आज हम कल्पना चावला पर निबंध (Essay On Kalpana Chawla In Hindi) लिखेंगे। कल्पना चावला पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।
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कल्पना चावला पर निबंध (Kalpana Chawla Essay In Hindi)
प्रस्तावना
कल्पना चावला का नाम महान शख्सियत में से एक माना जाता है। जिन्हें अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला के रूप में जाना जाता है। वैसे तो कल्पना चावला मूल रूप से भारतीय थी, लेकिन उनका नाम देश और विदेश में प्रसिद्ध हुआ और साथ ही साथ उन्होंने भारत का नाम रोशन किया।
कल्पना चावला ने देश के तमाम छात्र छात्राओं के लिए एक नया उदाहरण पेश किया, जिसमें उन्होंने कभी पीछे न हटने की बात की थी। कल्पना चावला ने हमेशा अपने देश का गौरव बढ़ाया और लोगों को गौरवान्वित महसूस कराया।
कल्पना चावला का जन्म
कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1965 को करनाल हरियाणा में हुआ था। उन्हें हमेशा भारत की महान व्यक्तित्व के रूप में देखा जाता है। उनके पिता का नाम श्री बनारसी लाल चावला और माता का नाम सज्योति देवी था।
वह कुल मिलाकर चार भाई बहन थे, जिसमें से वह सबसे छोटी थी। घर के लोग उनसे बहुत प्यार करते थे और प्यार से उन्हें मोंटू कह कर बुलाया जाता था। बचपन से ही कल्पना चावला को अच्छी पढ़ाई करके अंतरिक्ष में जाने की इच्छा थी, जिसमें उनके माता-पिता ने उनका साथ दिया और उन्हें एक अच्छे रास्ते पर आगे बढ़ाया।
कल्पना चावला की शिक्षा
कल्पना चावला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा करनाल के ही टैगोर पब्लिक स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ से वैमानिक अभियांत्रिकी में शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद 1982 में उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय मैं आगे की शिक्षा पूरी की।
तत्पश्चात 1988 में उन्हें कोलोराडो विश्वविद्यालय बोल्डर से विमान की अभियांत्रिकी में विद्यावाचस्पति की उपाधि प्राप्त हुई। जो उनके लिए एक विशेष उपलब्धि के रूप में जानी गई। इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे नासा में काम करना शुरू किया और फिर अंतरिक्ष यात्री के रूप में खुद को स्थापित किया।
कल्पना चावला की उड़ान
कल्पना चावला ने शिक्षा प्राप्त करने के बाद धीरे-धीरे अपनी उड़ान जारी रखी और देश का नाम रोशन करते हुए आगे बढ़ती चली गई। वह मार्च 1995 में नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर में शामिल होकर अपनी पहली उड़ान के लिए चुनी गई।
उनका पहला अंतरिक्ष मिशन 19 नवंबर 1997 को छह अंतरिक्ष यात्रियों के दल के साथ शुरू हुआ और इस दिन उन्होंने अंतरिक्ष में उड़ान भरी। कल्पना चावला देश की पहली अंतरिक्ष महिला यात्री थी, जिनका नाम सुनकर ही देशवासियों को गर्व होने लगता है।
कल्पना चावला ने अपने सबसे पहले मिशन में 1.04 करोड़ किलोमीटर का सफर तय करके 356 घंटों में पृथ्वी की 252 परिक्रमा पूरी कर ली थी।
कल्पना चावला को मिलने वाले सम्मान
कल्पना चावला का नाम हमेशा बहादुर महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया जाता है, जहां उन्हें कई प्रकार के सम्मान भी दिए गए हैं। जो की कुछ इस प्रकार है।
- नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक
- नासा विशिष्ट सेवा पदक
- कांग्रेसनल अंतरिक्ष पदक के सम्मान
कल्पना चावला का व्यक्तिगत जीवन
जिस प्रकार कल्पना चावला अपने काम के प्रति लगन से आगे बढ़ती जा रही थी। उसी प्रकार उन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन में भी कई प्रकार के अच्छे कार्य किए। जब उन्होंने अपने आप को स्थापित कर लिया, तब 1983 में वह एक उड़ान प्रशिक्षक और विमानन लेखक जीन पियरे हैरिसन से मिली।
उसके कुछ दिनों बाद ही उन्होंने शादी कर ली। इसके बाद 1990 में उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिकता स्वीकार की।
कल्पना चावला की भारत के लिए अंतिम यात्रा
उन्हें अपने देश भारत से बहुत ही प्यार और लगाव था। वह समय रहते हुए अपने देश, अपने लोगों से मिलने आती थी। उन्होंने भारत के लिए अपनी अंतिम यात्रा 1991-92 के समय में की र्थी।
जब वे छुट्टियां मनाने आई हुई थी, उस वक़्त उनके पति भी उनके साथ ही आए थे। वह उनकी जिंदगी के महत्वपूर्ण समय में से एक था, जब उन्होंने अपने देश में आकर अच्छा समय व्यतीत किया।
कल्पना चावला के जीवन का सबसे अहम पहलू और उनकी दुखद मृत्यु
कल्पना चावला के जीवन का अहम पहलू वह माना जाएगा, जब उन्होंने अपनी दूसरी और आखिरी उड़ान 16 जनवरी 2003 शटल कोलंबिया से भरी थी। जिसमें उन्हें उस मिशन का हिस्सा बनाया गया था, जिसे महत्वपूर्ण मिशन माना गया।
यह पूर्ण रूप से विज्ञान और अनुसंधान पर आधारित था। यह यान आसानी से ही अंतरिक्ष की कक्षा में प्रवेश कर चुका था। लेकिन 1 फरवरी 2003 को धरती पर वापस आते ही, यान के कक्षा में प्रवेश करते ही यान टूट कर बिखर गया। और उसी समय 6 अंतरिक्ष यात्रियों समेत कल्पना चावला का भी निधन हो गया।
कल्पना चावला के नाम पर रखा गया, अमेरिकी अंतरिक्ष यान का नाम
कल्पना चावला का निधन देश और दुनिया के लिए दुखद खबर साबित हुई। जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के लिए उड़ान भरने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री यान का नाम, नासा की दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया। जिसमें हमेशा उनका सहयोग और योगदान अंतरिक्ष यान के लिए महत्वपूर्ण माना गया।
देश के युवाओं के लिए बनी प्रेरणा का स्त्रोत
कल्पना चावला का नाम हमेशा से ही गर्व के साथ लिया जाता है और इसके साथ-साथ देश के युवा भी कल्पना चावला की तरह देश का नाम रोशन करना चाहते हैं। उन्होंने हमेशा ही युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।
उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि स्थिति चाहे जैसी भी हो आप कभी पीछे ना हटे और आगे बढ़ते चले जाएं। सच्ची मेहनत और लगन करने से ही आपकी मंजिल आपको मिल सकती हैं और इसी बात को देश के युवा आत्मसात करके आगे बढ़ रहे हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
उपसंहार
इस प्रकार से हमने जाना कि कल्पना चावला का नाम आज हमारे देश और विश्व के लिए अमर बन चुका है। जहां उन्होंने कई ऐसे कार्य किए जिससे हमारे देश का नाम रोशन हुआ और हम सभी के लिए एक गौरव का विषय बना। वही हम सभी उनके बेहतरीन कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे, यही हमारी दुआ है। हमारी ओर से उस दिवंगत आत्मा को शत शत नमन।
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तो यह था कल्पना चावला पर निबंध (Kalpana Chawla Essay In Hindi), आशा करता हूं कि कल्पना चावला पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Kalpana Chawla) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।