स्वयं पर निबंध (Myself Essay In Hindi)

आज हम स्वयं पर निबंध (Essay On Myself In Hindi) लिखेंगे। स्वयं पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

स्वयं पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Myself In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

इन्हे भी पढ़े :-

स्वयं पर निबंध (Myself Essay In Hindi)


मेरा परिचय

मेरा नाम रुचिका सिंह है। मै कक्षा 10वी मे पढ़ती हूँ। मै महाराष्ट्र के पुणे शहर मे अपने मातापिता के साथ रहती हूँ। मेरे पिताजी का नाम नंदकिशोर सिंह तथा माता जी का नाम रेखा सिंह है। तथा मेरे दादा जी नाम नारायण सिंह तथा दादी जी का नाम सुनीता देवी है।

मेरे दादा, दादीजी हमारे साथ नहीं रहते है, वे रामपुर गाँव मे खेती करने के लिए रहते है। मेरे परिवार में मेरे माता पिता के अलावा मेरे 3 भाई, बहन है। मेरे दो भाई, बहन कॉलेज मे पढ़ते है और मै पुणे मे भारती विद्यालय स्कूल मे पढ़ती हूँ।

मेरे स्कूल का समय सुबह 10 बजे से 3 बजे तक का है। मै सुबह उठकर सबसे पहले नहाती हूँ और भगवान की पूजा करतीं हूँ। फिर मैं मम्मी की किचेन में जाकर नाश्ता बनाने में मदद करतीं हूँ। फिर उसके बाद मै स्कूल के लिए टिफिन पैक करके स्कूल जाती हूँ।

मेरे स्कूल मे एक बहुत बड़ा ग्राऊंड है, जहा मै लंच के समय ग्राउंड मे बैठकर लंच करतीं हुँ। वही मुझे खोखो और बैटमिंटल खेल खेलना बहुत पसंद है, लेकिन इन मे से मेरा सबसे पसंदीदा खेल बैटमिटल है।

इस दुनिया मे सबका अलगअलग सिद्धांत है, और सबका अपना अलगअलग व्यक्तित्व होता है। इसी तरह से मेरा भी जीवन मे एक अलग ही सिद्धांत है। मै अपने परिवार से बहुत प्यार करतीं हूँ और मै ज्यादातर अपने परिवार वालो के साथ ही घूमने जाना पसंद करतीं हूँ।

मैं उन व्यक्तियों में से हु जोपने काम से काम रखना पसंद करते है मुझे बेफिजूल की बातो से मतलब रखना पसंद नहीं है। मै स्कूल से घर अपने दोस्तों के साथ आतीजाती हूँ और रास्ते मे कोई अजनबी मिल जाये, तो मै उससे बात नहीं करतीं हूँ।

मै हमेशा अपने कमरे की साफसफाई रविवार क़ो करती हूँ और हर रविवार को अपने कमरे क़ो आकर्षक तरीके से सजाती हूँ। मैं अपने और अपने परिवार के प्रति सारी जिम्मेदारियों को अच्छे से समझती हूँ। मैं हमेशा अपनी प्यारी बातों और चुटकलों से अपने दोस्तों और सहपाठियों का दिल जीत लेती हूँ।

मैं हमेशा उन्हें सलाह देने के लिये तैयार रहती हूँ, जिससे वह अपने आपको कभी भी मुश्किल समय मे अकेला महसूस ना करे। मैं बहुत सहानुभूतिपूर्ण लड़की हूँ और अपने कॉलोनी या अन्य बूढ़े लोगों और बच्चों की मदद करने के लिए हमेशा तात्पर्य रहती हूँ।

मेरी हमेशा से ही सफल इंसान बनने की तमन्ना रही है, जिसको पूरा करने के लिए मैं रातदिन कठिन परिश्रम कर रही हूं। मैं दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती हूं। मैं हमेशा शिष्टाचार के साथ रहती हुँ। मेरे जीवन मे अनुशासन का बहुत ही महत्व है और मैं किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं करतीं हुँ।

मेरा पसंदीदा विषय

मेरा पसंदीदा विषय विज्ञान है। दिन मे ज्यादातर 2 से 3 घंटे मैं विज्ञान विषय पढ़ना पसंद करतीं हूँ। मै अपने क्लास की सबसे होनहार छात्रों मे से एक हूँ। मै हर वर्ष अपने कक्षा मे प्रथम स्थान पर आती हूँ। ज़ब भी मेरी परीक्षा होती है, तो जिस दिन मेरा विज्ञान विषय का पेपर होता है, उस दिन मै बहुत ही खुश होती हु

मेरे पसंदीदा विषय विज्ञान का पेपर मेरे अन्य विषयो के पेपरो की तुलना मे ज्यादा अच्छा जाता है और मेरे नंबर सबसे अधिक विज्ञान विषय मे ही आते है।

मेरे शौक

मुझे खाली समय टीवी देखना, संगीत सुनना, किताबें पढ़ना और दोस्तों के साथ घूमना बहुत पसंद है। इसके अलावा मेरा सबसे पसंदीदा खेल बैटमिंटल है। मै अक्सर खाली समय में अपनी सहेलियों के साथ ग्राउंड मे जाकर बैटमिंटल खेलती हूँ।

बैडमिंटन को मैं कभी स्कूल मे खेलती हूँ, तो कभी घर की छत पर ही अपनी बहन के साथ खेलती हूँ। इसके अलावा मुझे खाली समय में चुटकुले, कहानी वाली किताबें पढ़ना बहुत पसंद है, जिससे मेरा मनोरंजन भी हो जाता है और मुझे किताबों से बहुत कुछ सिखने क़ो भी मिलता है।

मेरी आदते

इस दुनिया मे सब की अलगअलग आदते होती है। उनके उन्ही आदतों के कारण उनकी एक अलग पहचान होती है। इसलिए सभी क़ो अपने जीवन मे अपनी आदतों क़ो सुधारना चाहिए।

मेरी कुछ अच्छी आदते भी है और कुछ बुरी आदतें भी है। कुछ समय पहले मेरी एक बुरी आदत थी कि मै सुबह बहुत लेट सोकर उठती थी। लेकिन मेरी आदतों पर सुधार करने के लिए मेरी मम्मी मुझे रोज सुबह जल्दी उठाने लगी और मेरी आदत सुबह उठने की हो गयी।

आज मै रोज सुबह उठकर सबसे पहले मॉर्निंग वॉक करने के लिए जाती हूँ और फिर आकर नहा धो कर पूजा पाठ करके मम्मी की नाश्ता बनाने मे मदद करतीं हूँ। उसके बाद हम सब साथ बैठ कर नाश्ता करते है। कुछ समय मम्मी, पापा, बहन-भाई के साथ बैठने से मुझे अपने जीवन मे बहुत कुछ नया सीखने क़ो मिल जाता है।

मेरे जीवन मे समय का महत्व

मेरे जीवन मे समय का बहुत ही अधिक महत्व है। मै अपने जीवन मे सभी कार्य समय के अनुसार करना पसंद करतीं हूँ। समय के अनुसार मै स्कूल जाती हुँ और अपने स्कूल का कार्य समय के अनुसार करती हु। मेरे पढ़ने का समय 3 घंटे का ही होता है, जहा मै इन 3 घंटो मे अपनी पढ़ाई पूरी करके अपने दोस्तों के साथ 1 घंटे का समय निकाल कर खेलने के लिए चली जाती हुँ।

इसके बाद यदि खाली समय बचता है, तो मैं अपनी मम्मी का घर के काम मे हाथ बताती हुँ। कभीकभी मेरे स्कूल की त्यौहारो मे छुट्टीया होती है, तो मै अपने गाँव रामपुर दादा – दादी के पास चली जाती हुँ और खेती मे उनकी मदद करतीं हुँ। सारा दिन खेत मे मैं नहीं रह पाती हुँ, लेकिन 1-2 घंटे का समय निकाल कर खेत मे लगी फ़सल कटवाने मे मैं दादा दादी की मदद जरूर करतीं हुँ।

निष्कर्ष

व्यक्ति को हमेशा स्वयं के बारे में ही नहीं सोचना चाहिए, दूसरों के बारे में भी सोचना चाहिए। क्योंकि हम सभी एक दूसरे पर आश्रित रहते है। हमें एकदूसरे की हमेशा मदद करनी चाहिए और अपने जीवन को सुव्यवस्थित तरीके से जीना चाहिए।

हमें अपने अंदर की बुरी आदतों का त्याग करना चाहिए। हमें नशीले पदार्थों से दूर रहना चाहिए और हमें अपने मातापिता और बुजुर्गों का आदर, सम्मान करना चाहिए। क्योंकि यह हमारे जीवन की अमूल्य धरोहर है।


तो यह था स्वयं पर निबंध, आशा करता हूं कि स्वयं पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Myself) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!