इंद्रधनुष पर निबंध (Rainbow Essay In Hindi)

आज हम इंद्रधनुष पर निबंध (Essay On Rainbow In Hindi) लिखेंगे। इंद्रधनुष पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

इंद्रधनुष पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Rainbow In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

इंद्रधनुष पर निबंध (Rainbow Essay In Hindi)


प्रस्तावना

प्रकृति की सुंदरता के अनेक रूप होते है और उन सुंदरताओं में से एक रंगबिरंगा इंद्रधनुष है। इंद्रधनुष को तो हर किसी ने कभी ना कभी देखा ही होगा, जो अक्सर हमें बरसात के मौसम में आसमान में स्पष्ट दिखायी देता है। इंद्रधनुष सात रंगों का बना हुआ होता है।

इंद्रधनुष वर्षा ऋतु के बाद आसमान मे दिखाई देता है। इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं, जिसमे लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, भूरा और जामुनी रंग आदि शामिल है। ये सभी रंग सूर्य की किरणों के कारण हमे दिखाई देते हैं। वर्षा ऋतु में सूर्य की किरणें बादलों पर तिरछी पड़ती हैं। तब ये रंग पट्टे के रूप में आसमान में बिखरे हुये दिखायी देते हैं। इस पट्टे का आकार इंद्रधनुष जैसा ही होता है।

वर्षा के देवता इंद्र माने जाते हैं, इसलिए सात रंग के इस पट्टे कोइंद्रधनुषकहते हैं। यह देखने में बहुत ही सुंदर दिखायी देता है। इंद्रधनुष सात रंगो से मिलकर बना होता है कुछ लोगों का मानना है कि जब बारिश के बाद इंद्रधनुष दिखाई देता है, तो उसके पश्चात बारिश नहीं होती है।

इंद्रधनुष कैसे बनता है?

इंद्रधनुष बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक हैं सूर्य का प्रकाश और दूसरा है वातावरण में मौजूद पानी के कण। इन दोनों के होने से ही इंद्रधनुष बनता है। जब भी बारिश होती है, तब पानी के छोटे छोटे कण वातावरण/हवा में रह जाते हैं और फिर यही कण एक प्राकृतिक प्रिज्म की तरह कार्य करते हैं।

दरअसल जब भी सूर्य का प्रकाश (जो कि हमे सफ़ेद रंग का दिखाई पड़ता है) इन छोटेछोटे पानी के कणों से होकर गुजरता है, तो ये कण उसे अलगअलग रंगों में विभक्त कर देते है। इसके बाद यही अलगअलग रंग हमे इंद्रधनुष के रूप में आसामन मे दिखायी देते है।

इंद्रधनुष के प्रकार

इंद्रधनुष दो प्रकार के होते हैं। पहलाप्राथमिक इंद्रधनुष और दूसराद्वितीयक इंद्रधनुष। यदि कभी एक साथ आप दो इंद्रधनुष देखते हैं, तो ध्यान देने पर पता चलेगा कि इन दोनों इंद्रधनुष के रंगों के क्रम में काफ़ी अंतर है। दोनों के ही रंगों के क्रम एक दूसरे से विपरीत होंते है

इसे आप ऐसे समझिये की एक इंद्रधनुष में सबसे ऊपर लाल रंग होगा है और सबसे नीचे बैंगनी रंग होगा। तो दूसरे इंद्रधनुष में आप लाल रंग को सबसे नीचे और बैगनी रंग को सबसे ऊपर देखते है।

सात रंगों का महत्व

ऐसा माना जाता है कि हमारे आसपास जितने भी रंग होते है, उन सभी रंगों का कोई ना कोई अलग महत्व होता ही है और यह हमारे ही जीवन से जुड़े होते हैं। कहा जाता है की इससे हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है। क्योंकि यह हमें नई दिशा तथा नई ऊर्जा प्रदान करते हैं।

हम सभी देखते आये है कि बारिश के मौसम से पहले घने बादल छा जाते हैं, या फिर बरसात रिमझिम प्रकृति की होती है और धूप भी निकलती है। ऐसे समय हमें इंद्रधनुष दिखाई देता है। इंद्रधनुष सात रंगों से मिलकर बना होता है और इंद्रधनुष के इन सात रंगों का अलगअलग महत्व होता है। 

बैंगनी रंग

बैंगनी रंग इंद्रधनुष में देखने पर सबसे ऊपर की ओर दिखाई देता है। जिसे एक सब्जी के नाम पर रखा गया है और उस सब्जी का नाम बैंगन है। बैंगनी रंग हर्ष, उल्लास, लग्जरी आनंद इन सभी चीजों को प्रदर्शित करने वाला रंग होता है।

जामुनी रंग

दूसरे नंबर पर इंद्रधनुष में जामुनी रंग दिखाई देता है, जो जामुन के समान गहरा नीला होता है। इस रंग से हमें हमेशा ऊंचा उठने के लिए और निडर होकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलती है।

नीला रंग

आसमान का रंग और समुंद्र का रंग नीला होता है, जो इंद्रधनुष के तीसरे नंबर पर दिखायी देता है।नीला रंग हमें शांति से और ठंडे दिमाग से सोचने तथा कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। इसके साथ ही यह रंग हमें नम्रता दर्शाने के लिए भी प्रेरित करता है।

हरा रंग

हरा रंग इंद्रधनुष में चौथे नंबर पर दिखायी देता है। जिस तरह से इसका नाम है, उसी तरह से यह रंग प्रतीत भी होता है। हरा रंग हरियाली, संपन्नता और पृथ्वी के हरियाली रूपी हरि चुनरी को दर्शाता है। हरा रंग हमेशा खिलखिलाते रहने और हमेशा हरे भरे रहने की प्रेरणा देता है।

पीला रंग

इंद्रधनुष का पांचवा रंग पीला रंग होता है। यह रंग सूरज में पाया जाता है। इस रंग से हमें ऊर्जावान और हमेशा अच्छे कार्य करने की प्रेरणा मिलती है तथा यह रंग हमारी क्षमता और बुद्धि को भी दर्शाता है।

नारंगी रंग

नारंगी रंग इंद्रधनुष का छटवाँ रंग होता है। इस रंग को हमेशा अच्छी सोच और आशा का प्रतीक माना जाता है। इस रंग से हमें यह ज्ञान मिलता है कि हर रात के बाद सुबह जरूर होती है। इस रंग का मतलब होता है की निराशा के बाद आशा जरूर होती है।

लाल रंग

इंद्रधनुष का अंतिम रंग लाल होता है। लाल रंग हमेशा त्याग, बलिदान, सफलता, उत्साह, भक्ति, सौभाग्य इन राह पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

निष्कर्ष

भगवान इंद्र के धनुष को इंद्रधनुष कहते है। हिंदू धर्म के अनुसार भगवान इंद्र को बारिश का देवता माना जाता है और लोग उनकी पूजा भी करते है। सभी को बारिश बहुत ही प्रिय लगती है। बारिश होने के पश्चात इंद्रधनुष आसमान में दिखायी देता है।

इंद्रधनुष आकार में बहुत ही बड़ा होता है और इसमें सात रंग बहुत ही सुंदर तरीके से सजे हुए होते हैं, जो बहुत ही आकर्षित लगते हैं। इंद्रधनुष सबको अपनी तरफ आकर्षित करता हैं। यह धरती के एक कोने से शुरू होकर आधे गोले के आकार में धरती के दूसरी तरफ जाते है और वहीं पर खत्म हो जाते है।


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तो यह था इंद्रधनुष पर निबंध, आशा करता हूं कि इंद्रधनुष पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Rainbow) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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