जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay In Hindi)

आज हम जल संरक्षण पर निबंध (Essay On Water Conservation In Hindi) लिखेंगे। जल संरक्षण पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

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जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay In Hindi)


प्रस्तावना

रोज़ाना प्रदूषण और मनुष्य की नादानी और निरंतर दुरूपयोग के कारण, पृथ्वी पर स्वच्छ जल की गिरावट देखी जा रही है। जिस प्रकार मनुष्य जल का महत्व समझकर भी जल का दुरूपयोग कर रहे है, वह दिन दूर नहीं कि बिना साफ़ पानी के समस्त जीव जंतु ख़त्म हो जाएंगे।

पृथ्वी पर ज़्यादातर पानी खारा और बर्फीला है, जो उपयोग के लायक नहीं है। सिर्फ कुछ ही प्रतिशत पानी का मनुष्य उपयोग कर सकता है। यह हम सब जानते है कि जल जीवन है। जल ना केवल लोगो की प्यास बुझाता है, बल्कि कई प्रकार के रोज़ाना कार्यो जैसे नहाने, कपड़े और बर्तन धोने, घर की साफ़ सफाई इत्यादि सभी कार्यो में काम आता है।

जल को बचाना मनुष्य जाति का अहम कर्त्तव्य है। आज कई राज्यों में भूमिगत जल का स्तर बिलकुल नीचे आ गया है। नगरों में बड़ी इमारतों में रहने के बावजूद लोगो को पानी की समस्या हो रही है। देश के कई गाँव, कस्बो और जिलों में रहने वाले लोगो को दूर जाकर, पानी भरना पड़ता है।

जल का सतीक उपयोग मनुष्य को जल की होने वाली किल्लत से बचा सकता है। लोग नदियों और कई जलाशयों के पानी को प्रदूषित कर रहे है। नदियों के पानी में नहाने और कपड़े धोने से लेकर कई कार्य दैनिक तौर पर लोग कर रहे है। इससे नदियों का जल बुरी तरीके से प्रदूषित हो रहा है। आज इतना भयंकर समय आ गया है कि कुछ लोग प्रदूषित पानी पीने के लिए मज़बूर है।

जल संरक्षण का अर्थ क्या है?

कई अलग अलग तरीको से जल को संग्रह करना और जल को प्रदूषित ना होने देना इसी को जल संरक्षण कहते है। जल संरक्षण एक कोशिश है लोगो को पानी की अहमियत का एहसास कराने की। लोगो का बेवजह पानी का गलत उपयोग करना सरासर गलत है। इस प्रकार के जल संरक्षण करने की आदत मनुष्य को भविष्य में होने वाले जल संकट से बचा सकती है।

लोगो का दैनिक कार्यो में जल का अनावश्यक उपयोग

लोगो को समझना होगा कि वह जल का दुरूपयोग नही करना चाहिए और सही उपयोग करने से सभी को जल प्राप्त होगा यह समजना चाहिए। यह सिर्फ एक के कोशिश करने से नहीं होगा। अगर हम सतर्क होकर सही कदम उठाएंगे तो जल जैसे प्राकृतिक संसाधन को बचा सकते है।

हमे अपने दैनिक कार्यो के लिए जितना आवशयक हो उतने ही जल का इस्तेमाल करना चाहिए। शावर से स्नान ना करके लोग बाल्टी में पानी भरकर नहा सकते है, इससे पानी की बचत होती है। मनुष्य को अत्यधिक जल के उपयोग करने की आदत में परिवर्तन लाना ज़रूरी है। पानी को आज के इस युग में व्यर्थ गवाना मूर्खता है।

वर्षा के जल को संग्रह करना आवश्यक

हम वर्षा के पानी को एक जगह संग्रह कर सकते है। यह एक बढ़िया विकल्प है, जिसकी वजह से हम कई प्रकार की गतिविधियों में पानी का उपयोग कर सकते है। इस प्रकार के प्रक्रिया को अंग्रेजी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग कहते है।

वर्षा के जल को इकट्ठा करने के लिए हम छोटे छोटे जलाशयों का निर्माण कर सकते है। वर्षा के जल को व्यर्थ बहने देने से अच्छा है कि हम इसका संग्रह करके इसका इस्तेमाल करे।हमे जलाशयों, तालाबों और नदियों को साफ़ रखना चाहिए।

बहुत सारे लोग अनावश्यक वस्तुएं पानी में फेंकते है और उन्हें जानबूझकर गन्दा करते है। लोगो में इसके प्रति जागरूकता फैलाना ज़रूरी है। तालाब और नदी इत्यादि सभी जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाना होगा और स्वच्छ रखना होगा। नदियों का जल साफ़ रखना अत्यंत ज़रूरी है।

अगर वर्षा का जल हम संग्रह नहीं कर रहे है, तो वह जल सीधे नालो और समुद्र में मिल जाता है। प्रत्येक वर्ष पानी के लिए जो संकट बनता है, वर्षा के जल का संग्रह करने से उसमे कमी आ सकती है।

लोगो को नहरें, तालाब बनाना चाहिए। जैसे ही वर्षा आये वह पानी को ऐसे जलशयों में इकट्ठा कर ले और कई कार्य जैसे कृषि इत्यादि भी इसका इस्तेमाल कर सकते है। उद्योग क्षेत्रों को भी वर्षा जल का संग्रह अवश्य करना चाहिए।

लगातार वृक्षों को काटना बना वर्षा की कमी की वजह

लगातार बारिश की कमी के कारण पृथ्वी पर जल स्तर नीचे चला जा रहा है। मनुष्य ने औद्योगीकरण और उन्नति की चाह में वनो को अँधाधुंध काटना आरम्भ कर दिया है। वनो की इस प्रकार कटाई ने प्राकृतिक आपदाओं को निमंत्रण दे डाला है। अगर वृक्ष नहीं होंगे, तो वर्षा नहीं होगी। वर्षा नहीं होगी तो पृथ्वी पर हाहाकार मच जाएगा। हमे जल संरक्षण के लिए वृक्षारोपण करने की ज़रूरत है।

अधिक जल उपयोग से धरती पर जल संकट

लोग अत्यधिक जल का उपयोग गृहकार्य में करते है। कोई भी शुरुआत करने के लिए हमे प्रण लेना होगा, कि जल संरक्षण करने की हम हर रोज़ कोशिश करेंगे। गर्मियों के वक़्त सबसे ज़्यादा जल के लिए लोगो में तनाव बढ़ता हुआ दिख रहा है। धरती पर जल संकट ने दस्तक दे दी है। आने वाले वक़्त में अगर लोग ऐसे ही जल की बर्बादी करेंगे, तो हमारे बाद आने वाले पीढ़ी के लिए स्वच्छ पानी नहीं बचेगा।

सूखे की समस्या

जल स्तर कम होता जा रहा है और हर वर्ष गर्मियों के मौसम में सूखे की समस्या बनी हुयी है। नदियाँ और तालाब कई जगहों पर सूख रहे है और लोगो की हालत दयनीय हो गयी है।  वह बूंद बूंद पानी के लिए तरसते है।

कई ग्रामीण स्थानों में रहने वाले लोग मीलो चलकर पानी भरने जाते है। नगरों के लोग पीने का पानी खरीदकर पीते है। इसी से हम अंदाज़ा लगा सकते है कि जल संरक्षण करना कितना महत्वपूर्ण हो गया है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण जल की समस्या

अत्यधिक जनसँख्या वृद्धि ने देश में कई समस्याओं को न्योता दिया है। उसमे से एक जल संरक्षण ना कर पाना भी एक समस्या है। जितने अधिक लोग होंगे जल का उपयोग उतना अधिक होगा और निश्चित रूप से जल संकट बना रहेगा।

आज देश पहले की तुलना में सतर्क हुआ है और जल संरक्षण करने के कई कदम सरकार उठा रही है। अब सभी तालाबों और नदियों को बचाया जा रहा है। फिर अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।

जल संरक्षण करने के ज़रूरी तरीके

भूमिगत जल संरक्षण के विषय में आवश्यक कदम उठाने होंगे। सभी छोटे और बड़े घरो में बिजली की तरह पानी के मीटर लगाने होंगे। तब पानी खर्च करने से पहले लोग दस बार सोचेंगे। अगर ज़्यादा पानी का उपयोग वह करेंगे तब जल विभाग को उन्हें ज़्यादा पैसे देने होंगे।

खेतो में सिंचाई के लिए टपक सिंचाई प्रक्रिया यानी ड्रिप इरीगेशन का उपयोग करना चाहिए। इससे जल व्यर्थ नहीं होता है। घर पर विभिन्न तरह के कार्यो को करने के लिए ज़्यादा पानी ना बहाये। लोगो को सोच समझकर घर पर पानी का उपयोग करते रहना चाहिए।

हमे ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाने होंगे और हरियाली लानी होगी। आजकल कई विशेष तकनीकों का उपयोग करके समंदर के पानी को भी पीने लायक बनाया जा सकता है। समुद्र को भी साफ़ रखना हमारी जिम्मेदारी है। त्योहारों पर अत्यधिक मूर्तियों को विषर्जित करने की वजह से नदियों का पानी प्रभावित हो रहा है।

लोगो को यह समझाना बेहद ज़रूरी है कि जल का उपयोग संभाल कर करे। वरना एक समय ऐसा आएगा कि पृथ्वी पर पीने के लिए शुद्ध जल प्राप्त नहीं होगा।

क्यों महत्वपूर्ण है जल संरक्षण

औद्योगीकरण और शहरीकरण की वजह से नदियों और जलाशयों का उपयोग अधिक हो रहा है। अभी दुनिया में जल स्रोत प्रदूषित होते जा रहा है। ऐसे स्थिति में जल संरक्षण एक बेहतरीन तरीका है, जिसके कि हम आने वाले कठिन जल संकट को रोक सके।

अगर पानी में गिरावट आएगी तो पर्यावरण पर असर पड़ेगा। सिर्फ मनुष्य ही नहीं बल्कि पेड़, पौधे और जीव जंतु सभी का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। इसलिए जल संरक्षण महत्वपूर्ण है।

धरती पर जल स्रोत दिन प्रतिदिन सीमित होता जा रहा है। इससे हमे सचेत होने की प्रेरणा मिलती है कि जल संरक्षण की तरफ हम अपने कदम आगे बढ़ाए। जल संरक्षण करना आज के तारीख में महत्वपूर्ण है।

भूगर्भ जल का संरक्षण

भूगर्भ जल की रक्षा करना मनुष्य का दायित्व है। भूगर्भ जल यानी धरती के अंदर पाया जाने वाला जल जिसे लोग कुएं और हैंड पंप की मदद से लेते है। जल का अतिरिक्त उपयोग इन्ही माध्यमों से हो रहा है।

लोग सोच समझकर इसका उपयोग नहीं कर रहे है। इस जल की रक्षा अगर नहीं की गयी तो लोगो के घरो पर जल प्राप्त होना बंद हो जाएगा। अधिक भूमि प्रदूषण भी भूगर्भ के जल को प्रदूषित कर रहा है। इसकी वजह से लोग बीमार भी पड़ रहे है। लोगो को भूमि प्रदूषण के विषय में सचेत कराना ज़रूरी है। अन्यथा इसके गंभीर परिणाम हो सकते है।

जल संरक्षण करने के लिए दैनिक कामो में जल का सठिक इस्तेमाल

लोगो को प्रत्येक दिन सोच समझकर जल का उपयोग करना चाहिए। नल को ज़रूरत से ज़्यादा ना खोले और उपयोग के बाद इसे कसकर बंद करे। अगर नल या पाईपो में से जल लीक हो रहा है, तो तुरंत इसकी मरम्मत करवाए।

एक जगह पानी रखे और बर्तन धोने में उसका उपयोग करे। बर्तन धोने के लिए लगातार नल खोलकर ना रखे। अगर लोग अपने बगीचों में पानी दे रहे है, तो जितनी ज़रूरत हो उतना पानी दे। अनावश्यक पानी के पाईपो को खुला ना रखे, इससे पानी बर्बाद होता है।

निष्कर्ष

मनुष्य के जीवन का आधार जल है। इसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते है। कई वजहों से पेयजल की कमी से हर साल लोग परेशानी में आ जाते है। यह एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान भी हमे करना है।

समस्या भी हमारे जल के दुरूपयोग के कारण उत्पन्न हुयी है। पृथ्वी पर हम सब जीवित रहे, इसके लिए जल संरक्षण करना बेहद अनिवार्य है। अब लोग पहले की तुलना में सचेत हुए है लेकिन और अधिक सख्त कदम उठाने होंगे। अगर हम सभी कदम सही से उठाते है, तो निश्चित तौर पर जल की समस्या से मुक्ति पा सकते है।


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तो यह था जल संरक्षण पर निबंध, आशा करता हूं कि जल संरक्षण पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Water Conservation) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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