प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay In Hindi)

आज हम प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Essay On Plastic Pollution In Hindi) लिखेंगे। प्लास्टिक प्रदूषण पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

प्लास्टिक प्रदूषण पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Plastic Pollution In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay In Hindi)


प्रस्तावना

प्लास्टिक एक ऐसा सामग्री है, जो विघटित नहीं होता है। प्लास्टिक बैग्स नदियों, झीलों और सागरो के जल को भीषण रूप से प्रदूषित करता है। प्लास्टिक मिटटी के साथ मिश्रित नहीं होता है और हज़ारो वर्षो तक यूँही जमीन और समुद्र तल के नीचे पड़ा रहता है।

प्लास्टिक में नुकसान पहुंचाने वाले तत्व होते है, जो पर्यावरण और जीव जंतुओं के लिए अच्छा नहीं होता है। पहले हर जगहों पर लोग सामान खरीदने के लिए पॉलिथीन बैग्स यानी प्लास्टिक से बने थैले का उपयोग करते थे। आज कुछ जगहों में दुकानदारों ने प्लास्टिक बैग्स का उपयोग करना बंद कर दिया है।

शॉपिंग मॉल इत्यादि जगहों पर प्लास्टिक के बैग की जगह पर कागज़ अथवा कपड़े के बैग का उपयोग किया जाता है। सरकार ने प्लास्टिक बैग्स पर प्रतिबन्ध लगाया है। फिर भी कुछ जगहों में इसका उपयोग लोग करते हुए नज़र आते है। प्लास्टिक के निर्माण में जहरीले केमिकल्स का इस्तेमाल होता है। प्लास्टिक जहाँ पर फेंका जाता है वह जगह कई रोगो को जन्म देती है।

मनुष्य दिन की शुरुआत प्लास्टिक के टूथब्रश के साथ  करते है। बाल्टी से लेकर चमच और प्लेट भी प्लास्टिक की होती है। अक्सर लोग दफतर में जाकर प्लास्टिक के प्लेट और कप में भोजन करते है।

ज़्यादातर लोग प्लास्टिक के बोतल से पानी पीते है, यह बहुत ही हानिकारक हो सकता है। प्लस्टिक की बोतल को कूड़ेदान में फेंक देते है। ऐसे लाखो प्लास्टिक की बोतले इत्यादि चीज़ें कूड़े में फेंकी जाती है। मनुष्य की ज़िन्दगी में प्लास्टिक कभी ना जुदा होने वाला एक अंग सा बन गया है।

प्लास्टिक के उपयोग से परेशानी

आयेदिन प्लास्टिक का उपयोग मनुष्य करता है। अपने सुविधानुसार प्लास्टिक का इस्तेमाल करना उसे सरल लगता है। मगर कुछ लोग जानते ही नहीं है कि इसके कितने घातक परिणाम हो सकते है। प्लास्टिक की बोतल में बार बार पानी पीने से पानी में जहरीले तत्व मिल जाते है और इससे जानलेवा बीमारियां हो सकती है।

प्लास्टिक का इस्तेमाल क्यों करता है मनुष्य

मानव ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के साथ कई अन्य क्षेत्रों में प्रगति कर ली है। इसका एक दुष्प्रभाव यह है कि मनुष्य बेहद सुस्त और आलसी बन गया है। वह जानकर भी प्लास्टिक बैग का इसलिए इस्तेमाल करता है, क्यों कि उसे कहीं भी ले जाना आसान है।

प्लास्टिक की थैली ज़्यादा वजन उठा सकती है। कई लोग घर से कपड़े या कागज़ का बैग लेकर नहीं निकलते है। इसलिए दुकानदार को प्लास्टिक का बैग ना चाहते हुए भी ग्राहकों को देना पड़ता है।

इन्ही सब चीज़ों के कारण प्लास्टिक का उपयोग दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। आजकल लोग ज़्यादा व्यस्त रहते है और खाने का उन्हें वक़्त नहीं मिलता है। वह तब फ़ास्ट फ़ूड खाते है और अक्सर इसे प्लास्टिक बॉक्स या प्लास्टिक की प्लेट में पड़ोसा जाता है।

मनुष्य को अपने आपको नियंत्रित करने की ज़रूरत है और उसे प्लास्टिक जैसी वस्तु का बहिष्कार करना चाहिए।

प्लास्टिक प्रदूषण में वृद्धि के कारण

प्लास्टिक बहुत सस्ता होता है। यह आसानी से बाकी चीज़ो की तरह विघटित नहीं होता है। आजकल लोगो में संयम कम है और वह प्लास्टिक बैग्स और बोतल का एक बार उपयोग करके यहाँ- वहां फेंक देते है। इससे जल और भूमि दोनों भयावह तरीके से प्रदूषित हो रही है।

शहरों के नदियों और नालो को प्लास्टिक की यह चीज़ें बंद कर देती है। इससे लोगो को नगरों और महानगरों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। विकासशील देशो में प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है।

संसार में तकरीबन सत्तर हज़ार प्लास्टिक नदियों, सागरो में फेंके जाते है। इससे निकलने वाले रसायनो से मछलियों एवंग कछुओं की मौत हो जाती है। हम सड़को पर बिना सोचे समझे प्लास्टिक की थैली फेंक देते है।

मासूम जानवर उसे बिना सोचे समझे खा लेते है और उनकी मौत हो जाती है। यहाँ वहां प्लास्टिक फेंकने के कारण अस्वच्छता बढ़ती है और ख़तरनाक कीटाणु का जन्म होता है। इससे जानलेवा बीमारियां भी फैलती है।

प्लास्टिक के बुरे प्रभाव

प्लास्टिक एक लीच की तरह पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। मनुष्य प्लास्टिक पर इस तरीके से निर्भर हो गए है कि वह चाहकर भी प्लास्टिक को छोड़ नहीं पा रहे है। प्लास्टिक से प्रदूषण अत्यधिक बढ़ रहा है।

प्लास्टिक हज़ारो वर्ष तक नष्ट नहीं होता है। हम लगभग हर चीज़ो में प्लास्टिक का इस्तेमाल करते है। बच्चे भी प्लास्टिक के खिलौनों से खेलते है। कई वस्तुओं और भोजन की पैकिंग तक के लिए प्लास्टिक के डब्बे का इस्तेमाल किया जाता है।

कुछ वक़्त पश्चात हम प्लास्टिक के इन सामग्रियों का इस्तेमाल करने के बाद फेंक देते है। जब बारिश होती है तब यह सारी वस्तुएं नदियों और नालो में बहती है और बाद में समुद्र तल के नीचे चली जाती है।

प्लास्टिक के कारण नदियाँ और नाले रुक जाते है। प्लास्टिक बाकी वस्तुओं के जैसे नष्ट नहीं होता है। इसके विषाक्त पदार्थ समुद्र के पानी में घुल जाते है और समुद्री जीव को नुकसान पहुंचाते है। इसके साथ ही जल को प्रदूषित कर देते है।

प्लास्टिक हज़ारो वर्षो तक विघटित नहीं होता है और समुद्र तल पर जम जाता है। इससे नुकसानदेह रसायन निकलते है और समुन्दर के पानी को प्रदूषित कर देते है।

मृदा प्रदूषण

प्लास्टिक से मिटटी यानी मृदा प्रदुषण भी होता है। प्लास्टिक को भूमि यानी जमीन के नीचे गाढ़ देने पर भी यह हज़ारो वर्षो तक पड़ा रहता है। प्लास्टिक से जो जहरीले पदार्थ निकलते है वह मिटटी में जाकर मिल जाते है। इससे मिटटी की उपजाऊ शक्ति नष्ट हो जाती है। अगर कोई फसल ऐसे भूमि में उगाई भी गयी तो उससे मनुष्य बीमार पड़ सकता है।

वायु प्रदूषण

प्लास्टिक को नष्ट होने में अधिक समय लगता है। कचरे में ज़्यादातर प्लास्टिक की चीज़ें होती है, जो लोग फेंक देते है। प्लास्टिक को कुछ लोग जला देते है। उनका यह मानना है कि जलाने से प्लास्टिक नष्ट हो जाते है।

प्लास्टिक को जलाने से उसमे से रसायन निकलते है जिससे वायु प्रदूषण होता है। उस धुंए में ज़्यादा देर सांस लेने से मनुष्य को भयंकर बीमारियां हो सकती है। प्लास्टिक मानव के लिए अत्यंत खतरनाक है।

प्लास्टिक का मनुष्य जीवन पर असर

बचपन से ही मनुष्य को प्लास्टिक की आदत लग जाती है। बच्चे को दूध की बोतल, निप्पल से लेकर उसके खिलौनों तक में प्लास्टिक होता है। मनुष्य को समय रहते ही इसका निवारण करना होगा, अन्यथा वह खुद ही मुश्किल में पड़ जाएगा।

मनुष्य अपने खाद्य सामग्री को भी प्लास्टिक के डब्बे में रखते है। उसके पास दूसरे विकल्प हो सकते है, मगर फिर भी वह प्लास्टिक की कुर्सी से लेकर प्लास्टिक की बाल्टी तक का उपयोग करते है।

पानी पीने के लिए ज़्यादातर लोग प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करते है। यह कितना खतरनाक हो सकता है मनुष्य को अब पता चल रहा है। यह कहना गलत नही होगा कि मनुष्य खुद की बनाई हुयी चीज़ों में फंस कर रह गया है।

जीव जंतुओं पर प्लास्टिक का असर

कभी कभी गाय जब घास खाते खाते ऐसे जगह पर पहुँच जाती है, जहाँ प्लास्टिक का ढेर हो। वहां पर जाकर वह अनजाने में प्लास्टिक भी खा जाती है। इससे उसकी मौत हो जाती है। पशुओं को इस बारें में पता नहीं होता। पानी में रहने वाले जीवो की मौत भी प्लास्टिक के कारण होती है।

प्लास्टिक का निर्माण जाइलिन, एथेलेन ऑक्साइड और बेंजीन जैसे रसायनो से होती है। जब यह प्लास्टिक जलाशयों और समुद्र के जल में चले जाते है, तो वहां के जीव उसे खाना समझकर खा लेते है और प्लास्टिक उनके गले में अटक जाती है और उससे उनकी मौत हो जाती है।

प्लास्टिक के बुरे प्रभाव को रोकने के कुछ ज़रूरी तरीके

मनुष्य को प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं का खंडन करना चाहिए। प्लास्टिक से बनी हुयी वस्तुओं के उपयोग से बचे। प्लास्टिक के स्थान पर कागज़ और जुट के बैग का इस्तेमाल करे। हमे जब भी दुकान से चीज़ें लेनी हो हमेशा कपड़े की थैली लेकर जानी चाहिए, ताकि प्लास्टिक में वस्तुएं ना लेना पड़े।

जब भी दुकान जाए तो कपड़े और कागज़ के बैग में सामान देने के लिए कहे। लोगो को जागरूक करने की आवश्यकता है कि वह प्लास्टिक की थैली के उपयोग से बचे। पीईटीई और HDPE जैसे प्लास्टिक का चयन कर सकते है। ऐसा इसलिए क्यों कि इसे रीसायकल किया जा सकता है।

प्लास्टिक के इन भयानक और बुरे प्रभाव की जानकारी को लोगो में फैलाना चाहिए, ताकि वह इसे गंभीरता से ले। स्कूल और अन्य शिक्षा संस्थानों में प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभावों के बारें में बताना ज़रूरी है, ताकि वह कम उम्र से सचेत हो जाए। ऐसे में वह प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे और सतर्क रहेंगे।

निष्कर्ष

प्लास्टिक एक तरह का सिंथेटिक पॉलीमर है। कई शताब्दियों से लोग प्लास्टिक का उपयोग कर रहे है। अब वक़्त आ गया है कि हम प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्णविराम लगाए। प्लास्टिक को नष्ट करने का प्रयास बिलकुल नहीं करना चाहिए। इससे हम खुद ही अपने मुसीबत को बढ़ावा देंगे।

प्लास्टिक को नष्ट करने के चक्कर में हम प्रदूषण को प्रोत्साहित करेंगे जो बिलकुल गलत है। प्लास्टिक को हमे रीसायकल करने वाले संस्था या कंपनी को देना चाहिए और प्रदूषण पर अंकुश लगाने की हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए।


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तो यह था प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay In Hindi), आशा करता हूं कि प्लास्टिक प्रदूषण पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Plastic Pollution) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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