नारियल के पेड़ पर निबंध (Coconut Tree Essay In Hindi)

आज के इस लेख में हम नारियल के पेड़ पर निबंध (Essay On Coconut Tree In Hindi) लिखेंगे। नारियल के पेड़ पर लिखा यह निबंध बच्चो और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

नारियल के पेड़ पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Coconut Tree In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


नारियल के पेड़ पर निबंध (Coconut Tree Essay In Hindi)


भूमिका

नारियल जिसे अंग्रेजी में कोकोनट कहा जाता है, यह फल सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में पाया जाता है। आज से नहीं बल्कि इस फल का महत्व पुराने समय से ही चलता आ रहा है। खास तौर पर हिन्दू धर्म में तो इसकी महत्ता अत्यधिक रही है।

नारियल एक पाम प्रजाति का बहुत ऊंचा पेड़ होता है। इसका वैज्ञानिक नाम कोकस न्युशिफेरा है। नारियल के पेड़ों की आयु करीब 100 साल की होती है और इसकी ऊंचाई 20 से 30 मीटर तक होती है। पर कुछ ऐसी भी प्रजातियां होती हैं जो बौनी होती हैं, इनकी ऊंचाई 10 से लेकर 15 फीट तक होती है।

नारियल के पेड़ का तना काफी मजबूत व कठोर होता है, लेकिन उसके साथ ही लचीला भी होता है। नारियल के पेड़ अधिकतर समुद्र के किनारों पर पाए जाते हैं। ये पेड़ पूरी दुनिया में पाए जाते हैं। भारत में केरल, मद्रास तथा आंध्र प्रदेश में इनका उत्पादन बहुत अधिक होता है। जिसमें से करीब 1. 5 करोड़ नारियल के पेड़ तो सिर्फ केरल में ही हैं।

नारियल के पेड़ों को अधिकतर गर्म तथा सम शीतोष्ण जलवायु में उगाया जाता है। ये पेड़ अत्यधिक लंबा और शाखाओं से रहित होता है। नारियल की कई किस्में होती है। कुछ तरह की किस्मों में 5 साल के बाद फल लग जाते हैं और कुछ ऐसी भी किस्में होती हैं जिनमें 15 साल बाद फल लगते हैं।

वैसे तो ये पूरे वर्ष फल देने वाला पेड़ है, लेकिन मार्च महीने से लेकर जुलाई के महीने के बीच इसमें ज्यादा फल उगते हैं और फिर 1 साल में ये नारियल के फल पूरी तरह से पक भी जाते हैं।

नारियल के पेड़ प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाते हैं। सारी दुनिया में इसका सबसे अधिक उत्पादन इंडोनेशिया में होता है और भारत का स्थान नारियल उत्पादन में विश्व में तीसरा है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

नारियल को श्रीफल और कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। प्राचीन काल से ही इनका बहुत महत्व रहा है। हिन्दू धर्म में ऐसी भी मान्यता है कि नारियल का निर्माण ऋषि विश्वामित्र ने किया था। भारतीय धर्म और संस्कृति में ये पेड़ अतिमहत्वपूर्ण होता है।

हर शुभ कार्य में नारियल सर्वप्रथम रखा जाता है और हिंदूधर्म में तो कोई भी शुभ काम हो, या फिर घर में या व्यापार में किसी नई वस्तु या व्यक्ति का आगमन हो, तब भी सबसे पहले नारियल ही फोड़ा जाता है, क्योंकि यह बहुत पवित्र माना जाता है।

नारियल फोड़ने के बारे में एक और मान्यता ये भी है कि नारियल फोड़ने से इंसान का घमंड भी टूट जाता है। उसके ऊपर स्थित कठोर घमंड की परत टूटकर वह नर्मदिल का इंसान बन जाता हैं। इसे भगवान शिव जी का प्रतीक भी मानते हैं, इसमें 3 छेद होते हैं जिन्हे शिव जी के 3 नेत्र और इसके रेशों को शिवजी की जटाएं माना जाता है।

नारियल के फल के फायदे

नारियल में विटामिन बी और मिनरल काफी मात्रा में होता है। साथ ही इसमें विटामिन, पोटैशियम, कैल्शियम तथा फाइबर भी होता है। इसे जीवनदाई पेड़ भी कहते हैं। नारियल के पानी में सारे पोषक तत्व विद्यमान होते हैं। इसमें कैलोरी भी होती है लेकिन यह सरलता से पच जाता है।

नारियल से शरीर में ताकत आती है और इसका पानी पीने से भी शरीर में ग्लूकोज की आपूर्ति होती है। इसके बहुत से फायदे होते हैं। नारियल में काफी अधिक एंटी बैक्टिरियल और एंटी पैरासाइट गुण पाए जाते हैं। जिससे शरीर संक्रमण से दूर रहता है तथा बीमारियों से लडने की क्षमता भी बढ़ती है।

नारियल पानी में फाइबर अधिक होता है, जिससे ऊर्जा के साथ शरीर से अनावश्यक फैट कम होता है। नारियल खाने से उल्टी और जी मिचलाने की समस्या भी कम होती है। ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

जब वज़न घटाने की बात करें तो नारियल से अच्छा विकल्प क्या होगा? क्योंकि ये शरीर को भरपूर ऊर्जा तो देता ही है, साथ ही इससे भूख का आभास भी कम होता है।

ये ब्लड से कोलेस्ट्रॉल को घटाता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है। अगर रोज नारियल खाया जाए तो हड्डियां और दांत भी मजबूत हो जाते हैं, साथ ही पाचन से जुड़ी परेशानियां भी खत्म हो जाती हैं।

नारियल के पेड़ के उपयोग

नारियल का पेड़ इतना फायदेमंद होता है कि इसके पेड़ का हर भाग उपयोगी होता है। इसके पेड़ की लकड़ी का उपयोग कई प्रकार के फर्नीचर, नावें, कागज़, मकान आदि बनाने में होता है। इसके पत्तों का उपयोग छतों को ढकने के लिए किया जाता है।

नारियल का तेल खाना बनाने में उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही इस तेल को त्वचा पर लगाया जाता है, क्योंकि ये त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाता है और बहुत से त्वचा के रोग भी इससे ठीक हो जाते हैं। इसका तेल बालों में लगाने से बाल लंबे, काले और घने होते हैं साथ ही जड़ों को भी मजबूती मिलती है।

नारियल का पानी पीने से स्फूर्ति आती है, शरीर तरोताजा हो जाता है। नारियल के पेड़ की जड़ों का प्रयोग डाई बनाने में होता है। नारीयल के पेड़ से कई सारी चीज़ें बनाई जाती हैं। इससे चटाई, बॉक्स, दरी, झाड़ू वगैरह भी बनाए जाते हैं। नारियल से स्वादिष्ट चटनी बनती है, इससे लड्डू और मिठाइयां भी बनाई जाती है।

इसके साथ ही नारियल का उपयोग कई प्रकार के स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ बनाने में होता है। इस पेड़ का प्रयोग टूथब्रश बनाने में और माउथ फ्रेशनर बनाने के लिए भी होता है। इसके रेशों से मजबूत रस्सियां बनाई जाती है। ये बहुत से लोगों के लिए रोजगार का साधन है।

इसे खाने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और त्वचा निखर जाती है। सुखा नारियल खाने से दिमाग तेज होता है। इससे एनीमिया की बीमारी और आयरन की कमी भी दूर होती है।

निष्कर्ष

नारियल के पेड़ मनुष्यों के लिए अति लाभकारी है। ये अत्यंत पवित्र तथा शुभ पेड़ माना गया है। ये कई लोगों के रोजगार का साधन भी है। इसके हर किसी भाग का प्रयोग कर विभिन्न चीजें बनाई जाती हैं, अतः इसे पेड़ों का राजा कहना भी उपयुक्त होगा।


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तो यह था नारियल के पेड़ पर निबंध, आशा करता हूं कि नारियल के पेड़ पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Coconut Tree) और नारियल के पेड़ के उपयोग (Essay On Uses Of Coconut Tree In Hindi) पर लिखा निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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