधिक रन बनाती है, वह टीम जीत जाती है। तेज़ और धीमे दो तरह के गेंदबाज़ होते है। उनकी चेष्टा रहती है कि वह ऐसा गेंद फेंके कि बल्लेबाज़  रन ना बना पाए।

अगर गेंदबाज़ बल्लेबाज़ को गेंद फेंकते समय कोई गलती करे, जैसे वाइड बॉल और नो बॉल इत्यादि, तो इससे विरोधी टीम का फायदा होता है। इससे बल्लेबाज़ को एक अतिरिक्त रन और एक गेंद ज़्यादा खेलने का मौका मिलता है।

पहली टीम जो बल्लेबाज़ी करने के लिए उतरती है, वह रन बनाकर दूसरे टीम को वह रन बनाने की चुनौती देती है। दूसरी टीम उस रन के लक्ष्य को पूरा करने की हर मुमकिन कोशिश करती है। अगर उसमे दूसरी टीम सफल होती है, तो वह विजयी टीम घोषित की जाती है।अगर दूसरी टीम रनो के लक्ष्य को पूरा करने में अगर असफल होती है, तो पहली टीम जीत जाती है।

चौके और छक्के

एक ओवर में छह गेंद होते है। बल्लेबाज़ तब तक बल्लेबाज़ी करता है, जब तक वह आउट नहीं होता। जब बल्लेबाज़ गेंद को मैदान के बाहर करता है और जमीन से होकर वह बाहर निकल जाती है तो उसे चौका कहते है।

जब बल्लेबाज़ गेंद को आसमान में उछालकर उसे सीमा से बाहर कर देता है, तो उसे छक्का कहते है। मुझे चौके और छक्के देखने में बहुत मज़ा आता है। जब भारतीय टीम विरोधी टीम के खिलाफ ऐसे चौके और छक्के मारती है, तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता है।

आउट के प्रकार

कैच आउट – बल्लेबाज़ को कई तरह से आउट किया जाता है। जब बल्लेबाज़ चौका या छक्का लगाने की चेष्टा करता है और अन्य गेंदबाज़ उस गेंद को हवा में पकड़ लेते है, तो उसे कैच आउट कहा जाता है।

रन आउट जब बल्लेबाज़ एक छोर से दूसरे छोर तक भागकर रन बनाता है। इसी चक्कर में अगर वह अपने क्रीज पर जल्दी नहीं आ पाता है, तो विरोधी टीम के गेंदबाज़ उस स्टंप पर गेंद से मार कर रन आउट कर देते है।

बोल्ड आउट जब गेंदबाज़ गेंद फेंक कर विकेट को गिरा देता है, तो उसे बोल्ड कहा जाता है।

स्टंपड आउट – जब गेंदबाज़ बल्लेबाज़ की तरफ गेंद फेंकता है, तब बल्लेबाज़ क्रीज से हटकर गेंद को मारने के लिए आगे आता है। यदि बल्लेबाज़ गेंद को ना मार पाया और गेंद विकट कीपर के पास चली गयी, तो विकेटकीपर द्वारा गेंद को स्टंप पर मार दिया जाता है और इसे स्टंपड आउट कहते है।

अंपायर का फैसला अहम  

क्रिकेट खेलते समय बहुत सारे निर्णय लेने पड़ते है। क्रिकेट के फैसले लेने के लिए मैदान में दो अंपायर होते है। खिलाड़ी आउट है या नहीं इसका फैसला अंपायर करते है। जब मैदान में अंपायर निर्णय लेते समय किसी दुविधा में पड़ जाए, तो वह थर्ड अंपायर से सलाह करते है। सभी खिलाड़ी को अंपायर के फैसले मानने पड़ते है।

निष्कर्ष

छोटे बच्चो से लेकर बड़े और व्यस्क लोग भी क्रिकेट के दीवाने है। क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेलो में से एक है। अन्य कई देशो की तरह भारतीय टीम ने अपनी खुद की एक अलग पहचान बनाई है।

मैं जब भी परेशान होता हूँ, तो बस अपने कुछ दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलता हूँ और मेरा मन प्रसन्न हो जाता है। यह एक ऐसा मनोरंजक खेल है, जिसे कोई एक बार समझ ले तो उसे देखने की आदत पड़ जाती है। मुझे स्टेडियम में जाकर मैच देखना बहुत अच्छा लगता है। जितना प्यार क्रिकेट को मिला है, शायद ही किसी और खेल को मिला होगा।


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तो यह था मेरा पसंदीदा खेल क्रिकेट पर निबंध (My Favourite Game Cricket Essay In Hindi), आशा करता हूं कि मेरा पसंदीदा खेल क्रिकेट पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On My Favourite Game Cricket) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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