बरगद के पेड़ पर निबंध (Banyan Tree Essay In Hindi)

आज हम बरगद के पेड़ पर निबंध (Essay On Banyan Tree In Hindi) लिखेंगे। बरगद के पेड़ पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

बरगद के पेड़ पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Banyan Tree In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


बरगद के पेड़ पर निबंध (Banyan Tree Essay In Hindi)


प्रस्तावना

हमारे देश में पेड़-पौधों का विशेष महत्व होता है और यहां पर कुछ मुख्य पेड़ पौधों की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इन पेड़ों में भगवान वास करते हैं और इसी वजह से ही प्राचीन परंपराओं के अनुसार कुछ वृक्षों की पूजा की जाती है। इन मुख्य वृक्षों में बरगद का पेड़ शामिल हैं, जो निश्चित रूप से ही सबके लिए फायदेमंद है।

बरगद के पेड़ के अन्य नाम

सामान्य रूप से इसे बरगद कहा जाता है, लेकिन इसे वट या वढ़ कह कर भी पुकारा जाता है। साथ ही साथ इसे बोर, नया ग्रोथ, बटनाम, बहूपाड़ा भी कहा जाता है।

बरगद का पेड़ कैसा होता है?

बरगद के पेड़ को आपने कई बार देखा होगा, जो एक विशाल वृक्ष के रूप में हमारे समक्ष होता है। इसका तना भी कुछ सीधा होता है और कठोर भी होता है, जिसमें से कई प्रकार की शाखाएं निकली होती हैं।

बरगद के पेड़ की जड़े इतनी लंबी होती हैं कि यह धरती मैं काफी अंदर तक पहुंच जाती है, जिससे यह जानना मुश्किल होता है कि आखिर बरगद की जड़ कितनी अंदर तक चली गई है। बरगद के पेड़ में छोटा फल पाया जाता है, जो लाल रंग का होता है और जिसके अंदर बीज प्राप्त होते हैं।

बरगद के पेड़ की पत्तियां हरे रंग की होती हैं, जो थोड़ी चौड़ी होती हैं और कभी-कभी यह अंडाकार प्रतीत होती हैं। यह पेड़ स्थलीय द्विबीजपत्री होता है, जिसकी ऊंचाई 20 से 25 मीटर होती है।

बरगद के पेड़ का वैज्ञानिक वर्गीकरण

  • जगतपादप
  • विभागMagnoliophyta
  • वर्गMagnoliopsida
  • गणUrticales
  • कूलMoraceae
  • वंशFicus
  • उप वंश Urostigma

भारत का राष्ट्रीय वृक्ष

भारत के बहुत सारे राष्ट्रीय संकेत है, जिनमें से राष्ट्रीय वृक्ष के रूप में बरगद का पेड़ माना जाता है। इसे राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा सन 1950 में दिया गया था।

बरगद के वृक्ष की आयु

एक बरगद का पेड़ कम से कम 200 से 300 साल तक जीवित रह सकता है, जो पर्यावरण को आक्सीजन देने का भी कार्य करता हैं।

बरगद के पेड़ से संबंधित रोचक तथ्य

1) बरगद का सबसे पुराना पेड़ कोलकाता में पाया गया, जिसे “ग्रेट बरगद” के नाम से जाना जाता है और इसे लगभग ढाई सौ साल से भी ज्यादा पुराना माना गया है।

2) ऐसा बरगद का पेड़ बेंगलुरु में प्राप्त हुआ है, जो लगभग 2 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है।

3) कई जगहों पर बरगद के पेड़ की लकड़ी और छालो का उपयोग कागज बनाने के लिए किया जाता है।

बरगद की प्राप्ति

बरगद का पेड़ भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, बर्मा और म्यांमार के उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।

बरगद के फल में पाए जाने वाले पोषक तत्व

बरगद के फल में अधिक मात्रा में कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन B1, विटामिन B3 पाया जाता है। साथ ही साथ इन की पत्तियों में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है। बरगद में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं।

बरगद के पेड़ के फायदे

आज तक हमने कई सारे फायदे पढ़े हैं, जो बरगद के पेड़ से संबंधित होते हैं। ऐसे में हम भी आपको बरगद के कुछ स्वास्थ्यवर्धक फायदे बताएंगे जो आपके लिए लाभप्रद साबित होंगे।

1) दांतों के लिए हैं फायदे 

अगर आप बरगद की जड़ को मंजन के रूप में इस्तेमाल करते हैं, तो निश्चित रूप से ही इसके एंटी बैक्टीरियल गुण के चलते आप के दांत चमकदार और मजबूत हो जाते हैं। साथ ही आपको दांतो से जुडी कोई भी समस्या नहीं होती।

2) जोड़ों के दर्द के लिए फायदेमंद 

ऐसा माना जाता है कि बरगद की पत्तियों में क्लोरोफॉर्म, ब्यूटेनऑल और जल की बहुत अधिक मात्रा होती है। साथ ही साथ इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में फायदेमंद होते हैं।

3) मुहांसों को दूर करने में फायदेमंद 

अगर आप बरगद की कोमल जड़ों को पीसकर उसे नियमित रूप से अपने मुंहासों में लगाएं, तो इससे भी फायदा होता है और आपके मुहासे जल्दी ठीक हो सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि जड़ों में त्वचा संबंधी विकारों को दूर करने की शक्ति होती है, जो बहुत ही ज्यादा कारगर होती है।

4) बालों को बनाएं स्वस्थ 

भाग दौड़ भरी जिंदगी में हमारे बालों को बहुत प्रकार से नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में अगर आप बरगद की छाल और पत्तियों को मिलाकर एक लेप तैयार कर लें और उस लेप को अपने बालों में लगाएं और 15 मिनट के बाद उसे धो दें, तो ऐसा करने से आपके बाल चमकदार और स्वस्थ होते हैं।

5) इसकी औषधि है फायदेमंद 

बरगद के पेड़ के छाल और पत्तियों को मिलाकर कई प्रकार की औषधियां बनाई जाती हैं। जिनका उपयोग दूध के साथ किया जाता है। बरगद के पेड़ से बनी हुई औषधियों को मुख्य रूप से बवासीर, दस्त में फायदेमंद माना जाता है।

6) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में है सहायक 

बरगद के पेड़ के फल में असंतृप्त वसा कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए अच्छा माना जाता है। इसका उपयोग करने से कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है और खुद के स्वास्थ्य को सही रखा जा सकता है।

7) वजन को रखे नियंत्रित 

अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो बरगद के पेड़ के फलों का रस बिना दूध और चीनी के पी सकते हैं। इससे बहुत ही जल्द आपका वजन नियंत्रित हो जाएगा।

बरगद के पेड़ का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में बरगद के पेड़ का विशेष महत्व माना जाता है, जहां पर महिलाएं इस पेड़ पर धागा बांधकर अपनी मन्नतें मांगती हैं और मन्नत पूरी होने पर उस धागे को खोलने भी जाती है। माना जाता है कि बरगद के पेड़ में देवी-देवताओं का वास है और इसीलिए यहां पर शाम के समय दिया जलाया जाता है और पूजा की जाती है।

महिलाओं द्वारा इस पेड़ के माध्यम से वट सावित्री व्रत किया जाता है और अपने पति की लंबी आयु की कामना की जाती है।

माना जाता है इम्यूनिटी बूस्टर

बरगद के पेड़ को इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में माना जाता है, क्योंकि इसका फल हमेशा हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत करता है। इसके माध्यम से हम कई बीमारियों से बच सकते हैं और सर्दी-जुकाम, फ्लू जैसे साधारण बीमारियों से दूर रह सकते है।

बरगद का तना और पत्ती बहुत ही फायदेमंद होते है और इसका सेवन किया जाए तो निश्चित रूप से ही इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है।

गर्मियों में राहगीरों के लिए बने सहारा

गर्मियों के मौसम में बहुत तेज धूप होती है और इस वजह से रास्ते में आने जाने वालों को बहुत दिक्कत होती है। ऐसे में राहगीर आते जाते समय बरगद की छांव में खड़े हो जाते हैं और खुद को तरोताजा महसूस करवाते हैं।

तेज धूप की किरणें बरगद की छाल और पत्तियों की वजह से धरती पर नहीं आ पाती, जिससे बरगद के पेड़ गर्मियों में बहुत ही फायदेमंद साबित होते हैं।

पुराणों में मुख्य चार बरगद के पेड़ का जिक्र

हमारे मुख्य पुराणों में बरगद के चार प्रमुख पेड़ों का जिक्र किया गया है, जो कुछ इस प्रकार है।

  • ग्रिध वट, जो उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में शूकर क्षेत्र में हैं।
  • सिद्धवट, जो मध्य प्रदेश के उज्जैन में हैं।
  • वंशीवट, जो भगवान श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन में है।
  • अक्षय वट, जो प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में है।

उपसंहार

इस प्रकार से हमने जाना कि बरगद का पेड़ हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसके माध्यम से हम अपनी शारीरिक समस्याओं को दूर कर सकते हैं और अगर आप इसे घर में लगाते हैं तो इससे भी आपको फायदा हो सकता है। बरगद के पेड़ के कई फायदे होने के साथ ही इसका धार्मिक महत्व भी अधिक है।


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तो यह था बरगद के पेड़ पर निबंध (Banyan Tree Essay In Hindi), आशा करता हूं कि बरगद के पेड़ पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Banyan Tree) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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