मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध (My Favourite Game Badminton Hindi Essay)

आज हम मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध (Essay On My Favourite Game Badminton In Hindi) लिखेंगे। बैडमिंटन पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On My Favourite Game Badminton In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध (My Favourite Game Badminton Essay In Hindi)


प्रस्तावना

बैडमिंटन एक ऐसा खेल है, जिसे हर आयु वर्ग के लोग आसानी से खेल सकते हैं और साथ ही साथ इसके माध्यम से हमारा व्यायाम भी होता है। स्कूलों व कॉलेजों में बैडमिंटन को एक खास महत्व दिया गया है, जिसमें बच्चे आगे बढ़कर बैडमिंटन सीख सकते हैं और फिर आगे जाकर खेल भी सकते हैं।

बैडमिंटन के खेल को दो विरोधी खिलाड़ियों या दो विरोधी जोड़ी खिलाड़ियों के द्वारा खेला जाता है और जीत हासिल की जाती है। यह खेल बहुत ही दिलचस्प होता है। जैसे-जैसे खेल में आगे बढ़ते जाते हैं, वैसे वैसे रोमांच काफी हद तक बढ़ जाता है।

कैसे खेला जाता है बैडमिंटन

बैडमिंटन को हमेशा दो विरोधी खिलाड़ियों के द्वारा खेला जाता है। जिसमें बीचो-बीच एक नेट के माध्यम से कोर्ट को विभाजित कर दिया जाता है। एक खिलाड़ी अपने रैकेट से शटल कॉक को मारते हुए, विरोधी पक्ष के आधे हिस्से में उसे गिराते हैं और पॉइंट हासिल करते हैं। यदि शटल कॉक मैदान के बाहर गिर जाती है, तो ऐसे में पॉइंट एक हिस्से में रह जाता है।

शटल कॉक को चिड़िया के नाम से भी जाना जाता है। जहां पर यह दो बैडमिंटन के बीच में उड़ते हुए खेल को अंजाम देती है। 1942 से बैडमिंटन को ओलंपिक में खेला जा रहा है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं के एकल और युगल खेल होते हैं।

कैसे हुई बैडमिंटन की शुरुआत

जानकारों के अनुसार बैडमिंटन की शुरुआत 19 वीं सदी के मध्य में हुई ऐसा माना जाता है, जो ब्रिटिशर द्वारा भारत में शुरू किया गया था। शुरू शुरू में इसे उन के गोलों के साथ खेला जाता था, लेकिन धीरे-धीरे उन की जगह शटल कॉक ने ले ली।

उसके बाद 1887 मैं ब्रिटिश द्वारा भारत में इस खेल के लिए कई सारे नियम बना दिए गए और यह सारे नियम इंग्लैंड बैडमिंटन एसोसिएशन के माध्यम से बने।

बैडमिंटन खेल के नियम

अगर इस खेल को खेलना चाहते हैं, तो इसके नियम को जानना आवश्यक माना गया है। इसके तहत आप खेल को सही तरीके से खेल सकते हैं। इस खेल को युगल या एकल रूप से खेला जा सकता है। इसमें युगल कोर्ट ज्यादा चौड़े होते हैं। इस खेल के कुछ नियम कुछ इस प्रकार है –

  • अगर आप शटल कॉक की जांच करना चाहते हैं, तो इसके लिए फूल अंडर हैंड स्टॉक का उपयोग करना होगा। जो कि पिछले बाउंड्री रेखा तक ले जाता है।
  • हमेशा शटल कॉक को ऊपरी तौर पर और समानांतर दिशा में साइड लाइन की ओर मारना चाहिए।
  • सही गति के शटल कॉक के लिए वह पीछे की लाइन से कम से कम 530 मिली मीटर और 90 मीटर से ज्यादा दूर नहीं गिरना चाहिए।
  • इस खेल को 21 पॉइंट तक खेला जाता है, जहां पर खिलाड़ी को एक रैली जीतने पर 21 पॉइंट्स करना होता है।
  • जब भी बैडमिंटन को सर्व किया जाता है, तो कमर की ऊंचाई के नीचे से ही हिट करना चाहिए। क्योंकि इसमें शटल कॉक को बाउंस करने की अनुमति नहीं होती है।
  • अगर खेल को युगल रूप में खेला जा रहा है, तो सर्विंग पर एक रैली जीत जाता है तो वही खिलाड़ी फिर से सर्व करना जारी रखता है। लेकिन उसे सर्विस कोड को बदलना पड़ेगा ताकि वह बार-बार प्रतिद्वंदी के लिए सही खेल हो सके।

बैडमिंटन खेल का विवरण

यह मैच दो खिलाड़ियों द्वारा खेला जाता है, जिसमें शुरुआत में ही सिक्के को उछाल कर जीतने वाले को यह तय करने का मौका दिया जाता है कि वे पहले सर्व करना चाहते हैं या रिसीव करना चाहते हैं।

इसके साथ ही साथ वह कोर्ट के बारे में भी विवरण सही प्रकार से दे सकते हैं कि आखिर वे किस तरफ से खेलना पसंद करेंगे। कभी-कभी सिक्के की बजाय शटल कॉक के माध्यम से ही खेल का निर्धारण किया जाता है।

जो खिलाड़ी पिछले खेल में जीत गए हैं, उन्हें सर्व करने का मौका मिलता है। अगर इस खेल को युगल जोड़ी खेल रही हो, तो सर्विस जोड़ी फैसला कर सकती है कि पहले कौन सर्व करेगा और रिसीविंग जोड़ी फैसला कर सकती है कि पहले कौन रिसीव करेगा।

सरवर और रिसीवर दोनों को ही अपने सर्विस कोर्ट में सीमा रेखा को बिना छुए ही रहना पड़ता है, जब तक की सरवर शटल कॉक को स्ट्राइक नहीं करता।

बैडमिंटन में होने वाली गलतियां

कई बार ऐसा देखा जाता है कि गेम को एक बार जीतने के बाद जितने वाली पार्टी कोई ना कोई गलती जरूर करती है। अगर सर्विस करते समय शटल कॉक कमर के ऊपर है, तो इसे सबसे बड़ी गलती मानी जाती है।

इस खेल में एक यह भी गलती होती है कि सरवर या रिसीवर अपना एक पैर उठा देते हैं, जबकि यह गलत है। नेट के पास वापस भेजने के पहले हर खिलाडी शटल कॉक को सिर्फ एक बार स्ट्राइक कर सकता है। लेकिन कुछ नियमो के चलते कभी कभी खिलाड़ी शटल कॉक को दो बार संपर्क कर सकता है, इसमें कई बार गलतियां भी देखी गई हैं।

बैडमिंटन से संबंधित शासकीय निकाय

बैडमिंटन को हमारे देश के साथ ही साथ दूसरे देशों में भी बड़े ही सद्भावना के साथ खेला जाता है। जहां पर कई प्रकार के शासकीय निकायों को मान्यता प्राप्त है। जिनमें से बीएसडब्ल्यू के साथ पांच क्षेत्रीय परिसंघ जुड़े हुए हैं। जो की कुछ इस प्रकार है।

  1. बैडमिंटन एशिया परिसंघ
  2. अफ्रीका का बैडमिंटन परिसंघ
  3. बैडमिंटन पेन नेम
  4. बैडमिंटन यूरोप
  5. बैडमिंटन ओसेनिया

बैडमिंटन के प्रमुख भारतीय खिलाड़ी

हमारे देश के खिलाड़ियों ने भी बैडमिंटन में अपना नाम रोशन किया है और साथ ही साथ देश को आगे भी बढ़ाया है। जिनमें मुख्य रूप से निचे दिए खिलाड़ियों के नाम शामिल है।

  • अपर्णा पोपट
  • ज्वाला गुट्टा
  • श्रीकांत किदांबी
  • पीवी सिंधु
  • पुलेला गोपीचंद
  • प्रकाश पादुकोण
  • साइना नेहवाल
  • अश्विनी  पोनप्पा
  • पारुपल्ली कश्यप
  • नंदू नाटक

उपसंहार

इस प्रकार से हमने देखा कि बैडमिंटन एक विश्व स्तरीय खेल माना जाता है, जिसके माध्यम से अपने शरीर को भी सुडौल और स्वस्थ बनाया जा सकता है। बैडमिंटन खेलना आसान है इसे हर आयु वर्ग के लोग खेल सकते है, साथ ही साथ इसके नियमों के बारे में जानना जरूरी है, ताकि सही तरीके से इस खेल को खेला जा सके।

विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर आप भी इस खेल में आगे बढ़ सकते हैं और देश का नाम रोशन कर सकते है। साथ ही साथ भविष्य में भी इस खेल को लेकर आगे बढ़ा जा सकता है।


इन्हे भी पढ़े :-

तो यह था मेरा प्रिय खेल बैडमिंटन पर निबंध (My Favourite Game Badminton Essay In Hindi), आशा करता हूं कि बैडमिंटन पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Badminton) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!