पेट्रोलियम संरक्षण पर निबंध (Oil Conservation Essay In Hindi)

आज हम पेट्रोलियम संरक्षण पर निबंध (Essay On Oil Conservation In Hindi) लिखेंगे। पेट्रोलियम संरक्षण पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

पेट्रोलियम संरक्षण पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Oil Conservation In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


पेट्रोलियम संरक्षण पर निबंध (Oil Conservation Essay In Hindi)


प्रस्तावना

पेट्रोलियम और सभी ईंधन सीमित मात्रा में धरती पर उपलब्ध है। लगातार आबादी बढ़ने की वजह से मनुष्य की ज़रूरतें बढ़ रही है और पेट्रोलियम का उपयोग ज़रूरत से ज़्यादा हो रहा है। खनन के माध्यम से कई चीज़ें निकाली जाती है, जिसमे पेट्रोलियम प्रमुख है।

अगर इसी तरीके से बिना सोचे समझे हम पेट्रोलियम जैसे मूल्यवान ईंधन का उपयोग करते रहे, तो एक दिन वह धरती से समाप्त हो जाएगा। इसलिए पेट्रोलियम का संरक्षण बहुत ज़रूरी है।

देश के महत्वपूर्ण विभाग जैसे उद्योग, कृषि, पेट्रोलियम पर आश्रित है। पेट्रोलियम जैसे संसाधन की गिरावट आने पर इन क्षेत्रो पर बहुत प्रभाव पड़ता है। आज प्रत्येक व्यक्ति को पेट्रोलियम की आवश्यकता है। सबको अपने दैनिक कार्यो के लिए अपने निजी वाहनों को चलाना पड़ता है।

पेट्रोल के दामों में वृद्धि इस बात का सबूत है। देश का अरबो पैसा पेट्रोल की वजह से जा रहा है। पेट्रोल संरक्षण अत्यंत ज़रूरी है, वरना आने वाले हालात और भी मुश्किल हो सकते है।

पेट्रोलियम संरक्षण

पेट्रोल को आने वाले समय के लिए बचाना और सोच समझ कर उसका इस्तेमाल करना पेट्रोलियम संरक्षण कहलाता है। हमे पेट्रोल को बचाने के लिए गैर परंपरागत ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए। जैसे पवन गैस, बायोगैस,  बायोडीज़ल, जल ऊर्जा इत्यादि।

देश में अधिकतर उद्योगों और घरेलू क्षेत्रों में पेट्रोल, डीजल और मिटटी के तेल का आज भी ज़्यादा उपयोग किया जा रहा है। वक़्त आ गया है कि हमे वाहनों में पेट्रोल का इस्तेमाल कम करना चाहिए।

हमे बैटरी द्वारा चलने वाले वाहनों का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। भारत में सबसे ज़्यादा रुपया कच्चे तेल को खरीदने में चला जाता है। इससे देश की प्रगति पर प्रभाव पड़ता है। देश की उन्नति के लिए पेट्रोलियम संरक्षण ज़रूरी है।

पेट्रोलियम संरक्षण के लिए सरकार द्वारा कई उपाय किये गए है। भारत में कच्चे तेल को अधिक उपयोग किया जा रहा है। पहले पेट्रोलियम की खपत तकरीबन चार एमएमटी थी, जो साल २०१४ तक बढ़कर १५९ एमएमटी तक हो गयी थी।

इस पैमाने पर अगर कच्चे तेल का उपयोग किया गया, तो वायु प्रदूषण अधिक बढ़ जाएगा। लगातार कच्चे तेल के उपयोग से जानलेवा गैस निकलते है, जिससे मनुष्य बीमार पड़ते है।

पेट्रोलियम संरक्षण को प्रोत्साहन

पेट्रोलियम संरक्षण को प्रोत्साहन देने हेतु सरकार काफी कोशिशें कर रही है। पेट्रोल द्वारा कई मशीने चलाई जाती है। इसकी वजह से हानिकारक धुंआ निकलता है, जिससे वायु प्रदूषण होता है।

यह प्रदूषण पर्यावरण और हमारे लिए नुकसानदेह है। प्रदूषण की वजह से हम कई प्रकार के बीमारियों से ग्रस्त हो रहे है। हम सब की यह जिम्मेदारी है कि हम प्रदूषण को रोकने का प्रयास करे। जिसके लिए हमे पेट्रोलियम का सीमित उपयोग करना ज़रूरी है।

पेट्रोल की अधिक मात्रा में वृद्धि

हमारे देश में सबसे अधिक पेट्रोल की बिक्री होती है। मनुष्य औद्योगीकरण और प्रगति करने के पीछे हर दिन भाग रहा है। जिसकी वजह से वह यात्रा कर रहा है और तेल का उपयोग बहुत ज़्यादा हो रहा है।

हमे निजी वाहनों का अधिक उपयोग नहीं करना चाहिए और सार्वजनिक यातायात साधनो का उपयोग करना चाहिए। हमें जितनी ज़रूरत हो उतना ही पेट्रोल उपयोग करना चाहिए। प्रदूषण को कम करना यह हम सभी का कर्त्तव्य है।

मनुष्यो की वाहन की आवश्यकता

मनुष्यो को हर समय वाहन की ज़रूरत है, लेकिन अत्याधिक पेट्रोल के इस्तेमाल से यह संसाधन खत्म हो जाता है।

पेट्रोलियम का इस्तेमाल

पेट्रोलियम का इस्तेमाल कई कार्यो के लिए किया जाता है, जैसे बिजली उत्पादन, प्लास्टिक निर्माण, सड़क तेल इत्यादि कार्य शामिल है। साल 2019 में तकरीबन २०० मिलियन से ज़्यादा मीट्रिक टन पेट्रोलियम उत्पादों की खपत हुयी है।

पेट्रोलियम किन राज्यों में पाया जाता है

असम, गुजरात, मुंबई, गोदावरी और कृष्णा नदी की घाटियों में पेट्रोलियम पाया जाता है।

इन देशो में पाया जाता है पेट्रोलियम

दुनिया में भारत पेट्रोलियम के मामले में तीसरा बड़ा उपभोक्ता देश है। भारत की आबादी इतनी ज़्यादा है, इसी वजह से कच्चे तेल की मांग अधिक है। ईराक, ईरान, सऊदी अरब से देश में ज़्यादा तेल का आयात किया जाता है।

पेट्रोलियम का दूसरा नाम है ब्लैक गोल्ड

पेट्रोलियम का निर्माण कई वर्षो तक जमीन के अंदर होता है। जमीन की खुदाई वहीं की जाती है, जहां पेट्रोलियम हो सकता है। इसलिए इसे ब्लैक गोल्ड कहा जाता है। पेट्रोलियम एक ऐसा संसाधन है, जो हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

यह एक अनवीकरणीय संसाधन है, जिसे पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसलिए इसका सोच समझ कर इस्तेमाल करना चाहिए।

पेट्रोलियम संरक्षण के फायदे

जब गैर परंपरागत ऊर्जा का उपयोग हम करेंगे, तो पेट्रोलियम को आने वाले पीढ़ी के लिए बचा पाएंगे। पेट्रोलियम संरक्षण से बीमारियां कम होगी। देश की प्रगति और आर्थिक स्थिति को बचाने के लिए पेट्रोलियम संरक्षण ज़रूरी है। इससे हम और हमारा परिवार बेहतर ज़िन्दगी जी सकता है।

उद्योगों में परिवर्तन

पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों में कुछ ज़रूरी परिवर्तन किये गए है। पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को कम करने के लिए सरकार द्वारा प्रयत्न किये जा रहे है। इसके लिए सरकार ने उपयुक्त योजनाएं बनाई है।

इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का इस्तेमाल सरकार पेट्रोल द्वारा चलने वाले वाहनों के स्थान पर करना चाह रही है। बहुत सारे जगहों पर इसकी शुरुआत भी हो गयी है। परिवहन और कृषि क्षेत्र में डीज़ल और पेट्रोल का अधिक इस्तेमाल होता है।

इसे कम करने के लिए गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत का इस्तेमाल करना होगा। इससे प्रदूषण कम फैलेगा। सरकार ने गाँव गाँव तक बिजली पहुंचाई है, ताकि किसान पेट्रोल या डीज़ल का कम उपयोग करे।

प्रदूषण को कम करना चाहिए

किसान पहले मोटर और पम्प चलाने के लिए डीज़ल का इस्तेमाल करते थे। अब सरकार ने गाँव में बिजली पहुंचाई है, ताकि किसान भी मोटर और पंप चलाने के लिए बिजली का उपयोग कर सके।

इससे डीज़ल का उपयोग कम होगा। अगर हम प्रदूषण को रोकना चाहते है, तो डीज़ल, पेट्रोल, एलपीजी जैसे संसाधनों का कम इस्तेमाल करना होगा। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जैसे गरिर परंपरागत ऊर्जा का इस्तेमाल करना होगा। सोलर कुकर, सोलर लाइट, बैटरी का इस्तेमाल हमे ज्यादा करना चाहिए।

पेट्रोलियम संरक्षण के प्रति जागरूकता

देश की सरकार पेट्रोलियम संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना चाहती है। इसके लिए उन्होंने कई कार्यक्रमों की योजनाएं भी बनायी है। कई जन जागरूकता कार्यक्रम जारी किये जाते है, ताकि पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा मिल सके।

सरकार पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मीडिया का भी सहारा लेती है। इसके द्वारा कच्चे तेल के इस्तेमाल से जो प्रदूषण होता है, उसकी जानकारी लोगो तक पहुंचाई जाती है।

लोगो को नाटक द्वारा भी पेट्रोलियम संरंक्षण के मह्त्व को समझाया गया है। पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ और देश की सरकार ने लोगो को जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाये है।

निष्कर्ष

पेट्रोलियम संरक्षण बहुत ज़रूरी है। यदि इस तरह से कच्चे तेल का इस्तेमाल चलता रहा, तो यह संसाधन ख़त्म हो जाएगा। पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों, कॉलेजो में विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए। हम सब को पेट्रोलियम संरक्षण जागरूकता अभियान में शामिल होना चाहिए।


इन्हे भी पढ़े :-

तो यह था पेट्रोलियम संरक्षण पर निबंध (Oil Conservation Essay In Hindi), आशा करता हूं कि पेट्रोलियम संरक्षण पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Oil Conservation) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!