यदि मोबाइल ना होता तो पर निबंध (If Mobile Was Not There Essay In Hindi)

आज हम यदि मोबाइल ना होता तो पर निबंध (Essay On If Mobile Was Not There In Hindi) लिखेंगे। यदि मोबाइल ना होता तो पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

यदि मोबाइल ना होता तो पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On If Mobile Was Not There In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


यदि मोबाइल ना होता तो पर निबंध (If Mobile Was Not There Essay In Hindi)


प्रस्तावना

मोबाइल विज्ञान की एक अनोखी देन है। मोबाइल ने हमारे जिंदगी को काफी सरल बना दिया है। मोबाइल पर हम अत्याधिक निर्भर हो गए है। मनुष्य पानी पीना भूल जाता है, मगर मोबाइल फ़ोन जेब या बैग में लेना नहीं भूलता है।

मोबाइल हमारे अनगिनत कार्य कर सकता है। जब चाहे जहां चाहे हम किसी से भी बात कर सकते है, उन्हें सन्देश भेज सकते है। यदि मोबाइल ना होता तो कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता।

मोबाइल से कई तरह के काम सरलता से हो जाते है। मोबाइल पर कोई भी सुविधा प्राप्त करने के लिए हज़ारो ऐप्प मौजूद है। यह एक अनोखा आविष्कार है। युवाओ से लेकर व्यस्क लोगो तक मोबाइल का पागलपन हर जगह देखा जा सकता है। कई कार्य जो पहले सिर्फ कंप्यूटर पर किये जाते थे, वह अब मोबाइल फ़ोन पर आसानी से किये जा सकते है।

हर किसी के हाथों में आज स्मार्ट फ़ोन दिख जाता है। यदि स्मार्ट फ़ोन ना होता तो जीवन के कार्यो की गति रुक जाती। लोग आसानी से किसी से बात नहीं कर पाते और ज़रूरत पड़ने पर संपर्क साधना मुश्किल हो जाता। जिन कार्यो के लिए हमे कतारों में खड़ा होना पड़ता था, वह कार्य मोबाइल के एक क्लिक से पूरा हो जाता है।

यदि मोबाइल फ़ोन ना होता तो निम्नलिखित सुविधाएं भी ना होती। जैसे :

कई सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता

मोबाइल फ़ोन के कारण अपनों से संपर्क साधना जितना सरल होता है, उसे व्यक्त नहीं किया जा सकता है। अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए स्मार्टफोन बहुत फायेमंद है। जीमेल, याहू इत्यादि सभी माध्यमों से सन्देश भेजना सरल हो गया है।

दफ्तरों के कई ज़रूरी मैसेज, फ़ोन कॉल हम जब चाहे मोबाइल से कर सकते है। अगर मोबाइल ना होता तो इन सब चीज़ो को कई दिन लग जाते। पहले लोग पत्र लिखते थे, लेकिन उसे गंतव्य स्थान तक पहुँचने में काफी वक़्त लग जाता था।

पत्र लिखने का अपना विशेष महत्व है, परन्तु सही समय पर तुरंत सूचना मिलना भी ज़रूरी है। यह सब कार्य मोबाइल फ़ोन कर सकता है।

यदि मोबाइल ना होता तो पेमेंट करने में दिक्कत

आज कल ऑनलाइन विश्वसनीय कई तरह के पेमेंट ऐप्प्स उपलब्ध है। इससे घर बैठे हम बिजली का बिल, फ़ोन बिल इत्यादि चूका सकते है। इसके लिए हमे बड़े बड़े लाईनो में खड़े होने की ज़रूरत नहीं है। यह सरल और सुरक्षित माध्यम है। इससे समय भी बचता है।

फोटोज को संग्रह करना मुश्किल

अभी सबके पास स्मार्ट फ़ोन है। सभी फ़ोन में कैमरा मौजूद है और कई सारे तकनीकों और अच्छी पिक्चर क्वालिटी के साथ आता है। लोग अपने हर खुशियों के पलों को मोबाइल फ़ोन में कैद कर लेते है। जहां भी हम घूमने जाते है, हम पिक्चर्स क्लिक करते है और उन्हें सोशल मीडिया पर साझा करते है।

त्योहारों पर हम लोगो को अपने मोबाइल से छवि भेजते है। त्योहारों पर हम व्हाट्सप्प, फेसबुक के माध्यम से चैट और वीडियो कॉल करते है। अगर मोबाइल ना हो तो यह सब असंभव होता। मोबाइल की वजह से हमे अलग से कैमरा नहीं खरीदना पड़ता है। इससे वीडियोग्राफी करना सरल हो गया है।

सोशल मीडिआ

सोशल मीडिया पर आजकल सभी सक्रीय रहते है। किसी की ज़िन्दगी में दुःख, समस्या, ख़ुशी जो भी हो हम उसे सोशल मीडिया पर साझा कर सकते है। अपनी सोच को सोशल मीडिया पर रख सकते है।

सोशल मीडिया पर विभिन्न तरीके के मनोरंजक और ज्ञानवर्धक वीडियोस लोग देखते है। कुछ लोग यूट्यूब पर वीडियोस बनाकर लाखो रूपए कमा रहे है। सोशल मीडिया द्वारा व्यापार को प्रोत्साहन मिल पा रहा है। अगर मोबाइल ना होता तो सोशल मीडिया पर इतना सब कुछ कर पाना मुश्किल हो जाता।

कमाई का जरिया

लॉकडाउन के इस समय में कई लोगो के लिए अच्छा कमाने का जरिया है। एप्लीकेशन और वीडियोस का निर्माण करके युवा वर्ग अच्छा खासा पैसा कमा रहे है। मोबाइल ना होता तो प्रतिदिन अच्छी कमाई ना होती। यूट्यूब से बहुत अच्छी कमाई लोग घर बैठे कर रहे है।

इंटरनेट का इस्तेमाल करने में परेशानी होती

लैपटॉप और कंप्यूटर पर इंटरनेट को जोड़ा जा सकता है। उससे अनगिनत कार्य व्यक्ति कर सकता है। मोबाइल के साथ इंटरनेट जब जुड़ जाता है, तो कहीं पर भी हम इसका उपयोग कर सकते है।

अगर मोबाइल ना होता तो हम इंटरनेट के माध्यम से कहीं भी संपर्क साध नहीं पा रहे होते। इंटरनेट की मदद से कहीं पर भी बुकिंग, पेमेंट, दफ्तर के कार्य, व्यवसाय संबंधी कार्य किये जा सकते है। यह कहना गलत नहीं होगा कि स्मार्टफोन की वजह से यह सब काम सरल और सुगम हो गए है।

जानकारी प्राप्त करना ना होता सरल

मोबाइल एक छोटा सा उपकरण है, जो आपके जेब और बैग में आसानी से फिट हो जाता है। मोबाइल से किसी भी अज्ञात जगह के बारे में जानना हो या पता पूछना हो, तो ये आसानी से मोबाइल के ज़रिये प्राप्त किया जा सकता है।

कोई भी वस्तु की खरीदारी मोबाइल के एक क्लिक से आसान हो गयी है। किसी भी प्रकार की टिकट की बुकिंग करनी हो, या रूपए भेजने या लेने हो, सब मोबाइल की सहायता से किया जा सकता है।

गणना करना, समय का पता चलना सरल ना होता

मोबाइल पर किसी भी चीज़ो की सूची बनाकर गणना कर सकते है। ज़रूरी चीज़ो को आसानी से नोटपैड पर लिख सकते है। मोबाइल के कारण घड़ी की कमी महसूस नहीं होती है। मोबाइल पर अलार्म इत्यादि की सुविधा है, जो हमे ज़रूरी चीज़ो की याद दिलाती है।

गाना कहीं पर भी सुन नहीं पाते

मोबाइल में रेडियो, मीडिया प्लेयर इत्यादि एप्लीकेशन होते है। जिसकी मदद से व्यक्ति कहीं पर भी गाने सुन सकता है। दफ्तर से आते समय व्यक्ति थकान दूर करने के लिए गाने सुन सकता है। इसके लिए अलग से रेडियो नहीं लेना पड़ता है।

दुर्घटनाएं ना होती

यदि मोबाइल ना होता तो कई सारी दुर्घटनाएं भी ना होती। मोबाइल के जितने लाभ है उतने ही दुष्प्रभाव भी है। यदि मोबाइल ना होता तो लोग गाड़ी चलाते समय फ़ोन पर बात ना करते और सड़क हादसे भी नहीं होते। यदि मोबाइल ना होता तो लोग रास्ता पार करते समय मोबाइल पर व्यस्त ना रहते और सड़क हादसे का शिकार नहीं होते।

पारिवारिक रिश्तों को समय मिलता

अक्सर व्यक्ति अपने व्यस्त समय के पश्चात मोबाइल फ़ोन पर ज़्यादा वक़्त बिताता है। उसे इस बात का इल्म नहीं है कि वह अपने परिवार के सदस्यों से कम बातचीत कर रहा है और सोशल मीडिया चैट पर ज़्यादा व्यस्त रहता है। इससे रिश्तों में करवाहट और दूरियां बढ़ जाती है।

बच्चो पर बुरा असर ना पड़ता

यदि मोबाइल ना होता तो बच्चे मोबाइल पर कम और किताबो में ज़्यादा वक़्त बिताते। उनका मन आजकल पढ़ाई में कम और मोबाइल में अधिक रहता है। बच्चे खेल इत्यादि में कम हिस्सा लेते है और ज़्यादातर समय मोबाइल पर गेम्स खेलते हुए पाए जाते है।

इससे उनकी एकाग्रता पर असर पड़ता है और उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। मोबाइल से जो हानिकारक रेडिएशन निकलती है वो बच्चो के लिए अच्छा नहीं है। इससे उनके आँखों पर भी प्रभाव पड़ता है। मोबाइल ना होता तो बच्चे नहीं बिगड़ते।

रिश्तों में दूरियां नहीं आती

आज कल लोगो ने मोबाइल से ही गहरा रिश्ता बना लिया है। सभी अपनी खुशियां और त्योहारों की बधाई एक दूसरे के साथ मिलकर नहीं देते है। आजकल लोग व्हाट्सप्प पर बधाई देकर ही अपना कार्य निपटा लेते है।

लोगो में आत्मीयता और अपनेपन की जैसे कमी दिखाई देती है। लोग आमने सामने बैठकर कम, मोबाइल पर बात करना ज़्यादा पसंद करते थे। एक ही कमरे में बैठकर परिवार के सदस्य एक दूसरे के संग बातचीत नहीं करते है, बल्कि मोबाइल पर चैट इत्यादि करना पसंद करते है। यदि मोबाइल ना होता तो रिश्तों में इतनी दूरियां नहीं बढ़ती।

सिरदर्द और चिचिड़ापन नहीं बढ़ता

मोबाइल की लत प्रत्येक व्यक्ति को लग गयी है। लगातार मोबाइल का उपयोग करने से सर दर्द और नींद कम आती है। व्यक्ति बार बार अपने मोबाइल पर नोटिफिकेशन चेक करता है और उसका ध्यान मोबाइल की तरफ अधिक रहता है। कभी कभी नेटवर्क ना हो तो व्यक्ति नाराज़ और चिड़चिड़ा सा हो जाता है। फोन के अत्याधिक उपयोग से समय की हानि होती है।

स्मरण शक्ति कमज़ोर ना होती

अगर मोबाइल ना होता तो हम हर चीज़ याद रखते। मोबाइल के कारण हम कोई भी फ़ोन नंबर याद नहीं रख पाते है। अगर मोबाइल खो गया तो ज़िन्दगी में जैसे मुश्किलें बढ़ जाती है। दोस्तों और रिश्तेदारों के नंबर याद नहीं रहते है। जब मोबाइल नहीं था तब लोग नंबर याद रखा करते थे।

सुनने की शक्ति कमज़ोर ना होती

मोबाइल पर आजकल युवायें लगातार गाने सुनते है। पहले के समय में रेडियो और म्यूजिक सिस्टम पर लोग गाने सुनते थे। इससे दिक्कत नहीं होती थी। लगातार हैडफ़ोन पर गाने सुनने की वजह से सुनने की शक्ति कमज़ोर हो जाती है। यदि मोबाइल ना होता तो लोग बहरापन का शिकार ना होते।

डिप्रेशन का शिकार

मोबाइल फ़ोन पर लोग ऐसा कुछ पढ़ लेते है और वह उनके दिमाग पर असर कर जाता है। अनजान मित्रो से की हुयी दोस्ती बिना जाने व्यक्ति को मुसीबत में डाल सकती है। यदि मोबाइल ना होता तो लोग डिप्रेशन से ग्रस्त ना होते।

निष्कर्ष

मोबाइल ना हो तो कुछ बुरा भी होता और कुछ अच्छा भी। मोबाइल का इस्तेमाल व्यक्ति को सीमित मात्रा में करना चाहिए। मोबाइल हमारे जीवन को नियंत्रित ना कर पाए। यह सही है मोबाइल के अनगिनत फायदे है।

लेकिन इसका एक दूसरा पहलु भी है। मोबाइल के आ जाने पर लोगो को फ़ोन बूथ पर लाइन लगाने की ज़रूरत नहीं है। यदि मोबाइल ना होता तो लोग चैन की नींद सोते और अनिद्रा जैसी समस्याएं उतपन्न ना होती। मोबाइल की लत एक तरीके की बीमारी है। मोबाइल का नियंत्रित और संतुलित इस्तेमाल ही मनुष्य को सुखी रख सकता है।


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तो यह था यदि मोबाइल ना होता तो पर निबंध (If Mobile Was Not There Essay In Hindi), आशा करता हूं कि यदि मोबाइल ना होता तो पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On If Mobile Was Not There) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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