साइबर क्राइम पर निबंध (Cyber Crime Essay In Hindi)

आज हम साइबर क्राइम पर निबंध (Essay On Cyber Crime In Hindi) लिखेंगे। साइबर क्राइम पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

साइबर क्राइम पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Cyber Crime In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


साइबर क्राइम पर निबंध (Cyber Crime Essay In Hindi)


प्रस्तावना 

इंटरनेट के द्वारा हम अनगिनत कार्य करते है। इंटरनेट के द्वारा दफतर के कार्य, ऑनलाइन पढ़ाई, शॉपिंग, नौकरी खोजना, एक दूसरे से संपर्क साधना इस तरह के कार्य हम करते है। ऐसे में इंटरनेट का इस्तेमाल कुछ लोग गलत और अवैध कार्यो के लिए करते है।

कुछ अपराधी इंटरनेट का गलत उपयोग करके अन्य व्यक्तियों को मानसिक और शारीरिक हानि पहुंचाते है। इससे व्यक्ति के सम्मान तक को चोट पहुँच सकती है। इंटरनेट का गलत इस्तेमाल करके जो अपराध किये जाते है, उसे साइबर क्राइम कहते है।

अक्सर कई लोग हर दिन साइबर अपराधों का शिकार हो रहे है। अब इसके विरुद्ध कुछ नियम बनाये गए है। जो व्यक्ति पकड़े जाते है उन्हें सज़ा मिलती है। साइबर अपराध दो तरीके के होते है। ऐसे अपराध जिसमे कंप्यूटर को एक लक्ष्य और दूसरा हथियार के हिसाब से उपयोग किया जाता है।

क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो के मुताबिक़ साइबर अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ रहे है। रिपोर्ट के अनुसार २०११ के बाद से साइबर क्राइम में बढ़ोतरी हुयी है। ऐसे लोग जो साइबर क्राइम कर रहे है, आंकड़ों के मुताबिक उनकी आयु तकरीबन 18 से ३० साल तक की है।

साइबर क्राइम के प्रभाव

लोग अपने निजी डेटा को दुनिया के साथ साझा नहीं करना चाहते हैं। हैकर्स के कारण लोगों को बहुत नुकसान होता है। कुछ लोग अपने डेटा के दुरुपयोग के कारण आहात हो जाते है और आत्महत्या तक कर लेते हैं।

साइबर अपराध इंटरनेट की मदद से होता है। इसमें अपराधी किसी व्यक्ति के कंप्यूटर नेटवर्क को बेकार ट्रैफिक और मैसेज से भर देते है। उनका मकसद सिर्फ उस व्यक्ति को परेशान करना होता है।

साइबर अपराधी यह सारे अपराध जो करते है, उनके पीछे अलग-अलग उद्देश्य होते है। कोई किसी व्यक्ति को निजी तौर पर नुकसान पहुंचाना चाहता है, तो कोई पैसे के लालच में करता है। साइबर अपराधी किसी सिस्टम को बर्बाद करने के लिए भी यह अपराध करते है। कोई अपराधी ऐसा किसी सरकार को बर्बाद करने के लिए भी कर सकता है।

साइबर अपराध के प्रकार 

पहचान की चोरी

आये दिन इंटरनेट पर कई लोगो के निजी डेटा चोरी हो जाते है। कुछ लोगो के इंटरनेट के द्वारा बैंक संबंधित जानकारी चोरी हो जाती है, जिसकी वजह से लोगो को काफी नुकसान होता है।

हैकिंग की समस्या

हैकिंग मे किसी के कंप्यूटर के डेटा को बिना अनुमति के गैरकानूनी ढंग से उसका उपयोग किया जाता है। हैकर्स घुसपैठ बनकर किसी के कंप्यूटर सिस्टम में घुसकर उसे हानि पहुंचाते है। यह एक बड़ा अपराध है।

यौन शोषण

इंटरनेट पर बच्चो के साथ गलत व्यवहार होता है। ऐसे कई मामले आये है जिसमे अपराधी बच्चो को अश्लील चीज़ें भेजते है और उनका गलत फायदा उठाते है। अपराधी उनका भरोसा जीतकर उनका शोषण करते है। ऐसे गलत साइबर अपराधों को रोकना बेहद आवश्यक है।

स्टॉकिंग अपराध

इंटरनेट पर साइबर स्टॉकिंग एक दूसरी बड़ी समस्या है, जिसके शिकार बहुत मासूम लोग हो चुके है। अपराधी किसी इंसान जिसे वह मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाना चाहते है, उसका इंटरनेट के ज़रिये पीछा करते है। उसके बारे में गैरकानूनी ढंग से सब कुछ जान लेते है और इंटरनेट का उपयोग करके उन्हें बदनाम करने की कोशिश करते है।

अपराधी उन्हें मैसेज या कॉल करके परेशान करते है। अपराधी का सिर्फ एक ही मकसद होता है, उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर तोड़ना और निरंतर परेशान करके पीड़ित व्यक्ति को धमकाना। साइबर स्टॉकिंग करना अपराध है।

वेबसाइट का गलत तरीके से नियंत्रण

कभी कभी अपराधी किसी के वेबसाइट को गलत तरीके से नियंत्रित कर लेते है। वेबसाइट के मालिक अपने वेबसाइट का अधिकार खो बैठते है। वह अपने वेबसाइट संबंधित सारी जानकारी खो बैठते है। इसके कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

वित्तीय अपराध

हैकिंग करके कुछ लोग उपयोगकर्ता या खाताधारकों के पैसे चुराते हैं। इस प्रकार वे कंपनियों का डेटा भी चुराते हैं। यह सब वित्तीय अपराध की श्रेणी में आते हैं। इसके फलस्वरूप  लेनदेन में भारी जोखिम होता है। हर साल हैकर्स कारोबारियों और सरकार के लाखों-करोड़ों रुपये चुरा लेते हैं।

साइबर अपराधी बैंक कर्मचारी बनकर भी यह कर सकता है। वह हर व्यक्ति के बैंक अकाउंट से हर महीने पांच रूपए भी काट ले, तो वह किसी के नज़र में नहीं आएगा। हर महीने के आखिर में अपराधी के पास काफी रूपए इकट्ठा हो जायेंगे। यह एक सोचा समझा वित्तीय अपराध है।

वायरस द्वारा लोगो की जानकारी पर हमला

साइबर क्राइम में वायरस अटैक एक सबसे बड़ी समस्या मानी जाती है। यह एक ऐसा नुकसानदेह सॉफ्टवेयर होता है, जो कंप्यूटर में मौजूद जानकारी को तबाह कर देता है। वायरस अटैक से किसी व्यक्ति के सॉफ्टवेयर को दूसरे सॉफ्टवेयर के साथ जोड़ दिया जाता है। वायरस कंप्यूटर को इतने बुरे तरीके से प्रभावित करते है कि उसे और इस्तेमाल ही नहीं किया जा सकता है।

फिशिंग

साइबर अपराध में फिशिंग के ज़रिये किसी भी व्यक्ति की ज़रूरी जानकारी निकाल ली जाती है। इसमें झूठे वेबसाइट बनाकर या ईमेल भेजकर व्यक्ति की निजी जानकारी चुरा ली जाती है।

ऐसे में लोगो को सावधान रहना चाहिए। किसी अनजान स्पैम मेल में किसी लिंक को क्लिक करने से जानकारी चोरी होने का खतरा हो सकता है। साइबर अपराधी ऐसे जानकारी निकालकर वह पीड़ित व्यक्ति को तकलीफ पहुंचाते है।

एटीएम की धोखेधड़ी

आजकल अपराधी एटीएम मशीन से पिन और नंबर निकालकर झूठे कार्ड तैयार कर लेते है। यह लोग इतने चालाक होते है कि लोगो को आसानी से लूट लेते है और उनके परिश्रम से कमाया हुआ पैसा चोरी कर लेते है। एटीएम धोखेधड़ी से बहुत सारे लोग अपने पैसे गवा देते है।

पायरेसी की समस्या

साइबर अपराध के दौरान कुछ अपराधी सरकारी वेबसाइट को हैक कर लेते है। इससे महत्वपूर्ण डेटा लीक हो जाता है। अपराधी पायरेटेड डेटा की डुप्लीकेट कॉपी बना लेते है, जिसके कारण सरकार को काफी नुकसान झेलना पड़ता है।

सिस्टम पर अटैक

साइबर अपराधी कंप्यूटर के सिस्टम को क्षति पहुंचाने के लिए एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते है, जिसे मालवेयर कहा जाता है। यह कंप्यूटर सिस्टम को बुरे तरीके से नुकसान पहुंचाता है। इसका उद्देश्य कंप्यूटर में मौजूद विशेष जानकारी तक पहुंचना होता है। उसके बाद वह उस जानकारी का गलत उपयोग करते है।

साइबर अपराध से बचाव के उपाय

कंप्यूटर हैकर्स से कंप्यूटर को बचाने के लिए उसकी सुरक्षा ज़रूरी है। इसके लिए फ़ायरवॉल का उपयोग करना चाहिए। एंटी वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने से कंप्यूटर और उसकी जानकारी सुरक्षित रहती है।

लोगो को अपने वित्तीय जानकारी कभी भी किसी से साझा नहीं करनी चाहिए। उपभोगकर्ताओं को सुरक्षित वेबसाइट पर ही शॉपिंग करनी चाहिए। क्रेडिट कार्ड की कोई जानकारी इंटरनेट पर हरगिज़ ना दे।

यूज़र्स को एक ठोस पासवर्ड का चयन करना चाहिए, जिससे हैकर्स किसी के वेबसाइट या मेल आईडी को हैक ना कर पाए। आजकल बच्चे भी इंटरनेट का उपयोग करते है। अभिभावकों को अपने बच्चो को सीमित मात्रा में ही इंटरनेट का इस्तेमाल करने देना चाहिए।

हमेशा सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, यूटूब और इंस्टाग्राम इत्यादि के पासवर्ड और सेटिंग्स को सही से रखे और हमेशा सतर्क रहे। सोशल मीडिया पर गोपनीयता को बनाये रखने के लिए सेटिंग्स की हमेशा नियमित जांच करे। इससे लोगो की निजी जानकारी सुरक्षित रहती है।

सार्वजनिक वाई फाई का इस्तेमाल करते समय लोगो को वित्तीय लेन देन नहीं करना चाहिए। इससे निजी जानकारी चोरी होने का भय रहता है। लोगो को नाम, पता, फ़ोन नम्बर या किसी तरह की वित्तीय जानकारी देते समय सचेत रहना ज़रूरी है।

यह हमेशा पता कर ले की जिस वेबसाइट पर आप अपनी निजी जानकारी साझा कर रहे है वह सुरक्षित है या नहीं। किसी भी अज्ञात मेल के लिंक को ना खोले। सन्देश कहाँ से आया है उसकी जांच पड़ताल के बाद ही कोई प्रतिक्रिया जाहिर करे।

साइबर सेल

साइबर अपराधो को रोकने के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर पर काफी कोशिशें की गयी है। देश में साइबर सेल की शुरुआत हो गयी है, जहां आप साइबर अपराध की शिकायत कर सकते है। साइबर सेल अपराधियों को सजा देते है।

पुलिस विभाग ने साइबर क्राइम के विरुद्ध कड़े कानून बनाये है, ताकि अपराधी गुनाह करने से पूर्व दस बार सोचे। साइबर सुरक्षा हमारे निजी और गोपनीय जानकारी को लीक होने से बचाती है। साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए साइबर सेल अपना काम कर रहा है।

निष्कर्ष

साइबर अपराध बेहद निंदनीय है। लोगो में जागरूकता फैलाना ज़रूरी है कि वह इंटरनेट का इस्तेमाल जानकारी प्राप्त करने और अच्छे कार्यो के लिए करे। उन्हें इंटरनेट का उपयोग किसी को भी नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं करना चाहिए। ऐसे कई तरीके है जिनका इस्तेमाल करके हम इंटरनेट पर गोपनीयता को बनाये रख सकते है। इंटरनेट का उपयोग सिर्फ ज्ञान विकसित करने के लिए करना चाहिए नाकि गलत चीज़ों के लिए।


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तो यह था साइबर अपराध पर निबंध (Cyber Crime Essay In Hindi), आशा करता हूं कि साइबर क्राइम पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Cyber Crime) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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