मेरी दादी पर निबंध (My Grandmother Essay In Hindi)

आज हम मेरी दादी पर निबंध (Essay On My Grandmother In Hindi) लिखेंगे। मेरी दादी पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मेरी दादी पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On My Grandmother In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


मेरी दादी पर निबंध (My Grandmother Essay In Hindi)


प्रस्तावना

मेरी दादी के सबसे ज़्यादा करीब मैं हूँ। मेरे घर पर नौ सदस्य है। जिनमे मम्मी, पापा, मैं और मेरी बहन, चाचा – चाची और उनके दो बच्चे यानी दो भाई और दादी है, हम दो मंज़िला  इमारत में रहते है। दादी माँ सबसे प्यारी है। मैं अपने दादी माँ से बेहद प्यार करता हूँ।

वह सभी का समान रूप से ध्यान रखती है। जब खाली समय होता है, तो वह मेरे साथ खेलती है। मुझे पापा के डाट से बचाती है। मैं, मेरी बहन और दो छोटे भाई सभी दादी माँ के साथ  बगीचे में खेलते है। दादी माँ हमेशा खुश मिज़ाज़ रहती है।

वह हमेशा मम्मी और चाची को रसोई में मदद करती है। दादी माँ की एक छड़ी है और आँखों पर चश्मा लगाती है। हम सभी उन्हें बहुत प्यार करते है। मेरी दादी बहुत सहनशील है और हर प्रकार के माहौल में अपने आपको ढाल लेती है।

वह भगवान् पर अटूट विश्वास रखती है। मेरी दादी 71 साल की है फिर भी वह कोई भी बात भूलती नहीं है। इस उम्र में भी उनकी यादाश्त बहुत अच्छी है। दादी माँ सारे काम बड़े फुर्ती के साथ करती है। कहानी और धार्मिक पुस्तकें पढ़ने का उन्हें बड़ा शौक है।

वे जल्द अपना काम समाप्त करने के पश्चात गायत्री मंत्र पढ़ती है। हम सब जब घर पर होते है, तब एक साथ अपना भोजन करते है और पारिवारिक समय बिताते है। यह सब दादी जी की वजह से संभव हो पाया है। दादी जी अपने जीवन के मनोरंजक घटनाओ को साझा करती है। इससे सभी का मन प्रसन्न रहता है।

दादी माँ परिवार की नीव है

दादी माँ एक मज़बूत विचारधाराओ वाली महिला है। घर के सभी फैसले वह घर के बाकी बड़ो से चर्चा करके लेती है। वह हमेशा अपने काम में मसरूफ रहती है। परिवार की बुनियाद मेरी दादी माँ है।

दादी जी हफ्ते में एक बार सभी सदस्यों के साथ मिलकर समस्याओं की चर्चा करती है और उसका निवारण करने की भी कोशिश करती है। दादी जी के सभी फैसलों का हम सब सम्मान करते है।

सुबह उठकर दादी जी के कार्य

सुबह उठकर दादी नहा धोकर तैयार हो जाती है। वह सुबह ही भगवान् की पूजा करती है और बगीचे के सभी पौधों को पानी देती है। फिर मम्मी और चाची के साथ सुबह का नाश्ता बनाने में मदद करती है। फिर वह कुछ देर रामायण पढ़ती है।

हम सभी बच्चो को स्कूल के लिए तैयार करती है। दादी माँ हमारी देखभाल करती है। वह सुबह से ही घर के हर एक काम को सुचारु रूप से देखती है। नौकरो को भी ठीक से निर्देश देती है और सभी के साथ उनका ताल मेल बहुत अच्छा है।

मेरी दादी माँ बहुत लज्जतदार खाना बनाती है। वह सभी के पसंद का ध्यान रखते हुए उनका मनपसंद भोजन बनाती है। दादी माँ के हाथ के बनाये हुए लड्डू, पुलाओ, पनीर और अचार मुझे बहुत पसंद है। मैं हर रोज टिफ़िन में उसे ले जाता हूँ।

दादी जी के सलाह की अहमियत

दादी जी बहुत अनुभवी है और सभी जीवन के सभी क्षेत्रों में उनका अनुभव बेहतरीन है। इसलिए घर के सभी बड़े लोग उनसे ज़रूरी कार्यो के विषय में सलाह लेते है। वह नए और पुराने दोनों विचारो को मानकर चलती है। वह अपने ख्यालातों को औरो पर थोपती नहीं है। सबकी बातों को सुनकर फिर सबको सलाह देती है।

दादी जी और समय ज्ञान का महत्व

दादी जी सुबह से लेकर हर कार्य समय पर करती है। वह अपने दिनचर्या का एक भी क्षण नहीं गवाती है। वह हमेशा अपने परिवार के सदस्यों को समय का महत्व भी समझाती है।  समय पर कार्य करने से व्यक्ति एक व्यवस्थित और सफल जीवन जीता है।

कर्तव्यपरायण और धार्मिक महिला

दादी अपने सभी कर्तव्यों को बखूभी जानती है और बिना रुके निभाती है। वह घर पर आये मेहमानो की सेवा करती है। कोई दिखावा नहीं करती है। वह अपने निर्धारित समय पर धार्मिक ग्रंथो जैसे रामायण और महाभारत इत्यादि पढ़ती है।

उनका जीवन सादगी भरा होता है। सभी उनके धार्मिक विचारो से बहुत प्रभावित होते है। हमारे मोहल्ले में सभी लोग उनका सम्मान करते है और सभी बच्चे उन्हें बेहद पसंद करते है।  दादी सभी के साथ सरलता से घुल मिल जाती है।

दादी माँ हमेशा अपने परिवार की सलामती के लिए हफ्ते में दो बार देवी माँ के मंदिर जाती है। वह दान दक्षिणा के काम भी करती रहती है। वह धर्म -कर्म के कार्यो में काफी रूचि लेती है।

दादी बहुत अच्छा पकवान बनाती है

शाम को दादी के हाथ की बनाई हुयी चाय और मिल्क शेक की बात ही कुछ और है। सर्दी में चाय और कॉफी दादी जी बढ़िया बनाती है। दादी जी बढ़िया खाना बनाती है। शायद ही ऐसा कोई पकवान होगा, जो दादी जी को बनाना ना आता हो। वह भारतीय भोजन के साथ अंग्रेजी व्यंजन जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर भी हम सभी के लिए बनाती है।

पशुओं से प्रेम

दादी जी पशुओं जैसे कुत्ता, बिल्ली से बहुत प्यार करती है। पशुओं के प्रति वह हमेशा दयाभाव रखती है। हमारे घर पर टॉमी को बहुत प्यार करती है और उसका देखभाल भी करती है।

मानवता और एक सच्ची देशभक्त

दादी माँ बहुत ही दयालु महिला है। किसी भी इंसान को मुश्किल में देखकर वह रह नहीं पाती है। ऐसे लोगो को वह मदद करने की पूरी चेष्टा करती है। वह अपने मातृभूमि से भी बड़ा प्यार करती है। देश प्रेम की भावना उनमे कूट – कूट कर भरी है।

कसरत और घरेलु नुस्खों पर विश्वास

सुबह उठकर वह कसरत करती है और अपने आपको फिट रखने की पूरी कोशिश करती है। सुबह की सैर और ताज़ी हवा उन्हें बहुत पसंद है। वह मेरी मम्मी और चाची को लेकर भी सुबह सैर के लिए जाती है। वह घरेलु नुस्खों में ज़्यादा यकीन करती है। वह जानती है इससे सही तरह से बीमारी दूर हो जाती है।

कहानियां सुनाना

दादी माँ की कहानियों से सभी अच्छी तरह से परिचित है। दादी माँ से प्रेरणादायक कहानी सुनने में सभी को बहुत अच्छा लगता है। मुझे भी दादी विभिन्न प्रकार की रोचक कहानी सुनाती है। इससे मुझे और मेरे भाई बहनो को बहुत कुछ जानने को मिलता है। रात को सोने से पूर्व दादी माँ हम बच्चो को मनोरंजन से भरे कहानियां सुनाती है।

उत्सवों का पालन

दादी माँ सभी प्रकार के उत्सवों में बढ़ चढ़कर भाग लेती है। दिवाली, होली और सभी तरह के त्योहारों में उनका जोश देखने को मिलता है। सभी उत्सवों की शॉपिंग सब के साथ मिलकर दादी माँ करना पसंद करती है।

दादी माँ में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। दादी जी सभी उत्सवों पर सभी को तोहफे देती है। वह यह भली भाँती जानती है कि किसको क्या पसंद है। उसके अनुसार वह सभी को गिफ्ट देती है। दादी जी को भी हम सब मिलकर सरप्राइज गिफ्ट देना नहीं भूलते है। दादी जी का जन्मदिन हम सब धूम धाम से मनाते है।

हमेशा परवाह करती है

दादी माँ परिवार के हर सदस्यों की परवाह करती है। वह हर पल चाहती है कि उनके आस -पास के लोग खुश रहे। वह हमेशा सभी को सही राह दिखाती है। घर परिवार को चलाने के लिए सारे रिवाज़ भी सिखाती है।

उन्होंने अपने परिवार को सहज कर रखा है और अच्छे संस्कार दिए है। यह इसलिए कि उनके आने वाली पीढ़ी भी इसी संस्कार और रिवाज़ो को आगे बढ़ाए। यदि पिताजी और चाचा जी को दफ्तर से आने में देर हो जाए तो वह परेशान हो उठती है। जब तक वे घर ना आ जाये उन्हें चिंता लगी रहती है।

बच्चो और महिलाओं के साथ मेला जाना 

जब ही मेला और त्यौहार के समय बाजार जाना होता है, तो वह उत्साहित हो जाती है। वह सभी के साथ जाती है। हम सभी बच्चो को चॉकलेट और आइस क्रीम इत्यादि खिलाती है। हम सभी बड़े मज़े करते है।

दादी जी के साथ रहने से इन गुणों का संचार होता है

दादी जी हमें रिश्तों को मज़बूती के साथ निभाना सीखाती है। वह वक़्त और अनुशासन की पाबन्द है। यह भावनाएं भी हम सभी में विकसित होती है। उन्होंने सिखाया है कि जीवन में हमेशा अच्छा और सकारात्मक सोच के साथ चलना चाहिए। उचित संस्कार और सम्मान इत्यादि गुणों का विकास दादी जी के साथ रहने से होता है। बच्चो का सुनहरा बचपन दादी के बिना फीका होता है।

अभिभावकों का दायित्व

जो लोग किसी कारणवश संयुक्त परिवार में नहीं रहते है, उन अभिभावकों को अपने बच्चो को उनके दादी माँ के पास लाना चाहिए। बच्चे दादी माँ के साथ समय बिताते है, तो इससे दादी माँ खुश रहती है। अभिभावकों का दायित्व है कि वह अगर दूर रहते है, तो बच्चो को फ़ोन और वीडियो कॉल के माध्यम से दादी जी से बातचीत करने दे, इससे संपर्क बना रहता है।

निष्कर्ष

हम एक संयुक्त परिवार में बड़े प्यार के साथ रहते है। दादी जी के इसी प्यार और समझदारी ने इस समस्त घर को जोड़ कर रखा है। दादी माँ का आशीर्वाद यूँही बना रहे। हमारा परिवार उनके बिना अधूरा है।

घर के सभी सदस्य अपने परेशानी को दादी जी के समक्ष रखते है। दादी जी उन परेशानियों को दूर कर देती है। दादी जी हमारे घर की जान है। हम सभी को अपने दादी के भावनाओ की कदर करनी चाहिए और उन्हें हमेशा प्यार देना चाहिए।


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तो यह था मेरी दादी पर निबंध, आशा करता हूं कि मेरी दादी पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On My Grandmother) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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