पुस्तक पर निबंध (Books Essay In Hindi)

आज हम पुस्तक पर निबंध (Essay On Books In Hindi) लिखेंगे। पुस्तक पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

पुस्तक पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Books In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


पुस्तक पर निबंध (Books Essay In Hindi)


प्रस्तावना

पुस्तक बच्चो और सभी के लिए ज्ञान का भण्डार होते है। पुस्तक सभी मनुष्य को सही मार्ग दिखाती है। आज कल कई प्रकार के पुस्तक बाजार में उपलब्ध है। पुस्तक मनुष्य के जीवन का आधार होती है। पुस्तके कई विषयो में उपलब्ध होती है, जैसे अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, इतिहास, भूगोल, इत्यादि।

दुनिया में अनगिनत भाषाओं में किताबे उपलब्ध है। धार्मिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक इत्यादि चीज़ो पर किताबें बाजार में मौजूद है। जिंदगी के कई समस्याओं को हम किताबें पढ़कर सुलझा सकते है।

हम जिस भी विषय में रूचि रखते है उसके मुताबिक किताबें खरीद सकते है। पुस्तकों से ज़िन्दगी के कई उलझनों को सुलझाने का मौका मिलता है। आज ऐसा कोई विषय नहीं है जिस पर पुस्तकें ना मिलती हो।

मनुष्य के लिए पुस्तक बहुत महत्वपूर्ण है। पुस्तकों में लिखा हमारे जिंदगी में बेहद काम आते है। पुस्तकें मनुष्य की हर संभव सहायता करते है। पुस्तकें पढ़ने से मनुष्य का मन प्रसन्न हो जाता है।

संगीत और नृत्य से तो मनुष्य का मनोरंजन होता है, मगर किताबें भी मनोरंजन का बेहतरीन साधन है। पुस्तकें लोगो को अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाती है। पुस्तक हमारे सच्चे दोस्त की भाँती होते है।

पुस्तकें ज्ञान का स्रोत

पुस्तकों से हमे हर क्षेत्र के विषय में ज्ञान प्राप्त होता है। हमे ज्ञान अर्जन करने के लिए किसी और पर निर्भर होने की ज़रूरत नहीं है। पुस्तकों का ज्ञान व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है।  पुस्तकें ज्ञान का अमूल्य स्रोत है और ज्ञान प्राप्त करने का सरल माध्यम है। हम किसी भी व्यक्ति विशेष के बारे में पुस्तकों से ज्ञान प्राप्त करते है।

धार्मिक ग्रन्थ और हर पुरानी ऐतिहासिक किस्सों का ज्ञान हमे पुस्तकों से मिलता है। धार्मिक ग्रन्थ जैसे गीता और रामायण को पढ़कर मन को शान्ति मिलती है। धार्मिक ग्रंथो को पढ़कर जीवन से जुड़े तथ्यों को समझने का अवसर प्राप्त होता है। इससे हमे सही-गलत, धर्म-अधर्म के विषय में पता चलता है।

अगर हमें किसी प्रकार के स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां है, तो पुस्तकों में मौजूद घरेलू नुस्खों से हमे फायदे होते है। पुस्तकें ज्ञान रूपी दीपक की भाँती लोगो को हमेशा सही राह दिखाती है। पुस्तकें प्रगति और प्रचार -प्रसार का साधन है।

पुस्तकों के प्रकार

पुस्तक कई तरह के होते है, जैसे विषय संबंधित पुस्तकें, कविताएं, कहानी, ग्रन्थ, साहित्यिक किताबें, बच्चो के कॉमिक्स, हास्य चुटकुलों के किताब, विज्ञान और इतिहास से संबंधित पुस्तकें इत्यादि।

बच्चो को कॉमिक्स पढ़ने का शौक होता है और किसी व्यक्ति को रोमांचक कहानियां पढ़ने का शौक होता है। कई लोग किताबो के बिना रह नहीं पाते है। ऐसे लोग अपने घरो पर छोटा सा पुस्तकालय का निर्माण कर लेते है।

पुस्तकों का ज्ञान कभी समाप्त नहीं होता

बहुत सारे लेखकों और साहित्यकारों ने अपने विचारधाराओ और जीवन के अनुभवों को अपने लेखनी में उतारा है। ऐसे कई महान लेखक तुलसीदास, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर इत्यादि ने बेहतरीन चीज़ें लिखकर हमे ज्ञान प्रदान किया है।

ज़्यादातर लेखक हमारे साथ नहीं है, मगर उनके द्वारा लिखी गयी किताबें हमारे जिन्दगी में मौजूद है। देश का संविधान भी किताबो में संग्रहित है।

पहले और आज के ज़माने में पुस्तकों में अंतर

पहले के ज़माने में किताबे प्रेस से प्रिंट होकर नहीं आती थी। ऐसी पुस्तकें पौराणिक काल में हाथों से लिखी हुयी होती है। तब उस ज़माने भोजपत्र पर लिखकर ज्ञान बांटा जाता था। उस वक्त हस्तलिखित पुस्तकें उपलब्ध थी।

अब तो पुस्तकें सिर्फ कुछ भाषाओ तक सीमित नहीं है। अनगिनत भाषाओ में पुस्तकें उपलब्ध है। लोग जिस भाषा में चाहे पुस्तकें खरीद कर पढ़ सकते है। पहले की पीढ़ीयों के बारे में जानकारी हमे पुस्तकों की वजह से प्राप्त हुयी है।

पुस्तकों से व्यक्तित्व पर प्रभाव

पुस्तकें पढ़ने से मनुष्य के सोच में बदलाव आता है। वे बहुत कुछ सीखते और समझते है। मनुष्य के व्यक्तित्व पर पुस्तकें अच्छा प्रभाव डालती है। व्यक्ति को परेशानियों का हल पुस्तकों से मिल जाता है।

पुस्तकें पढ़ते- पढ़ते व्यक्ति को उनके जिन्दगी के मोड़ से मेल खाती कुछ हिस्से मिल जाते है, जिसके कारण उन्हें अपने परेशानियों को दूर करने का हल मिल जाता है।

अकेलेपन का साथी

जब मनुष्य अकेला होता है, तो पुस्तकें हमेशा उनका साथ निभाती है। अकेलेपन को मिटाने का पुस्तकों से अच्छा उपाय और कुछ हो नहीं सकता है।

विद्यार्थियों के लिए पुस्तक का महत्व

विद्यार्थियों के लिए शिक्षा से बढ़कर कोई चीज़ नहीं होती है। शिक्षा प्राप्त करने के लिए पुस्तकों की ज़रूरत होती है। पुस्तकें पढ़कर विद्यार्थी सिर्फ डिग्री नहीं बल्कि ज्ञान भी प्राप्त करते है। विद्यालयों में विद्याथियों के ज्ञान को विकसित करने के लिए पुस्तकालय की स्थापना की जाती है।

पुस्तकालयों में विभिन्न विषयो पर पुस्तकें उपलब्ध होते है। इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, विज्ञान इत्यादि पर विशेष तरह की किताबे मौजूद है। विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी के लिए इंजीनियरिंग और डॉक्टरी से संबंधित पुस्तकें पढ़ते है।

पुस्तकों के बिना वह परीक्षा को सफलता से उत्तीर्ण नहीं कर सकते है। पुस्तकें विद्यार्थियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विद्यार्थी जीवन की बुनियाद ही पुस्तकें है।

पुस्तकों की अहमियत और लेखक की भूमिका

पुस्तक लिखने वाले को लेखक कहा जाता है। अगर लेखक ना हो, तो पुस्तकें भी नहीं होगी। लेखक अपने ज्ञान को लोगो तक पुस्तकों द्वारा साझा करते है। लेखक अपने भावनाओ और कल्पनाओ को पुस्तकों के माध्यम से व्यक्त करते है।

लेखकों के बेहतरीन काम को लोग हमेशा याद करते है। कई नामचीन और बेहतरीन साहित्यकार अब हमारे बीच नहीं है, मगर उनकी लिखी हुयी पुस्तकें हमारे बीच में जीवित है और हमेशा रहेगी। देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पुस्तकों ने लोगो में जागरूकता फैलाई थी।

ऑनलाइन किताबो का ज़माना

इंटरनेट की इस दुनिया में लोग ऑनलाइन किताबें पढ़ते है। किसी भी तरह की जानकारी और ज्ञान के लिए लोग गूगल सर्च का उपयोग करते है। आज इ पुस्तकें उपलब्ध है, जिसके ज़रिये लोग ऑनलाइन किताबें पढ़ सकते है।

इंटरनेट के कारण आज कुछ लोग पुस्तकें खरीदते नहीं है। ऑनलाइन प्रिंट आउट कर लेते है। फिर भी आज भी पुस्तकों की अहमियत कम नहीं हुयी है। अगर किसी व्यक्ति को पढ़ने का बहुत शौक है, लेकिन पुस्तकें खरीदने के लिए अधिक पैसे नहीं है, तो वह नजदीक के पुस्तकालय में जाकर पुस्तक पढ़ सकते है।

निष्कर्ष

पुराने समय से लेकर नए ज़माने के हर पहलुओं और ज्ञान को पुस्तकों में समेट लिया गया है। पुस्तकों के बिना मनुष्य ना केवल अनपढ़ रहता है बल्कि उसका जीवन भी अर्थहीन हो जाता है। पुस्तकें हमे जिन्दगी में सही -गलत और अच्छे -बुरे में फर्क करना सीखाती है। पुस्तकें पढ़कर हमे जीवन में कुछ करने और बनने की प्रेरणा मिलती है।


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तो यह था पुस्तक पर निबंध, आशा करता हूं कि किताबो पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Books) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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