छाते की आत्मकथा पर निबंध (Autobiography Of Umbrella Essay In Hindi)

आज हम छाते की आत्मकथा पर निबंध (Essay On Autobiography Of Umbrella In Hindi) लिखेंगे। छाते की आत्मकथा पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

छाते की आत्मकथा पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Autobiography Of Umbrella In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।


छाते की आत्मकथा पर निबंध (Autobiography Of Umbrella Essay In Hindi)


प्रस्तावना

छतरी अथवा छाते की आवश्यकता मनुष्यो को दो मौसमो में अधिक होती है। छाता तेज़ धूप और बारिश से हमारी रक्षा करता है। उन्नीसवीं सदी में भारत में यह लोकप्रिय हो गया था। बच्चो से लेकर बड़े सभी छाते का इस्तेमाल करते है। लोग छाते के बिना अपने घरो से निकलते नहीं है।

गर्मी और बारिश के मौसम में सबसे अधिक उपयोग छाते का होता है। अगर छाता ना होता तो हम तेज़ गर्मी और बारिश में भीगने की वजह से बीमार पड़ सकते थे। बच्चे जब विद्यालय जाते है तो अक्सर माँ उनके बैग में छाता रख देती है।

दफ्तर जाते समय हर इंसान छाता ज़रूर रख लेता है, क्योकि क्या पता कब बिन बताये मौसम खराब हो और तेज़ बारिश आ जाए। मेरा इस्तेमाल रोम देश में लोग धूप से बचने के लिए करते है। जॉन हार्वे ने मेरा इस्तेमाल इंग्लैंड में सबसे पहले किया था।

मैं एक छाता हूँ

मैं एक छाता हूँ। मैं कई रंगो में उपलब्ध हूँ। मेरा निर्माण कारखाने में होता है। फिर मुझे छोटे बड़े सभी दुकानों पर बेचा जाता है। मुझे लोग फोल्ड करके भी अपने थैले और पर्स में रख लेते है। जैसे ही तेज़ धूप होती है, वह अपने बैग से मुझे निकालकर अपना सर ढक लेते है।

मैं उनका सर ढक लेता हूँ और उन्हें धूप और पसीने से बचाता हूँ। मैं सूरज की तेज़ किरणों को अवशोषित कर लेता हूँ। तपती धूप से लोगो की रक्षा करता हूँ। उन्हें बीमार पड़ने से बचाता हूँ।

बारिश का मौसम

बारिश के मौसम में लोग बिना मुझे लेकर निकलते ही नहीं है। लोग अपने पसंद के अनुसार बड़ा, छोटा सभी तरह का छाता अपने पास रखते है। जैसे ही बारिश की बूंदे गिरती है, वह मुझे यानी छाता खोलकर अपने और अपने साथी के सर को ढक लेते है। वरना बारिश में भीगने से सर्दी जुकाम और बुखार हो सकता है। इसलिए मैं बड़ा ही उपयोगी वस्तु हूँ।

जब कोई छाता लाना भूल जाता है, तो दूसरे मित्र उन्हें अपने छाते में आने के लिए कहते है। मेरी सबसे बड़ी खासियत है कि मैं कहीं भी फिट हो जाता हूँ। कभी छाता ठीक से काम ना करे तो लोग तुरंत उसे दुकानों में ठीक कराने के लिए पहुँच जाते है।

मेरा इतिहास

अंग्रेजी भाषा में मुझे अम्ब्रेला कहा जाता है। फ्रांस के लुई सम्राट के पास मैं तेरह रंगो में उपलब्ध था। युद्ध में अंग्रेज़ो ने मेरा इस्तेमाल किया है। कुछ लोग उस समय सोने और चांदी के बने हुए छाते अपने पास रखते थे।

तेज़ सूरज की किरणों से बचने के लिए रोम देश में मेरा उपयोग किया गया था। महिलाएं अपने सुंदरता के अनुसार अपने कपड़ो से मिलता जुलता छाता अपने पास रखती थी।

बदमाश लोगो से बचाव

जब मनुष्य किसी मुश्किल समय में पहुँच जाता है, तो अपनी सुरक्षा के लिए वह बदमाश लोगो की छाते यानी मुझसे पिटाई करता है। मैं अपनी जिम्मेदारी पूरे लगन के साथ निभाता हूँ।

मेरे अनोखे रूप

पहले आरम्भ में लोग मुझे बड़े छाते वाले छड़ी के रूप में इस्तेमाल करते थे। अभी मैं छोटा बड़ा सभी आकारों में उपलब्ध हूँ। मेरे पुराने से नए रूपों में काफी अंतर आया है। छोटे बच्चे अपने अनुसार छोटे छाते का उपयोग करते है। बाकी बड़े लोग अपने अनुसार बड़ा छाता लेते है।

कुछ छाते इतने बड़े होते है कि दो तीन लोग उसके नीचे खड़े हो सकते है। वक़्त के साथ मेरे कपड़े भी बदल गए। अभी मुझ जैसे कई छातो के रूप रंग में बदलाव आया है। हम छातो को विभिन्न कपड़ो और इत्यादि चीज़ो से बनाया जाता है।

हम छातो को एक आकर्षक रूप दिया जाता है। लोग कभी कभी मेरा उपयोग आत्मरक्षा के लिए भी करते है। पुराने समय में मुझे धनवान लोगो ने हाथी के दाँतों से भी सजाया था। उस वक़्त मेरी शोभा और अधिक बढ़ गयी थी। लोग मेरी तारीफ़ अपने मित्रों से करते थे।

मेरा इस्तेमाल करना काफी सरल है। कोई भी आसानी से मेरा उपयोग कर सकता है। मैं कई डिज़ाइन में उपलब्ध हूँ। मुझे विभिन्न थीम के मुताबिक आकार दिया जाता है, ताकि मैं बहुत आकर्षक और सुन्दर लगूँ।

कपड़े और मेटल से बना

हम छातो को सुविधा के अनुसार लोग कहीं भी लेकर जा सकते है। लोग हमे अपने अनुसार छोटा बड़ा कर सकते है। मुझे कपड़े, मेटल और प्लास्टिक जैसे वस्तुओं से बनाया जाता है। वक़्त के साथ मेरा निर्माण विभिन्न धातुओं से होने लगा है।

मुझे फैक्ट्री में बनवाया जाता है और दुकानों में लाकर बेचा जाता है। मैं हरे, नीले, लाल, पीले रंगो में उपलब्ध हूँ। मुझ जैसे कई छातो को दुकानों पर बेचा जाता है। मुझे भी ऐसे किसी महिला ग्राहक ने खरीदा।

मेरा ध्यान रखती थी

जब बाकी सारे छाते दुकानों पर रहते है, तो वह भी अपने मन में सोचते है कि मुझे कौन खरीद कर ले जाएगा। कुछ लोग दुकानों पर आकर मोल भाव करते है, ताकि वह मुझे खरीद सके। दुकानों पर कई सारे मेरे मित्र थे, लेकिन मैं इतना आकर्षक सुन्दर था कि उस महिला ग्राहक ने मुझे खरीद लिया।

महिला ग्राहक मेरा बहुत ध्यान रखती थी। वह मुझे हमेशा अपने बैग में रखती थी। जब भी बरसात होती, वह मेरा उपयोग करती। फिर मुझे सूखने के लिए रख देती थी। अगर कहीं से मेरा हैंडल खराब हो जाए, तो वह मेरी मरम्मत कराती थी।

वह कुछ लोगो की तरह मेरा उपयोग करने के बाद यहां वहाँ फेंक नहीं देती थी। आँगन में सूखाने के बाद वह मुझे अच्छे से फोल्ड करके अपने पर्स में रख लेती थी। ज़्यादातर लोग वर्षा के ऋतू में मुझे इस्तेमाल करते है। मैं उनके लिए एक सुरक्षा कवच बन जाता हूँ। मेरा इस्तेमाल बच्चो से लेकर बड़े सभी करते है।

निष्कर्ष

मेरा निर्माण मानव जाति के सेवा के लिए हुआ है। मैं खुश हूँ कि मैं लोगो के काम आ पाता हूँ। बदलते मौसम के अनुसार लोगो को मेरी ज़रूरत पड़ ही जाती है। कुछ लोग मुझे अच्छे से रखते है और वक़्त के साथ मेरी मरम्मत भी करवाते है।

कुछ लोग मुझे लापरवाही से रखते है, तो मुझे दुःख होता है। मुझे उम्मीद है मैं ऐसे ही लोगो के काम आती रहूंगा। मुझे लोग अपने पास रखते है और सुकून महसूस करते है, क्यूंकि उन्हें पता है कि अगर मौसम खराब हो गया तो उनकी रक्षा के लिए मैं हमेशा मौजूद हूँ।


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तो यह था छाते की आत्मकथा पर निबंध (Chhate Ki Atmakatha Essay In Hindi), आशा करता हूं कि छाते की आत्मकथा पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Autobiography Of Umbrella ) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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