भारत पर हिंदी निबंध (Essay On India In Hindi)

आज हम भारत पर निबंध (Essay On India In Hindi) लिखेंगे। भारत पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

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भारत पर हिंदी निबंध (Essay On India In Hindi)


प्रस्तावना

इंडिया यानि हमारा भारत देश इसकी सभ्यता और संस्कृति के लिए देश विदेश में प्रख्यात है। भारत को हिंदुस्तान भी कहा जाता है। भारत ना सिर्फ भौगोलिक रूप से विशाल है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता भी सभी को आकर्षित कर लेती है।

कृषि प्रधान भारत देश में को कोई भी आता है तो इसके हरे भरे लहलहाते खेत खलिहान देखकर आनंद और उत्साह की अनुभूति करता है। यहां की भूमि कर्मभूमि मानी जाती है, क्योंकि यहां परिश्रम और पुरुषार्थ को ही प्रधानता दी गई है।

वेद और उपनिषद् जिन्हें सभी सभ्यताओं का जनक माना जाता है, वे भी भारत में ही रचे गए है। भारतभूमि को यहां के निवासी माता की तरह पूजते हैं और इसकी रक्षा के लिए प्राण भी न्यौछावर करने को तैयार रहते हैं। आज हम इसी भारतवर्ष के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें जानेंगे।

भारत (India)

भारतदेश का जन्म हजारों सालों पहले सिंधु घाटी सभ्यता से हुआ। ऋग्वेद जिसे विश्व का पहला धर्मग्रंथ माना जाता है, उसकी रचना भी भारत में ही हुई है। हमारे ऋषियों ने भारत को आर्यावर्त कहा है। यहां की भौगोलिक सुंदरता देखते ही बनती है। इसका विस्तार उत्तर में कश्मीर और दक्षिण में कन्याकुमारी तक है।

भारत पूर्व में मिज़ोरम, नागालैंड और पश्चिम की तरफ से गुजरात तक विस्तृत है। इसके उत्तर की तरफ संसार की सबसे ऊंची और खूबसरत बर्फ से ढंकी पर्वत श्रंखलाओं वाला हिमालय पर्वत स्थित है।

“होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफ़ाई रहती है

हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं

जिस देश में गंगा बहती है।”

यहां पर गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियां हैं, जिन्हें दूर दूर से लोग देखने आते हैं और उसमें डुबकी लगाकर अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं। भारत में हिन्द महासागर जैसे अतिविशाल समुद्र भी हैं और तालाब, झरने, कुंआ, बावड़ी भी।

यहां के लोगों में भाईचारा है और एक दूसरे के लिए सम्मान की भावना है। भारत शूरवीरों की भूमि रहा है और यहां के रक्त में ही वीरता कूट कूट कर भरी है। यहां की संस्कृत भाषा विश्व की सारी भाषाओं की जननी है, इसी से अन्य सभी भाषाएं और बोलियां जन्मी हैं।

भारत विश्व का सातवां बड़ा देश है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम की तरफ अरब सागर और दक्षिण में हिन्‍द महासागर इसकी सीमा निर्धारित करते हैं। संसार के सबसे बड़े ओद्यौगिक देशों में भारत भी गिना जाता है और जनसंख्या के हिसाब से इसका दूसरा स्थान है।

यह देश कृषि में भी आत्मनिर्भर है। यहां की सभ्यता और संस्कृति में समय के साथ कई बदलाव आए हैं और यहां के मिलनसार लोग हर धर्म और संस्कृति को हृदय से अपनाकर उसका स्वागत करते हैं।

अनेक विविधताओं के बावजूद एक है भारत

भारत में अनेक प्रकार के धर्म और जातियां पाए जाते हैं। हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, जैन, सिख आदि सभी लोग यहां भाईचारे के साथ मिलजुल कर रहते हैं। ये भारत की बहुत बड़ी विशेषता रही है। यहां पर देश विदेश से कई जाति धर्मों के लोग आते गए और भारतभूमि ने सबका स्वागत किया, उनकी संस्कृति को अपनाया है।

यहां के निवासियों ने सभी के लिए सदभाव रखा और यह एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र बन गया, इसीलिए कहा जाता है –

हिन्द देश के निवासी, सभी जन एक हैं,

रंग रूप वेश भाषा, चाहे अनेक है।

केवल जाति और धर्म में ही नहीं बल्कि यहां हर क्षेत्र में भिन्नता पाई जाती है। यहां पर लगभग 122 भाषाएं और सैकड़ों बोलियां भी बोली जाती हैं। यहां पर कई प्रकार की पोशाकें पहनी जाती हैं, हम जिस क्षेत्र में जाएंगे वहां हमें स्थान, भाषा, वेशभूषा आदि की भिन्नता मिलेगी।

यहां पर भौगोलिक क्षेत्र में भी भिन्नताएं मिलेंगी, कहीं रेतीला रेगिस्तान और कहीं बर्फ की चादर ओढ़े हिमालय पर्वत है। यहां मौसम और जलवायु भी स्थान के अनुरूप बदलती रहती है।

कश्मीर को तो भारत का स्वर्ग कहा जाता है, जहां की प्राकृतिक सुंदरता देखने कई देशों से लोग आते हैं। यहां खान पान में भी भिन्नता है, हम जहां जिस भी क्षेत्र में जाएंगे वहां एक अलग स्वाद चखने को मिलेगा।

इतना ही नहीं यहां के लोगों में आचार और विचारों की भी भिन्नता है। इतनी भिन्नता के बावजूद यहां के निवासियों के मन एक हैं, इसलिए जब भी कभी देश पर कोई मुसीबत आती है तो सभी मिलकर देश की रक्षा करते हैं।

शूरवीरों ने यहां जन्म लिया

भारत की इस पावन धरा पर वीर जन्म लेते आए हैं। जब भी इस देश पर संकट के बादल छाए, तब तब यहां के वीर योद्धाओं ने दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए और देश रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करने से भी पीछे नहीं हटे।

यहां शूरवीर राजा और रानियां थे जिन्होंने मातृभूमि के लिए वीरता से युद्ध किया और अंत में खुद का भी बलिदान दे दिया। पुरुष ही नहीं बल्कि यहां की महिलाएं और बच्चे भी साहस से परिपूर्ण तथा निर्भीक थे।

भारत पर जब अंग्रेजों ने कब्ज़ा कर लिया था तब कई क्रांतिकारियों ने देश को आजाद कराने के लिए अनेक प्रकार की प्रताड़नाएं सही और अपने प्राण गंवाकर भी देश को आजाद करवाया। राजगुरु, सुखदेव, मंगलपांडे, चन्द्र शेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, सुभाष चन्द्र बोस, भगतसिंह इत्यादि कई लोग थे, जिन्होंने देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करवाया।

गांधीजी ने सत्य व अहिंसा को अपनाकर देशवासियों के साथ विभिन्न आन्दोलन करके अंग्रेजो की जड़ें कमजोर कर दी। इस समय भी भारतीय सेना के बहादुर सैनिक दिन रात अनेक कष्ट सहन करके भी देश की सुरक्षा में लगे रहते थे, जिन पर हमें गर्व है।

सोने की चिड़िया कहलाता था भारत

आज हमें भारत में आर्थिक असमानता और कहीं कहीं बहुत गरीबी देखने को मिलती है। जबकि यहां की स्थिती पहले से ऐसी नहीं थी। पहले हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाया करता था और धन संपदा से परिपूर्ण हुआ करता था।

देश की अर्थव्यवस्था संतुलित थी। तत्पश्चात भारत में विदेशों से लोग व्यापार के लिए आए और यहां की सुख समृद्धि देखकर उनके मन में लालच जाग गया। विदेशी लोग भारतीयों का दमन करके यहां पर राज करने लगे और लूटपाट करने लगे।

फिर करीब एक हजार वर्षों तक ये देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा, बाद में 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आज़ाद हुआ। विदेशियों ने भारत की हालत जर्जर कर दी थी, लेकिन धीरे धीरे हालत सुधरे और इस देश ने अपना सामर्थ्य फिर से प्राप्त किया।

भारत पंथ निरपेक्ष लोकंत्रात्मक गणराज्य बन गया। देश में जनता का शासन होने से सभी को विकास के मौके मिले। शिक्षा का प्रसार हुआ, रोजगार व उद्योग धंधों में भी विकास हुआ। खेती के लिए भी नई नई तकनीकें अपनाने से उत्पादन में वृद्धि हुई।

आज भारत विश्व के सबसे बड़े औद्योगिक राष्ट्रों में से एक है। बड़े बड़े उद्योगपति जैसे टाटा, बिरला आदि अत्यधिक विशाल स्तर पर देश विदेश में व्यवसाय कर रहे हैं।

किसी क्षेत्र में पीछे नहीं है हमारा हिंदुस्तान

भारत देश आजादी के बाद से निरंतर विकास की राह में बढ़ चला है और सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहा है। चाहे कोई भी क्षेत्र क्यों ना हो भारत ने हर जगह अपनी सफलता का परचम लहराया है। आज की मांग के अनुसार यह परिवर्तन में विश्वास रखता है और नई तकनीकें तथा डिजिटलाइजेशन को अपनाकर प्रगति की ओर अग्रसर है।

यहां दिन प्रतिदिन निरक्षरता का प्रतिशत कम होता जा रहा है और साक्षरता में वृद्धि हो रही है। विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला भी यही बनाया गया था। केवल पुरुष ही नहीं बल्कि स्त्रियां भी शिक्षा में बहुत आगे हैं और उच्च पदों पर कार्य कर रही हैं।

भारत में बड़े बड़े डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक हैं, जिन्हें विदेशों से भी बड़े प्रस्ताव आते रहते हैं। यहां पर बहुत से आविष्कार हुए। भारत के व्यक्ति चांद पर भी जा चुके हैं। यहां पर बहुत अधिक इंटरनेट का उपयोग किया जाता है, यहां तक की अमेरिका से भी ज्यादा इंटरनेट यूजर भारत में हैं।

दुनिया में सबसे अधिक न्यूज चैनल भी यही पर हैं और सर्वाधिक अख़बार, मैगजीन्स आदि भी यहीं प्रकाशित होते हैं। जिनका प्रकाशन बहुत सी भाषाओं में किया जाता है। यहां पर बड़े बड़े लेखक और कवि भी हैं, जिनकी पुस्तकों को कई भाषाओं में अनुवाद करके विदेशों में भी भेजा जाता है और वहां के लोग इन्हे बहुत पसंद करते हैं।

यहां पर अत्यधिक विशाल स्तर पर कृषि की जाती है और विदेशों में भी खाद्य सामग्री का निर्यात किया जाता है। यहां पर स्त्रियों के पास बहुत से स्वर्णाभूषण हैं, बल्कि विश्व में सबसे ज्यादा स्वर्ण यहां की स्त्रियों के पास ही है।

यहां पर बहुत विशाल सेना है, जो दुनिया में तीसरे स्थान पर आती है। चाहे चित्रकला की बात की जाए या शिल्पकला, संगीत अथवा नृत्य व अभिनय की, सभी में भारतीय आगे हैं। यहां पर बहुत से ऐतिहासिक स्मारक और स्तूप हैं, जिन्हें देखने विदेशों से भी लोग आते हैं। भारत ने विश्व शांति में भी बहुत योगदान दिया है।

उपसंहार

हम सभी ने इस पावन धरा पर जन्म लिया है, अतः हमें खुद को भाग्यशाली समझना चाहिए और इस देश के विकास के लिए अधिक से अधिक प्रयास करने चाहिए। हमें देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में भी अपना सहयोग देना चाहिए और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहिए।


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