आदर्श विद्यार्थी पर निबंध (Ideal Student Essay In Hindi)

आज हम आदर्श विद्यार्थी पर निबंध (Essay On Ideal Student In Hindi) लिखेंगे। आदर्श विद्यार्थी पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

आदर्श विद्यार्थी पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Ideal Student In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


आदर्श विद्यार्थी पर निबंध (Ideal Student Essay In Hindi)


प्रस्तावना

विद्यार्थी का साधारण शब्दों में अर्थ होता है, विद्या को ग्रहण करने वाला। पूरे जीवन काल में यही वो क्षण होता है जोकि विधार्थी के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण होता है। इस समय की दी गई शिक्षा दीक्षा जीवन भर काम आती है।

विधार्थी की दी गई शिक्षा ही उसे बेहतर नागरिक बनाती है। शिक्षित होने की कोई उम्र नहीं होती है, लेकिन विधार्थी जीवन काल में जो शिक्षा ग्रहण करता है वही जीवन में सफल होता है। शिक्षा के अभाव में मनुष्य को कोई भी ठग सकता है। आदर्श विद्यार्थी का जीवन किसी बड़ी तपस्या से कम नहीं होता है।

व्यक्तित्व का विकास

विद्यार्थी जीवन मे अच्छी आदतें विद्यालय जाने के दिनों में ही विकसित की जा सकती है। आदर्श विद्यार्थी ही सही समय पर अपने अंदर अच्छी आदतें बना पाते है। सुबह के समय विद्यार्थी का घूमना और व्यायाम करना काफी सेहतमंद साबित होता है।

सुबह जल्दी उठना और नहा कर साफ सुथरे वस्त्र पहनने से उसके व्यक्तित्व का विकास होता है। माता पिता के चरणो को छूकर विद्यालय जाकर शिक्षकगण का मार्गदर्शन लेना उसको सफलता की ओर ले जाता है।

आदर्श विद्यार्थी के जीवन का महत्व

आदर्श विद्यार्थी को जीवन के सभी पड़ाव के बारे में जानकारी विद्यालय के दिनो मे ही मिलती है। जो विद्यार्थी समय रहते शिक्षा के मूल को समझ जाते है, वो जल्दी कामयाब हो जाते है। उसे उसकी जिम्मेदारियों से परिचित कराया जाता है।

समाज और देश के प्रति विद्यार्थी के कर्तव्यों के बारे जानकारी दी जाती है। विद्यार्थी को अच्छा स्वास्थ्य बनाने के लिए जागरूक किया जाता है। व्यायाम करने से विधार्थी को होने वाले स्वास्थ्य लाभ के साथ साथ खेलो के महत्त्व के विषय में भी बताया जाता है।

सादगी और उच्च विचारों से प्रेरित

आदर्श विद्यार्थी के अंदर सादगी और नैतिक मूल्यों का विकास विद्यार्थी जीवन काल में होता है। जो विद्यार्थी सादगी को पसंद करेगा उसे फैशन में कोई दिलचस्पी नहीं होगी। जिससे वह अनर्थक के खर्चों से बच जाता है।

आदर्श विधार्थी अपने जीवन में सदाचार और स्वालंबन के आदर्शों पर रहकर जीवन जीता है। जीवन में कुछ बड़ा पाने के लिए मनुष्य का महत्त्वाकांक्षी होना जरूरी होता है। लेकिन किसी चीज का अति होना हानिकर साबित होता है। पढ़ाई के साथ साथ व्यवहारिकता के महत्व को विद्यार्थी जीवन काल में ही सीखता है।

समाज के प्रति आदर्श विद्यार्थी के कर्तव्य

आदर्श विधार्थी भविष्य में चलकर एक अच्छा नागरिक बनता है। उसे परिवार के प्रति उसकी जिम्मेदारी, समाज और देश के प्रति उसका उत्तरदायित्व का अहसास वास्तविकता में विद्यार्थी जीवन काल में हो जाता है। उसे विद्यालय में शिक्षको के द्वारा देश की उन्नति मे हिस्सेदारी लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।

आदर्श विधार्थी के अंदर रचनात्मकता होती है। उसका सही इस्तेमाल देश के हित के लिए हो इसके लिए उसे तैयार किया जाता है। देश में गरीबी से जूझ रहे लोगो की मदद के लिए आदर्श विधार्थी हरदम खड़ा रखता है। उसके अंदर सहयोग की भावना कूट कूट कर भरी होती है।

आदर्श विद्यार्थी के विशेष लक्षण

आदर्श विधार्थी को चाहिए की उसमे कौए के समान कुशाग्र दृष्टि और त्वरित निरीक्षण क्षमता होनी चाहिए। आदर्श विद्यार्थी को चाहिए कि वह बगुले की भाती ध्यान लगा कर रख सके। इसके अलावा कुत्ते की तरह अपनी नींद का तत्काल रूप से त्याग करने के साथ ही उसे कम भोजन करने वाला होना चाहिए। शिक्षा लेने के लिए विद्यार्थी को किसी भी समय घर छोड़ना पड़ सकता है, इसलिए विद्यार्थी का गृहत्यागी होना भी जरूरी होता है।

आदर्श विद्यार्थी का मुख्य धर्म

आदर्श विधार्थी के अंदर परिश्रम करने की आदत बहुत पहले से ही विकसित हो जाती है। यही आदतें उसे जल्द से जल्द सफलता दिला सकती है। आदर्श विधार्थी को सबसे पहले एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और फिर उसी दिशा में उसे कार्य करना चाहिए।

आदर्श गुण का प्रथम गुण

आदर्श विधार्थी को जिज्ञासु होना चाहिए। यह आदर्श विद्यार्थी का पहला गुण होता है। उसके अंदर किसी बात को जानने की इच्छा होगी तभी तो वो प्रतिदिन कुछ सीख पाएगा। क्योंकि ज्ञान को सिर्फ किताबों के जरिए अर्जित नही किया जा सकता। इसके लिए आपको खुद मेहनत करनी पड़ती है।

जोकि जिज्ञासा के जरिए ही संभव है। वही उसके अंदर कुछ सीखने की तीव्र इच्छा होनी चाहिए। एक आदर्श विद्यार्थी किसी कार्य को पूरी लगन के साथ संपादित करता है।

सहयोग की भावना

आदर्श विधार्थी अपने सहपाठियों की मदद करने के लिए हरदम तैयार रहता है। जिसके कारण सभी लोग उसे बहुत पसंद करते है। उसकी सहयोग करने की भावना को देखकर शिक्षकगण भी उसकी प्रशंसा करते रहते है। आदर्श विधार्थी के अंदर गजब की नेतृत्व करने की काबिलियत होती है।

खेल में निपुण

अच्छे नेतृत्व के कारण आदर्श विद्यार्थी खेल कूद में काफी अच्छा प्रदर्शन करता है। आदर्श विधार्थी उनके अच्छी आदतों के चलते शारीरिक रूप से स्वस्थ होते है, जिससे उन्हें किसी भी कार्य को करने में परेशानी नहीं होती।

उपसंहार

आदर्श विद्यार्थी के अंदर कई गुण होते है। जैसे की वह विनम्र, अनुशासन प्रिय होने के साथ उनमे किसी बात को जानने की इच्छा बहुत अधिक होती है। आदर्श विधार्थी संयमित और मानवीय गुणों से युक्त होकर जीवन व्यतीत करते है।

आज का आदर्श विद्यार्थी आने वाले समय में एक जिम्मेदार नागरिक होता है। इसलिए यह बेहद आवश्यक है कि उसके अंदर अच्छे गुणों का समावेश हो, उसके अंदर देशभक्ति कूट कूट कर भरी हो।


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तो यह था आदर्श विद्यार्थी पर निबंध (Adarsh Vidyarthi Essay In Hindi), आशा करता हूं कि आदर्श विद्यार्थी पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Ideal Student) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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