जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay In Hindi)

आज हम जंक फूड पर निबंध (Essay On Junk Food In Hindi) लिखेंगे। जंक फूड पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

जंक फूड पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Junk Food In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


फ़ास्ट फ़ूड / जंक फूड पर निबंध (Fast Food / Junk Food Essay In Hindi)


प्रस्तावना

आजकल लोगो में जंक फूड खाने का प्रचलन बहुत बढ़ चूका है। आजकल सभी लोग जंक फूड खाना पसंद करते है। लोगो को दाल, चावल, रोटी और सब्ज़ी खाना पसंद नहीं है। लोग पौष्टिक आहारों की अवहेलना कर जंक फूड खाना पसंद करते है। जंक फूड खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है।

पिज़्ज़ा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, चाईनीज़ खाना इस तरह का भोजन लोग रेस्टोरेंट और होटलो में खाते है। दिन प्रतिदिन जंक फूड खाने की मांग बढ़ती जा रही है। अच्छा स्वास्थ्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण होता है। अगर इसी तरह से लोग जंक फूड का सेवन करते रहे, तो वह अच्छी सेहत के साथ जिन्दगी नहीं बीता पाएंगे।

कभी कभी खाना ठीक है, लेकिन प्रतिदिन जंक फूड के प्रति जो लोगो का पागलपन है, वह ठीक नहीं है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार खाना ज़रूरी होता है। बच्चे हो या बड़े सभी को जंक फूड बेहद पसंद है। स्वास्थ्य की दृष्टि से जंक फूड बिलकुल अच्छा नहीं है।

लगातार जंक फूड खाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है। ह्रदय रोग, कैंसर, रक्त चाप की समस्या, हड्डी से संबंधित समस्याएं, समय से अधिक उम्र का लगना, लीवर से जुड़ी बीमारियां, मधुमेह और पाचन तंत्र की समस्या इत्यादि बीमारियां जंक फूड को निरंतर खाने से होती है।

अस्वस्थ वसा

जंक फूड में अस्वस्थ वसा होती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की गिरावट होती है। अत्याधिक जंक फूड खाने से ह्रदय में सुचारु रूप से रक्त संचार नहीं हो पाता है।

जंक फूड के प्रति बच्चो में जागरूकता

युवा अवस्था से ही व्यक्ति को संतुलित आहार खाना चाहिए। लेकिन आजकल के युवा भी जंक फूड के आदि बनते जा रहे है। बच्चो को खासकर यह समझाने की ज़रूरत है कि जंक फूड सेहत के लिए अच्छा नहीं है। स्कूल और कॉलेज में जंक फूड के विषय में विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए प्रतियोगिता आयोजित करवानी चाहिए। बच्चे हमेशा अपने माता पिता से जंक फूड खिलाने की जिद्द करते है, जो बिलकुल सही नहीं है।

अभिभावकों को लेनी पड़ेगी जिम्मेदारी

माता पिता को हमेशा बच्चो के खाने के प्रति ध्यान देना चाहिए। पौष्टिक और संतुलित भोजन बच्चो को ज़्यादा खिलाना चाहिए। अभिभावकों को जंक फूड खाने से जो नुकसान होता है, उसके विषय में अपने बच्चो को समझाना चाहिए। उन्हें स्वास्थ्यवर्धक भोजन और जंक फूड के बीच के अंतर के विषय में समझाना चाहिए। जंक फूड कभी कभी खाने से ज़्यादा कुछ नहीं होता है। मगर जंक फूड को अपनी आदत बना लेना गलत है।

जंक फूड सेहत के लिए लाभप्रद नहीं है

जंक फूड सेहत के लिए लाभप्रद नहीं है। जंक फूड में चीनी, नमक और खराब फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है, जो सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। जंक फूड में अत्याधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

जंक फूड ज़्यादा खाने से पेट से संबंधित समस्याएं होती है। ज़्यादा जंक फूड खाने से हाइपर टेंशन और टाइफाइड जैसे रोग होने की सम्भावना बन जाती है। बच्चे और युवा वर्ग इतना अधिक जंक फूड खाते है की जिसकी वजह से वह डाइबिटीज जैसी बीमारी का शिकार बन जाते है।

लोगो को नहीं मिलता है खाना बनाने का समय

जंक फूड या फिर फ़ास्ट फूड का स्वाद लज़ीज़ और अच्छा होता है, इसलिए जंक फूड और फ़ास्ट फूड अन्य देशो में भी लोकप्रिय है। आजकल लोग उन्नति के पीछे भाग रहे है और घंटो दफ्तर में व्यस्त रहते है और उन्हें खाना बनाने का वक़्त नहीं मिलता है, इसलिए लोग रेडीमेड फ़ास्ट फूड खाना ज़्यादा पसंद करते है। खाना बनाने के झंझट से बचने के लिए वह जंक फूड खाना पसंद करते है।

रक्तचाप की वृद्धि

जंक फूड में अधिक मात्रा में कार्बोहायड्रेट होता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ाता है। ऐसा खाना रोज़ खाने से शरीर में सुस्ती आती है। लोग आलस महसूस करते है। अक्सर जंक फूड खाने से लोग बीमारियों से पीड़ित रहते है। अत्याधिक जंक फूड और फ़ास्ट फूड खाने से नींद ज़्यादा आती है और लोग सक्रीय नहीं रह पाते है। लोग बीमारियों से ग्रस्त हो जाते और काम में मन नहीं लगा पाते है।

दुनिया में जंक फूड और फ़ास्ट फूड की मांग

जिस तरह जंक फूड की मांग बढ़ रही है, उससे देशवासियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोग चाहते है कि वह कम समय में अपना भोजन समाप्त कर ले और वह भोजन स्वादिष्ट हो। इसलिए जंक फूड के प्रति लोगो में क्रेज देखा जा सकता है।

लोग पार्टियों में, जन्मदिन में जंक फूड खाते है। शादियों में अक्सर लोग कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, नूडल्स, बर्गर इत्यादि का मज़ा लेते है और अपने सेहत पर ध्यान नहीं देते है। जंक फूड सस्ता और स्वादिष्ट होता है और यही वजह है की लोग जंक फूड के दीवाने है। जंक फूड में कोई पौष्टिक तत्व नहीं होते है।

जंक फूड और फ़ास्ट फूड से उत्पन्न समस्याएं

जंक फूड खाने से नींद की समस्या होती है। जंक फूड खाने से लोगो में एकाग्रता की कमी रहती है। अत्याधिक जंक फूड खाने से मोटापा और ह्रदय से संबंधित समस्याए हो रही है। जंक फूड में बहुत तेल और चीनी अधिक मात्रा में होती है। जंक फूड को जल्दी पचाया नहीं जा सकता है। इससे मनुष्य के शरीर को भरपूर ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।

पिज़्ज़ा, बर्गर इत्यादि जंक फूड में कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है। जंक फूड और फ़ास्ट फूड में फाइबर मौजूद नहीं होता है, जिससे जंक फूड खाने वाले लोगो को कब्ज़ की समस्या होती है। जंक फूड में कैलोरीज की मात्रा ज़्यादा होती है, जिसकी वजह से मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याए होती है।

एक बड़ा प्रश्न

जंक फूड के खामियों को जानकर भी लोग इसे खाना पसंद करते है। ज़्यादातर लोगो को इसकी आदत हो चुकी है। आखिर क्यों लोग ऐसा कर रहे है। इसकी वजह है जंक फूड बहुत स्वादिष्ट और कम दाम में उपलब्ध हो जाता है। अक्सर गली नुक्कड़ में लोग फ़ास्ट फूड जैसे चाऊमीन इत्यादि चीनी खाना खाते हुए नज़र आएंगे।

घर पर बनी पौष्टिक दाल, सब्ज़ी, रोटी और दूध जैसे आहारों से लोग ऊब जाते है और जंक फूड पर निर्भर हो जाते है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते है। हमे खुद इस आदत पर अंकुश लगाना चाहिए और अच्छा घर का पौष्टिक भोजन खाने की आदत डालनी चाहिए।

निष्कर्ष

जंक फूड और फ़ास्ट फूड हमारे सेहत के लिए बिलकुल अच्छा नहीं है। अगर जंक फूड को हम इसी तरह से रोज़ाना खाते रहे, तो यह हमारे लिए नुकसानदेह साबित होगा। मनुष्य को स्वस्थ जीवन चाहिए तो जंक फूड का परहेज करना होगा। स्वस्थ जीवन जीने से मनुष्य हर कार्य कर सकता है और एक सुखद जीवन जी सकता है।


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तो यह था जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay In Hindi), आशा करता हूं कि फ़ास्ट फूड और जंक फूड पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Junk Food / Fast Food) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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