स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi)

आज हम स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Essay On Swachata Ka Mahatva In Hindi) लिखेंगे। स्वच्छता का महत्व पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

स्वच्छता का महत्व पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Swachata Ka Mahatva In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi)


प्रस्तावना

स्वच्छता यानी आस पास सफाई रखना, जो की अत्यंत महत्वपूर्ण है। सिर्फ घर की सफाई ही नहीं बल्कि अपने आस पड़ोस को स्वच्छ रखना ज़रूरी है। हमारे धर्मो और संस्कृति में भी साफ़ सफाई का विशेष महत्व है। स्वच्छता मनुष्य को शारीरिक और मानसिक स्तर पर स्वस्थ रखती है।

स्वच्छता का अर्थ है साफ़ – सफाई। अगर हम आस पास सफाई नहीं रखेंगे, तो बीमारियों के फैलने का डर लगा रहता है। जितनी हमारे आस पास गन्दगी रहेगी उतना ही हम कभी भी स्वस्थ नहीं रह पाएंगे और उतना ही हमे स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां होगी।

हमे स्वंय अपने आस पड़ोस, आँगन, बगीचे को साफ़ रखना चाहिए और दूसरो को भी सफाई के प्रति जागरूक करना चाहिए। देश के हर नागरिक का कर्त्तव्य है कि वह अपने आस पास कूड़ा, कचरा ना फेंके। महात्मा गांधी जी ने भी स्वच्छता पर काफी ज़ोर दिया था। कोरोना काल के इस कठिन परिस्थिति में लोग सफाई को अधिक प्राथमिकता दे रहे है और हर पल हाथ भी धो रहे है।

गंदगी से फैलती है बीमारियां

स्वच्छता की अहमियत लोगो को पता होने के बावजूद, वह छोटी छोटी चीज़ो का ध्यान नहीं रखते है। जैसे गाड़ी से जाते समय कुछ लोग कचरा बाहर फेंक देते है। यह बहुत गलत है। कई सड़को पर कूड़ा यूहीं पड़ा रहता है और इससे गंदगी फैलती है। गन्दगी से सिर्फ हम ही नहीं बल्कि पशु भी बीमार पड़ते है। रास्ते पर प्लास्टिक का कचरा पड़ा रहता है और गाय उसे खाना समझ कर खा लेती है, इससे उनकी मौत हो जाती है।

कोरोना संकटकाल में स्वच्छता का महत्त्व

अभी कोरोना संकटकाल की वजह से लोग साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे है। कोरोना संकटकाल के दौरान लोग अस्पतालों की सफाई और अपने घर और अपने आस पास की सफाई पर ज़ोर दे रहे है। साफ़ सफाई हमारे जीवन में बेहद आवश्यक है।

स्वच्छता संबंधित दैनिक कार्य

जीवन को खूबसूरत और स्वस्थ बनाने के लिए अपने तन, घर और आस पड़ोस की सफाई ज़रूरी है। हम शरीर को रोज़ साफ़ रखते है, जो अनिवार्य भी है। नहाना, दांतों को साफ़ रखना, नाख़ून काटना और साफ़ पोशाक पहनंना, घर के हर कोने की सफाई इत्यादि कार्य हर दिन करने से स्वच्छता बनी रहती है। प्रातकाल उठकर हम अपने दांतो की सफाई सबसे पहले करते है।

बीमारी मुक्त जीवन

जब मनुष्य स्वच्छ रहेगा तो उसके आस पास का वातावरण बीमारी मुक्त रहेगा। बड़ो को अपने बच्चो को स्वच्छता के महत्व के विषय में अवगत कराना चाहिए। स्वच्छता के महत्व को सभी को समझाना और उसका पालन करना ज़रूरी है। मनुष्य को अपने आस पड़ोस की साफ़ सफाई करनी चाहिए जैसे हम अपने घरो को साफ़ रखते है।

हर स्थान पर बसे धार्मिक स्थलों की प्रातकाल पूजा की जाती है। ऐसे जगहों पर लोगो को यहां वहां कचरा नहीं फेंकना चाहिए। कचरे को कूड़ेदान में ही फेंकना चाहिए।

घर की नियमित रूप से साफ़ सफाई

जब सवेरे उठकर हम नहा लेते है और साफ़ सुथरे कपड़े पहनते है, तो हम अपने को ताज़ा और स्वच्छ महसूस करते है। हम घर पर सबसे पहले झाड़ू लगाते है और घर और आँगन को फिनाइल इत्यादि पदार्थों से पौछा लगाकर साफ करते है। इससे घर कीटाणुमुक्त हो जाता है।

स्वस्थ मन और तन जीवन में मनुष्य को अपने कार्य में सफल बनाता है और चिंतन मनन में मदद करता है। घर को साफ़ रखने से घर पर आने वाले मेहमान भी प्रसन्न होते है। इससे लोगो पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

धार्मिक स्थल / सार्वजनिक जगहों की सफाई

मंदिर इत्यादि धार्मिक स्थलों पर लोग पूजा पाठ करने के लिए आते है। इसलिए धार्मिक स्थलों की साफ़ सफाई ज़रूरी है। वहाँ कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। कई लोग धार्मिक स्थलों और कई सार्वजनिक जगहों पर आते है और गंदगी फैलाते है। लोगो को यह अहसास होना ज़रूरी है कि गंदगी फैलाने से कई भयंकर बीमारियां जन्म लेती है।

विचारो और सोच में स्वच्छता

आपने आस पास और खुद की स्वच्छता के साथ, मन की शुद्धि होना भी अत्यंत ज़रूरी है। हमारे मन के विचार भी अच्छे और शुद्ध होने चाहिए। जब हम तन को स्वच्छ रखेंगे, तो मन भी स्वच्छ रहेगा।

रोग से ग्रस्त

अपने आस पास और स्वंय की साफ़ सफाई करना एक अच्छा स्वभाव है। कुछ लोग जानकर भी इस अच्छी आदत को अपनाते नहीं है। देश के कई जगहों में, बस्तियों में गन्दगी पायी जाती है। कई लोग शिक्षित नहीं होते है, इसलिए सफाई के महत्व को समझ नहीं पाते है।

इसी वजह से बीमारियां उनके गली मोहल्ले में फैल जाती है। हमेशा घर और आस पड़ोस को रासायनिक पदार्थो यानी फिनाइल इत्यादि से साफ़ करना चाहिए। अपने बर्तन को समय पर साफ़ कर लेना चाहिए। कपड़े धोकर पहनने चाहिए। इससे हम स्वस्थ रहते है और बीमारियां कोसो दूर रहती है। हमे अपने आस पास कीटकनाशक दवाई का छिड़काव करना चाहिए। इससे मच्छर और मक्खियां कम आती है।

प्रदूषित वातावरण

आजकल हमारी धरती पर प्रदूषण बढ़ गया है। जितनी अधिक गन्दगी होगी, प्रदूषण में बढ़ोतरी देखने मिलेगी। प्रदूषण में वृद्धि हमारे लिए बहुत हानिकारक है। स्वच्छ वातावरण और पर्यावरण का होना अनिवार्य है। अपने आस पास और सड़को की सफाई रखना ज़रूरी है। अगर मनुष्य साफ़ सफाई नहीं रखेगा तो निश्चित तौर पर बीमार पड़ जाएगा। यदि हम अपने वातावरण को साफ़ नहीं रख पाए तो प्रदूषण कभी कम नहीं हो सकेगा।

प्लास्टिक पर प्रतिबंध

प्लास्टिक जल्दी सड़ता नहीं है और मिटटी में जाकर मिलता नहीं है। प्लास्टिक हानिकारक पदार्थ है और सालो साल समुद्रतल पर यूँही पड़ा रहता है। मनुष्य प्लास्टिक का इस्तेमाल दैनिक रूप से करता है। प्रकृति का संतुलन बनाये रखना बहुत ज़रूरी है। इसलिए अपने आस पास को साफ़ रखने के लिए प्लास्टिक से बने सामान का उपयोग हमे नहीं करना चाहिए।

अब देश ने प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए कड़े नियम बनाये है। यह एक सकारात्मक कदम है, जिसका पालन हम सभी को करना चाहिए। कागज़ और कपड़े की थैली का इस्तेमाल करना चाहिए, प्लास्टिक की थैली का नहीं। हम बीमारियों से छुटकारा पा सकते है, यदि हम हमेशा स्वच्छता को बनाये रखे।

स्वच्छ भारत अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल २०१४ के गांधी जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान आरम्भ किया था। यह काफी लोकप्रिय अभियान रहा और देश द्वारा चलाया गया। बहुत सारे गाँवों में शौचालय की व्यवस्था अच्छी नहीं थी। स्वच्छ भारत अभियान के आरम्भ होते ही कई गाँवों में शौचालय का निर्माण करवाया गया। गाँवों में लोगो के बाहर शौच करने की आदत पर अंकुश लगाने को कहा गया। इससे लोगो ने स्वच्छता की अहमियत को समझा।

निष्कर्ष

देश के सभी नागरिको की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने आस पास के वातावरण को साफ़ रखे, पर्यावरण को दूषित ना करे और उसे सुन्दर बनाने की पूरी चेष्टा करे। सिर्फ कुछ लोगो के जागरूकता से यह संभव नहीं है। सभी को मिलकर धरती और पर्यावरण को स्वच्छ रखना होगा। हमे आस पास के नदियों, झीलों, समंदर, बगीचों को साफ़ रखना होगा।

हमे कचरा यहां वहाँ नहीं बल्कि कूड़ेदान में फेंकना चाहिए और बच्चो को भी यही सीख देनी चाहिए। हमें प्रकृति और पर्यावरण को गन्दगी से बचाना चाहिए। स्वच्छता को हम सभी लोगो को गंभीरता से लेना चाहिए।


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तो यह था स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi), आशा करता हूं कि स्वच्छता का महत्व पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Swachata Ka Mahatva) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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