बढ़ती महंगाई की समस्या पर निबंध (Badhti Mehangai Ki Samasya Essay In Hindi)

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बढ़ती महंगाई की समस्या पर निबंध (Badhti Mehangai Ki Samasya Essay In Hindi)


प्रस्तावना

महंगाई देश की सबसे बड़ी समस्यायों में से एक है। जब से हमारे देश को आजादी मिली, तब से लेकर आज तक लगातार वस्तुओ की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। हमारे दैनिक जीवन की उपयोगी वस्तुओ की माने तो उनमे 150 से 250 गुना तक की कीमतों में वृद्धि हो चुकी है।

आज के समय में देश एक ऐसे कगार पर खड़ा है, जहां एक ओर जनसंख्या वृद्धि की समस्या देश झेल रहा है और वही दूसरी ओर मंहगाई। आजाद होने के बाद से लेकर वर्तमान समय की बात करें तो देश में जनसंख्या तीन गुनी हो चुकी है। जनसंख्या की इस कदर वृद्धि होने से महंगाई की वृद्धि होना जायज है।

पहले हमारे देश में गरीबी की रेखा के नीचे आने वाले लोगो की संख्या अधिक थी। लेकिन आज के दृश्य की बात करे तो आज ऐसे लोगो की संख्या कम है। हालाकि लोगो को भुखमरी का शिकार नही होना पड़ रहा है। आज सभी को अन्न और जल की पूर्ति हो रही है।

जब वस्तुओ की मांग बढ़ेगी तो स्वाभाविक रूप से मंहगाई भी बढ़ेगी। भारत जैसे उन्नतशील देश में एक बहुत बड़ा व्यय का जिक्र करे तो वह खनिज संसाधन पर होता है, यानी की पेट्रोल पर। इस खर्च को नियंत्रित करने की दिशा में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। यही वजह है पेट्रोल के दाम में वृद्धि होती रहती है। पेट्रोल के दाम बढ़ने से अन्य चीजे भी महंगी होना जायज सी बात है।

महंगाई बढ़ने का कारण 

बाजार में महंगाई के बढ़ने और घटने दोनो के पीछे अहम वजह मांग और आपूर्ति होती है। मांग व्यक्ति की उपरोक्त वस्तु की खरीदने की क्षमता यानी की उसके मौजूदा बजट पर निर्भर करती है। वही उसके द्वारा जमा की गई राशि उसके खर्च पर निर्भर करती है कि उसकी कुल आय कितनी है, वह कितना खर्च करने में सक्षम है।

यदि व्यक्ति के पास अधिक पैसे है, तो वो ऐसे में अधिक चीजों की खरीददारी करेगा और अधिक खरीदारी करने से वस्तुओ की मांग में वृद्धि होगी। ऐसे में उत्पाद की कमी होने के कारण उसकी कीमत बढ़ना लाजमी है। महंगाई बढ़ने के पीछे वैसे तो कई जायज वजह है, जिनमे से एक वजह भ्रष्टाचार को भी माना गया है। वर्तमान समय में कुछ इसी स्थिति बन गई है, जिसमे अमीर और अमीर बनता जा रहा है और गरीब का जीवन गरीबी में ही कट जाता है।

किसानों की कमजोर आर्थिक स्थिति भी महंगाई लाने के पीछे जिम्मेदार मानी गई है। प्राकृतिक आपदा के चलते कभी कभी फसले बरबाद हो जाती है। ऐसे में किसान भाईयो को तो बड़ा नुकसान होता ही है, साथ ही में देश की अर्थव्यवस्था शिथिल पड़ जाती है। वर्तमान समय में हमारे देश में खाद्यान्न की समस्या तो नही है, लेकिन कालाबाजारी की समस्या ने देश को जकड़ लिया है। जिसके चलते अनाज की कमी को झूठ में ही दिखाया जाता है।

कालाबाज़ारी महंगाई बढ़ने की अहम वजह

मंहगाई बढ़ने की कई वजह हो सकती है और उन्ही वजहों में से एक वजह कालाबाजारी भी है। बड़े बड़े व्यापारी और पूंजीपति मौके का फायदा उठाकर पैसे की आड़ में जरूरी चीजों का संग्रहण कर लेते है। नतीजा बाजार से आवश्यक चीजे मिलना बंद हो जाती है। जैसे ही इसकी आपूर्ति होती है, लोग चीजों को दाम बढ़ा कर बेचना शुरू कर देते है। इसी को आम भाषा में कालाबाजारी के नाम से जानते है, जोकि पैसे कमाने के लिए लालची लोग करते है ।

महंगाई का आम जनता पर प्रभाव

महंगाई बढ़ जाने से मध्यम और निम्न वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। पेट्रोल के दाम हो या गैस सिलेंडर के दाम, इनके बढ़ जाने से उनका आर्थिक संतुलन बिगड़ जाता है। ऐसे में लोग अपनी जरूरतों को काटकर घर चलाने का प्रयास करते है। जिनमे उनको अपने बच्चो की पढ़ाई तक के खर्च को कम करना पड़ता है।

बढ़ती मंहगाई पर लगाम लगाने के उपाय

दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं के बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए। इस दिशा में सरकार को चाहिए की लगातार मूल्य-नियंत्रण पर नजर रखे। ऐसा करने से कालाबाजारी पर कुछ हद तक लगाम लगाई जा सकती है। लेकिन इस दौरान आम लोगो को चाहिए की वह संयम रखे।

महंगाई का प्रभाव

बढ़ती हुई महंगाई से निम्न और मध्यम स्तर के लोग काफी प्रभावित होते है। जैसे की खाने पीने की चीजों और ईंधन में अचानक से बढ़ोतरी कर दी जाती है, जिससे लोगो का आर्थिक बजट गड़बड़ा जाता है। लोग सरकार को दोष देने लगते है। स्टील और सीमेंट जैसी उपयोगी चीजों की महंगाई, इनपुट के रूप में इनका उपयोग करने वाले उद्योगों को तगड़ा झटका देती है। वही इसका असर सिर्फ आम जनता को पड़ता है, इसके निर्माता हमेशा फायदे में रहते है।

महंगाई की समस्या से निबटने के लिए व्यावहारिक समाधान

महंगाई से बचने के लिए उपभोक्ता और सरकार दोनों को आगे आना चाहिए। उनके बीच अच्छे गठबंधन से महंगाई पर लगाम लगाई जा सकती है। सरकार को समय-समय पर जांच करते रहना चाहिए कि कहीं कोई व्यापारी कालाबाजारी तो नहीं कर रहा है। यदि कर रहा है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।

वहीं आम जनता को सहयोग के रूप में सामान खरीदने के दौरान जागरूक होना चाहिए। उसे यह जानकारी होनी चाहिए की वस्तु का क्या मूल्य है और एक ग्राहक होने के नाते उसे क्या क्या अधिकार दिए गए। यदि कोई दुकानदार किसी वस्तु के मूल्य से अधिक दाम पर वस्तु को बेच रहा है, तो उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त सरकार को खाद्य पदार्थों और रोजमर्रा की वस्तुओं के दामों पर पैनी नजर बनाए रखनी चाहिए।

महगाई को रोकने के लिए आम जनता को चाहिए की वे सिर्फ आवश्यक वस्तुएं की खरीददारी करे। ऐसा करने से महंगाई की समस्या का समाधान किया जा सकता है। यदि हम अपनी जरूरत की वस्तु खरीदने के लिए बाजार जाते है, तो हमे उपरोक्त वस्तु को खरीदने से बचना चाहिए। ऐसा करने से वस्तुओ के मूल्य में अपने आप गिरावट आती है।

निष्कर्ष

देश को उन्नत करने के लिए हमे महंगाई पर लगाम कसने की जरूरत है। महंगाई की समस्या का निदान निकलते ही देश में भुखमरी की समस्या का अंत अपने आप हो जायेगा। महंगाई के होते हुए कोई भी देश विकास नहीं कर सकता। मंहगाई को नियंत्रित करने के लिए हमे खुद भी छोटे मोटे प्रयास करने चाहिए। इसके साथ सरकार को भी कालाबाजारी को खत्म करने के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए।


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