नारी शक्ति पर निबंध (Nari Shakti Essay In Hindi)

आज हम नारी शक्ति पर निबंध (Essay On Nari Shakti In Hindi) लिखेंगे। नारी शक्ति पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

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नारी शक्ति पर निबंध (Nari Shakti Essay In Hindi)


प्रस्तावना

नारी में सहनशीलता, प्रेम, धैर्य और ममता जैसे गुण मौजूद है। किसी भी समाज की कल्पना नारी के बिना नहीं की जा सकती है। जब कोई नारी कोई भी चीज़ करने की ठान लेती है, तो वह कर दिखाती है।

नारी की हिम्मत और सहनशीलता पुरुषो से भी अधिक है। नारी अपने वादे से पीछे नहीं हटती है। नारी अपने जिम्मेदारियों को निभाती है और कठिन परिस्थितियों में अपने शक्ति का परिचय देती हुयी नज़र आती है।

देश में कई महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्र में अपने साहस और सूझ बुझ का परिचय दिया है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेज़ो के खिलाफ निडर होकर जंग लड़ी थी। उन्होंने आजादी के लिए अपने प्राणो की आहुति दे दी थी।

नारी ने अपने हर रूप में यह साबित किया है कि वह अबला नारी नहीं है। वक़्त आने पर वह अपने हालातों से लड़ भी सकती है और उसे काबू में भी ला सकती है। नारी चाहे वह माँ हो, या बहन, या फिर पत्नी, उसके हर रूप में उसका सम्मान करना चाहिए।

घर संभालना और अपनों की देखभाल

नारी के गर्भ से जीवन का आरम्भ होता है। नारी अपने जीवन में कई भूमिकाएं निभाती है। वह एक दिन में बिना थके घंटो काम करती है। वह अपने परिवार के सदस्यों की देख रेख करती है। परिवार के लोगो को अच्छी सलाह देती है।

जब परिवार का कोई भी सदस्य कभी बीमार पड़ता है, तो वह उसकी देख भाल करती है। जब घर का कोई सदस्य थक कर घर आता है, तो महिलाएं खाना परोसती है और कोई भी परिवार के सदस्य की चिंता और थकान अपने बातों से दूर कर देती है।

वह बच्चो की शिक्षक बन जाती है और उन्हें पढ़ाती है और अपने घरेलू  नुस्खों से परिवार के सदस्यों का इलाज़ भी करती है। वह बिना शर्त रखे सभी काम करती है और अपनों को खुश रखती है। वह औरो के जिन्दगी में ख़ुशी लाने के लिए बलिदान भी करती है।

महिलाएं अब नहीं है कमज़ोर

आज महिलाएं कमज़ोर नहीं है। वह शिक्षित हो रही है। वह अपने विचारो को घर – बाहर निडर होकर रखती है। वह सम्मान और मर्यादा में रहना जानती है। वह संस्कारो का पालन करती है। उन्हें कोई भी असम्मान करे, तो अब वह चुप नहीं रहती है। महिलाओं ने अपने अधिकारों को पहचान लिया है और हर क्षेत्र में अपनी सशक्त भूमिका निभा रही है।

प्रेरणादायक स्रोत

इंदिरा गाँधी, कल्पना चावला, सरोजिनी नायडू जैसी महान शख़्सियत ने अपने आपको अपने क्षेत्र में ना केवल साबित किया, बल्कि लोगो के लिए वे प्रेरणादायक स्रोत भी बनी।

आत्मनिर्भर और स्वयं निर्णय लेना

पहले के जमाने में लड़कियों का पढ़ना लिखना अच्छा नहीं माना जाता था। उन्हें घर के चार दीवारों में जैसे कैद कर लिया जाता था। वह अपना कोई भी निर्णय खुद नहीं ले पाती थी। आज नारी शिक्षित हो रही है।

ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां महिलाएं काम ना कर रही हो। आज महिलाएं पुरुषो के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चल रही है। पुरुषो से किसी मामले में वह कम नहीं है। किसी किसी स्थान में महिलाओं ने पुरुषो को पीछे छोड़ दिया है।

आजकल महिलाएं उच्च पदों पर काम कर रही है और घर चला रही है। वह घर और दफ्तर दोनों को बराबर संभाल रही है। महिलाएं खुद अपने पाँव पर खड़ी हो रही है और घर का खर्चा चला रही है।

आत्मविश्वास के साथ जिन्दगी जीना

नारी शिक्षित हो गयी है और आज देश में महिलाओं के प्रगति के लिए अभियान चलाये जा रहे है। नारी आत्मविश्वास के साथ सभी मुश्किलों का सामना करके आगे बढ़ रही है। हर क्षेत्र में वह सफलता प्राप्त कर रही है।

अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाना

जिस देश में जहां देवी की पूजा की जाती है, वहाँ कुछ लोग ऐसे भी है जो महिलाओं का असम्मान करते है। कुछ घरो और समाज में आज भी महिलाओं के साथ अत्याचार होता है। आज वर्त्तमान युग में नारी पहले से अधिक जागरूक और समझदार हो गयी है।

जब उनपर अत्याचार बढ़ जाता है, तो वह उसके खिलाफ विरोध करना भी जानती है। बेवक़ूफ़ है वह लोग जो महिलाओं को कमज़ोर समझते है।अब वक़्त आ गया है कि पुरुष भी महिलाओं के सोच और उनके विचारधाराओ का सम्मान करे। महिलाओं को जो इज़्ज़त मिलनी चाहिए, उसे समाज और घर उन्हें अवश्य दे।

नारी शक्ति

जब जब महिलाओं पर अत्याचार बढ़ जाता है, तो वह काली माँ जैसा रूप धारण कर लेती है और अपराधियों का सर्वनाश कर देती है। जो लोग महिलाओं का सम्मान नहीं करते है और उन्हें कमज़ोर समझते है, वह नारी शक्ति के प्रभावशाली शक्ति से परिचित नहीं होते है।

नारी शक्ति के कई उदहारण है और वर्त्तमान युग में महिलाओं ने अपनी शक्ति और मज़बूती का परिचय भी समय समय पर दिया है।

नारी और उसका स्वभाव

नारी बहुत ही साधारण और मीठे स्वभाव की होती है। जितनी सहनशीलता नारी में है, उतनी सहनशीलता पुरुषो में नहीं है। वह हर हालत को सोच समझ कर और धैर्य के साथ संभाल लेती है। पहले के जमाने में लड़की को सिर्फ बोझ समझा जाता था।

पहले के ज़माने में लोग नारी को घर के कामो में संलग्न कर देते थे। घर वाले सोचते थे की लड़कियां पढ़ लिखकर क्या करेगी, आगे जाकर उन्हें शादी करनी है और घर संभालना है। उस ज़माने में लड़कियों के सोच को अहमियत नहीं दी जाती थी।

संघर्ष करने की शक्ति

नारी में संघर्ष करने की अपार शक्ति होती है। वह हर परिस्थिति के अनुसार अपने आपको ढाल लेती है। जब भी घर में मुश्किल हालत पैदा होते है, तो महिलाएं सभी सदस्यों को संभालती है और संयम के साथ सबको सलाह देती है।

जब कोई उनके संयम की परीक्षा लेना चाहता है और उन्हें ज़रूरत से ज़्यादा परेशान करता हैं, तो वह नारी शक्ति का रूप धारण कर लेती है। पहले के ज़माने में महिलाओं को अपने ससुराल में रहकर ताने सुनने पड़ते थे।

वह सहमी हुयी रहती थी। अशिक्षित होने के कारण वह विवश रहती थी। लेकिन आज इक्कीसवी सदी में हालातों में परिवर्तन आ गया है। अब महिलाओं को बोझ नहीं उन्हें एक प्रभावशाली नारी शक्ति के रूप में देखा जाता है।

रानी लक्ष्मीबाई नारी शक्ति का जीता जागता उदाहरण है। उनका विवाह कम उम्र में हो गया था। वह बचपन से ही अन्याय के विरुद्ध लड़ना जानती थी। जब उनके पति की मृत्यु हुयी, तब उन्होंने झांसी को संभाला और अंग्रेज़ो के खिलाफ आखरी दम तक जंग लड़ी। उन्होंने अंग्रेज़ो के विरुद्ध लड़ते हुए अपने साहस का परिचय दिया।

आज की नारी

आज की नारी मज़बूत है और उनके आँखों में कई सपने है। आज की नारी शिक्षित और वह पहले के कुप्रथाओ से बाहर निकलकर आ चुकी है। आज नारी डॉक्टर है, इंजीनियर है, शिक्षक भी है।

वह पुरुषो से किसी मामले में ना तो कमज़ोर है और ना ही कम है। आजकल कई जगहों में महिलाओं के साथ अत्याचार और अन्याय हो रहे है और वह चुप चाप सहन कर रही है। नारी आगे बढ़ रही है और कई क्षेत्र में अपने देश का नाम रोशन कर रही है। अब वक़्त आ गया कि सभी पुरुष नारी और उनके सोच का सम्मान करे।

निष्कर्ष

नारी को देवी माँ का स्वरुप माना जाता है। अब परिवारों और समाज को भी नारी और उसके अस्तित्व का सम्मान करना होगा। आज नारी हर कार्य में पुरुषो से भी बेहतर साबित हो रही है और अपनी एक अलग पहचान बना रही है। सदियों से चल रही कुप्रथाओ को तोड़कर वह हौसलों की नई उड़ान भर रही है।


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तो यह था नारी शक्ति पर निबंध (Women Power Essay In Hindi), आशा करता हूं कि नारी शक्ति पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Nari Shakti) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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