मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)

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मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)


प्रस्तावना 

देश में बढ़ रही बेरोजगारी और देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा देश के विकास के लिए निर्णय लिए गए। सरकार द्वारा लोगों के लिए बहुत सी योजनाएं भी चलाई गई, जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिल सके।

इसी तरह सरकार द्वारा मेक इन इंडिया नीति का भी प्रावधान रखा गया। सरकार द्वारा इस योजना का उद्देश्य था की देश में होने वाला निर्यात को कम किया जा सके और देश में रोजगार के अवसर पैदा किये जा सके, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।

मेक इन इंडिया

मेक इन इंडिया एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो कि भारत के हित के लिए लिया गया है। मेक इन इंडिया का निर्णय भारत सरकार द्वारा 25 सितंबर 2014 में ले लिया गया था। इसके अंदर सरकार द्वारा देशी और विदेशी कंपनी द्वारा भारत के अंदर वस्तुओं का निर्माण हो सके इस बात पर जोर दिया गया है।

मेक इन इंडिया का उद्देश्य था कि देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाया जा सके और रोजगार के अवसर निकाले जा सके। साथ ही भारत में सबसे ज्यादा होने वाले निर्यात को रोका जा सके और आयात ज्यादा किया जा सके।

देश के अंदर विदेशी चीजों को बनाने की योजना चालू की गई। इस योजना का नाम “मेक इन इंडिया” रखा गया। यह एक महत्वपूर्ण नीति बनी, जिससे लोगों को बहुत से रोजगार के अवसर मिल पाये।

मेक इन इंडिया का इतिहास

मेक इन इंडिया की शुरुआत 2014 में की गई थी। इस नीति का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। नरेंद्र मोदी द्वारा अपने मंत्रिमंडल की बैठक करके राज्य मंत्रियों के साथ बात करके इस योजना को चालू करने का निर्णय लिया गया।

इस योजना के अंतर्गत उद्योग के नेताओं को भी शामिल किया गया, ताकि इस योजना के दौरान किसी तरह की परेशानी ना हो। मेक इन इंडिया को बनाने का उद्देश्य था कि देश में लोगों को रोजगार के अवसर मिल सके और देश की अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सके।

इस नीति के दौरान 25 मुख्य क्षेत्रों पर बहुत ध्यान देना निर्धारित किया गया। इस नीति के दौरान महत्वपूर्ण कौशल विकास वाले क्षेत्रों को अधिक विकसित किए जाने पर जोर दिया गया। भारत के अंदर पर्यावरण को कम प्रभावित करने वाले विषयों को बढ़ावा दिया गया।

ऐसे व्यवसाय को शुरू किया जाना तय किया गया, जिसके अंदर लोगों को अधिक फायदा हो और देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार हो सके। नए व्यवसाय को चालू करने वालों को लाइसेंस दिए गए। इन लाइसेंस की वैधता सरकार द्वारा 3 साल रखी गई।

मेक इन इंडिया के अंदर ऑटोमोबाइल, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक, फूड प्रोसेसिंग, गैस, रेलवे, टेक्सटाइल, थर्मल पावर, रोड, विमान उद्योग, रक्षा क्षेत्र, स्पेस, लेदर, माइनिंग, शिपिंग आदि क्षेत्र पर बहुत ध्यान दिया जाने लगा। इन क्षेत्रों के शेयरों में निवेश भी किए जाने लगे।

मेक इन इंडिया के उद्देश्य

भारत के अंदर मेक इन इंडिया नीति का चालू करना देश में बहुत से उद्देश्य को ध्यान में रखकर किया गया है। इस नीति के दौरान भारत में बहुत सी नई टेक्नोलॉजी का विकास किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है की भारत के अंदर विदेशी कंपनी द्वारा निवेश किया जाए, ताकि भारत भी विदेशी उत्पादन कर सके।

भारत द्वारा किए जाने वाले निर्यात को कम किया जाए, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सके। इसका उद्देश्य यह है कि देश के अंदर बढ़ने वाली बेरोजगाई को रोका जा सके और लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके।

इसका एक और उद्देश्य यह भी है की कंपनियों को बढ़ावा दिया जाना है जो कि कुछ सालों के अंदर ही बंद कर दी गई। भारत के अंदर बढ़ने वाली बेरोजगारी, साक्षरता, भ्रष्टाचार, गरीबों का और गरीब होना आदि बातों को ध्यान में रखा गया। इस नीति के दौरान 100 से अधिक स्मार्ट प्रोजेक्ट चालू किए जाएंगे।

मेक इन इंडिया के लाभ

मेक इन इंडिया नीति के बनाने पर भारत देश में बहुत से लाभ हुए हैं। इस नीति के आने पर भारत में बहुत से क्षेत्रों में सुधार हुए हैं, बहुत से लोगों को इस नीति का लाभ अच्छी तरह से मिला भी है।

एक विनिर्माण हब का बनना

सरकार द्वारा मेक इन इंडिया नीति लागू की गई, जिससे बहुत सी विदेशी कंपनियों को भारत में टैक्स की छूट दी गई और बहुत सी विदेशी कंपनियों को भारत के अंदर लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

ताकि भारत के अंदर बहुत सी विदेशी चीजों का निर्माण हो सके और देश में होने वाले निर्यात को रोका जा सके। भारत को एक विनिर्माण हब बनाया गया, जिससे लोगों को बहुत से रोजगार के अवसर मिलने में मदद मिले।

आर्थिक विकास और सुधार

मेक इन इंडिया नीति के बनाने से भारत में आर्थिक रूप से बहुत सुधार हुए हैं। भारत के अंदर जैसे-जैसे नए-नए चीजों का उत्पादन किया जाने लगा, वैसे वैसे निर्यात में वृद्धि होने लगी। इसके फल स्वरुप देश की अर्थव्यवस्था सुधर ती गई और देश के अंदर बहुत से नए नए क्षेत्रों में निवेश करने के अवसर भी मिलने लगे।

रोजगार के अवसर

मेक इन इंडिया नीति के बनने पर भारत देश में बहुत से लोगों को रोजगार के अवसर मिले, क्योंकि भारत के अंदर बहुत से विदेशी उत्पाद और नए-नए कंपनियों का निर्माण होने लगा।जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिलने लगे।

सरकार द्वारा कुशल व्यक्तियों को मुद्रा योजना के अनुसार सही आय निर्धारित की गई, जिससे लोगों में काम करने की इच्छा बड़ी। नए-नए लोगों को नई नई कंपनियां शुरू करने का अवसर मिला, साथ ही साथ जिन लोगों की कंपनियां बंद हो चुकी थी उन कंपनियों को वापस शुरुआत करने का मौका मिला।

इस योजना के तहत 25 क्षेत्रों के अंदर बहुत ध्यान दिया जाने लगा, जिससे लोगों को रोजगार मिल सका। इस योजना के तहत 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद मिली।   जैसे-जैसे भारत के अंदर भारतीय उत्पादन की मांग बढ़ती गई, वैसे-वैसे रोजगार के अवसर भी बढ़ते गए और देश की अर्थव्यवस्था भी सुधरती गई।

विदेशी निवेश का मौका

सरकार द्वारा इस योजना के तहत मुंबई के अंदर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के अंदर 68 देशों और 2500 अंतरराष्ट्रीय और घरेलू प्रतिनिधि द्वारा भाग लिया गया।

इस योजना के अंदर विदेशी कंपनियों का भारत में आकर उत्पादन करने से भारत के लोगों को निवेश करने का मौका मिला। बहुत से भारतीय उद्योगपतियों ने इस दौरान बड़ी-बड़ी निवेश कंपनियों के अंदर अपने निवेश किए, जिससे उन्हीं कंपनियों को लाभ मिला और नए-नए उत्पादन करने में समर्थन भी मिला।

मेक इन इंडिया के फायदे

मेक इन इंडिया नीति के बनाने पर देश में बहुत से फायदे हुए हैं।

  • मेक इन इंडिया के दौरान देश में बेरोजगारी को कम करने और युवाओं को रोजगार मिलने के अवसर प्राप्त हुए हैं।
  • इस अभियान के दौरान देश के अंदर अन्य देशों की सूची को जल्दी रखा गया।
  • विदेशी उत्पादन को अब देश के अंदर भी किया जाने लगा।
  • भारत में उत्पादन करने वाले लोग अब बाहर की कंपनी के साथ भी उत्पादन कर सकेंगे।
  • व्यक्तियों को अपने कौशल के अनुसार नौकरियां मिल सकेगी।
  • देश की अर्थव्यवस्था मैं भी सुधार होगा।
  • मेक इन इंडिया के दौरान देश के क्षेत्र जैसे विनिर्माण बंदरगाह, रसायन पर्यटन, कल्याण उत्पादन, ऑटोमोबाइल में निवेश किए जा सकेंगे।
  • इस नीति के दौरान देश और विदेश नीतियों के लोग आपस में मिल सकेंगे और एक दूसरे को आमंत्रित कर सकेंगे।
  • मेक इन इंडिया के अंदर विदेशी उद्योगपतियों के साथ उद्योगपति अपनी कंपनी को जोड़ सकेंगे और एक दूसरे की कंपनियों में निवेश भी कर सकेंगे।

मेक इन इंडिया से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

मेक इन इंडिया के चालू होने पर देश और विदेश के सभी निवेशकों द्वारा भारत के अंदर निवेश किए जाएंगे। सभी देशों के लिए भारत के अंदर व्यापार करने के लिए आमंत्रण दिए जाएंगे। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। जिसके लिए भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना बहुत ही आवश्यक है।

इस नीति के दौरान भारत के अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। भारत के अंदर 25 मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा। इन क्षेत्रों के अंदर ऑटोमोबाइल, गेज, रेलवे, थर्मल पावर निर्माण, विमान उद्योग, हाईवे, शिपिंग, मीडिया, एंटरटेनमेंट, माइनिंग, लेदर, फूड प्रोसेसिंग, केमिकल, रोड निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक मशीनें, स्पेस, रक्षा क्षेत्र आदि मुख्य क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा और इन क्षेत्रों के अंदर निवेश के अवसर भी निकाले जाएंगे।

देश के अंदर होने वाले निर्यात को कम किया जाएगा और होने वाले आयात पर कर की छूट दी जाएगी। इस नीति के दौरान शुरुआत के अंदर 930 करोड़ का इन्वेस्ट करने का प्लान किया गया है। इस दौरान सरकार द्वारा 580 करोड़ का इन्वेस्ट दिया जाएगा, ताकि इस नीति को सही से चालू किया जा सके और किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े।

देश के अंदर 17 शहरों का सर्वे किया गया, जिसके दौरान सबसे ज्यादा निवेश करने वाले शहर लुधियाना, हैदराबाद, अहमदाबाद, गुड़गांव और भुवनेश्वर सामने आए हैं, जो कि किसी भी व्यापार को करने में सक्षम है।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना से देश में बहुत से लोगों को लाभ मिलेगा। लोगों को नए नए रोजगार के अवसर मिलेंगे और बहुत से व्यक्तियों को अपने बंद हुए व्यवसाय को चालू करने का मौका मिलेगा। देश में बहुत से मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाया जा सकेगा और देश का विकास किया जा सकेगा।


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तो यह था मेक इन इंडिया पर निबंध, आशा करता हूं कि मेक इन इंडिया पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Make In India) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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