ताजमहल पर निबंध (Taj Mahal Essay In Hindi)

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ताजमहल पर निबंध (Taj Mahal Essay In Hindi)


भारत में बहुत से विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं, क्योंकि भारत में बहुत से घूमने के पर्यटक स्थल है। जैसे लाल किला, क़ुतुब मीनार, सूर्य मंदिर आदि। इसके अलावा यहां पर हर राज्य में बहुत ही ऐतिहासिक स्थल भी हैं, परंतु भारत की शान बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान ताजमहल का है।

ताजमहल भारत में आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे पर बना हुआ एक सफेद संगमरमर का मकबरा है। यह मकबरा 1632 मे मुमताज की याद में मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था। यहां पर स्वयं शाहजहां का भी मकबरा बना हुआ है।

ताजमहल का निर्माण 1643 में हुआ था, लेकिन और भी कार्य होने के कारण यहां पर 10 साल तक काम लगा था। ताजमहल के निर्माण में 1653 में लगभग 32 मिलीयन रुपए लग चुके थे। आज उसकी कीमत 70 बिलियन रुपए तक है।

ताजमहल को 1983 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामांकित किया गया। यह एक मुगल वास्तुकला का शानदार उदाहरण है और आज यह इतिहास का प्रतीक माना जाता है। यह दुनिया भर के लोगों को अपनी और आकर्षित करता है, इसे 2000 में दुनिया के सात अजूबों में शामिल कर दिया गया था।

ताजमहल का निर्माण

ताजमहल को शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज के याद में 1631 में बनवाया था। जिसकी उस वर्ष 17 जून को मृत्यु हो चुकी थी, जबकी उनकी 14 संताने थी। ताजमहल का निर्माण 1643 मे पूरा हुआ, परंतु 5 साल इसके आसपास की जगह को बनाने में लग गए। ताजमहल एक प्रेम कहानी का प्रतीक है।

मकबरा

ताजमहल के अंदर बनी कब्र पूरे परिसर को आकर्षित करती है। यहां पर बड़ी चौकोर आकार की संरचना बना रखी है, जो कि खड़ी है। यहां के आधार संरचना के साथ परिसर में बहुत सारे कमरे हैं।

यहां के हर एक कमरे को बहुत ही मेहराब से सजाया गया है। यहां पर दोनों ओर धनुषा कार बालकनी भी है। मुख्य कक्ष में मुमताज और शाहजहां की कब्र बनाई गई है।

ताजमहल की बाहर की सजावट

ताजमहल की बाहर के सजावट और मुगल वास्तुकला ने लोगों को आकर्षित किया है। यहां पर सजावटी पेंट, प्लास्टर, पत्थर की बनाई गई नक्काशियां हैं। यहां पर बहुत से इस्लामी निषेध के अनुसार सजावटी चीजों का उल्लेख किया गया है।

यहां पर एक गेट पर लिखा गया है कि आत्मा तो आराम कर रहा है। भगवान के पास शांति के साथ लौटे और आपको शांति से रहने दे। यह लेख अब्दुल हक नामक एक लेखक के द्वारा लिखाया गया है। यहां पर शाहजहां ने अमनत खान की उपाधि को भी सम्मानित किया है, जोकि चमकदार गुण के लिए एक पुरस्कार के रूप में जाना जाता है।

यहां पर मीनार गेटवे मस्जिद और कुछ हद तक कब्र की सतह का प्रयोग किया गया है। बलुआ पत्थर की इमारतों के गुंबद और वाल्डो को बनाया गया है। मकबरे के नीचे सफेद दीवार का डेड बना हुआ है, जिन्हें फूलों से, बेलों से और बहुत से चित्रकलाओ से सजाया गया है।

ताजमहल के अंदर की सजावट

ताज महल के अंदर का भाग बहुत ही पारंपरिक तरीके से सजाया गया है। यहां पर कीमती रचना, कीमती रत्न की गढ़ाई की गई है। यहां अंदर का कमरा 8 कोणों का है, जिसमें हर एक चेहरे से जा सकते हैं क्योंकि यहां पर हर एक पर दरवाजा बना रखा है।

हालांकि यहां पर दक्षिण की दिशा में उद्यान का सामना करने वाले दरवाजे बनाये गये है। यहां की अंदर की दीवारें 25 मीटर तक ऊंची है, अंदर एक गुंबद द्वारा सबसे ऊपर सूरज की आकृति बना रखी है। यहां की 8 पिश्ताक पर अंतरिक्ष को परिभाषित कर रखा है। दीवार की मध्य तक 2 पिशातक द्वारा ताज पहनाया गया है।

मुस्लिम परंपरा के अंतर्गत कब्र को विस्तार रूप से सजाया गया है। मुमताज महल की कब्र अंदर के कमरे के मध्य में बनाई गई है, जिसको आयताकार संगमरमर के डेढ़ मीटर चौड़े और 2 मीटर लंबे मकबरे से बनाया गया है।

दोनों को बहुत ही कीमती खतरों से सजाया गया है। मुमताज की पहचान और प्रशंसा के लिए यहां पर लेख लिखे गए हैं। शाहजहां की कब्र मुमताज की कब्र के दक्षिण की दिशा में बनायी गयी है। यह कमरा मुमताज की कब्र से बड़ा है परंतु बहुत ही अच्छी और सुंदर चीजों को दर्शाता है।

मीनारें

मुख्य आधार के चारों तरफ चारों कोनों पर बड़ी-बड़ी मीनारें देखने को मिल जाती है। यह मीनारें 40 मीटर ऊंची है, यह मीनारें ताजमहल को चार चांद लगाने के लिए बनाई गई है। यह मीनारें ताजमहल के समान ही बनाई गई है।

प्रत्येक मीनार में 22 छज्जे बने हुए हैं और इन्हें तीन अलग-अलग भागों में बांटा गया है। मीनार के ऊपर लास्ट वाले छज्जे पर एक छतरी भी बनी हुई है। इस छतरी का आकाश कमलाकार और एक कलश की तरह बना हुआ है। मीनार की खास बात यह है कि यह मीनारें बाहर की तरफ झुकी हुई है, जैसे कभी गिरने की स्थिति में हो।

चारबाग

चारबाग ताजमहल को घिरा हुआ है, यह 300 वर्ग किलोमीटर का एक भाग है। यह मुगल बाग कहलाता है, इस बाग में रास्ता थोड़ा ऊंचा उठा हुआ है। मुगल बाग के बीच में एक तालाब बना हुआ है जिसमें ताजमहल की परछाई दिखती है।

यह दृश्य ताजमहल की सुंदरता को बढ़ाता है और यहां पर बहुत से स्थानों पर पेड़ों को एक ही लाइन में लगाया गया है। मुख्य द्वार से मकबरे तक फवारे लगे हुए हैं। चारबाग आयताकार है और इसके केंद्र में मकबरा बना है। यमुना नदी भी इस बाग का हिस्सा है, इस नदी को स्वर्ग की नदी में गिना जाता है।

इमारतें

ताजमहल के चारों तरफ इमारतों का समूह बना हुआ है। दीवारें तीनों तरफ से लाल पत्थर की बनी हुई है और इनका मुंह नदी की तरफ खुला हुआ है। इन दीवारों के बाहर की तरफ मकबरा बना हुआ है, जिसके अंदर शाहजहां की और भी पत्नियों को दफनाया गया है। एक बड़ा मकबरा मुमताज की प्रिय दासी के लिए बनाया गया है।

यहां पर हिंदू मंदिरों की शैलियां भी बनी हुई है। जिसके बाद मे मस्जिदों की शैलियां भी अपनाई गई है। यहां पर दीवारों के बीच में गुंबद भी बनाए हैं। मुख्य द्वार पर स्मारक बना हुआ है, यह स्मारक संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है।

यहां पर पश्चिमी इमारत की तरफ एक मस्जिद बनी हुई है। दोनों इमारतों के बीच में मस्जिद का एक मेहराब कम है। यहां पर 559 लोग नमाज पढ़ सकते हैं। यहां पर खासकर जहांनुमा मस्जिद या दिल्ली की जामा मस्जिद जितना एक बड़ा कक्ष बना हुआ है, जिस पर तीन गुंबद बने हुए हैं।

ताजमहल का इतिहास

ताजमहल के बनने के बाद ही शाहजहां को अपने पुत्र औरंगजेब द्वारा पद से हटा दिया गया था। शाहजहा को आगरा के किले में नजर बंद कर दिया गया था। शाहजहां की मृत्यु के बाद में शाहजहां को उनकी पत्नी के पास में ही दफना दिया गया था।

19वीं सदी के अंदर ताजमहल की हालत काफी खराब होने लगी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय ताजमहल को अंग्रेजी सैनिकों और सरकारी अधिकारी द्वारा काफी कष्ट झेलना पड़ा। यहां पर लगी कीमती पत्थर और रत्न खुद खोदकर निकाल लिए गए।

यहां के आखरी कमरे में एक बड़ा दीपक बनाया गया है, जो कि काहिरा में स्थित एक मस्जिद की तरह दिखता है। ब्रिटिश सरकार ने यहां के बागों को ब्रिटिश शैली के अंदर बदल दिया और आज वही हमें देखने को मिलता है।

यहां के मकबरे पर सुरक्षा कवच बनाए गए है, जिससे जर्मन और बाद में जापानी हमले से बचाया जा सके। जब भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ तब भी इसे युद्ध से बचाया गया।

पुरानी कथा

पुरानी कथा के अनुसार शाहजहा चाहता था कि यमुना की उस तरफ एक काला ताजमहल बनाया जाए, जिसमें उनकी कब्र बनी हो। यह एक अनुमान था जो प्रथम यूरोपियन ताजमहल घूमने आए पर्यटक ने लिखा था।

उसने बताया था कि शाहजहां को अपदस्थ कर दिया था, इससे पहले कि वे काला ताजमहल बनाने की तैयारी करता। आज भी यहां पर काले संगमरमर की सिलाई पड़ी हुई है, यह यमुना नदी के दूसरी तरफ महताब बाग में है।

परंतु 1990 की खुदाई से पता चला कि यह सफेद संगमरमर थी जो कि धीरे धीरे काली पड़ गई। काले संगमरमर के बारे में अधिक कथाएं 2006 में बहुत से इतिहासकारों ने बतायी है। कहां जाता है कि शाहजहां ने उन कारीगरों को मरवा दिया जिन्होंने ताजमहल का निर्माण किया था।

परंतु उसका कोई अंश मिला नहीं था। यह भी माना जाता है कि ताजमहल को गिराने के लिए योजना भी बनाई गयी थी। देश में भले ही बहुत से स्थान घूमने के लिए हो परंतु ताजमहल उसके सुंदरता के कारण बहुत प्रसिद्ध है।

यहां पर हर साल 7 मिलियन से ज्यादा लोग घूमने आते हैं और इसकी सुंदरता का आनंद लेते हैं। भारत में बने इस ताजमहल को दुनिया के सात अजूबों में भी गिना जाता है, जो कि भारत के लिए एक सम्मान की बात है।


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तो यह था ताजमहल की यात्रा पर निबंध, आशा करता हूं कि ताजमहल की यात्रा पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Taj Mahal Ki Yatra) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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