पुस्तके हमारे सच्चे मित्र पर निबंध (Books Our Best Friends Essay In Hindi)

आज हम पुस्तके हमारे सच्चे मित्र पर निबंध (Essay On Books Our Best Friends In Hindi) लिखेंगे। पुस्तके हमारे सच्चे मित्र पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

पुस्तके हमारे सच्चे मित्र पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Books Our Best Friends In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


पुस्तके हमारे सच्चे मित्र पर निबंध (Books Our Best Friends Essay In Hindi)


प्रस्तावना

पुस्तके हमारी सच्ची मित्र होती है। एक बार आपका कोई दोस्त आपका साथ छोड़ सकता है, पर पुस्तके कभी हमारा साथ नहीँ छोड़ती। दुख में सुख में हंसी खुशी सभी मे पुस्तके एक सच्ची मित्र बनकर हमारा साथ निभाती है।

पुस्तकें ज्ञान प्रदान करती है, हमेशा अच्छी बातें ही सिखाती है। पुस्तकें हमारा मार्गदर्शन करती है। जब भी हम हमारा रास्ता भटकते है, तो ये हमें रास्ता दिखाती है। पुराने मंदिर, पुराना इतिहास सभी नष्ट हो जाता है पर पुस्तकें हमेशा जीवित रहती है।

पुस्तके हमारे जीवन मे बहुत महत्व रखती है। ये हमें एक अच्छा इंसान तो बनाती है, साथ ही अच्छे सँस्कार भी प्रदान करती है। हम इसी के ज्ञान से अच्छे बुरे की पहचान करना जानते है। इसलिए तो पुस्तके हमारी सच्ची मित्र होती है।

पुस्तकों का रूप

सृष्टि के आदिकाल से ही पुस्तकों का रूप बड़ी – बड़ी शिलाओं के ऊपर चित्रों तथा तस्वीरों के रूप में देखा जाता था। उन पुस्तको का रूप आज भी शिलाओं पर या कन्दराओं में देखा जा सकता है।

उसके बाद फिर शुरुआत हुई ताड़पत्र और भोज पत्रों की, जिसे आप अजायबघर (Museum) में देख सकते है। उसके कुछ समय पश्चात कागजो का आविष्कार हुआ ओर ऐसा माना जाता है की इस कागज का सर्वप्रथम प्रारम्भ चीन में हुआ।

पुस्तकों में ज्ञान का संचार लेखक, कवि, इतिहासकार, कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार, निबंधकार तथा एकांकी लेखक कोई भी कर सकता है। वो लेखक अपने विचार तथा भावों को लेखनी द्वारा कागज पर लिपिबद्ध करता है।

वही लेखनी पांडुलिपि कहि जाती है और उन पांडुलिपि रूप को कम्पोजिटर के हाथों में दे दिया जाता है, जो इन पुस्तकों को टाइपो के रूप में बांध देते है। इसके बाद जो रूप हमारे पास उभर कर आता है, उसे कहते है पुस्तक।

लेकिन उन पुस्तको में जो शब्द और जो विचार होते है, वो अगर हमारे मन को लुभाते है, तो समझिए आपके चरित्र और जीवन पर एक सकारात्मक असर छोड़ जाते है।

पुस्तके हमारे सच्चे मित्र

किताबो पर दुनिया के अनेक महान लोंगो ने अपने – अपने विचार प्रकट करें है। जिनमे से कुछ अनमोल कथन ये दर्शाते है कि मानव का जीवन और उसकी प्रत्येक प्रगति में किताबो की अहम भूमिका होती है।

किताबे ना केवल सूचना और ज्ञान का भंडार है, बल्कि हमारे चिंतन और मानसिक विस्तार में तथा हमे एक सभ्य ओर संस्कारी मनुष्य बनाने में एक बहुत बड़ा योगदान प्रदान करते है।वैसे कई महान लोगो ने पुस्तक पर अपने बहुत ही अच्छे विचार प्रकट करे है। जिनमे से कुछ के विचार इस प्रकार है।

(1) “किताबो जैसा वफ़ादार कोई दोस्त नहीं।” – अर्नेस्ट हेमिंग्वे

(2) “किताबें आदमी को यह अहसास दिलाती हैं कि जिन्हें वह अपना मूल विचार समझता है वह कोई नया नहीं है।” – अब्राहम लिंकन

(3) “अच्छी पुस्तकें जीवंत देव प्रतिमाएं हैं। उनकी आराधना से तत्काल प्रकाश और उल्लास मिलता है।” – पंडित श्रीराम शर्मा ‘आचार्य

(4) “जब कभी आप कोई अच्छी पुस्तक पढ़ते है, तो दुनिया में कहीं एक नया दरवाजा खुलता है और कुछ अधिक रोशनी अंदर आती है।” – वेरा नज़ैरियन

(5) “जो कोई भी यह कहता है कि जीने के लिए बस एक ही जिंदगी है, वह जरूर किताब पढ़ना नहीं जानता होगा।” – अज्ञात

(6) “किताबों के बिना कमरा जैसे बिना आत्मा का शरीर।” – सिसरो

(7) “कई सारे छोटे-छोटे तरीके हैं जिनसे आप अपने बच्चे की दुनिया विस्तारित कर सकते हैं। उनमें सबसे अच्छा है किताबों से लगाव पैदा करना।” – जैकलीन कैनेडी ओनासिस

(8) “आप खुशियां नहीं खरीद सकते, लेकिन किताब खरीद सकते हैं जो आपको खुशियां ही देगी।” – अज्ञात

(9) “हमारे बचपन में पूरे आनंद के साथ बीता शायद ही ऐसा कोई दिन हो जो किताबों के साथ न गुजरा हो।” – मार्सल प्रूस्त

(10) “याद रखिए: एक किताब, एक कलम, एक बच्चा और एक शिक्षक दुनिया बदल सकते हैं।” – मलाला युसफजई

पुस्तक पर लिखे ये कथन हमे ये सिखाते है कि पुस्तक ही हमारी वो सच्ची मित्र है जो हमेशा हमारा साथ निभाती है। पुस्तक का साथ हमें कभी नही छोड़ना चाहिए, क्योंकि ये हमेशा कुछ अच्छा ही सिखाएंगी ओर हमारा भला ही चाहेंगी।

इसलिए इसका हाथ प्रत्येक परिस्थिति में जकड़ के रखिये। क्योंकि अनमोल रत्न कभी खोना नही चाहिए, इसको हमेशा सम्भालके रखने में ही हमारी भलाई है।

पुस्तकें सच्चे मित्र के समान चरित्र निर्माण में मदतगार

पुस्तके ही है जो महान व्यक्तियों के विचारों को हमारे तक पोहचाने का माध्य्म है। प्राचीनकाल में जब कोई ऐसा साधन नहीं था, जिससे कि हमारे ऋषि मुनि अपने उच्च विचारों को समेट कर रख सके। तब इसके लिए ताड पत्र चुना गया, जिस पर लिखकर वो अपने विचारों को समेट कर रखते थे।

जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ, तकनीकी युग का आरंभ हुआ, तब छापाखाना यानी प्रिंटिंग मशीन का आविष्कार हुआ। तब से ही विभिन्न पुस्तकों का निर्माण हुआ ओर वही ऋषी मुनियों के विचार आज तक हमारे पास सुरक्षित है।

तभी तो हम हमारे पुराने रीतिरिवाजों ओर संस्कारों को अच्छी तरह से जानते है। जिनको आज पष्चिमी सभ्यता के लोग भी हमारे देश भारत मे आकर ग्रहण कर रहें है। क्योंकि कोई भी ज्ञान हो और चाहे कहि का भी हो, पुस्तकें हमेंशा से ही इंसान को सही राह दिखाने ओर चरित्र निर्माण के लिए सहायक होती है।

पुस्तकें ही है जो हमारे चरित्र के निर्माण में बहुत सहायक होती है। इसमें सबसे अधिक सहायक हमारे धर्म ग्रन्थ होते है, जैसे बाइबल, रामायण, गीता, कुरान, गुरु ग्रन्थ साहिब आदि।आजकल मोटिवेशनल स्पीकर हमे नकारात्मक भाव से दूर रहने का ज्ञान प्रदान करते है। जहाँ धर्मग्रंथ कर्म की सही राह दिखाते है, वही पंचतंत्र की कहानियां, हितोपदेश आदि हमें नैतिकता का पाठ पढ़ाते है।

पुस्तकों के प्रकार

पुस्तकें कई प्रकार की होती है और सभी पुस्तकों की अपनी – अपनी एक अलग खासियत होती है। सभी ही कुछ ना कुछ ज्ञान ही बाँटती है। इन पुस्तकों को हम हमारे बचपन से लेकर बड़े होने तक देख सकते है और हम हमारा बचपन इन पुस्तक जैसे सच्चे मित्र के साथ गुजारते है।

नर्सरी क्लास से लेकर बारहवीं तक कि शिक्षा इन पुस्तकों के साथ ही मिलती है। यही वो हमारी सच्ची मित्र है जिसने केवल हमको बस दिया ही दिया है, बदले में हमसे कुछ नहीं मांगा।

करियर की शुरुआत इन पुस्तकों के बिना सम्भव नहीँ है। आज जो डॉक्टर, वकील, इंजीनियर बने है, क्या वो बिना पुस्तको के ज्ञान से सम्भव है? नही बिल्कुल भी नहीं। जब गुरु बिन ज्ञान नहीं तो पुस्तक बिना वो ज्ञान कैसे भला सम्भव हो सकता है। पुस्तक बिना जीवन की शुरुआत नहीँ, इसलिए पुस्तक ही सर्व ज्ञान की कुंजी है।

हमारे जीवन की सबसे उत्कृष्ठ प्रकार की पुस्तकें इस प्रकार है।

  • पाठ्य पुस्तके जो स्कूलों में उपयोग की जाती है, जो आमतौर पर मुद्रित होती है।
  • वैज्ञानिक पुस्तके
  • मनोरंजन की पुस्तकें
  • परामर्श की पुस्तकें
  • साहित्यक ओर कई प्रकार की भाषाओं वाली पुस्तके
  • कविता और कहानियों वाली पुस्तके
  • तकनिकी ज्ञान की पुस्तकें
  • धार्मिक पुस्तकें
  • प्रकटीकरण पुस्तकें
  • उपन्यास की पुस्तके
  • कलात्मक ज्ञान की पुस्तके
  • खाने पीने की चीजों वाली पुस्तके
  • चिकित्सक सहायता की पुस्तकें

आप इन पुस्तकों को देखकर अंदाजा लगा सकते है कि पुस्तक ने हमारे जीवन मे एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। इसकी आवश्यकता शिक्षा से लेकर धर्म और धर्म से लेकर हमारे कर्म तक है। प्रत्येक स्तर की पुस्तकें है, जो हमारे जीवन मे अतिमहत्वपूर्ण है और हमारे जीवन की घनिष्ठ मित्र भी है।

जिसने सुख – दुख जैसे सभी तरह की परिस्थिति में हमारा साथ निभाया है, जहां हमारे अपने साथ नहीँ निभाते, वही ये पुस्तकें बिना कुछ कहे प्रत्येक स्थिति में हमारा साथ निभाती है। इसी को तो कहते है एक सच्चा मित्र। जिसने इन पुस्तकों को अपना मित्र बनाया है, वो जीवन मे कभी भी अपने आप को अकेला समझ ही नही सकता।

उपसंहार

पुस्तके हमारे अच्छे मित्र होते है, क्योंकि ये हमें हमारे बुरे समय मे एक अच्छे मित्र की तरह ज्ञान देकर हमे अच्छा और सही कार्य करने के लिए प्रेरित करते है। एक अच्छी पुस्तक 100 मित्रो के बराबर होती है। पुस्तक एक टॉनिक के समान होती है।

जैसे कि शरीर को बलिष्ठ बनाने के लिए हम शारिरिक व्यायाम करते है, ऐसे ही मस्तिष्क को बलिष्ट बनाने के लिए पुस्तक पड़ना चाहिए। इस धरती पर पुस्तक के समान सबसे अच्छा और सच्चा कोई मित्र नही है।

अगर मनुष्य को किसी व्यक्ति विशेष, देश, संस्कृति, पर्यटन आदि के बारे में कुछ ज्ञान प्राप्त करना हो, तो उसे लम्बी दूरी तय करके वहाँ जाना होता है। इसके जगह वह पुस्तक पढ़ कर विश्व मे किसी भी जगह का सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर सकता है।

पुस्तक उस ज्ञान के भंडार के समान है, जिसके आगे विश्व के समस्त खजानो के भंडार छोटे है। क्योंकि संचित किये हुए खजाने जैसे कि स्वर्ण भंडार, पैसों का भंडार आदि चले जाने के बाद मिलना बहुत ही मुश्किल होते है।

परंतु पुस्तको से प्राप्त किये हुए ज्ञान को ना कोई चुरा सकता है, ना ये ज्ञान कहि जा सकता है। जितना आप पुस्तको का अध्य्यन करते है उतना ही आपके ज्ञान का कोष बढ़ता ही जाता है। पुस्तकें इस धरती पर मनुष्य के लिए सबसे बड़ा वरदान है।


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तो यह था पुस्तके हमारे सच्चे मित्र पर निबंध (Books Our Best Friends Essay In Hindi), आशा करता हूं कि पुस्तके हमारे सच्चे मित्र पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Books Our Best Friends) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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