मेरा परिवार पर निबंध (My Family Essay In Hindi)

आज हम मेरा परिवार पर निबंध (Essay On My Family In Hindi) लिखेंगे। मेरा परिवार पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मेरा परिवार पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On My Family In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


मेरा परिवार पर निबंध (My Family Essay In Hindi)


प्रस्तावना

परिवार के बैगर हमारी ज़िन्दगी अधूरी है। हर किसी इंसान को अपने परिवार की ज़रूरत होती है। मनुष्य को जब भी समस्याएं होती है, तो परिवार हमेशा उनके लिए खड़ा होता है। ज़्यादातर हर परिवार में माता, पिता, भाई, बहन और दादा, दादी होते है।

परिवार दुःख और सुख में हमेशा एक साथ खड़ा रहता है। कुछ लोग संयुक्त परिवार में रहते है और कुछ छोटे परिवारों में रहते है। आजकल जिस प्रकार जनसंख्या बढ़ रही है, उतनी ही हर चीज़ो की कीमतों में इज़ाफ़ा हो रहा है, इसलिए ज़्यादातर लोग छोटे परिवारों में रहना पसंद करते है।

आजकल परिवार इतने छोटे हो गए है कि बच्चे इसका महत्व समझ नहीं पा रहे है। जीवन के मुश्किल समय में अगर कोई साथ निभाता है, तो वह सिर्फ परिवार होता है। बच्चा शिष्टाचार और अच्छे संस्कार अपने परिवार से सीखता है। अतः मेरा अस्तित्व परिवार के बिना कुछ नहीं है।

मैं अपने परिवार से बहुत प्रेम करता हूँ। जिन्दगी में कोई साथ दे या ना दे, मगर परिवार हमेशा हमारे साथ खड़ा होता है। गर्मियों की छुट्टियों में जब मैं अपने परिवार के साथ गाँव जाता हूँ, तो अलग ही आनंद और सुकून मिलता है।

अगर व्यक्ति अच्छा कार्य करता है तो परिवार का नाम रोशन करता है। परिवार के कारण ही मनुष्य अपने सारे परेशानियों को भूल जाता है। परिवार ही हमे मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकालता है।

परिवार के सदस्य

परिवार के प्रत्येक सदस्य का अपना महत्व होता है। मैं अपने आपको खुशनसीब समझता हूँ कि मुझे ऐसा प्यार भरा परिवार मिला। इस परिवार में दादी, माता-पिता, मैं और मेरी बहन रहते है।

परिवार का हर सदस्य, परिवार के संतुलन को बनाये रखता है। एक अच्छे परिवार में जन्म लेना सौभाग्य की बात होती है। मैं अपने आपको भाग्यशाली समझता हूँ। आज मैं अपने माता-पिता के आशीर्वाद से सुरक्षित हूँ और जीवन में किसी भी चीज़ की कोई कमी नहीं है।

संयुक्त परिवार की कमी

आजकल संयुक्त परिवार कम देखने को मिलते है। मेरे पिताजी संयुक्त परिवार में पले बड़े है। नौकरी के कारण उन्हें मेरी मम्मी को लेकर कोलकाता आना पड़ा। जिन्दगी में परिवार की खुशहाली और उन्नति के लिए पिताजी ने अपने और परिवार के लिए बहुत कुछ किया है।

वह जिम्मेदारियों से कभी पीछे नहीं हटे। जैसे ही परिवार के किसी भी सदस्य को ज़रूरत पड़ती है तो वह तुरंत उनकी सहायता करते है। हमारे स्कूल की छुट्टी होने पर अक्सर हम अपने गाँव, अपने परिवार के बाकी सदस्यों से मिलने जाते है।

माँ की ममता और उनके दिए संस्कार

माँ अपने परिवार को संजो कर रखती है। मेरी माँ शिक्षिका है और घर भी संभालती है। मैं अपनी माँ के ज़्यादा करीब हूँ। वह दिन रात हमारी खुशियों का ध्यान रखती है। उन्होंने हमे समय का सदुपयोग करना, अनुशासन का पालन करना और मन लगाकर पढ़ना सिखाया है।

उन्होंने बड़ो का सम्मान करना और उनके आदेशों का पालन करना हमेशा हमे सिखाया है। माँ के दिए गए संस्कार पीढ़ी दर पीढ़ी पारिवारिक संस्कारो को बनाये रखने में मदद करते है। भारतीय परिवार संस्कारो से बनता है।

माता-पिता का आशीर्वाद

जब भी ज़िन्दगी में किसी भी मोड़ पर मैं कमज़ोर पड़ा, तो माता -पिता ने हमेशा मुझे हिम्मत दी और हौसला बढ़ाया। माता-पिता का साथ और आशीर्वाद हमेशा यूंह ही बना रहे, तो मैं जिंदगी की बड़े से बड़े मुश्किलों को पार कर जाउंगा। मेरे पिताजी ने हमेशा मुझे संयम और सूझ -बूझ के साथ जिन्दगी में चलना सिखाया है।

दादी जी का प्यार और उनकी कहानियां

मैं महज दस साल का था जब दादाजी चल बसे थे। दादाजी के साथ हम बचपन में बहुत खेला करते थे। हम अगर शरारत करते थे, तो वह हमे डांटते थे। उनकी डांट में उनका प्यार छिपा रहता था। दादी जी की कहानियां आज भी मुझे याद है।

अब मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ, लेकिन पढ़ाई से जैसे ही समय मिले तो अपने बहन के साथ दादी जी की कहानियां सुन लेता हूँ। मन को बड़ा सुकून मिलता है और अच्छी नींद आती है। दादी जी परिवार की नीव है। वह हर काम में सक्रीय रहती हैं।

वह मेरी मम्मी को उनके रसोई में मदद करती है। दादी जी के हाथ का बना शाम का नाश्ता सभी को बेहद पसंद है। दादी जी प्रातः काल उठती है और सभी कार्य समय पर करती है। वह वक़्त की पाबन्द है और परिवार के लिए हमेशा सही फैसला लेती है।

बहन मेरी सहेली

मेरी बहन मुझसे छोटी है और स्कूल में पढ़ती है। हम एक दूसरे को काफी समझते है और वह मेरी सहेली जैसी है। मैं जब कभी चाहूँ अपने मन की बात उससे साझा करता हूँ। वह हमेशा मेरा समर्थन करती है। वैसे है तो वह छोटी, मगर बहन का कर्त्तव्य अच्छे से निभाती है।

जीवन के लक्ष्य में परिवार का साथ

मैं हाल ही में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा हूँ। मुझे आगे चलकर पीएचडी करना है और मेरे माता -पिता मेरे इस फैसले में मेरे साथ है। मैं हफ्ते में चार दिन बच्चो को पढ़ाता हूँ। मेरे परिवार के सभी लोग मुझे समझते है।

मेरे माता-पिता हमेशा मेरे परेशानियों को समझते है और उन्हें सुलझाते है। जब भी मैं ज़िन्दगी में किसी उलझन में पड़ जाता हूँ, तो मेरे माता-पिता मुझे सही मार्ग दिखाते है। इंसान को जब चोट लगती है या वह किसी मुश्किल में रहता है, तो परिवार उसका हमेशा साथ देता है। मेरा परिवार भी बिलकुल वैसा है। जिंदगी में हमे परेशानियों से बाहर परिवार निकालता है।

दुनिया का सबसे सुकून भरा और सुरक्षित स्थान होता है परिवार

संसार में अगर व्यक्ति कहीं सुरक्षित महसूस करता है तो वह घर -परिवार होता है। परिवार के साथ मनुष्य सुख और शान्ति के संग रहता है। ऐसे बहुत सारे लोग है, जिनके पास परिवार नहीं होता है, इसलिए इंसान को परिवार का महत्व कभी भी नहीं भूलना चाहिए।

परिवार बच्चो का प्रथम पाठ शाला होती है। परिवार का साथ हो तो मुश्किल से मुश्किल दौर भी खत्म हो जाता है। मुझे मेरा घर -परिवार बेहद प्रिय है।

खाली समय में परिवार के संग

हफ्ते में एक दिन सभी की यह कोशिश रहती है कि हम कुछ समय साथ में बिताए। वैसे रोज़ खाने के टेबल पर हम सब बात करते है और एक दूसरे के विषयो पर चर्चा करते है। रविवार को हम सब बाहर थोड़ी देर के लिए घूमने जाते है।

परिवार में सभी सदस्यों को एक दूसरे के लिए समय निकालना चाहिए। परिवार को वक़्त देना ज़रूरी होता है। इससे रिश्तों में प्यार बढ़ता है।

निष्कर्ष

आज इस भाग दौर वाली इस जिन्दगी में संयुक्त परिवार बदलकर मूल परिवार बन गए है। मूल परिवार मतलब छोटे परिवार। व्यक्ति का सर्वांगिण विकास परिवार में रहकर होता है। जीवन के कठिन परिस्थितियों में अपने यानी परिवार सदैव आपके पास खड़े होते है।

रिश्तें और परिवार, प्यार और विश्वास से बनते है। परिवार का स्नेह और लगाव हमे कभी दूर नहीं जाने देता है। परिवार से अच्छे और उत्तम आचरण बच्चे सीखते है। देश के गठन में परिवार अहम भूमिका निभाता है।


इन्हे भी पढ़े :-

तो यह था मेरा परिवार पर निबंध (My Family Essay In Hindi), आशा करता हूं कि मेरा परिवार पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On My Family) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!