स्वच्छता पर निबंध (Cleanliness Essay In Hindi)

आज हम स्वच्छता पर निबंध (Essay On Cleanliness In Hindi) लिखेंगे। स्वच्छता पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

स्वच्छता पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Cleanliness In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


स्वच्छता पर निबंध (Cleanliness Essay In Hindi)


प्रस्तावना

हमारे धार्मिक ग्रंथों में स्वच्छता का विशेष महत्त्व दिया गया है। धार्मिक ग्रंथों में लिखी गई बातो के अनुसार जहा स्वच्छता होती है, वहां लक्ष्मी का निवास होता है। स्वच्छता का संबंध हमारी अच्छी सेहत से होता है।

घर और बाहर की साफ सफाई रखने से आप कभी बीमार नहीं पड़ते है। ज्यादातर बीमारी गंदगी के कारण होती है। इसलिए बचपन से बच्चो को स्वच्छता से रहने के लिए जोर दिया जाता है। क्योंकि बच्चे आगे चलकर जिम्मेदार नागरिक बनेंगे, इस नाते उनमे स्वच्छता से रहने का गुण होना चाहिए।

स्वच्छता सिर्फ घर और बाहर की साफ सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि शरीर की साफ सफाई इसी में शामिल है। जितनी सफाई से आप रहेंगे उतना आपका शारीरिक और बौद्धिक विकास होगा। आपका छोटा सा प्रयास पूरे पर्यावरण को शुद्ध करता है।

आज के समय में प्रदूषण की समस्या जो हम झेल रहे, उसके पीछे कही न कही हमारी लापरवाही जिम्मेदार है। कूड़े को हमें सही जगह यानी की कूड़ेदान में डालना चाहिए। साफ सफाई न रखने से हमारा शरीर बीमारियो का घर बन जाता है। अपनी दैनिक क्रियाओ से हमारा पर्यावरण काफी प्रदूषित होता है।

स्वच्छता के प्रति जागरूकता

गंदी आदतों को हमे समय रहते अपने जीवन से हटा देना चाहिए। नही तो आगे चलकर इसके परिणाम काफी भयंकर होते है। इससे आपके साथ साथ हमारा पर्यावरण भी प्रभावित होता है।

कई बार तो देखा गया है की लोग बीमारी की चपेट में आकर अस्पताल जाते है। जब से कोविड 19 ने पूरी दुनिया में पैर पसारा है, तब से लोगो में काफी जागरूकता देखने को मिलने लगी है। अब लोगो को साबुन से हाथ धोने का महत्त्व पता चला है।

हमारी संस्कृति से संबंध

स्वच्छता का संबंध हमारी संस्कृति से भी जुड़ा है। पुराने समय, खाने से पहले और बाद में हाथ धोने की आदत मानी जाती थी। वही हमारी संस्कृति में हाथ जोड़कर अभिवादन करने को बढ़ावा दिया जाता था।

बातचीत के दौरान लोगो का हाथ मिला कर गर्मजोशी से स्वागत किया जाता था, लेकिन आज के समय में लोग दूर से ही नमस्कार करके अलविदा ले लेते है। क्योंकि उनको संक्रमण होने का गम सताता रहता है। आज हमारे संस्कृति की वो पुराणी आदते हमारे काम आ रही है।

आत्म-विश्वास में वृद्धि

यदि आपकी दिनचर्या में आपके घर और आपके शरीर को साफ सफाई से रखने की आदत शामिल है, तो इससे आपके आत्मविश्वास को बल मिलता है और दूसरे लोग भी आपकी आदतों से प्रेरित होते हैं। समाज में आप को ऊंचा दर्जा प्राप्त होता है। आत्म विश्वास बढ़ने से आपके व्यक्तिव में विकास आता है।

सरकार की सहभागिता

साफ सफाई की अच्छी आदतें आपको कई प्रकार से लाभान्वित करती है। जो लोग साफ सफाई को बहुत महत्व देते है, उनको काफी लोग पसंद करते है। उनके नाम के चर्चे दूर दूर तक होते है। नतीजा आप आपके क्षेत्र के मशहूर व्यक्ति के रूप में जाने जाते है।

आज के समय में तो हमारी सरकार ने भी इसमें जमकर हिस्सेदारी ली है। इसके लिए कई ऐसे स्वच्छता के कार्यक्रम और सामाजिक कानून पारित किए गए है, जिससे स्वच्छता को बढ़ावा मिल सके। आपकी स्वच्छता की आदत आपके अंदर के बुरे विचारों और इच्छाओ को खत्म करने में सहायक है।

स्वच्छता के लिए हमारी जिम्मेदारी

एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते आपको अपने आस पास की सफाई का मुख्य रूप से ध्यान रखना चाहिए। आपके छोटे छोटे उपाय न केवल आपको स्वस्थ्य रखेगे, बल्कि पर्यावरण को बचाने में भी आप अपना सहयोग दे सकेगे।

साफ सफाई का जिम्मा हर नागरिक के कंधो पर होता है। एक नागरिक से पूरा पर्यावरण स्वच्छ नही होता है। समय रहते हमे स्वच्छता के प्रति जागरूक हो जाना चाहिए और दूसरो को भी जागरूक करते रहना चाहिए। तभी गंदगी से पर्यावरण को मुक्त करा सकेगे।

शारीरिक स्वच्छता का पाठ

छोटे बच्चो को शारीरिक स्वच्छता के विषय में बहुत ही छोटी कक्षा से ही प्रेरिक किया जाना चाहिए। उनको साफ सुथरे कपडे पहनने से लेकर बालो को छोटे रखने और कंघी करके आने की हिदायत देनी चाहिए। यही नहीं साफ सफाई न रखने पर उनको उचित दंड भी दिया जाना चाहिए, जिससे उनके अंदर अच्छी आदतें विकसित की जा सके।

गीले और सूखे कूड़ेदान का महत्त्व

स्कूल के दिनो से ही बच्चो के पाठ्यक्रम में गीले और सूखे कूड़े जैसे विषयो को शामिल किया जाना चाहिए। जिससे उनको कूड़े को फेकने के बारे में जानकारी मिल सके। कूड़े की भी अपनी उपयोगिता होती है। यह सब बच्चो को शुरू में ही बताया जाना चाहिए।

स्वच्छता से नागरिक को लाभ

स्वच्छता का संबंध हमारी अच्छी सेहत से होता है। गंदगी हमारे शरीर के कई बीमारियो को जन्म देती है, जिससे शरीर में विभिन्न रोग पनपते है और आप पानी की तरह पैसे सेहत को ठीक करने के लिए खर्च करते रहते है।

गंदे पानी और भोजन से होने वाली बीमारियो में पीलिया, टाइफाइड, कॉलेरा जैसी गंभीर बीमारिया शामिल है। स्वच्छता ना रखने पर आप इन बीमारियों के शिकार हो जाते है।

स्वच्छता से जुड़े अभियान

भारत सरकार की ओर से स्वच्छता के लिए एक स्वच्छ भारत अभियान चलाया गया है। जिसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती के अवसर पर कि गयी थी। लेकिन कोई भी अभियान केवल सरकार के सहारे नही चलाया जा सकता। इसके लिए देश के नागरिकों की भी जरूरत होती है।

निष्कर्ष

स्वच्छता का हमारे जीवन में खास महत्त्व होता है। स्वच्छता को बनाए रखने की लिए प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग होना चाहिए। आज के समय में हम विभिन्न प्रकार के प्रदूषण की समस्या झेल रहे है। जिनमे जल, वायु, भूमि जैसे और भी प्रदूषण शामिल है।

प्रदूषण के बढ़ने के पीछे देश के नागरिक जिम्मेदार है, इसलिए हमे चाहिए की वायु प्रदूषण को रोकने के लिए हम ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाये। उसी तरह जल प्रदूषण को रोकने के लिए हमे नदियों में गंदे नाले के पानी को नही छोड़ना चाहिए। हमे हर तरह के प्रदुषण को रोकने के लिए उपाय करने चाहिए और जीवन में स्वच्छता को अपनाना चाहिए।


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तो यह था स्वच्छता पर निबंध (Cleanliness Essay In Hindi), आशा करता हूं कि स्वच्छता पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Cleanliness) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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