पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)

आज हम पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Essay On Environment Protection In Hindi) लिखेंगे। पर्यावरण सुरक्षा पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

पर्यावरण सुरक्षा पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Environment Protection In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)


प्रस्तावना

सामान्य तौर पर पर्यावरण हमारे चारों तरफ के आवरण को कहा जाता है। जो दो शब्दों से मिलकर बना होता है। जिसे परि और आवरण इन दो शब्दों के माध्यम से जोड़ा गया है। जिसका मतलब हमारे आसपास के वातावरण को कहा गया है।

हमारे पृथ्वी के वातावरण में कई प्रकार के प्राणी, पेड़ पौधे, सभी सजीव वस्तुएं आते हैं। जिनमें खुद का विकास कर लेने की क्षमता होती है। आज के समय में ऐसा देखा जा रहा है कि हमारा पर्यावरण बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। जिसका असर हम सभी पर पड़ रहा है।

पर्यावरण सुरक्षा का असली महत्व

कई बार हमने पर्यावरण सुरक्षा की बात कहते और पढ़ते सुनी हैं। लेकिन हमें इसका असली महत्व आज तक समझ नहीं आया। दरअसल पर्यावरण का सीधा संबंध हमारी धरती से है, जहां हम सभी स्वतंत्र रूप से रहते हैं।

ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपने पर्यावरण को किसी भी नुकसान से बचाएं और पर्यावरण में होने वाली समस्याओ को दूर करने के लिए प्रयासरत रहें। जब तक हमारा पर्यावरण पूरी तरह से स्वच्छ रहेगा, तभी तक हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा।

इसीलिए विभिन्न प्रयासों के माध्यम से, पर्यावरण को संरक्षित करने के उपाय करना ही असली पर्यावरण सुरक्षा के महत्व को दर्शाता है।

आयोजित किया गया पृथ्वी सम्मेलन

पर्यावरण को हमेशा सुरक्षित और सही दिशा देने के लिए 1992 मैं ब्राजील के रियो डी जनेरियो शहर में विश्व के 172 देशों ने मिलकर पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन किया था। उसके बाद 2002 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान वर्ग में भी पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन किया गया।

जिसमें विभिन्न देशों के द्वारा पृथ्वी को संरक्षित रखने के लिए कई प्रकार के शोध पेश किए गए। जिसमें पृथ्वी की भलाई और सुरक्षा शामिल थी।

पर्यावरण सुरक्षा की मुख्य समस्याएं

जब भी पर्यावरण सुरक्षा की बात की जाती है, तो हमारे सामने कई प्रकार की समस्याएं नजर आने लगती हैं। जिनके माध्यम से हम पर्यावरण को सुरक्षित नहीं रख पाते हैं। इन मुख्य समस्याओं में  वायुमंडल का तापमान बढ़ना, ओजोन परत की हानि, रेडियोधर्मिता, अनुवांशिक प्रभाव, जल का प्रदूषित होना, ज्यादा से ज्यादा प्लास्टिक का उपयोग करना, वनस्पतियों का नाश होना, बड़े कारखानों का अपशिष्ट पदार्थ बाहर आना, आदि शामिल है।

अगर गौर किया जाए तो हम देखते हैं कि पर्यावरण की सुरक्षा नहीं कर पाने में जल और वायु का मुख्य रूप से योगदान होता है। जिसमें कई बार कारखानों से निकला गंदा पानी, घरेलू गंदा पानी या फिर नालियों में बहने वाले मल को नदी या तालाब में बहा दिया जाता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है।

कारखानों में पाए जाने वाले रासायनिक पदार्थों को अगर नदियों तालाबों में बहा दिया जाए, तो यह पर्यावरण के लिए मुख्य समस्या बन जाता है और इससे कई प्रकार की हानिया मानव स्वास्थ्य को झेलनी पड़ती है।

अगर ऐसे पानी में सब्जियों और फलों को उगाया जाता है, तो यह निश्चित रूप से ही मनुष्य और प्राणियों के लिए सही नहीं होगा। इससे कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं, जो निश्चित रूप से ही भविष्य के लिए उचित नहीं है।

पर्यावरण सुरक्षा के उपाय

पर्यावरण को सुरक्षित रखना हमारे हाथों में ही हैं और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख सकें। पर्यावरण को सुरक्षित करने के उपाय कुछ इस प्रकार है।

  • पर्यावरण में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है, जिससे सही मात्रा में ऑक्सीजन और शुद्ध हवा प्राप्त हो सके।
  • कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाना उचित रहेगा, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ज्यादा प्लास्टिक पर्यावरण के सुरक्षा में बाधक होता हैं।
  • जब भी आप कही आसपास जाए, तो किसी वाहन की अपेक्षा पैदल चले। इससे भी काफी हद तक पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सकता है।
  • जब भी कोई काम करें तो उसी समय में पानी का इस्तेमाल करे, जब पानी की आवश्यकता हो। बेवजह नल को चलाकर पानी बर्बाद ना करें।
  • कम से कम प्लास्टिक से बने प्लेट, कप का इस्तेमाल करें। क्योंकि प्लास्टिक हमारे पर्यावरण के लिए घातक होता हैं।
  • जब भी आप अपने पौधों के लिए खाद का उपयोग करें, तो गोबर के खाद या जैविक खाद का ही इस्तेमाल करें।
  • किसी भी काम से बचे हुए पानी को पौधों में डाल दें, कहने का मतलब यह है कि पानी बर्बाद ना करें।

पशु पक्षियों की कई जातियां हो रही है विलुप्त

आज के समय में सामान्य तौर पर ऐसा देखा जा रहा है कि कटते वनों और पेड़ पौधों की वजह से पशु पक्षियों को उनका घर नहीं मिल पाता है और वे भटकते हुए शहर की ओर आने लगते हैं।

इस वजह से कई सारे पशु, पक्षी विलुप्त होने के कगार पर आ चुके हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि उन पशु पक्षियों को बचाने के लिए खास उपाय किए जाएं, जिससे हम कई प्रकार की प्रजातियों को विलुप्त होने से बचा सके।

भावी पीढ़ी को भी करे जागरूक

देश की भावी पीढ़ी बच्चे ही होते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम बच्चों को बचपन से ही पर्यावरण के प्रति जागरूक करें और उन्हें पर्यावरण के महत्व के बारे में समझाएं। ऐसे में बच्चे हमेशा आपकी बात को समझते हुए आगे बढ़ सकेंगे और वे भी पर्यावरण के प्रति जागरूक हो पाएंगे।

अगर उनसे किसी भी प्रकार की गलती हो रही हो, जिससे पर्यावरण का नुकसान हो सकता है, तो उन्हें प्यार से समझाएं और ऐसा ना करने के लिए कहे। बच्चों का मन बहुत कोमल होता है। अगर आप उन्हें प्यार से कोई बात समझाएंगे, तो निश्चित रूप से ही वह आपकी बात को समझ सकेंगे और पूरा योगदान भी देंगे।

उपसंहार

इस प्रकार से आज हमने जाना कि पर्यावरण हमारे लिए बहुत ही जरूरी और महत्वपूर्ण है। क्योंकि बिना पर्यावरण के हम सही तरह से अपना जीवन आगे नहीं बढ़ा पाएंगे। ऐसे में यह हमारी जिम्मेदारी होती है कि हम पर्यावरण का ध्यान रखते हुए सतत रूप से कार्य करें और किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आने दे।

लोगों को भी पर्यावरण की सुरक्षा करने के लिए जागरूक किया जा सकता है। साथ ही खुद भी अपने परिवार के लोगों को पर्यावरण सुरक्षा का महत्त्व समझाएं। हमारे प्रयास से उम्मीद करते हैं कि हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख सकेंगे।


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तो यह था पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi), आशा करता हूं कि पर्यावरण सुरक्षा पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Environment Protection) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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