धन अथवा पैसो पर निबंध (Money Essay In Hindi)

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धन अथवा पैसो पर निबंध (Money Essay In Hindi)


हमेशा से पैसा लोगो के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ रही है। अगर पैसा है, तो व्यक्ति के पास  घर, शौहरत, इज़्ज़त, ताकत सब कुछ है। जिसके पास पैसा नहीं, उसके पास कुछ नहीं है। आज के इस युग में पैसो से अधिक महत्वपूर्ण कोई चीज़ नहीं है।

आमतौर पर लोग भौतिक सुखो की तरफ ज़्यादा रूचि रखते है। उनका मानना है कि जिनके पास धन है, वह सबसे ज़्यादा ताकतवर इंसान है। अक्सर देखा गया है कि समाज उन लोगो की ज़्यादा इज़्ज़त करते है जिनके पास पैसा हो।

धनवान व्यक्ति एक इशारे पर सारे सुख सुविधाओं को खरीद सकता है। जब कि गरीब लोग दिन रात मेहनत करके मुश्किल से एक छत और दो वक़्त की रोटी जुटा पाते है। लोगो को हम अक्सर अपने दैनिक जीवन में कहते हुए सुनते है, पैसा ही सब कुछ है।

लोग अच्छी शिक्षा प्राप्त करके नौकरी अथवा व्यापार करते है। उनका लक्ष्य होता है, सफलता और ज़्यादा पैसे कमाना। माँ -बाप अपनी बेटी का विवाह किसी धनवान व्यक्ति के साथ करना चाहते है। उनकी सोच है की लड़की सारी उम्र खुश रहेगी और आरामदायक जीवन बिताएगी।

आजकल लोग ज़्यादा पैसा कमाने के लिए डॉक्टर, इंजीनियर और वकील इत्यादि बनने के लिए ज़्यादा तत्पर रहते है। अच्छा पैसा होगा तो अच्छा घर होगा, बड़ी गाड़ी और सुख सुविधा के अनगिनत साधन होंगे।

लोग पैसे वाले व्यक्ति का हर कार्य चुटकियों में कर देंगे और उन्हें सलाम करेंगे। अगर व्यक्ति के पास धन है तो अच्छे महंगे कपड़े पहन सकते है, अच्छी जगह और विदेशो में जाकर घूम सकते है और बड़े होटलो में खाना खा सकते है।

कलयुग में धन से बड़ी कोई शक्ति नहीं है। धन के कई प्रकार होते है, जैसे सोना, चांदी और महंगे पत्थर, जमीन, बड़ी फैक्ट्री, शेयर्स, बांड्स, कागज़ के नोट, इ मुद्रा इत्यादि। अगर मनुष्य के पास काफी धन है तो वह प्रत्येक भौतिक सुख भोग सकता है।

जिसका बैंक बैलेंस ज़्यादा है, वह निश्चिंत होकर अपनी ज़िन्दगी जीता है। आमतौर पर जिसके पास ज़्यादा धन होता है, वह ज़्यादा लालची होते है। उन्हें और अधिक धन कमाने की चाह होती है।

जिसके पास अधिक धन होता है, उसे समाज में सम्मान मिलता है। उनके बच्चे बड़े और महंगे स्कूलों में पढ़ते है। वे बड़े से बड़े अस्पताल में अपना इलाज़ करवा सकते है। इसी प्रकार धनवान व्यक्ति को ज़िन्दगी में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है।

उसे सभी प्रकार की सर्वश्रेष्ठ सुविधा प्राप्त हो जाती है। अगर व्यक्ति के पास धन है, तो वह प्रत्येक दिन स्वादिष्ट भोजन खा सकता है। पैसे होने के कारण मनुष्य दूध, दही, मछली, अंडे और हरी सब्ज़ियां इत्यादि अपने स्वास्थ्य अनुसार भोजन सेवन कर सकते है।

गरीब व्यक्ति के पास दो वक़्त की रोटी और दाल भी मुश्किल से नसीब होती है। उनके पास इतने पैसे नहीं होते, कि वह सभी प्रकार के भोजन खरीद सके। पैसे ना होने के कारण वह यह संतुलित आहार नहीं खाते है और कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाते है।

देश में इतनी असामनता क्यों है? किसी के पास भोजन नहीं होता और किसी के पास इतना भोजन होता है कि वह फेंक देता है। यह विडंबना समाज की है और इस असमानता को मिटाना आवश्यक है।

अगर व्यक्ति के पास धन है, तो वह संसार के बेहतरीन सुख सुविधाओं को खरीदने की क्षमता रखता है। पैसे वाले व्यक्ति के घर पर फ़ोन, टीवी, फ्रीज, महंगे सोफे, गाड़ी इत्यादि होते है। गरीबो के पास इतने पैसे नहीं होते है, कि इन सुख सुविधाओं से भरपूर साधनो को खरीद सके।

उनके लिए यह सारे चीज़ों को पाना सिर्फ कल्पना मात्र रह गया है। गरीबो के जीवन में सिर्फ धक्के खाने लिखे है। जो भी उन्हें पैसा मिलता है, वह इतना कम होता है कि बहुत मुश्किल से वह अपना और परिवार का गुजारा कर पाते है।

गरीब लोगो को पैसे की कमी की वजह से छोटे झुग्गियों में रहने को विवश होना पड़ता है। उन्हें साफ़ पानी और पौष्टिक आहार प्राप्त करने के लिए कड़ी परिश्रम करनी पड़ती है। एक धनवान व्यक्ति के पास कई मकान होते है और इतना पैसा होता है कि वह किस पर खर्च करे उन्हें समझ नहीं आता है।

पर्याप्त मात्रा में धन होने पर व्यक्ति अपना उधार आराम से चूका सकता है। गरीब किसान अगर समय पर उधार ना चुका पाए तो उसे उसका खेत और घर छीन लिया जाता है। अगर किसी के पास पर्याप्त पैसा है, तो वह बैंक में विभिन्न प्रकार के निवेश कर सकता है।

अपना और अपने परिवार का जीवन सुखमय और सुरक्षित बना सकता है। आजकल कुछ लोग जब सही तरीके से धन नहीं बना पाते है, तब वे गलत चीज़ो का सहारा लेते है। लोग पैसे कमाने के लिए अनैतिक कार्य जैसे चोरी, लूटपाट, डैकती जैसे अपराध करते है और जब पकड़े जाते है, तो उन्हें जेल की सजा मिलती है।

पैसा ज़िन्दगी में इतना अधिक महत्वपूर्ण होता है, कि लोग जमीन जायदाद पाने के लिए अपनों को नुकसान पहुंचाने में पीछे नहीं हटते है। कुछ लोग जायदाद के लिए अपने भाई तक की हत्या कर देते है, जो बेहद निंदनीय है।

क्या धन इतना अहम हो गया है? अत्याधिक धन पाने की चाह ने लोगो को सही गलत में फर्क करना भूला दिया है। आजकल की यही विडंबना है कि लोग अपनों से ज़्यादा पैसे को अधिक महत्व देते है।

समाज में इतने सारे अपराधो का कारण धन है। धन पाने की लालच मनुष्य को हिंसक बना देता है। आजकल के भ्र्ष्ट नेता पैसे पाने के लालच में भोली भाली जनता को बेवक़ूफ़ बनाते  है। हमारे देश में भ्र्ष्टाचार हर क्षेत्र में व्याप्त है।

सरकारी अधिकारी और कुछ लालची कर्मचारी धन प्राप्ति के लिए अनैतिक चीज़ो का इस्तेमाल करते है। वह सार्वजनिक चीज़ो के हित में जनता के इकट्ठे किये हुए पैसो और सरकारी धन में घोटाला करते है।

आजकल धनवान व्यापारी मज़दूरों से रोज़ाना ज़रूरत से अधिक कार्य करवाते है। बदले में मज़दूरों को काफी कम पारिश्रमिक दिया जाता है। गरीब मज़दूरों का दैनिक शोषण करके, धनी व्यापारी अपनी जेब गर्म करते है।

गरीबो और ज़रूरमंदो के पैसे छीनकर, धनवान लोग उसे अपने  तिजोरी में भरते है। गरीब लोग ऐसे कम मज़दूरी पर मुश्किल से गुजारा कर पाते है। धन कमाने के लिए अमीर लोग इतना नीचे गिर गए है।

लड़के वाले विवाह के लिए लड़की वालो को दहेज़ देने के लिए दबाव बनाते है। दहेज़ लेना और देना दोनों अपराध है। बुरा तो यह लगता है की शिक्षित लोग ऐसा कार्य करते है। उनका मकसद है, धन कमाना ताकि वह आराम से अपनी ज़िन्दगी गुजार सके।

धन प्राप्ति के लिए कई स्वार्थी और लालची लोग, नशीले पदार्थों  की बिक्री करते है। ऐसे स्वार्थी लोग समाज में युवाओ को ऐसे गलत पदार्थों का सेवन करने के लिए उकसाते है। अधिक धन पाने के लिए कई डॉक्टर अपने पेशे से गद्दारी करते है।

वह अपने मरीज़ो को अलग से कई सारे रक्त परिक्षण के टेस्ट लिखकर देते है, जिसकी ज़रूरत नहीं होती। इससे डॉक्टरों को कमिशन मिलता है। ऐसे गलत चीज़ो को रोकने का वक़्त आ गया है।

कई कंपनियां अपना मुनाफा कमाने के लिए खाद्य पदार्थों में मिलावट करते है। कई व्यापारी आपातकालीन स्थिति में कालाबाज़ारी करते है। कई व्यापारी अनाज को अधिक मात्रा में खरीदकर जमा कर लेते है। संकटकालीन स्थिति में उस अनाज को दुगुने और तिगुने दामों में बेचते है।

लोग अपने पदोन्नति यानी दफ्तर में ऊंचा पद पाने के लिए रिश्वत जैसे चीज़ो का सहारा लेते है। लोगो को जब अपने अनुसार पैसे कमाने का जरिया नहीं मिलता है, तो वह हत्याएं, मानव तस्करी जैसे अपराधों में संलग्न हो जाते है।

कुछ लोग रातो रात अमीर होने के लिए अपहरण जैसे संगीन जुर्म करते है। धन के लालच में लोग बैंक लूटते है, जिसमे आम जनताओ की जमा पूंजी लूट जाती है। कुछ राज्यों में गरीब  और ज़रूरत मंद लोग धन प्राप्त करने के लिए, कम उम्र से आंतकी गतिविधियों में अपने जीवन को झोंक देते है।

बहुत से घरो में धन की कमी के कारण आपसी तनाव और झगड़े होते है। पर्याप्त धन ना होने के कारण रिश्तों में काफी समस्याएं आती है। अगर बेटा रोजगार करने में असमर्थ रहा, तो माता -पिता उसकी इज़्ज़त नहीं करते है।

अगर व्यक्ति के पास नौकरी नहीं है और पैसा कमाने का कोई जरिया नहीं है, तो समाज उसकी इज़्ज़त नहीं करता है। लोग बेरोजगार व्यक्ति की इज़्ज़त नहीं करते है और उससे दूरी बनाये रखते है कि कहीं वह लोगो से उधार ना मांग ले। समाज का दस्तूर है कि वह हमेशा पैसे वालों की इज़्ज़त करता है।

लेकिन क्या ज़िन्दगी की हर ख़ुशी पैसा खरीद सकता है? पैसा किसी मरे हुए व्यक्ति को जिन्दा नहीं कर सकता है। पैसो से हम सुख सुविधा के साधन खरीद सकते है, मगर सम्मान नहीं। हम भावनाओ को पैसो से खरीद नहीं सकते है।

पैसो से मनुष्य जिंदगी में सब कुछ खरीद सकते है। पैसो से स्नेह और प्रेम को खरीदा नहीं जा सकता है। हमे पैसो को अनावशयक चीज़ें खरीदने में बर्बाद नहीं करना चाहिए। इंसान को एक समृद्ध जीवन यापन करने के लिए पैसा और प्रेम दोनों की ज़रूरत है।

देश में दिन प्रतिदिन पैसे की चाह बढ़ रही है। कारण है, आसमान तक छूती हुयी महंगाई। मनुष्य की अनेक प्रकार की बुनियादी आवश्यकताओं में धन सबसे ऊपर है। आजकल देश की सरकार ने गरीबो की स्थिति को सुधारने के लिए, कई प्रकार की योजनाएं शुरू की है।

गरीबो को उनका पर्याप्त भोजन मिले और निशुल्क शिक्षा मिले। ताकि भविष्य में उनके बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रोज़गार कर सके। अगर किसी व्यक्ति ने अपने ज़िन्दगी में असंख्य क्षेत्रों में सफलता प्राप्त की है, फिर भी उसके पास इतना पैसा नहीं है। तो समाज उसकी कोई ख़ास इज़्ज़त नहीं करता है।

अगर व्यक्ति के पास सफलता के साथ धन है, समाज में उसकी इज़्ज़त कई गुना बढ़ जाती है। जिस व्यक्ति के पास पैसा है, तो वो दिवाली को अत्यधिक रोशन कर सकता है। महंगे कपड़ें, मिठाईयां और  पठाखे खरीद सकता है।

एक गरीब व्यक्ति सिर्फ दूसरो के घरो की दिवाली देखता रह जाता है। समाज में पैसो के कारण जो वर्गों में असमानता है, वह दूर होनी चाहिए। लोगो में अक्सर धन की कमी की वजह से आर्थिक तनाव देखा जा सकता है।

धन की कमी और क़र्ज़ में डूबे होने के कारण, लोग आत्महत्या जैसे गलत कदम उठा लेते है, जो बेहद गलत है। धन जहां जीवन बनाता है, वहां धन मनुष्य को अपना सब कुछ खो देने पर मज़बूर कर देता है।

मनुष्य अपने महत्वकांक्षाओ में अँधा हो गया है, उसे लगता है धन से वह सारे सुखो को खरीद सकता है। जो सही है, लेकिन मन की शान्ति, संतुष्टि, प्रसन्नता धन नहीं खरीद सकता है। जो लोग आलसी होते है और जीवन में परिश्रम से कोसो दूर रहते है, वह धन प्राप्त के लिए अनैतिक काम करने लगते है।

ऐसे काम मनुष्य को हरगिज़ नहीं करना चाहिए। अगर मनुष्य के पास अधिक धन है, तो उसे गरीबो और ज़रूरत मंद लोगो में बाटना चाहिए। सरकार ने अवैध रूप से धन कमाने वाले लोगो पर अंकुश लगाने के लिए नोटबंदी जैसे मार्ग अपनाये थे, जिनसे काले धन कमाने वाले को रोका जा सके।

पैसो के बल पर एक संपन्न व्यक्ति अनेक चीज़ें खरीद सकता है। गरीब सिर्फ उसकी कल्पना कर सकते है। कई लोग अत्यधिक पैसे कमाने के चक्कर में अपनों को भूलते जा रहे है। वह हर चीज़ में फायदा और नुकसान देखते है, जो की गलत है।

इस प्रतिस्पर्धा वाले माहौल में लोग अपने आपको बेहतर साबित करने के लिए अपने पास धन दौलत रखना ज़रूरी समझते है। लेकिन सिर्फ धन सब कुछ नहीं होता है। अगर परिवार और उनके सदस्यों का प्यार है, तो ही जीवन खूबसूरत होता है।

निष्कर्ष

हर व्यक्ति इस संसार में अपने ज़रूरतों को पूरा करने के लिए धन कमाना चाहता है। कुछ लोग सही दिशा में कमाते है। कुछ लोग कम समय में अमीर बनाना चाहते है और भ्र्ष्ट उपायों से पैसे कमाते है।

गलत तरीके से धन कमाना गलत है। पैसा एक लेन देन का माध्यम है। किसी के पास कम, किसी के पास ज़्यादा। मनुष्य को अपने जीवन में संतुष्टि के लिए सिर्फ पैसा नहीं, लोगो का प्यार और सम्म्मान कमाना भी ज़रूरी है। अत्याधिक पैसे से मनुष्य की बुद्धि भ्र्ष्ट हो सकती है। मनुष्य को सोच समझ कर पैसे खर्च करने चाहिए।

जब मनुष्य को गंभीर बीमारी होती है, तो पैसो की मदद से वह अच्छी चिकित्सा और महंगी दवाई खरीद सकता है। पैसा होने पर इंसान स्वस्थ रह सकता है। पैसा हमे बेहतर इंसान नहीं बनाता है। पैसा हमे बेहतर जीवन दे सकता है, परन्तु हमारे कर्म, मेहनत और हमारे इरादे हमे बेहतर इंसान बनाते है।


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