भारतीय इतिहास पर निबंध (Indian History Essay In Hindi)

आज हम भारतीय इतिहास पर निबंध (Essay On Indian History In Hindi) लिखेंगे। भारतीय इतिहास पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

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भारतीय इतिहास पर निबंध (Indian History Essay In Hindi)


प्रस्तावना

भारत एक ऐसा देश है जहां की संस्कृति और सभ्यता के चर्चे देश विदेशों में भी होते हैं। भारत में कई प्रकार के जाति, धर्म, भाषा और संप्रदाय के लोग रहते हैं। इसके बावजूद भी उनके बीच में मौके मौके पर भाईचारा तथा एकता देखी गयी है। भारत की संस्कृति और परंपरा प्राचीन समय से ही लोगों के बीच चर्चा का विषय है।

यहां कई सारी ऐसी मान्यताएं हैं, जिनको पुरानी पीढ़ी से लेकर आने वाली पीढ़ी के लोग सच्चे दिल से मानते और अपनाते हैं। आज हम आपको भारत और उसके इतिहास के बारे में काम शब्दों में संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। जिससे आपको भी भारत से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त हो सके।

भारत का इतिहास

भारत का इतिहास कई हजारों वर्षों पूर्व पुराना है। ऐसा अनुमान है कि आज से लगभग 65,000 साल पहले होमो सेपियंस अफ्रीका से भारतीय उपमहाद्वीप में पहुंचे थे। जहां से भारत के विकास की कहानी शुरू होती है।

ऐसा भी माना जाता है कि 19वीं शताब्दी के पाश्चात्य विद्वानों के आधार पर, आर्यों का एक वर्ग भारतीय उपमहाद्वीप की सीमाओं पर दो हजार इसा पूर्व के आस पास पहुंचा और उसके बाद ही कई सारे नए राज्यों का विकास किया गया।

जैसे जैसे भारतीय सभ्यता आगे बढ़ रही थी, वैसे वैसे वैदिक सभ्यता ने जन्म लिया। जिसे प्रारंभिक सभ्यता के रूप में माना जाता है और जिनका नाम हमारे वेदों के आधार पर किया गया, जिसे संस्कृत भाषा में लिखा और पढ़ा गया। भारत के इतिहास को कुछ मुख्य भागों में बांटा जाता है, जिसके आधार पर इसका अध्ययन करना सुविधाजनक होता है।

पूर्व ऐतिहासिक काल

पाषाण युग

इस युग को महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इसी युग में मानव के शुरुआती दिनों की कल्पना की जाती है। इंसानों ने सबसे पहले धरती पर कुछ नया करना सीखा था। ऐसा अनुमान है कि पाषाण युग आज से लगभग 5,00,000 साल पहले शुरू हुआ था और यहीं से सबसे पहले पत्थरों से हथियार बनाना शुरू किया गया था।

कांस्य युग

इस युग की शुरुआत सिंधु घाटी सभ्यता के साथ हुई थी, जिसे लगभग 3300 ईसा पूर्व माना जाता है। इस युग की शुरुआत मेसोपोटामिया और प्राचीन मिस्र के साथ हुई थी। जहां पर लोगों ने कांस्य का इस्तेमाल शुरू किया। इसके साथ ही साथ लोगों ने विभिन्न प्रकार के धातु को मिलाकर उत्पादन शुरू किया, जिसमें मुख्य रुप से तांबा, पीतल, सीसा और टिन है।

प्रारंभिक ऐतिहासिक काल

वैदिक काल

इस काल के माध्यम से ही हमें मजबूत कला संस्कृतियों के बारे में पता चलता है। जहां पर इसकी शुरुआत 1500 ईसा पूर्व मानी गयी है। वैदिक काल में ज्यादातर संस्कृत भाषा का उपयोग किया जाता था और साथ ही साथ उस समय वेद लिखने की शुरुआत हो चुकी थी।

इस काल से ही समाज में हिंदू और दूसरे धर्मों की व्याख्या की गई है, जहां पर इसके बाद में पूर्ण रूप से भारत में हिंदू धर्म का बोलबाला देखा गया।

महाजनपद

इस काल में सबसे ज्यादा विकसित शहरीकरण देखा गया, जहां पर छोटे-छोटे नए राज्य बन गए और कई प्रकार के महाजन पद स्थापित कर दिए गए थे। जिसमें मुख्य रुप से मगध, मल्ला, आसाका, अवंती, गंधारा, कंबोज जैसे छोटे राज्यों की स्थापना की गई। इस काल के बारे में बौद्ध और जैन साहित्य में भी वर्णन किया गया है।

प्राचीन भारत के मुख्य ऐतिहासिक घटना चक्र

१) प्रागैतिहासिक काल

इस काल में मनुष्यों द्वारा भोजन इकट्ठा करके उसे आग में पकाना सिखा गया था। इसका समय 4,00,000 ईसा पूर्व से 1,000 ईसा पूर्व तक माना गया है।

२) सिंधु घाटी सभ्यता

ऐसा माना गया कि इस समय सिंधु नदी मुख्य रूप से कृषि हेतु कारगर थी और उस समय के लोग पूजा पाठ को विशेष महत्व देते थे। यह काल 2,500 ईसा पूर्व से 1500 वर्ष पूर्व तक माना गया।

३) हिंदू धर्म का बदलाव

इस समय में जाति प्रथा के कारण कई लोगों को भेदभाव का सामना करना पड़ा। साथ ही साथ इस समय में कई मुख्य राजवंश बने, जैसे बिंबिसार, अजातशत्रु, मगध, नंदा राजवंश। इसका समय 600 ईसा पूर्व से 322 ईसा पूर्व माना गया।

४) मौर्य काल

उन दशकों में मौर्य काल को चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित किया गया था। जिसके अंतर्गत पूरा भारत आता है और इसके बाद कई सारे ऐसे राजाओं का प्रवेश हुआ, जिन्होंने राज्यों को बढ़ाने के लिए कई कार्य किए। इसी काल में राजा अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाया। इस काल का समय 322 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व माना गया।

५) गुप्त साम्राज्य

इस समय से गुप्त साम्राज्य की स्थापना हुई और सबसे शास्त्रीय युग इसी युग को माना जाता है। साथ ही साथ इस युग में शाकुंतलम् और कामसूत्र जैसे काव्यों की रचना की गई और भारत के अंदर इसाई धर्म का प्रवेश हुआ। इस युग का समय 320 ईसवी से 520 ईसवी माना गया है।

भारत के कुछ महान योद्धा सम्राट

सम्राट अशोक : सम्राट अशोक मौर्य साम्राज्य के तीसरे शासक थे, जिन्होंने सारनाथ में स्तंभ की स्थापना की। उन्होंने हमेशा अपने राज्य को संभालने के लिए हर कोशिश की, जिससे वह दुश्मनों को राज्य से दूर रख सकें और हमेशा प्रजा की भलाई कर सकें। सम्राट अशोक के ह्रदय परिवर्तन के बाद से उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया और कई सारे अच्छे कार्य किए, जिसकी बदौलत ही लोगों को एक अच्छा अनुयाई मिल सका।

महाराणा प्रताप : महाराणा प्रताप को सच्चे भारत के सपूत के रूप में जाना जाता है, जो राजपूत वंश के थे। जिन्होंने अपने पराक्रम से अकबर को कांटे की टक्कर दी थी। उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हर वह पैंतरा अपनाया, जिसकी वजह से दुश्मन उनसे दूरी बनाए रखे। उनके नाम से ही उनके दुश्मन कांप उठते थे। भारत के इतिहास में उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ी है।

अकबर : इन्हें मुगल शासकों में सबसे प्रसिद्ध शासक के रूप में जाना जाता है। इन्होंने हमेशा नए कार्यों की तरफ ध्यान दिया। उन्हें कला और संगीत से प्रेम था और इसीलिए उन्होंने अपने दरबार में नौ रत्नों का निर्माण किया था। उन्होंने हमेशा सभी धर्मों का सम्मान किया और सती प्रथा, बाल विवाह, शराब सेवन जैसी नीतियों को दूर किया। अपने राज्य में उन्होंने सभी के साथ एक जैसा व्यवहार किया और हमेशा वे अपनी मातृभूमि के लिए समर्पित रहे।

छत्रपति शिवाजी महाराज : छत्रपति शिवाजी महाराज एक महान योद्धा थे, जिन्होंने हमेशा अपने त्याग, वीरता और बल से लोगों की रक्षा की। उन्होंने अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी और सभी धर्मो का सन्मान किया और विकास के लिए कई कार्य किए और महिलाओं का हमेशा सम्मान किया। अपने राज्य में उन्होंने हमेशा लोगों के हित में काम किया और इसीलिए आज तक उनका नाम महान योद्धाओं के रूप में लिया जाता है।

भारत के इतिहास में इन सभी योद्धाओं का महत्वपूर्ण योगदान है, जिनका नाम आज भी गर्व के साथ लिया जाता हैं और जिनके बहादुरी के किस्से आज भी मशहूर हैं।

भारत के इतिहास के प्रमुख क्रांतिकारी

भारत लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा और उस समय अंग्रेजों की बर्बरता इतनी बढ़ चुकी थी कि लोग कुछ कर नहीं पाते थे। बस वे वही किया करते थे, जो अंग्रेज उनसे करने को कहा करते थे। इस बीच कुछ ऐसे लोग भी थे, जो अपने देश को बचाने की पुरजोर कोशिश कर रहे थे और जिन्होंने अपने देश को आजाद करने का सपना देख रखा था। जिनमे से कुछ प्रमुख क्रांतिकारी इस प्रकार है –

  • महात्मा गांधी
  • जवाहरलाल नेहरू
  • चंद्रशेखर आजाद
  • लाला लाजपत राय
  • भगत सिंह
  • सुखदेव
  • रानी लक्ष्मीबाई
  • रानी अहिल्याबाई
  • मदन मोहन मालवीय
  • सुभाष चंद्र बोस

यह सभी नायाब हीरे हैं जिन्होंने देश के लोगों को जागृत किया, ताकि वे आगे बढ़कर आजादी की जंग में साथ दे सकें और जल्द से जल्द अंग्रेजों से आजादी हासिल कर सकें। आखिरकार 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजो से आजाद हुआ और इसकी मुख्य वजह इन सभी महान व्यक्तित्व की वीरता है।

भारत की प्रसिद्ध इमारतें

अगर हम भारत के इतिहास की बात कर रहे हैं, तो ऐसे में भारत की इमारतों का उल्लेख करना आवश्यक माना गया है। जिससे हम इतिहास के बारे में सही जानकारी दे सकते हैं। यह मुख्य इमारते निम्न है –

  • ताजमहल [आगरा]
  • लाल किला [नई दिल्ली]
  • कुतुब मीनार [दिल्ली]
  • सांची का स्तूप [सांची]
  • गेटवे ऑफ़ इंडिया [मुंबई]
  • इंडिया गेट [नई दिल्ली]
  • हवा महल [जयपुर]
  • चारमीनार [हैदराबाद]
  • हुमायूं का मकबरा [नई दिल्ली]

भारत के प्रमुख त्योहार

भारत के इतिहास में त्योहारों का विशेष महत्व माना गया है, जहां किसी विशेष उपलब्धि या जीत के होने पर त्योहार मनाए जाते थे और अपनी खुशियां लोगों के सामने जाहिर की जाती थी। लोग बिना किसी जाति या धर्म में फ़र्क़ किए बिना किसी भी भेदभाव के अपने जीवन को आगे बढ़ाते है। भारत के कुछ मुख्य त्योहार इस प्रकार हैं –

  • दीपावली
  • दशहरा
  • रक्षा बंधन
  • होली
  • ईद
  • दुर्गा पूजा
  • कृष्ण जन्माष्टमी
  • महाशिवरात्रि
  • गुरु नानक जयंती

भारत की मान्यताएं

भारत में प्राचीन काल से ही इस प्रकार की मान्यताएं हैं, कि लोग एक दूसरे के प्रति एकता और भाईचारे के साथ रहते हैं। साथ ही साथ मुसीबत के समय में लोग एक दूसरे के काम आते हैं। हमारी संस्कृति में कभी किसी को नीचा नहीं  दिखाया जाता और सभी धर्म, जातियों का सम्मान किया जाता है। भारत की मान्यताओं के अनुसार हमें अपने कर्मों पर जोर देना चाहिए, ताकि उन्नति के मार्ग खुल सके।

उपसंहार

इस प्रकार से हमने जाना कि भारत और यहां की संस्कृति सभी भारत वासियों के लिए बहुत ही मायने रखती है। इन सारी बातों को इतिहास से बताया जाता है कि भारत धर्मनिरपेक्ष राज्य है। जहां पर हर तरह के लोग पूरी आजादी के साथ रह सकते हैं और अपना जीवन निर्वाह कर सकते हैं। भारत के इतिहास से हम सभी को एक सीख मिलती है, जिससे हम सभी अपने मार्ग में आगे बढ़ सके और अपने जीवन को खुशहाल बना सके।


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