स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध (Freedom Fighters Essay In Hindi)

आज हम स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध (Essay On Freedom Fighters In Hindi) लिखेंगे। स्वतंत्रता सेनानियों पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

स्वतंत्रता सेनानियों पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Freedom Fighters In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध (Indian Freedom Fighters Essay In Hindi)


प्रस्तावना

स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों तक की बलि दे दी, उनको अपने देश से प्रेम था। उन्होंने अपने घर परिवार की चिंता करे बगैर अपना सब कुछ देश को आजाद कराने में न्योछावर कर दिया। न जाने कितने स्वतंत्रता सेनानियो ने देश के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। क्युकी देशभक्ति इनमे कूट कूट कर भरी थी।

देश को आजाद कराने के लिए जो महान बलिदान स्वतंत्रता सेनानियों ने दिया, उसकी कल्पना किए जाने से हमारी रूह कांप जाती है। वे न जाने कितने दर्द और कठिनाइयों से गुजरे होगे। उनके लंबे संघर्ष के परिणामस्वरूप आज हमारे देश में शांति स्थापित की जा सकी है।

इनके दिए गए बलिदान को हम कभीं नही चुका सकते है। देश गुलामी की जंजीर से इस कदर जकड़ा हुआ था, कि बिना कारण के भी बेकसूर लोगो को जेल में डाल दिया जाता था। कुछ समय के लिए सोच कर देखिए, अगर आपके साथ कुछ ऐसा घटित होता तो कैसा लगता।

स्वतंत्रता सेनानियों का देश को आजादी दिलाने में महत्व

स्वतंत्रता सेनानियो के महत्त्व को बताने की आवश्यकता मुझे बिल्कुल नही लगती है। क्योंकि इनका नाम इतिहास के पन्नो पर स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया गया है। देश को आजाद कराने में इनके दिए गए योगदान को याद करने के लिए हम स्वतंत्रता दिवस मनाते है।

खैर इस बात का कोई महत्त्व नहीं होता कि उन्होंने कितना बड़ा योगदान दिया, फर्क इस बात से पड़ता है कि इनकी कुछ सहभागिता थी देश को स्वतंत्र कराने के लिए। इससे फर्क पड़ता है की देशभक्ति की भावना उनके अंदर किस कदर मौजूद थी।

स्वतंत्रता सेनानियो के जीवन में अपार संघर्ष था, उन्हें कई बार देश को आजाद कराने के लिए युद्ध करने पड़े और कईयों ने तो अपनी जान भी गवां दी। युद्ध में लड़ने के लिए इनको किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण भी नही दिया गया था, फिर भी अपने प्राणों की चिंता करे बगैर वे युद्ध में हिस्सा लेते थे और बड़ी वीरता पूर्वक शत्रु का समाना करते थे।

देश को आजाद कराने के लिए इनके मन में एक जूनून था, जोकि देश को आजाद करा कर ही पूरा हुआ। स्वतंत्रता सेनानि दूसरो के सामने मिसाल कायम करने में सफल रहे, कि हमे विषम से विषम परिस्थिति में हार नही माननी चाहिए, बल्कि डट कर उसका सामना करना चाहिए।

यही वजह है कि अंग्रेजो को भारत के स्वतंत्रता सेनानियो के सामने अंत में घुटने टेकने पड़े। स्वतंत्रता सेनानियों के कठोर परिश्रम के परिणामस्वरूप आज हम किसी भी प्रकार के उपनिवेशवादियों या उनके अत्याचार से पूरी तरह से आजाद हो सके है। आज हमारा देश उन्नति की राह पर अग्रसर है।

मेरे प्रिय स्वतंत्रता सेनानियों की सूची

भारत को आजाद कराने में वैसे तो बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानियों का हाथ रहा है। उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए तन मन और धन सबकुछ न्योछावर कर दिया था। उनके दिए गए त्याग को कोई चुका नही सकता।

उन्ही स्वतंत्रता सेनानियों में कुछ स्वतंत्रता सेनानियो को मैं बहुत पसंद करता हूं। इन्ही से प्रेरित होकर मेरे अंदर देशभक्ति की भावना जागृत हुई है। जिनकी सूचि निचे दी है।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी है, जिन्होने बगैर हिंसा के देश को आजाद कराने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। सत्य और अहिंसा के बल पर उन्होंने देश को आजाद कराया।

रानी लक्ष्मी बाई

मेरे प्रिय सेनानी का जिक्र करे तो, उसमे रानी लक्ष्मी बाई आती है। इनका नाम भी इतिहास के पन्नो पर वीरता के लिए दर्ज किया गया है। इस वीरांगना को पसंद किए जाने के पीछे मेरी अहम वजह यह है की इन्होंने कठिन से कठिन परिस्थिति में अंग्रेजो के सामने हार नही मानी और अंतिम समय तक डट कर उनका सामना करती रही।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस

इसके बाद अगली बारी आती है, हमारे सबके चहेते नेताजी सुभाष चंद्र बोस की। देश को आजाद कराने में इनका भी भरपूर सहयोग रहा है। इन्होंने अंग्रेजो को भारत की शक्ति का प्रदर्शित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सेना का नेतृत्व किया।

देश को आजाद कराने के लिए इन्होंने लोगो को जागृत किया और उनसे कुरबानी मांगी। इसका अंदाजा आप उनकी दी गई पंक्तियों से लगा सकते हो। जो है “‘तुम मुझे अपना खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा”।

पंडित जवाहरलाल नेहरू

अंत में एक और महान नेता पंडित जवाहर लाल नेहरू के व्यक्तिव से मै काफी प्रभावित हूं। जिन्होंने देश के लिए जीवन पर्यंत बलिदान दिया, तब जाकर हम स्वतंत्र होकर चैन से जी रहे है। एक धनी परिवार से संबंध रखने के बावजूद इन्होंने अपनी सारी सुख सुविधाओं का त्याग करके आजादी के लिए संघर्ष किया।

इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने हार नही मानी और अन्याय के खिलाफ लड़ते रहे। यही वजह है की लोग उन्हें आज भी याद करते है और उनकी दी गई कुरबानी की कहानी युवा पीढ़ी को आज भी सुनाते है।

इनके अलावा भी बहोत से स्वतंत्रता सेनानी है, जिनके योगदान के बिना देश को स्वतंत्र नहीं किया जा सकता था। जैसे भगत सिंह, मंगल पांडे, चंद्र शेखर आज़ाद, कुनव सिंह, विनायक दामोदर सावरकर, दादाभाई नौरोजी, सरदार वल्लभभाई पटेल, लाला लाजपत राय, राम प्रसाद बिस्मिल, बाल गंगाधर तिलक, लाल बहादुर शास्त्री, नाना साहब, राजा राम मोहन रॉय।

निष्कर्ष

भारत को आजाद कराने में स्वतंत्रता सेनानियों का महत्त्वपूर्ण हाथ था। इनके द्वारा दी गई कुरबानी को हम कभी नहीं भुला पाएंगे। भारत के इतिहास के पन्नो के खुलने पर आपको पता चलेगा कि इन्होंने कितना बड़ा त्याग किया। देश को आजाद कराने के लिए कितनी लंबी और भयानक लड़ाई लड़ी। तब जाकर कही देश स्वतंत्र हो सका।

एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमे इनसे प्रेरित होना चाहिए। इनके समान देशभक्ति हर देशवासी के मन में होनी चाहिए। पूरे देश के लोगो को एकता के सूत्र में बांधना चाहिए। ताकि जब कभी हमारे देश पर कोई मुसीबत आए, तो हम शत्रु का डटकर सामना कर सके।


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तो यह था स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध (Freedom Fighters Essay In Hindi), आशा करता हूं कि स्वतंत्रता सेनानियों पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Freedom Fighters) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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