ग्रामीण जीवन पर निबंध (Village Life Essay In Hindi)

आज हम ग्रामीण जीवन पर निबंध (Essay On Village Life In Hindi) लिखेंगे। ग्रामीण जीवन पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

ग्रामीण जीवन पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Village Life In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


ग्रामीण जीवन पर निबंध (Village Life Essay In Hindi)


प्रस्तावना 

गाँव का जीवन सादगी भरा और मिटटी से जुड़ा हुआ होता है। गाँव में लोग साधारण रूप से जीवन यापन करते है। गाँव का शुद्ध वातावरण सभी को पसंद है। लोग अक्सर शहरी जीवन से परेशान होकर गाँव का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता को पसंद करते है।

गाँव में लोग बनावटी और दिखावे के जीवन से दूर रहते है। ज़्यादातर लोग गाँव में जल्दी उठ जाते है। दिन के आरम्भ से ही लोग अपने दैनिक कार्यो में व्यस्त हो जाते है। गाँव में अधिकतर घरो में पुरुष बाहर जाकर काम करते है और औरतें घर संभालती है।

बच्चे सुबह तैयार होकर अपने गाँव के विद्यालय में पढ़ने जाते है। गाँव में प्रदूषण कम रहता है, क्यों कि अधिकतर लोग पैदल अथवा साइकिल से जाते है। अगर उन्हें बहुत दूर जाना है तो उन्हें गाँव के पास किसी बस स्टैंड के सामने बस मिलती है।  

गाँव में ज़्यादातर लोग कृषि करते है। कुछ लोगो के अपने खुद के खेत होते है और कुछ लोग दूसरे के किराए के खेत पर काम करते है। ज़्यादातर किराए के खेत जमींदारों के होते है।  ज़मींदार पहले के जमाने में किसानो का शोषण करते हुए पाए जाते थे।

अभी किसान इन सभी बातों से सतर्क हो गए है, लेकिन फिर भी कई गाँवों में किसानो और उनके परिवार पर खेत और साहूकार ब्याज के लिए अत्याचार किये जाते है। गाँव की सुंदरता को निहारने के लिए दूर दूर से पर्यटक भी आते है। गाँव के मसले और समस्याओं को सुलझाने के लिए सरपंच और पंचायत होते है।

ग्रामीण जीवन की विशेषताएं और गाँव का रहन सहन

गांव में प्रदूषण कम

शहरों के मुकाबले गाँव में ज़्यादा यातायात के साधन नहीं चलते है। शहरों की जनसंख्या अधिक है, इसलिए वहां सड़को पर ट्रैफिक जैम इत्यादि हर दिन लगा रहता है। शहरों में फैक्ट्रियों और गाड़ियों के कारण वायु प्रदूषण बढ़ गया है। शहरों में अधिक गर्मी और प्रदूषण इन सब चीज़ो का नतीजा है।

गाँव में ऐसा कुछ नहीं है। गाँव में प्रदूषण इतना नहीं है और गाँव की हरियाली, ताज़ी हवा और गांव के खेत सभी का मन मोह लेते है।

परिश्रम की ज़िन्दगी और संतुष्टि 

गाँव के लोग सुबह से रात तक शहरी लोगो से अधिक परिश्रम करते है। गाँव के लोगो के पास इतनी अधिक सुविधाएं नहीं होती है। वह घर और बाहर के सारे कार्य खुद करते है और किसी प्रकार के आधुनिक साधनो का उपयोग नहीं करते है।

गाँव के लोग अपने छोटे घर और अपने साधारण जीवन में खुश, संतुष्ट रहते है। गाँव की जिन्दगी धीमी होती है, शहरों की तरह इतनी रफ़्तार भरी नहीं होती है। एक बात है जो शहरों की जिन्दगी में नहीं होती है, वह है शान्ति और सुकून जो गांव में होती है।

समाजिक लोग और अपनत्व

गाँव के लोग एक साथ मिलकर रहते है और सभी लोगो के साथ मिल जुलकर त्यौहार मनाते है। गाँव के लोगो में अपनापन ज़्यादा होता है और वे सभी व्यक्तियों की इज़्ज़त करते है। गाँव के लोग ज़्यादातर एक दूसरे के परिवार के सदस्यों से मेल मिलाप रखते है, जबकि शहरों में ज़्यादातर लोग अपने में ही रहना पसंद करते है। गाँव के लोगो के पास ज़्यादा धन नहीं होता है, मगर फिर भी वह संतुष्टि भरा जीवन व्यतीत करते है।

गाँव की सादगी और जीवन शैली 

गाँव के ज़्यादातर घर मिटटी के बने होते है। गाँव के लोग खाना मिटटी के चूल्हे पर बनाते है। अब प्रधानमंत्री और सरकार की तरफ से गाँव को एक नए तरीके से बसाया जा रहा है। अब पक्के और मज़बूत घर गाँव में ज़रूरत मंद लोगो के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाये जा रहे है। इसके साथ ही गांव के माताओ के लिए गैस सिलेंडर दिए जा रहे है। 

कृषि के आलावा गाँव के लोग गाय -भैंस पालन, मुर्गियां पालन और बकरियाँ पालन करते है, ताकि उन्हें दूध और अंडे प्राप्त हो सके। इन सब चीज़ो को बेचकर वह रोजगार करते है। गाँव के लोगो को सब्जी और फल खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। वे खुद ही सब्ज़ियां उगाते है और खाते है।

गाँव में आमतौर पर लोग बैलगाड़ी का इस्तेमाल करते है। अभी कई गाँव में लोग मोटर बाइक भी चलाते है। खेतो में वैज्ञानिक तरीको से खेती भी की जाती है। इससे कृषको को काफी लाभ पहुंचा है, क्यों कि वह आधुनिक तरीको से खेती कर रहे है। खेतो पर किसान अब ट्रेक्टर का उपयोग करते है।

अच्छी सड़को की सुविधा 

हालाकि गाँव में सरकार ने ग्रामीण योजना के मुताबिक सड़के बनवायी है। मगर अभी भी कुछ गाँव ऐसे है जहाँ पक्की सड़के नहीं है। लोगो को एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करने में असुविधा होती है।

कुछ गाँव में अभी भी सड़के कच्ची है और बड़े बड़े गड्ढे भी है। बरसात के दिनों में इन सड़को की हालत अधिक बुरी हो जाती है। ग्रामीण लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

चिकित्सा संबंधित सुविधाएं 

अब सरकार के द्वारा गाँव में चिकित्सा क्षेत्र में सुविधाएं पहुंचाई जा रही है। जब किसी गाँव में मरीजों की हालत गंभीर होती है, तो एम्बुलेंस सेवा की सुविधा भी आरम्भ की गयी है। सरकार प्रत्येक गाँव में चिकित्सा केंद्र खोल रही है, लेकिन सरकार को अभी भी गाँवों की उन्नति के लिए बहुत कुछ करना चाहिए।

शिक्षा के सुविधाओं की कमी 

अभी कई गाँव में पाठशाला बनवाये गए है। अभी भी कई जगहों पर गाँव में शिक्षा के साधनो की कमी है। गाँव में उच्च शिक्षा के लिए कोई ख़ास प्रबंध नहीं है। गाँव वाले मुश्किल से पैसा जोड़कर शहरों में पढ़ने जाते है, जबकि धन ना होने के कारण कुछ विद्यार्थी पाठशाला तक ही पढ़ पाते है।

सरकार को इस मामले को सुलझाने की ज़रूरत है। गाँवों में अच्छी शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। शिक्षा पर सभी का समान अधिकार है। अक्सर गाँव से विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए शहरों की ओर जाना पड़ता है। अगर गाँव में भी शिक्षा की पर्याप्त सुविधाएं हो, तो किसी को भी बाहर जाकर पढ़ने की ज़रूरत नहीं होगी। 

ग्रामीण लड़कियों में शिक्षा की कमी 

गाँव में लड़कियों को शिक्षित करने की ज़रूरत कुछ परिवार महसूस नहीं करते है। ऐसे लोग पुराने ख्याल के होते है। वह सोचते है लड़कियों को घर के काम करने चाहिए। यह सोच गलत है और इन सारे अंधविश्वास के कारण लड़कियाँ गाँव में स्कूल नहीं जा पा रही है। 

शिक्षा पर सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है। अभी गाँव के लोगो के इस सोच में परिवर्तन आ गया है। अब कुछ गाँवों में लड़कियों को पढ़ने के लिए भेजा जा रहा है। गाँव में सभी बच्चो और बड़ो को भी शिक्षित होना चाहिए।

रोजगार के अवसरों की कमी 

गाँव में शहरों की तुलना में उन्नति कम हुयी है। शहरों की तरफ गाँव के लोगो का पलायन इसी बात का नतीजा है। गाँव में रोजगार के अवसरों की कमी देखी गयी है। शहरों में बड़ी फैक्टरियां, दफ्तर और व्यापार इत्यादि के लिए अक्सर लोगो की ज़रूरत होती है। इसलिए गाँव के लोग अपना घर और गाँव को छोड़कर शहरों की और जाते है, ताकि कुछ पैसे कमा सके। 

पुरुषो को अधिक प्राथमिकता 

कई गाँव में लड़के लड़की में आज भी भेदभाव किया जाता है। घर परिवारों में पुरुषो द्वारा लिए गए फैसले को अहम और सही माना जाता है। गाँव में फैसले लेने का हक़ पुरुषो को है और महिलाएं केवल घर संभालती है।

बुनियादी ज़रूरतों की कमी 

गाँव में कई तरह की दैनिक और बुनियादी ज़रूरतों की कमी होती है। लोग अशिक्षित होने के कारण कई तरह की सुविधाओं से वंचित रह जाते है और उन्हें पता भी नहीं होता है। कुछ  गाँव में बिजली और पानी की असुविधा रहती है। 

अनावृष्टि से हर वर्ष किसानो को जूझना पड़ता है और पानी की एक बून्द के लिए वह परेशान हो जाते है। अभी सरकार ने अस्पतालों की सुविधा कुछ गाँवों में करवाई है, मगर कई गाँव में व्यवस्थित तौर पर चिकित्सालय नहीं है। 

अचानक ज़रूरत से अधिक बीमार पड़ने पर मरीज़ो को शहरों में स्थित सरकारी अस्पतालों में जाना पड़ता है। कुछ गाँव में स्कूलों तक की व्यवस्था नहीं है। पैसे की कमी के कारण उन्हें दूर जाकर विद्यालय में पढ़ने का मौका नहीं मिलता है।

गाँव में साफ़ सफाई की अच्छी व्यवस्था होनी ज़रूरी है। गाँव में ज़्यादातर लोगो को अस्वच्छता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अभी भी कुछ गाँव में शौचालय की व्यवस्था नहीं है। इससे महिलाओ को काफी तकलीफो का सामना करना पड़ता है।

शहरों की चकाचौंध 

गाँव के लोग सरल और साधारण जीवन जीना पसंद करते है। कुछ लोग शहरों की चकाचौंध से आकर्षित हो जाते है। ऐसे लोग शहरों में रोजगार करने के लिए गाँव छोड़कर चले जाते है। शहरों की रोजमर्रा की महंगाई वाली जिन्दगी से उन्हें कुछ महीनो बाद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

शहरों में नौकरी मिलने के मकसद से कई लोग गाँव से शहर आते है। उनमे से कुछ ही लोग शहरों में स्थायी रूप से रह पाते है। गरीब लोग भी शहरों में झुग्गियों में रहने के लिए विवश है और मुश्किलों का सामना करते है ।

बिजली की असुविधा 

देश के कई गाँवो में बिजली की सुविधा नहीं है। यह सबसे महत्वपूर्ण सुविधा है, जो गाँव में होनी चाहिए। बिजली के ना होने के कारण रात में लोगो को कार्य करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

निष्कर्ष 

ग्रामीण जीवन बड़ा ही सुन्दर और प्रकृति के सादगी से जुड़ा हुआ होता है। देश की सुंदरता गाँव से ही होती है। सरकार को अपनी तरफ से और अधिक योजनाएं बनानी चाहिए, ताकि गाँव की ज़िन्दगी बेहतर हो सके। सारे सुविधाओं को गाँव में भी शहरों की तरह लागू करना चाहिए।


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