राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध (National Animal Tiger Essay In Hindi)

आज हम राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध (Essay On National Animal Tiger In Hindi) लिखेंगे। राष्ट्रीय पशु बाघ पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

राष्ट्रीय पशु बाघ पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On National Animal Tiger In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध (National Animal Tiger Essay In Hindi)


प्रस्तावना

बाघ को सबसे खतरनाक जानवर के रूप में देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर उसके सामने उसका शिकार आ जाए तो वह जिंदा नहीं बच पाता। बाघ हमेशा घने जंगलों में पाए जाते हैं। लेकिन कई बार उन्हें शहरों में भी देखा गया है।

इसके अलावा बाघ हम सभी को चिड़ियाघर में ही नजर आते हैं। जहां हम उन्हें दूर से देखते हैं। बाघ एक मांसाहारी प्राणी है और हमेशा अपना शिकार छुपकर ही किया करता है।

बाघों की प्राप्ति

वैसे तो बाघ समूचे विश्व में पाए जाते हैं, लेकिन इन्हें भारत, नेपाल, भूटान, कोरिया, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया में सबसे अधिक पाया जाता है। यह सामान्य रूप से घने जंगलों के बीच में रहते हैं और अपना निवास पेड़ के नीचे बनाते हैं।

बाघ का वैज्ञानिक वर्गीकरण

  • वैज्ञानिक नाम : PANTHERA TIGRIS
  • किंगडम : पशु
  • वर्ग : स्तनपायी पशु
  • समूह : CARNIVORA
  • परिवार : बिल्ली
  • प्रमुख प्रजातियां : कुल 9 प्रजाति पाई जाती हैं, जिनमें से तीन प्रजाति विलुप्त हो चुकी हैं।

बाघ की शारीरिक गठन

बाघ का वैज्ञानिक नाम Panthera tigris है। इसका जीवन काल 8 से 10 वर्ष का होता है। बाघ की गति 49 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। बाघ की ऊंचाई लगभग 70 से 120 सेंटीमीटर तक होती है।

नर बाघ का द्रव्यमान 90 से 310 किलोग्राम और मादा बाघ का 65 से 180 किलोग्राम होता है। नर बाघ की लंबाई 2.5  से 4 मीटर तक की होती है। जबकि मादा बाघ की लंबाई दो से ढाई मीटर की होती है।

बाघ के बारे में रोचक बातें

बाघ को पूरी दुनिया में बिल्ली की सबसे बड़ी प्रजाति के रूप में जाना जाता है। अगर गणना की जाए, तो पूरे दुनिया के 70% बाघ भारत में ही पाए जाते हैं। जिनकी संख्या बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

बाघ एक मांसाहारी प्राणी है, जो तीसरे नंबर पर आता हैं। जब किसी बाघ का जन्म होता है, तब 1 सप्ताह तक वे अंधे होते हैं और धीरे-धीरे उनके आंखों की रोशनी आने लगती है। जन्म होने के बाद 2 सालों तक बच्चे की देखभाल मादा बाघ करती है।

बाघ इतनी तेजी से दहाड़ लेते हैं कि कम से कम 3 किलोमीटर तक उनकी आवाज पहुंच जाती है। बाघ बहुत ऊंची छलांग लगा सकते है। बाघ कम से कम 8 मीटर की दूरी और 5 मीटर की ऊंचाई पर छलांग लगाते हैं।

बाघों की रात में देखने की क्षमता मनुष्यों की तुलना में 6 गुना बेहतर होती है। बाघ के पीछे के पैर आगे के पैरों की तुलना में ज्यादा लंबे होते हैं। जिसकी वजह से वे दूर तक छलांग लगा पाते हैं। बाघ हमेशा पेड़ों पर अपने पंजों के निशान लगाते हुए चलते हैं, जिससे कि उन्हें अपने रास्ते की पहचान हो सके।

बाघ की विशेषता

  • बाघ को हमेशा उनके शरीर में बने हुए धारियों के माध्यम से पहचाना जाता है।
  • बाघ के सूंघने की क्षमता बहुत तेज होती है, जिससे कि वे आसानी से ही अपने शिकार को पहचान लेते हैं।
  • बाघ हमेशा पीछे से हमला करता है, जिससे शिकार सजग नहीं हो पाता है।
  • बाघ बड़ी सजगता से झाड़ियों के पीछे छिप जाता है, जिससे शिकार को पता ही नहीं चलता कि वहां पर बाघ बैठा हुआ है।
  • बाघ दौड़ने में तेज है, लेकिन वह थक बहुत जल्दी जाता है।
  • बाघ हमेशा अकेला रहता है और अकेले ही शिकार करता है।
  • बाघ का साडे 3 महीने का गर्भ काल होता है, जिसमें एक साथ दो या तीन बच्चों का जन्म होता है।

बाघ के विलुप्त होने का कारण

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बाघ धीरे-धीरे विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं और उनकी कई सारी प्रजातियां तो खत्म भी हो चुकी हैं। ऐसे में उनके विलुप्त होने का मुख्य कारण उनके आवास और शिकार का खत्म हो जाना माना जाता है।

इंसान ने धीरे धीरे सारे जंगलो में अपना कब्जा कर लिया है और वहां पर नए नए शहरों का विकास हो रहा है। जिस वजह से बाघों को अपने आवास को छोड़ना पड़ रहा है और भूख और आवास की कमी की वजह से वह विलुप्त होते जा रहे हैं।

बाघ का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि बाघ चीन से भारत आए थे और कई सदी तक वे यही रहे। इसके बाद धीरे-धीरे एशिया के कैस्पियन बाघ और उसके बाद साइबेरिया बाघ भारत आए। आज के समय में सबसे ज्यादा नजदीकी साइबेरिया बाघ को माना जाता है।

इनके बारे में डीएनए का अध्ययन किया जाता है, तो हमें इस बात की पुष्टि होती है। इसके अलावा तिब्बत के पठारी बाघ कुछ अलग जान पड़ते हैं, जो लगभग 10,000 साल पहले चीन के गलियारों से होते हुए भारत पहुंचे थे।

सफेद बाघ की खासियत

सफेद बाघो को हमेशा बंगाल टाइगर के नाम से जाना जाता है। इनके शरीर पर गहरे रंग की धारियां होती हैं। ऐसा माना जा रहा है कि भारत मैं कम से कम सौ सफेद बाघ उपलब्ध है और लगातार इनकी संख्या बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

सफेद बाघ को चिड़िया घरों में रखकर उन्हें लोकप्रिय बनाने का काम किया जा रहा है। जिन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। सफेद बाघों का आकार बड़ा होता है और वे   मांसाहारी भी होते हैं। सफेद बाघ आंशिक रूप से पाए जाते हैं और यही वजह है कि जल्दी विलुप्त भी हो रहे हैं। लेकिन सरकार इसके लिए बेहतर कदम उठा रही है।

बाघ का भोजन

बाघ अपने भोजन के रूप में सामान्य रूप से हिरण, सूअर, गाय, घोड़े, भैंस, बकरी और अन्य जानवरों के बच्चों को खाते हैं।

बाघ का रहन सहन

बाघों को उन मांसाहारी जानवरों में से एक माना जाता है, जो नमी युक्त दलदली भूमि वाले वनों या घास के मैदानों में रहना पसंद करते हैं। कभी-कभी यह अपने शिकार को देखकर किसी पेड़ या झाड़ी के पीछे छिप जाते हैं और फिर पीछे से उन पर वार करते हैं।

बाघ के दौड़ने की रफ्तार बहुत तेज होती है। बाघ को कुशल शिकारी के रूप में जाना जाता है, जो अपने शिकार के रूप में जंगली सूअर, भैंस, सांभर को खा जाते हैं।

बाघ की प्रमुख प्रजातियां

बाघ की मुख्य रूप से 6 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिन्हें आप भारत के जंगलों में भी देख सकते हैं।

  1. साइबेरियाई टाइगर [Panthera tigris altaica]
  2. साउथ चाइना टाइगर [Panthera  tigris amoyensis]
  3. इंडो चाइनीस टाइगर [Panthera tigris corbetti]
  4. सुमात्रा टाइगर [Panthera tigris sumatrae]
  5. मलायाण टाइगर [Panthera tigris jacksoni]
  6. बंगाल टाइगर [Panthera tigris tigris]

बाघ की विलुप्त हो चुकी प्रजातियां

बाघ की विलुप्त हो चुकी प्रजातियों में बाली टाइगर, जावा टाइगर और कैस्पियन टाइगर शामिल है। जो पूरी तरह से आज विलुप्त हो चुके है।

बाघ होते हैं दूसरे जानवरों की नकल करने में उस्ताद

अब तक हमने बाघों की कई प्रकार की खूबियों के बारे में जाना है, लेकिन एक आश्चर्यजनक बात यह है कि बाघ दूसरे जानवरों की नकल करने में उस्ताद माने जाते हैं। जब भी उनको शिकार करना होता है या फिर दूर कहीं शिकार की आवाज आती है, तो वे उसे आकर्षित करने के लिए अलग तरीके की आवाज निकालते हैं और फिर अपने शिकार को अंजाम देते हैं।

कई बार दूसरे जानवर यह बात समझ नहीं पाते की बदली गई आवाज बाघ ने निकाली है और वह बड़े ही आसानी से बाघ के चंगुल में आ जाते हैं।

उपसंहार

इस प्रकार हमने जाना की बाघ एक बहुत ही खतरनाक प्राणी के रूप में जाना जाता है। जो शातिर होता है और अपने शिकार को अपने काबू में लाना जानता है। कभी अगर इनका सामना इंसान से हो जाए, तो निश्चित रूप से इंसान की हार हो जाएगी। क्योंकि यह इंसान से कहीं ज्यादा बलशाली होते है।

अगर आप बाघ देखना चाहते हैं, तो आपको चिड़िया घर जाना होगा। जहां पर आप उनके साथ कुछ समय व्यतीत कर सकते हैं और फिर उन्हें अकेला छोड़ दिया जाता है। हमें उनका कभी भी नुकसान नहीं करना चाहिए और उन्हें दूर से ही देखना चाहिए। ज्यादा छेड़खानी होने से खुद को ही नुकसान होता है, ऐसे में ध्यान रखें।


इन्हे भी पढ़े :-

तो यह था राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध (National Animal Tiger Essay In Hindi), आशा करता हूं कि राष्ट्रीय पशु बाघ पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On National Animal Tiger) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!