सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध (Sarva Shiksha Abhiyan Essay In Hindi)

आज हम सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध (Essay On Sarva Shiksha Abhiyan In Hindi) लिखेंगे। सर्व शिक्षा अभियान पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

सर्व शिक्षा अभियान पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Sarva Shiksha Abhiyan In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध (Sarva Shiksha Abhiyan Essay In Hindi)


प्रस्तावना

सर्व शिक्षा अभियान भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक योजना है। जिसके तहत देश के प्राइमरी स्कूलों के ढांचे को मजबूत बनाना है। देश का हर बच्चा प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर सकें और अपने जीवन का विकास कर सके यह इस अभियान का मुख्य उदेश्य है।

सर्व शिक्षा अभियान क्या है?

सर्व शिक्षा अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है। जिसका लक्ष्य देश के प्राइमरी स्कूलों (प्रारंभिक शिक्षा) के ढांचे को मजबूत बनाना है। इस योजना के बहुत से उद्देश्य है। जैसे बालक ओर बालिका में अंतर समाप्त करना, देश के हर गांव और शहर के प्राथमिक स्कूल खोलना ओर वहां पर बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान करना।

साथ ही उन्हें निशुल्क पाठ्य पुस्तक, स्कूल ड्रेस देना, शिक्षकों का चयन करना, उन्हें लगातार प्रशिक्षण देते रहना, स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा का निर्माण करवाना, पानी की अच्छी व्यवस्था करना, प्रसाधन की व्यवस्था करना यह कार्य भी शामिल है।

सर्व शिक्षा अभियान एक विशिष्ट विकेन्द्रित योजना है और इस अभियान के लिए ही स्कूल चले हम नामक कविता बनाई गई थी, जो अति लोकप्रिय हुई हैं। जिसे हमारे देश मे अत्याधिक लोग जानते है।

इस कविता के इतने लोकप्रिय होने का कारण टेलीविजन, समाचार पत्र और साथ ही बड़े -बड़े पोस्टर ओर होर्डिंग है। इन सबका इस अभियान को प्रचलित करने और इस अभियान को बढ़ावा देने में एक बहुत बड़ा हाथ है। इस तरह के विज्ञापन, इस तरह के अभियान में बहुत अधिक कार्यों को सिद्ध करने में अपना योगदान प्रदान करते है और प्रचलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत

सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत 2000 – 2001 में की गयी थी। उस वक़्त केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी। तब से इस योजना की शुरूआत हुई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के हर बच्चे को शिक्षा देना है। इसका लक्ष्य प्राम्भिक शिक्षा (प्राथमिक शिक्षा) का सार्वभौमिकरण करना है।

प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने ग्रामीण बच्चों के लिए एक किलोमीटर की दूरी में प्राथमिक स्कूल खोले है और तीन किलोमीटर की दूरी में उच्च प्राथमिक स्कूल कक्षा 1 से लेकर 8 तक की सुविधाएं दी है। जिससे अनुसूचित जाती, जनजाति, पिछड़े वर्ग के बच्चें भी स्कूलों में जा सके।

सर्व शिक्षा अभियान का लक्ष्य

सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य निम्नलिखित है।

देश के सभी बच्चो को मुफ्त शिक्षा प्रदान करना और सभी बच्चो का स्कूल में दाखला करवाना। वर्ष 2007 तक सभी प्रकार की बालक बालिकाओं के बीच मे भेदभाव को समाप्त करना और 2010 तक प्राथमिक स्तर की शिक्षा सभी को उपलब्ध कराना।

वर्ष 2010 तक सभी बच्चों को स्कूल में शिक्षा जारी रखने के लिए बनाए रखने का लक्ष्य प्राप्त करना और जीवन के लिए शिक्षा पर विशेष जोर देने के साथ – साथ बेहतर स्तर की प्राथमिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देना।

सर्व शिक्षा अभियान देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा है। सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम के तहत 10 वी योजना के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकारों का हिस्सा 75 ओर 25 के अनुपात में रखा गया है। पूर्वोत्तर राज्यों में राज्य के 25 प्रतिशत शेयर में से 15 प्रतिशत शेयर पूर्वोत्तर राज्य विकास विभाग द्वारा वहन किया जाता है।

पूर्वोत्तर राज्य विकास विभाग वर्ष 2005 – 2006 तथा 2006 – 07 के लिए यह शेयर वहन करेगा। सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम 11 लाख बस्तियों में 209 करोड़ बच्चों की शिक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करता है। स्किम के तहत 9.72 लाख मौजूदा प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय ओर 36.95 लाख अध्यापक को शामिल किया गया है।

शुरुआत की प्रारम्भिक शिक्षा

सर्व शिक्षा अभियान का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य देश के 6 – 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चो को प्रारम्भिक शिक्षा उपलब्ध करवाना है। 86 वे संवैधानिक संशोधन के द्वारा भी 6 – 14 वर्ष वाले बच्चो के लिए प्राथमिक शिक्षा को एकमौलिक अधिकार के रूप में निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के रूप से उपलब्ध कराना अनिवार्य बना दिया है।

शिक्षा प्राकृतिक वातावरण में

सर्व शिक्षा अभियान का महत्वपूर्ण लक्ष्य बच्चों को प्राकृतिक वातावरण में प्रभावी तरीक़े से पढ़ना है, ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। क्योंकि प्राकृतिक वातावरण ही शिक्षा के लिए सबसे अच्छा वातावरण होता है।

विद्यालय में आपस मे सहयोग की भावना

संवैधानिक संशोधन 73 वां एवं 74 वां को लागू करना सर्व शिक्षा अभियान का लक्ष्य है। जिसके अंतर्गत विद्यालय में आपस मे सहयोग की भावना का संचार हो यह उदेश्य है।

शिक्षा की आधारशिला मूल्य निर्धारित

किसी भी बच्चे में अनुशासन, मित्रता, सच्चाई, ईमानदारी, आध्यात्मिक आदि के विकास में शिक्षा का प्रभाव अत्याधिक रहता है। उसे ये सब ज्ञान शिक्षा से ही प्राप्त होता है। बच्चों में शिक्षा का प्रभाव उनके अच्छे चरित्र का निर्माण करने में सहायक सिद्ध होता है।

लैंगिक असमनताये दूर करना

इस अभियान का लक्ष्य बच्चों में सामाजिक, क्षेत्रीय, लैंगिक असमानता के आधार पर होने वाले भेदभाव को दूर करना है। शिक्षा में किसी भी तरह का भेदभाव उचित नहीं होता, अतः इस भेदभाव को समाप्त करना जरुरी है।

छोटे बच्चों की देखभाल को महत्व

इस योजना के अंतर्गत 0-4 वर्ष के बच्चों को शामिल किया गया है। क्योंकि सर्व शिक्षा अभियान के तहत यह आवश्यकता महसूस की गई कि बालक हो या बालिका उनकी प्रारंभिक शिक्षा से पहले उनकी माँ को शिशु शिक्षा ज्ञान की जरूरत होती है। इसके लिए स्त्री एवं बाल विकड विभाग का प्रबंधन किया गया, जो महिला शिशु शिक्षा का अहम ज्ञान प्रदान करता है।

सर्व शिक्षा अभियान की उपलब्धिया

इस कर्यक्रम ने गांव स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धिया हासिल की है। 2004 में भारत के कई गांवों को शामिल किया गया और प्रारम्भिक शिक्षा केन्द्र खोले गए। दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में एक गांव है, जिसका नाम स्तनाथापुरम है (शहर:सिर्काझी) जो कि नागपट्टिनम जिले में स्थित है।

ये एक ऐसा गांव है जंहा पहली बार इस कार्यक्रम को सगलतापूर्वक लागू किया गया था। सभी के लिए शिक्षा के साथ राज्य सरकार की सहायता में गरीब बच्चों के लिए दोपहर के भोजन की योजनाओं के चलते साक्षरता दर में उल्लेखनीय प्रगति को देखा गया। गैर सरकारी संगठनों ने उदारतापूर्वक गरीब लोगों के लिए भूमि दान में दी और ग्राम पंचायतो द्वारा स्कूलों के निर्माण को पूरा किया गया।

सर्वशिक्षा अभियान की गतिविधिया

नागरिक बुनियादी सुविधाओं का विकास और सुधार में कक्षा निर्माण, पानी की सुविधा, विधुतीकरण और सिविल मरम्मत ओर मौजूदा सुविधा का पुनः निर्माण शामिल हैं। कोष के प्रमुख हिस्से को इनमें खर्च किया जाता है। क्योंकि गांव के अधिकांश स्कूल दयनीय स्थिति और असुरक्षित हालात में हैं।

स्थानीय सरकारी निकायों और पीटीए (पैरेंट टीचर्स एसोसिएशन) की मदद से सिविल निर्माण कार्य किए जाते हैं। विद्यालय के सुविधाओ के सुधार के अलावा मौजूदा स्कूल सुविधाओं के नज़दीक ही सीआरसी (क्लस्टर संसाधन केंद्र) और बीआरसी (ब्लॉक संसाधन केंद्र) का निर्माण किया जाता है।

शिक्षक प्रक्षिक्षण

शिक्षक प्रशिक्षण सर्व शिक्षा अभियान की प्रमुख पहल है। प्राथमिक शिक्षकों को शिक्षा पद्धति, बाल मनोविज्ञान, शिक्षा मूल्यांकन पद्धति और अभिभावक प्रशिक्षण पर सतत प्रशिक्षण दिया जाता है।

इस प्रकार के प्रशिक्षण को प्राथमिक शिक्षकों के चयनित शिक्षक समूह को दिया जाता है। जिसे बाद में संसाधन व्यक्ति कहा जाता है। शिक्षक प्रशिक्षण के पीछे प्रमुख विचार शिक्षण और अधिगम प्रक्रिया के नए विकासक्रम के साथ शिक्षकों को अधतन करना है।

सर्व शिक्षा अभियान के घटक

(1) BRC (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर)

(2) CRC (क्लस्टर रिसोर्स सेंटर)

(3) नागरिक कार्य

(4) रिसर्च एंड डेवलपमेंट

(5) शिक्षक अनुदान

(6) विद्यालय अनुदान

(7) निःशुल्क पाठ्य पुस्तक

(8) शिक्षक प्रशिक्षण

उपसंहार

सर्व शिक्षा अभियान जो कि नाम से ही ज्ञात हो रहा है की सभी को शिक्षा प्राप्त हो, हमारे देश के प्रत्येक बालक बालिकाओं को शिक्षा प्राप्त हो, इसी को मध्यनजर रखकर इस अभियान कि शुरुआत की गयी।

इस अभियान में ना केवल पुस्तक का ज्ञान बल्कि स्वास्थ को ध्यान में रखकर योग शिक्षा का भी ध्यान रखा गया हैं। साथ ही वातावरण आदि को इस अभियान के तहत महत्व दिया गया हैं। आप सभी को सर्वशिक्षा अभियान का प्रतिक चिन्ह तो पता ही होंगा और आप सभी ने हमारे देश मे हर जगह देखा ही होंगा। शिक्षा का अधिकार सर्व शिक्षा अभियान — सब पढ़े सब बढ़े।


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तो यह था सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध (Sarva Shiksha Abhiyan Essay In Hindi), आशा करता हूं कि सर्व शिक्षा अभियान पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Sarva Shiksha Abhiyan) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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