भारतीय संस्कृति पर निबंध (Indian Culture Essay In Hindi)

आज हम भारतीय संस्कृति पर निबंध (Essay On Indian Culture In Hindi) लिखेंगे। भारतीय संस्कृति पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

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भारतीय संस्कृति पर निबंध (Indian Culture Essay In Hindi)


प्रस्तावना

समस्त संसार में भारत अपने अनूठे और विविध संस्कृति के लिए लोकप्रिय है। विदेशो से कई पर्यटक और शोधकर्ता हमारी संस्कृति को समझने के लिए आते है। हमारे देश की संस्कृति और परंपरा विश्व प्रसिद्ध है। हमारे देश में कुल मिलाकर २८ राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेश है।

देशवासियों ने अपने संस्कृति और परंपरा को बनाये रखा है और साथ ही सांस्कृतिक और पारिवारिक मूल्यों को सहज कर रखा है। यहां विभिन्न धर्मो को मानने वाले लोग रहते है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। विभिन्न संस्कृतियों, भाषा और परम्परा के बावजूद देशवासी एक दूसरे के साथ जुड़े हुए है।

हमारी संस्कृति बहुत पुरानी है और पूरे संसार में हमारे संस्कृति को महान बताया गया है। यहां विभिन्न प्रकार के संस्कृति और परम्पराओ को मानने और निभाने वाले लोग  एक साथ प्यार और शान्ति के साथ रहते है।

भारतीय संस्कृति में अच्छे शिष्टाचार, अच्छी बातें, सुविचार, धार्मिक मूल्य और संस्कार है। हमारी संस्कृति पांच हज़ार साल पुरानी है। यहां सभी लोगो के खाने, रहन सहन के तरीके, तौर तरीके और रीति रिवाज़ में फर्क है। फिर भी यहां देशवासी एक दूसरे के साथ मिलकर जीवन जीते है।

सभी त्योहारों को एक साथ मनाना

हमारे देश में होली हो या दिवाली या फिर क्रिसमस और ईद, सभी लोग सम्पूर्ण उत्साह और उल्लास के साथ प्रत्येक त्यौहार मनाते है। यहाँ हमारे देश में अतिथि देवो भव जैसी प्रथा का सम्मान आज भी किया जाता है। अतिथि सत्कार को सर्वोपरि माना जाता है। यहाँ देश के लोग अपने धार्मिक विचारो का अनुकरण करते है।

सभी त्योहारों में अपने रीति रिवाज़ के अनुसार पूजा पाठ करते है। पवित्र नदी में स्नान करके पूजा करते है और भगवान् को भोग लगाते है। भक्त निष्ठा के साथ व्रत रखते है और पूजा करने के पश्चात् व्रत खोलते है। राष्ट्रीय दिवसों को सब लोग एक साथ ख़ुशी के साथ मनाते है। हमारा देश अनेकता में एकता को दर्शाता है।

दयालु स्वभाव और स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान

जहां पूरी दुनिया में हमारा देश एकता की मिसाल देता है। वही हमारे देश की सहनशीलता, एकता, संस्कृति की सराहना पूरी दुनिया करती है।

हमारा देश सभ्य और कोमल स्वभाव के लिए जाना जाता है। हमारे देश को पराधीनता की बेड़ियों से छुड़वाने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणो की आहुति दी थी।  महात्मा गाँधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, तांत्या टोपे, झांसी की रानी इन सभी ने देश को आज़ाद कराने के लिए अपना जीवन समर्पित किया था।

हमें गर्व है कि हमने भारत माँ की पवित्र भूमि पर जन्म लिया है। गाँधी जी अहिंसा पर भरोसा करते थे। उन्होंने देशवासियों को अहिंसा का पाठ पढ़ाया। उन्होंने हमे यह सिखाया कि अगर हम परिवर्तन चाहते है, तो हमे हिंसा भूल जाना चाहिए। हमे धैर्य, सम्मान और विनम्रतापूर्वक सभी के साथ पेश आना चाहिए।

आध्यात्मिक सोच

हमारा देश आध्यात्मिक प्रक्रियाओं पर भरोसा करता है। यहां लोग ध्यान और अध्यात्म के विषय में ज़्यादा जानना चाहते है।

संयुक्त परिवार

भारत में रहने वाले लोग पहले संयुक्त परिवारों में रहते थे। आज भी लोग संयुक्त परिवार में रहते है, मगर पहले की तुलना में यह थोड़ा कम हो गया है। लोग आजकल पढ़ाई के लिए और नौकरी के लिए अपने संयुक्त परिवार से अलग रहते है। लेकिन आज भी हमारे देश में संयुक्त परिवार मौजूद है।

संयुक्त परिवार में लोग एक दूसरे का दुःख दर्द बाँट सकते है और मुश्किल घड़ी में परिवार के सदस्य एक दूसरे के साथ खड़े होते है।

भारत के अलग राज्यों में अलग अलग पकवान

अलग अलग राज्यों में चली आ रही संस्कृति के अनुसार पकवान बनाया जाता है। कहीं दक्षिणी पकवान बनता है, जैसे इडली, डोसा, तो कहीं पंजाबी खाना जैसे सरसो का साग और मक्के की रोटी, तो कहीं छोले बटुरे, गोलगप्पे, तो कहीं कोलकता के रसगुल्ले को पसंद किया जाता है।

कुछ लोग बिरयानी, सेवई जैसे भोजन खाना पसंद करते है। भारत के हर एक कोने में अलग अलग स्वादिष्ट भोजन बनाये जाते है, जो विविधता को दर्शाते है। देशवासियों के सेवा भाव के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है।

संस्कृति, परंपरा है सर्वोपरि

हमारी संस्कृति की मुख्य विशेषताएं बड़ो का सम्मान, मानवता, प्रेम, परोपकार, भाईचारा, भलाई है। हमारे देश की सभ्यता को तन और देश की परंपरा, संस्कृति को आत्मा कहा जा सकता है।

यह सभी एक दूसरे के बिना अधूरे है। आज हर देश आधुनिकता की वजह से अपनी संस्कृतियों को छोड़ रहा है। आज भी अपनी संस्कृति, परंपरा और मूल्यों को हम देशवासियों ने नहीं छोड़ा है।

हमारे भारत देश में अलग अलग राज्य और क्षेत्र के लोकनृत्य बहुत लोकप्रिय है। देश में विभिन्न सांस्कृतिक नृत्य मशहूर है, जैसे भंगड़ा, बिहू, गरबा, कुच्चीपुड़ी, कथकली, भरतनाट्टम। पंजाबी भंगड़ा करते है और असम के लोग बिहू करते है। हर एक राज्य की अपनी एक अलग संस्कृति और पहचान है। यह सभी विशेषताएं हमारे देश को सबसे अनोखा बनाती है।

विशेष कार्यक्रमों को एक साथ मनाते है

देश में विभिन्न धर्मो के लोग एक साथ बुद्ध पूर्णिमा, महावीर जयंती, होली, दिवाली इत्यादि एक जुट होकर मनाते है। स्वतंत्रता दिवस पर सभी धर्मो के लोग एक साथ मिलकर झंडा फहराते है और राष्ट्र गान गाते है।

देश की परम्परा

भारतीय संस्कृति में सूर्य, वट और पीपल के पेड़ को भगवान् मानकर उसकी पूजा करते है। लोग पुराने वक़्त से चली आ रही परम्पराओ को निष्ठा से निभा रहे है। लोग पवित्र वेदो का पाठ करते है और आने वाले पीढ़ी को भी इसकी विशेषता समझाते है।

यह परंपरा ना तो ख़त्म हुयी है और ना ही होगी। हम देशवासी अपनी प्रगति के साथ देश के विकास को भी गंभीरता से लेते है।

त्याग, तपस्या और देशभक्ति

देशवासियों के मन में देशभक्ति की भावना भरी है। देश पर जब भी कोई मुसीबत आती है, तो हम सब एक दूसरे के साथ मिलकर उस संकट के विरुद्ध लड़ते है। दुनिया की सभी संस्कृतियों में हमारे देश की संस्कृति सबसे अलग है।

हमारी संस्कृति ने हमे लोगो के विचारो का सम्मान और एक दूसरे की मदद करना सिखाया है। मनुष्य जब त्याग और तपस्या में विश्वास करता है, तो उसके मन में शान्ति और संतुष्टि जन्म लेती है। उस मनुष्य के मन में सहानुभूति होती है। त्याग के कारण मनुष्य के अंदर लालच, स्वार्थ जैसी भावना समाप्त हो जाती है।

पाश्चात्य संस्कृति का देश के संस्कृति पर बुरा प्रभाव

अंग्रेज़ो ने हमारे देश को अपना गुलाम बनाया। देशवासियों पर अत्याचार किये और हमारी संस्कृति को चोट पहुँचाना चाहा। अंग्रेज़ चाहते थे कि लोग उनकी संस्कृति और उनके दिखाए हुए रास्ते पर चले।

वह चाहते थे कि देशवासी उनकी संस्कृति को अपना ले। इसकी वजह से भारत में कई लोग आधुनिकता की ओर कदम बढ़ा रहे है और पाश्चात्य संस्कृति को ज़्यादा अहमियत दे रहे है, जो सही नहीं है।

आधुनिकता की वजह से लोगो में भौतिकवादी विचारधारा पनप रही है और लोग अधिक उन्नति के लिए संयुक्त परिवारों को छोड़ छोटे परिवारों में रह रहे है।

संस्कृति का संरक्षण करना है ज़रूरी

आजकल कुछ लोग अपनी देश की संस्कृति और परम्परा को छोड़कर आधुनिक बनने की कोशिश कर रहे है। इसी तरह से कुछ लोग संस्कृति का सम्मान ना करते हुए विदेशी देशो की संस्कृति को अपनाकर आधुनिक बनने की कोशिश कर रहे है।

यह गलत है। हमे आधुनिक अच्छे चीज़ो को अपनाना चाहिए, लेकिन अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। देश की संस्कृति और परंपरा हमारा गौरव है। लोगो को अपने परपरा को जानना चाहिए और नए पीढ़ी को अपनी संस्कृति से परिचित करवाना चाहिए।

हम देशवासियों का कर्त्तव्य है कि हम अपने संस्कृति की रक्षा करे। देश की संस्कृति को समझकर उसको हर दिन अपनाये, तो निर्धारित रूप से हम अपने संस्कृति का संरक्षण कर सकते है।

निष्कर्ष

इस युग में हमे अपने देश की संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए। हमे अपनी भाषा, वेशभूषा और अपने संस्कारो पर गर्व होना चाहिए। देशवासियों को अपनी संस्कृति सहज कर रखनी चाहिए।

अपनी संस्कृति को बनाये रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। तभी हमारा भारत देश एक विकसित राष्ट्र बन सकता है। लोगो को अपनी संस्कृति के महत्व को समझना चाहिए। देश की संस्कृति को संरक्षित रखना ज़रूरी है।


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