साइना नेहवाल पर निबंध (Saina Nehwal Essay In Hindi)

आज हम साइना नेहवाल पर निबंध (Essay On Saina Nehwal In Hindi) लिखेंगे। साइना नेहवाल पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

साइना नेहवाल पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Saina Nehwal In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


साइना नेहवाल पर निबंध (Saina Nehwal Essay In Hindi)


प्रस्तावना

हमारे देश भारत मे कई ऐसी प्रतिभा है जिन्होंने हमारे देश भारत का नाम रोशन किया है। इनकी विख्यात प्रतिभा ने ना केवल भारत मे बल्कि पूरे विश्व मे अपने देश का नाम रोशन किया है।

इसमें पुरुष ही नहीं महिलाएं भी अवल्ल नम्बर की विश्वविख्यात प्रतिभाओं में गिनी जाती है। उनमें से ही एक नाम महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल का है। जो महिला बैडमिंटन में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों में से एक है और उन्होंने कई चैंपियनशिप जीती है।

उनकी बैडमिंटन प्रतिभा के लिए वह पूरी दुनिया मे जानी जाती है। वो एक आशाजनक महिला खिलाड़ी में से एक है। उन्हें अपने खेल से बहुत प्यार है। भारत मे बैडमिंटन की लोकप्रियता बढाने का श्रेय सानिया नेहवाल को ही जाता है।

वर्ष 2015 में साइना नेहवाल जी का वर्ल्ड रैंकिंग में पहला स्थान था। इस जगह पहुँचने वाली ये पहली भारतीय महिला थी, जिन्होंने हमारे देश को एक उच्च उपलब्धि दिलाई।

साइना नेहवाल के बारे में कुछ जानकारी

  • नाम – साइना नेहवाल
  • रहवास – हैदराबाद
  • पिता का नाम – हरवीर सिंह
  • माता का नाम – उषा रानी
  • जन्म – 17 मार्च 1990
  • बहन – अबु चन्द्राशु नेहवाल
  • पेशा – बैडमिंटन खिलाड़ी
  • राष्टीय पुरुस्कार – पदमश्री, राजीव गांधी खेलरत्न अवार्ड ।
  • पति का नाम –   परुपल्ली कश्यप
  • कोच –  विमल कुमार
  • हाईट – 1.65 मीटर
  • वजन – 60 kg
  • हाथ का इस्तेमाल – (Handedness) दांया हाथ (Right Hand)
  • सर्वोत्तम स्थान – (Highest Ranking) 1 (2 अप्रैल, 2015)

साइना नेहवाल का जन्म ओर बैडमिंटन की शुरुआत

साइना नेहवाल विश्व वेस्ट बैडमिंटन खिलाड़ी में से एक है। इनका जन्म 17 मार्च 1990 में हरियाणा राज्य के हिसार शहर में हुआ था। वह विश्व बैडमिंटन संघ द्वारा जारी की गई रैंकिंग के अनुसार दुनिया मे प्रथम स्थान पर रह चुकी है।

उनके पिता हरवीर सिंह हरियाणा के एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में काम करते है। जबकि उनकी माँ उषा रानी जी भी साइना नेहवाल की ही तरह बैडमिंटन खिलाड़ी थी। कुछ समय बाद इनके पिता हरियाणा से हैदराबाद शिफ्ट हो गए।

साइना ने अपने स्कूल की पढ़ाई हरियाणा के हिसार से ही शुरू की, लेकिन अपने पिता के ट्रांसफर होने के कारण उन्हें कई बार स्कूल बदलने पड़ते थे। साइना ने 12 वीं हैदराबाद के संत एनस कॉलेज मेहदीप्तनाम से किया था।

साइना नेहवाल स्कूल में एक शांत, शर्मीली ओर अध्ययनशील छात्रा रही है। साइना नेहवाल ने पढ़ाई के साथ – साथ कराटे भी सीखे थे। उन्हें कराटे में ब्राउन बेल्ट भी मिला हुआ है। साइना की प्रतिभा को निखारने में उनके माता पिता का महत्वपूर्ण स्थान है। उनके माता – पिता स्टेट लेवल पर बैडमिंटन खेला करते थे।

बैडमिंटन की प्रतिभा साइना को उनके माता – पिता से विरासत में मिली थी। कम उम्र से ही साइना को बैडमिंटन से लगाव हो गया था। आठ साल की छोटी उम्र में ही साइना के पिता ने उन्हें बैडमिंटन सिखाने का फैसला कर लिया था।

वे उन्हें हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम ले गए, जहाँ साइना की कोच “नानी प्रसाद” के अंडर में बैडमिंटन सीखने लगी। यहाँ उनके कोच ने उन्हें सख्त ट्रेनिगं दी और उन्हें फिट रहने के गुण सिखाये।

साइना नेहवाल जी के पिताजी उन्हें उनके बचपन से ही एक अच्छा बैडमिंटन प्लेयर बनाना चाहते थे। साइना जी के अच्छी ट्रेनिग के लिए उन्होंने अपनी जमा की गई सभी राशि खर्च करने की भी परवाह नहीं की।

साइना नेहवाल जहाँ बैडमिंटन की प्रैक्टिस करती थी, वो स्टेडियम उनके घर से 25 किलोमीटर दूर था। उनके पिताजी रोज सुबह 4 बजे उनको स्कूटर से ले जाते थे। कई बार साइना अपने पिताजी के स्कूटर में बैठे – बैठे ही सो जाती थी।

इसी डर से की साइना को कोई नुकसान ना पहुँचे उनकी माँ उनके साथ स्टेडियम जाने लगी। वहां 2 घण्टे की प्रैक्टिस के बाद साइना स्कूल जाती थी। कुछ समय बाद उन्होंने एस. एम. आरिफ से ट्रेनिंग ली, जो हमारे देश भारत के जाने माने खिलाड़ी है। जिन्हें द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मान प्राप्त हो चुका है।

इसके बाद साइना ने हैदराबाद की पुललेला गोपीचंद अकैडमी ज्वाइन कर ली। जहां उन्हें गोपीचंद जी से ट्रेंनिग मिलने लगी। साइना गोपीचंद जी को अपना मेंटर मानती है। गोपिचंद जी की मेहनत और लगन साथ ही उनके माता पिता के बलिदानो ने साइना जी को एक उच्च शिखर पर पोहचाया।

साइना नेहवाल का कॅरियर

साइना नेहवाल ने अपने प्रोफेशनल बैडमिंटन की ट्रेनिंग हैदराबाद के लाल बहादुर खेल स्टेडियम में ली है। बाद में उन्होंने दोर्णाचार्य पुरस्कार से सम्मानित कोच एस एम आरिफ से खेल के गुण सीखे।

बाद में अपने खेल को और निखारने के लिए साइना ने हैदराबाद की पुलेला गोपीचंद एकेडमी ज्वाइन कि। साइना नेहवाल शटलर ने अपने कॅरियर की शुरुआत 2008 में BWF वर्ल्ड जूनियर चैम्पियनशिप जित कर करि थी।

उसी साल उन्होंने पहली बार ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया था। लेकिन लन्दन 2012 में उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से दुनिया भर में प्रसिद्धि हासिल की। बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने जब से अपने बैडमिंटन खेल में करियर की शुरुआत की है, तब से अपनी अद्भुत खेल प्रतिभा से लोगो के दिल में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही है।

उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी जित और अपनी कामयाबी की तरफ बढ़ती ही चली गयी। इतनी आगे बड़ी की पुरे विश्व में उनका नाम प्रसिद्ध हो गया है।

साइना नेहवाल के खेल की उपलब्धिया

साइना नेहवाल जी ने अपने अद्भुत खेल के प्रदर्शन से लगातार जित के कई रिकार्ड बनाये है, जो की इस प्रकार है।

साइना नेहवाल ने अपना सबसे पहला टूर्नामेंट साल 2003 में जूनियर सिज़ेक ओपन में खेला था और इसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर जित हासिल की थी। उन्होंने 2004 में कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स में बेहतरीन प्रदर्शन कर दुसरा स्थान हासिल किया था।

2005 में एशियन सेटेलाइट बैडमिंटन टूर्नामेंट में भी इन्होने अपनी जित का परचम लहराया है। 2008 में इंडियन नेशनत बैडमिंटन चैम्पियनशिप कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स और चायनीस टैपि ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड में भी जित हासिल की।

2009 में दुनिया की सबसे प्रमुख बैडमिंटन सीरीज इंडोनेशिया ओपन का ख़िताब जीता और वे इस ख़िताब को जितने वाली भारत की पहली खिलाडी बनी। 2010 में सिंगापुर ओपन सीरीज, इंडिया ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड, हांगकांग सुपर सीरीज एवं इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज जैसे बड़े टूर्नामेंट में जित हासिल कि है।

2011 में स्विस ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड, इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर, मलेशिया ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड जैसे बड़े टूर्नामेंट में जित का परचम लहराया। 2012 में तीसरी बार इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर का खिताब अपने नाम किया।

2014 में पीवी सिंधु को हराकर इंडिया ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड टूर्नामेंट महिला एकल में जित हासिल कर वर्ड चैम्पियनशिप जीती। 2015 में ही ओल् इंग्लैंड बैडमिंटन ओपन चैम्पियनशिप में साइना नेहवाल फ़ाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी।

2017 में वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में सेमीफाइनल तक पहुंची लेकिन इस टूर्नामेंट में उन्हें जापान की बैडमिंटन खिलाडी नोजोमी ओकुहारा से हार का सामना करना पड़ा। 2017 में ही 82 वें नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में पीवी सिंधु को हराकर जित दर्ज की।

2018 में भी साइना नेहवाल ने कई नए रिकार्ड अपने नाम किये और 2019 में इंडोनेशिया मास्टर्स के वुमेंस सिंगल का ख़िताब अपने नाम किया था।

साइना नेहवाल को मिले सम्मान और पुरस्कार

2008 में साइना नेहवाल को बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन द्वारा साल की बेहतरीन और प्रतिभावान खिलाड़ी से सम्मानित किया गया था। 2009 में साइना नेहवाल को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया।

2010 में साइना नेहवाल जी को भारत के प्रतिष्ठित पुरुष्कार पद्मश्री से नवाजा गया है। 2009-2010 में खेल जगत का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से साइना नेहवाल जी को सम्मानित किया गया है।

2016 में साइना नेहवाल को भारत के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्मभूषण सम्मान से पुरस्कृत किया गया। साइना नेहवाल जी को 2012 में लंदन के ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के लिए, भारत मे भी कई पुरस्कार प्रदान किये गए। जो कि इस प्रकार है।

  • हरियाणा सरकार से 1 करोड़ रुपये नगद पुरुस्कार प्रदान किया गया।
  • राजस्थान सरकार द्वारा 50 लाख रुपये का नगद पुरुस्कार प्रदान किया गया।
  • आंध्रप्रदेश सरकार द्वारा 50 लाख रुपये नगद पुरुस्कार प्रदान किया गया।
  • बैडमिंटन एशोसिएशन ऑफ़ इंडिया से 10 लाख रुपये का नगद पुरुस्कार प्राप्त हुआ।
  • मंगलयान विश्वविद्यालय द्वारा एक मानद डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान कि गयी।

साइना नेहवाल का विवाह

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल जी का विवाह साल 2018 में 14 दिसम्बर को हुआ। उनका विवाह मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी परूपल्ली कश्यप के साथ हुआ है। शादी से पहले ही साइना नेहवाल ओर पारूपल्ली कश्यप एक दूसरे को जानते थे और एक अच्छे दोस्त थे। फिर उनकी दोस्ती धिरे-धीरे प्यार में बदल गयी और दोनों ने शादी करने का फैसला लिया और शादी कर ली।

उपसंहार

साइना नेहवाल जी ने ये साबित कर दिया कि लड़कियां भी कड़ी मेहनत और लगन से क्रिकेट के अलावा भी दूसरे खेलो में अपना नाम उज्ज्वल कर सकती है। साइना नेहवाल जी के पास कुल 21 अंतराष्ट्रीय खिताब है।

साइना नेहवाल जी की सफलता ने बैडमिंटन को और अधिक ऊंचाईयों पर पहुचा दिया है। अब हमारे देश भारत मे भी लडकिया इस खेल को खेलकर अपना नाम साइना नेहवाल की तरह उज्वल करना चाहती है।

साइना नेहवाल जी ने कई लड़कियों को खेल को पेशेवर रूप से लेने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है। साइना नेहवाल जी की सफलता हमें यह सिखाती है कि क्रिकेट के अलावा और भी खेल है जिनमे सफलता प्राप्त की जा सकती है।

हमारे देश की कई लड़कियां साइना नेहवाल जी के तरह बन कर देश का नाम रोशन कर सकती है। आज इस खेल को बढ़ावा देने के लिए साइना नेहवाल जी के माता – पिता के समान ही सभी को आगे बढ़ कर अपनी बेटियों को इस खेल की ओर अग्रसर करना होंगा। ताकि हमारे देश में साइना जी के तरह और भी लड़किया आगे बढ़ सके।


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तो यह था साइना नेहवाल पर निबंध (Saina Nehwal Essay In Hindi), आशा करता हूं कि साइना नेहवाल पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Saina Nehwal) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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